अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप सहित अन्य देशों में खालिस्तान रेफरेंडम चलाने के बाद गुरपतवंत पन्नू का आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) भारत में एक्टिव हो गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर SFJ टीम नाम के अकाउंट से एक पोस्ट की गई। जिसमें रेफरेंडम की वोटिंग के लिए QR कोड शेयर किया गया। साथ ही वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराने का प्रोसेस बताया गया। संगठन की तरफ से फॉर्म भी डाले गए हैं, जिसमें सिख और दूसरे धर्मों के लोग भी वोट कर सकते हैं। हालांकि, पोस्ट डलने के 10 घंटे के बाद ही अकाउंट को भारत में बैन कर दिया गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर रेफरेंडम के QR कोड और पोस्ट वायरल हो गई। वोटिंग के लिए कोई डेट मेंशन नहीं गई थी। वोट करने के लिए डाला गया QR कोड वोटिंग के लिए 18 साल से ज्यादा उम्र जरूरी पोस्ट में लिखा गया कि जो सिख पंजाब के अलावा भारत के किसी अन्य राज्य में रह रहे हैं, वो अपने वोट के लिए उक्त QR कोड को स्कैन करें या फिर www.sikhs4khalistan.net पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें। QR कोड स्कैन करने पर एक पेज खुलता है, जिसमें कश्मीर और कन्याकुमारी में वोट के लिए जगह चिह्नित की गई है। साथ में लिखा कि सिख इंडिपेंडेंस रेफरेंडम वोट के लिए यहां पर रजिस्टर करें। वोट करने के लिए व्यक्ति की उम्र 18 साल के ज्यादा होने चाहिए। सिखों को फोन नंबर, नाम और घर का पता लिखकर उक्त लिंक से रजिस्टर करवाने को कहा गया। फॉर्म के साथ अटैच किया गया मैप SFJ ने 2 तरह के फॉर्म तैयार कराए भारत में रेफरेंडम चलाने के लिए SFJ की तरफ से 2 तरह के फॉर्म तैयार किए गए हैं। एक फॉर्म में किसी भी धर्म का व्यक्ति रेफरेंडम के लिए वोट कर सकेगा, जबकि दूसरा फॉर्म पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों में रह रहे सिखों के लिए है। सिखों से अपने रिश्तेदारों के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। हर फॉर्म पर SFJ के अमेरिका स्थित ऑफिस का एड्रेस लिखा हुआ है। वोटिंग के लिए तैयार किए गए फॉर्म अलग देश बनाने के लिए चलाया जा रहा रेफरेंडम SFJ कई देशों में खालिस्तान रेफरेंडम चला चुका है। सभी रेफरेंडम प्रोग्राम खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा करवाए जा रहे हैं। साल 2022 में इसकी शुरुआत देखने को मिली थी। हालांकि किसी भी देश में रेफरेंडम ज्यादा लोगों को इकट्ठा नहीं कर पाया। संगठन चाहता है कि वह सभी देशों में रह रहे सिखों से वोटिंग के लिए इकट्ठा करें और फिर संयुक्त राष्ट्र (UN) में पेश कर खालिस्तान देश बनाने की मांग की जा सके। 2019 में SFJ भारत में बैना हुआ, 2020 में पन्नू आतंकी घोषित भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 10 जुलाई 2019 को SFJ को उसकी गतिविधियों के लिए UAPA के तहत एक गैरकानूनी संगठन के रूप में प्रतिबंधित कर दिया। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। 2020 में सरकार ने SFJ से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनलों को बैन किया। SFJ और पन्नू के खिलाफ भारत में 15 मामले दर्ज हैं। इनमें पंजाब में देशद्रोह के 3 मामले भी शामिल हैं। पन्नू सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है। वह पंजाबी भाषा में ऑडियो और वीडियो संदेश जारी करता है। इसमें वह पंजाबी युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काता है। यही नहीं, पैसे का लालच देकर वह पंजाब-हरियाणा में सरकारी इमारतों में खालिस्तानी झंडा भी लगवा चुका है। भारतीय एजेंट पर लगे थे पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को चेक रिपब्लिक पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद 14 जून 2024 को निखिल को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया। निखिल पर अमेरिका में केस चलाया गया, जहां उसने खुद को निर्दोष बताया था। अमेरिकी एजेंसी FBI के मुताबिक पन्नू को मारने की साजिश सितंबर 2023 में PM नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के वक्त की गई थी। भारत के एक पूर्व अफसर (विकास यादव) ने निखिल गुप्ता से पन्नू की हत्या की साजिश रचने को कहा था। अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप