भास्कर न्यूज | जालंधर शुक्रवार को जालंधर में केंद्र सरकार की फंडिंग से लीन मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के गठन के बाद पहली बैठक की गई। नए कलस्टर का मकसद लागत खर्च कम करना तथा उत्पादों की क्वॉलिटी बढ़ाना है। जिस फैक्ट्री में समय, ऊर्जा, कच्चे माल की अधिक खपत होती है, उसकी लागत बढ़ जाती है। केंद्र सरकार के एमएसएमई विभाग ने जालंधर में लीन मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट में 90 फीसदी लागत केंद्र सरकार देगी। जबकि 10 फीसदी हिस्सा फैक्ट्री संचालकों का है। एमएसएमई विभाग की तरफ से नियुक्त माहिर एजेंसी फैक्ट्रियों में जाएगी, उन्हें लीन मैन्युफैक्चरिंग अपनाने के लिए ट्रेनिंग देगी। अगले एक साल तक हर फैक्ट्री में ट्रेनिंग टीम दो बार विजिट करेगी। शुक्रवार को क्लस्टर के गठन में अहम हिस्सेदारी निभाने वाले शांत कुमार गुप्ता ने कहा कि लीन मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में जो गतिविधियां होंगी, इन पर चर्चा की गई है। एसवी सिंह ने तकनीकी पहलू बताए। उन्होंने कहा कि नई तकनीक से उत्पादन प्रोसेस में समय की बचत होगी। इस समय का इस्तेमाल उत्पादन बढ़ाने व क्वॉलिटी के विकास में होगा। इस दौरान हैंडटूल निर्यातक अजय गोस्वामी ने केंद्र सरकार की योजना को महत्वपूर्ण बताया। कंसलटेंट की टीम अजय इंडस्ट्रीज, राज हंस इंटरनेशनल, हैमको, टेलब्रो इंटरनेशनल, एवरेस्ट इंटरनेशनल, संचित एक्सपोर्ट्स, एवी इंजीनियरिंग वर्कस, पायल प्रोडक्ट्स, के. संस इंटरनेशनल तथा वरिंदरा टूल्स शामिल में स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगी। लीन मैन्युफैक्चरिंग एक जापानी तकनीक है, जो कामकाज के नए तरीके सिखाती है। इससे उत्पादों की क्वॉलिटी का विकास होता है और लागत खर्च घटता है। इसके लिए फैक्ट्री में मालिक, अफसर, मुलाजिमों की ट्रेनिंग होती है। यह तकनीक वातावरण के लिए भी हितकारी है। संसाधनों की बचत वातावरण संरक्षण में हिस्सेदारी देती है। सॉलिड वेस्ट की कम मात्रा से वातावरण संरक्षण होता है। भास्कर न्यूज | जालंधर शुक्रवार को जालंधर में केंद्र सरकार की फंडिंग से लीन मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के गठन के बाद पहली बैठक की गई। नए कलस्टर का मकसद लागत खर्च कम करना तथा उत्पादों की क्वॉलिटी बढ़ाना है। जिस फैक्ट्री में समय, ऊर्जा, कच्चे माल की अधिक खपत होती है, उसकी लागत बढ़ जाती है। केंद्र सरकार के एमएसएमई विभाग ने जालंधर में लीन मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट में 90 फीसदी लागत केंद्र सरकार देगी। जबकि 10 फीसदी हिस्सा फैक्ट्री संचालकों का है। एमएसएमई विभाग की तरफ से नियुक्त माहिर एजेंसी फैक्ट्रियों में जाएगी, उन्हें लीन मैन्युफैक्चरिंग अपनाने के लिए ट्रेनिंग देगी। अगले एक साल तक हर फैक्ट्री में ट्रेनिंग टीम दो बार विजिट करेगी। शुक्रवार को क्लस्टर के गठन में अहम हिस्सेदारी निभाने वाले शांत कुमार गुप्ता ने कहा कि लीन मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में जो गतिविधियां होंगी, इन पर चर्चा की गई है। एसवी सिंह ने तकनीकी पहलू बताए। उन्होंने कहा कि नई तकनीक से उत्पादन प्रोसेस में समय की बचत होगी। इस समय का इस्तेमाल उत्पादन बढ़ाने व क्वॉलिटी के विकास में होगा। इस दौरान हैंडटूल निर्यातक अजय गोस्वामी ने केंद्र सरकार की योजना को महत्वपूर्ण बताया। कंसलटेंट की टीम अजय इंडस्ट्रीज, राज हंस इंटरनेशनल, हैमको, टेलब्रो इंटरनेशनल, एवरेस्ट इंटरनेशनल, संचित एक्सपोर्ट्स, एवी इंजीनियरिंग वर्कस, पायल प्रोडक्ट्स, के. संस इंटरनेशनल तथा वरिंदरा टूल्स शामिल में स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगी। लीन मैन्युफैक्चरिंग एक जापानी तकनीक है, जो कामकाज के नए तरीके सिखाती है। इससे उत्पादों की क्वॉलिटी का विकास होता है और लागत खर्च घटता है। इसके लिए फैक्ट्री में मालिक, अफसर, मुलाजिमों की ट्रेनिंग होती है। यह तकनीक वातावरण के लिए भी हितकारी है। संसाधनों की बचत वातावरण संरक्षण में हिस्सेदारी देती है। सॉलिड वेस्ट की कम मात्रा से वातावरण संरक्षण होता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
सरहदी एरिया की सड़कों पर लगेंगे शहीदों के स्टैच्यू:पंजाब सरकार की तैयारी, इंटर स्टेट सड़कों के लिए प्लानिंग, जल्दी शुरू होगा प्रोजेक्ट
सरहदी एरिया की सड़कों पर लगेंगे शहीदों के स्टैच्यू:पंजाब सरकार की तैयारी, इंटर स्टेट सड़कों के लिए प्लानिंग, जल्दी शुरू होगा प्रोजेक्ट पंजाब सरकार द्वारा सरहदी एरिया में इंटर स्टेट सड़कों पर शहीदों के स्टैच्यू लगाए जाएंगे। इस काम की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग द्वारा पूरी की जाएगी। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में 2 से तीन सड़कों का चयन किया जाएगा। सड़क के दोनों तरफ बुत लगाए जाएंगे। विभाग को उम्मीद है कि आने वाले कुछ महीनों में यह प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा। इससे पहले सरकार द्वारा गांवों में शहीदों के नाम पर स्मारक आदि बनाए जा रहे हैं। वहीं, अब इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ है। 4 राज्यों को जोड़ती सड़कों पर शुरू होगा प्रोजेक्ट पहले चरण में हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान व जम्मू कश्मीर से लगती सड़कों पर काम किया जाएगा। इसके बाद यह प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा। इसी प्रोजेक्ट को लेकर सीएम की अगुवाई में हुई डीसी की मीटिंग में स्ट्रैटजी बनी थी। इस प्रोजेक्ट के पीछे सोच यही है कि युवा पीढ़ी के अंदर देशभक्ति की भावना पैदा की जाए। साथ ही अपने शहीदों काे सम्मान दिया जाए। पहले स्कूलों के नाम बदले थे इससे पहले पंजाब सरकार ने 56 से अधिक स्कूलों के नामों में बदलाव किया था। इन स्कूलों के नाम आपत्ति जनक या जाति पर आधारित शब्दों पर चल रहे थे। इस संबंधी मामला शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के ध्यान में आया था। इसके बाद उन्होंने सभी जिलों से इस बारे में जानकारी मांगी थी। साथ ही जिन शहीदों या स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर वह स्कूलों के नाम रखना चाहते हैं, उनकी सूची मांगी गई थी। इसके बाद सीएम भगवंत मान की अगुवाई में स्कूलों के नाम बदलने को मंजूरी दी गई। याद रहे देश की रक्षा में पंजाब के युवाओं का अहम योगदान है। वहीं, पंजाब सरकार दो ऐसे संस्थान महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्स व माई भागो संस्थान चलाए जा रहे हैं, जहां पर पंजाब के रहने वाले युवाओं को मेरिट के आधार पर दाखिला देकर सेना में अफसर बनने के लिए तैयार किया जाएगा।
कठुआ में पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों की मीटिंग:जम्मू में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बाद बनी स्ट्रेटजी, तालमेल बढ़ाने पर हुआ फैसला