सहित अन्य देशों में खालिस्तान रेफरेंडम चलाने के बाद गुरपतवंत पन्नू का आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) भारत में एक्टिव हो गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर SFJ टीम नाम के अकाउंट से एक पोस्ट की गई। जिसमें रेफरेंडम की वोटिंग के लिए QR कोड शेयर किया गया। साथ ही वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराने का प्रोसेस बताया गया। संगठन की तरफ से फॉर्म भी डाले गए हैं, जिसमें सिख और दूसरे धर्मों के लोग भी वोट कर सकते हैं। हालांकि, पोस्ट डलने के 10 घंटे के बाद ही अकाउंट को भारत में बैन कर दिया गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर रेफरेंडम के QR कोड और पोस्ट वायरल हो गई। वोटिंग के लिए कोई डेट मेंशन नहीं गई थी। वोट करने के लिए डाला गया QR कोड वोटिंग के लिए 18 साल से ज्यादा उम्र जरूरी पोस्ट में लिखा गया कि जो सिख पंजाब के अलावा भारत के किसी अन्य राज्य में रह रहे हैं, वो अपने वोट के लिए उक्त QR कोड को स्कैन करें या फिर www.sikhs4khalistan.net पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें। QR कोड स्कैन करने पर एक पेज खुलता है, जिसमें कश्मीर और कन्याकुमारी में वोट के लिए जगह चिह्नित की गई है। साथ में लिखा कि सिख इंडिपेंडेंस रेफरेंडम वोट के लिए यहां पर रजिस्टर करें। वोट करने के लिए व्यक्ति की उम्र 18 साल के ज्यादा होने चाहिए। सिखों को फोन नंबर, नाम और घर का पता लिखकर उक्त लिंक से रजिस्टर करवाने को कहा गया। फॉर्म के साथ अटैच किया गया मैप SFJ ने 2 तरह के फॉर्म तैयार कराए भारत में रेफरेंडम चलाने के लिए SFJ की तरफ से 2 तरह के फॉर्म तैयार किए गए हैं। एक फॉर्म में किसी भी धर्म का व्यक्ति रेफरेंडम के लिए वोट कर सकेगा, जबकि दूसरा फॉर्म पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों में रह रहे सिखों के लिए है। सिखों से अपने रिश्तेदारों के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। हर फॉर्म पर SFJ के अमेरिका स्थित ऑफिस का एड्रेस लिखा हुआ है। वोटिंग के लिए तैयार किए गए फॉर्म अलग देश बनाने के लिए चलाया जा रहा रेफरेंडम SFJ कई देशों में खालिस्तान रेफरेंडम चला चुका है। सभी रेफरेंडम प्रोग्राम खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा करवाए जा रहे हैं। साल 2022 में इसकी शुरुआत देखने को मिली थी। हालांकि किसी भी देश में रेफरेंडम ज्यादा लोगों को इकट्ठा नहीं कर पाया। संगठन चाहता है कि वह सभी देशों में रह रहे सिखों से वोटिंग के लिए इकट्ठा करें और फिर संयुक्त राष्ट्र (UN) में पेश कर खालिस्तान देश बनाने की मांग की जा सके। 2019 में SFJ भारत में बैना हुआ, 2020 में पन्नू आतंकी घोषित भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 10 जुलाई 2019 को SFJ को उसकी गतिविधियों के लिए UAPA के तहत एक गैरकानूनी संगठन के रूप में प्रतिबंधित कर दिया। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। 2020 में सरकार ने SFJ से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनलों को बैन किया। SFJ और पन्नू के खिलाफ भारत में 15 मामले दर्ज हैं। इनमें पंजाब में देशद्रोह के 3 मामले भी शामिल हैं। पन्नू सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है। वह पंजाबी भाषा में ऑडियो और वीडियो संदेश जारी करता है। इसमें वह पंजाबी युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काता है। यही नहीं, पैसे का लालच देकर वह पंजाब-हरियाणा में सरकारी इमारतों में खालिस्तानी झंडा भी लगवा चुका है। भारतीय एजेंट पर लगे थे पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को चेक रिपब्लिक पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद 14 जून 2024 को निखिल को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया। निखिल पर अमेरिका में केस चलाया गया, जहां उसने खुद को निर्दोष बताया था। अमेरिकी एजेंसी FBI के मुताबिक पन्नू को मारने की साजिश सितंबर 2023 में PM नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के वक्त की गई थी। भारत के एक पूर्व अफसर (विकास यादव) ने निखिल गुप्ता से पन्नू की हत्या की साजिश रचने को कहा था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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