कठुआ में पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों की मीटिंग:जम्मू में लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बाद बनी स्ट्रेटजी, तालमेल बढ़ाने पर हुआ फैसला जम्मू-कश्मीर सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने को लेकर आज कठुआ में एक हाई लेवल मीटिंग हुई। मीटिंग में बीएसएफ, जम्मू कश्मीर पुलिस, सुरक्षा एजेंसियां और पंजाब पुलिस के डीजीपी तक मौजूद रहे। इस मौके सभी एजेंसियों में तालमेल बढ़ाने संबंधी कई मुद्दों पर मंथन हुआ। पंजाब डीजीपी गौरव यादव ने इस बारे में सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी। अमरनाथ यात्रा को लेकर भी हुआ मंथन पंजाब और जम्मू कश्मीर दोनों की सीमाएं पड़ोसी देश पाकिस्तान से लगती है। वहीं, कुछ दिनों से पाकिस्तान की तरफ आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई। ऐसे में तालमेल को बढ़ाने के लिए यह मीटिंग रखी गई थी। मीटिंग में शामिल होने के लिए डीजीपी गौरव यादव की अगुवाई में सीनियर अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान प्रत्येक मुद्दे पर स्ट्रेटजी बनई गई। साथ ही तय किया गया कि कोई भी इनपुट मिलता है तो सभी दोनों की राज्यों की पुलिस व केंद्रीय एजेंसियां भी एक्टिव हो जाएगी। कोआर्डिनेशन के बढ़ाने पर भी मंथन हुआ। इसके अलावा अमरनाथ यात्रा को लेकर भी रणनीति बनाई गई।
अमृतसर में नार्को आर्म तस्करी का पर्दाफाश:दो युवक गिरफ्तार, 3.5 किलो हेरोइन- मेथाक्वालोन पाउडर और दो पिस्तौल बरामद
अमृतसर में नार्को आर्म तस्करी का पर्दाफाश:दो युवक गिरफ्तार, 3.5 किलो हेरोइन- मेथाक्वालोन पाउडर और दो पिस्तौल बरामद अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने सीमा पार से हो रही नशीले पदार्थों की तस्करी और अवैध हथियारों के कार्टेल का भंडाफोड़ कर बड़ी सफलता हासिल की है। इस ऑपरेशन में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 3.5 किलोग्राम हेरोइन, 1.5 किलोग्राम मेथाक्वालोन पाउडर और दो पिस्तौल समेत एक अत्याधुनिक 9 एमएम ग्लॉक बरामद किया है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने आज बताया कि गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान वंश उर्फ बिल्ला निवासी बिल्ले वाला चौक अमृतसर और सोनू चौरसिया निवासी दशमेश नगर अमृतसर के रूप में हुई है। डीजीपी ने बताया कि मामले से जुड़े आगे-पीछे के संबंधों का पता लगाने के लिए जांच जारी है। यह तस्करी बॉर्डर पार से की जा रही थी और मेथाक्वालोन ड्रग मेट्रोपॉलिटिन शहरों में रेव पार्टीज में प्रयोग की जाती है। आरोपी पिछले तीन महीने से यह काम कर रहे थे। जाल बिछाकर किया गिरफ्तार इस संबंधी ओर जानकारी देते हुए अमृतसर के पुलिस कमिश्नर (सीपी) गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि आरोपी वंश उर्फ बिल्ला की मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्तता की पुख्ता जानकारी के आधार पर सीआईए अमृतसर की पुलिस टीमों ने मोहकमपुरा क्षेत्र में जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से 3.5 किलोग्राम हेरोइन, 1.5 किलोग्राम मेथाक्वालोन पाउडर और ऑस्ट्रिया निर्मित एक 9 एमएम ग्लॉक पिस्तौल बरामद की गई। उन्होंने बताया कि अवैध हथियारों की तस्करी को लेकर मिली खुफिया जानकारी के आधार पर एक अन्य कार्रवाई के दौरान पुलिस टीमों ने मोहकमपुरा क्षेत्र में बटाला रोड के सनसिटी मोड़ से आरोपी सोनू चौरसिया को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 32 बोर का पिस्तौल बरामद किया। उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां और बरामदगी की संभावना है। इस संबंधी मामले में थाना मोहकमपुरा में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं।