देश में 2027-28 में वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (VTOL) एयरक्राफ्ट डिजाइन किए जा रहे है। ये दो तरह के है पहला कार्गो सपोर्ट और दूसरा एयर टैक्सी के लिए। इसे बना लिया गया है ट्रायल फार्म में है। इसके लिए वर्टीपोर्ट विकसित किए जा रहे है। जिसकी मदद से एक शहर को दूसरे से जोड़ा जा सकता है। साथ ही राइड, एयर कार्गो, एयर एम्बुलेंस , सर्च एंड रेस्क्यू और कोस्ट गार्ड का काम कर सकते है। भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में सी हॉर्स एयर लिमिटेड और ब्लू जे एयरो ने इसे शो केस किया। पहले जानिए वर्टीपोर्ट क्या होते हैं
वर्टीपोर्ट (VERTIPORT) एक खास प्रकार का हवाई अड्डा होता है जो वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (VTOL) एयरक्राफ्ट के लिए डिजाइन किया जाता है। आसान भाषा में कहें तो इसे एयर टैक्सी या ड्रोन जैसी चीजों के लिए तैयार किया जाता है। यानी यहां रनवे नहीं होते, बल्कि यहां से एयर टैक्सी सीधे अपनी जगह से ऊपर उड़ सकते हैं और लैंड हो सकते हैं। वर्टीपोर्ट में इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (eVTOL) एयरक्राफ्ट के लिए चार्जिंग स्टेशन हो भी सकते हैं। 100 केजी से 550 केजी तक कार्गो
सबसे पहले बात ब्लू रे एयरो की करते है। कंपनी के फाउंडर अमर ने बताया कि इस VTOL ड्रोन एयरक्राफ्ट को ब्लू रे यानी नील कंठ के नाम दिया गया। इसका ट्रायल किया जा रहा है। 2028-29 तक इसे कामर्शियल कर दिया जाएगा। ये एक प्रकार की एयर टैक्सी है। एक बार फ्यूल चार्ज होने पर 300 किमी इसकी रेंज है। 100 किग्रा का कार्गो वेट ये गेन कर सकता है। सी हॉर्स एच-5 पानी से करेगा लैंड और टैकऑफ इसी तरह सी हॉर्स एयर लिमिटेड भी VTOL ड्रोन पानी के बना है। ये पानी के साथ शिप पर आसानी लैंड और टेकऑफ कर सकता है। इसके लिए शिप पर ज्यादा स्थान नहीं बस एक हेलीपेड से कम स्पेस की आवश्यकता है। सी हॉर्स ने एक्सपो में अपना सी हॉर्स एच-5 को शो केस किया। इसकी रेंज करीब 450 किमी और मैक्सिमम स्पीड 150 किमी प्रतिघंटा के साथ ये 550 किग्रा का कार्गो वेट गेन कर सकता है। आगामी तीन साल में होंगी लॉन्च
कार्गो के अलावा ये दोनों ही पैसेंजर टैक्सी के रूप में काम करेंगी सी हॉर्स एच-5 और ब्लू जे दोनों में ही एक पायलट, 4 पैसेंजर की क्षमता है। सी होर्स के सीनियर डिजाइनर अभिषेक ने बताया कि इसे हर मौसम के लिए डिजाइन किया गया है। यानी ये VTOL कॉस्टल एरिया में जाकर रेस्क्यू और अन्य साजो सामान पहुंचाकर वापस आ सकता है। भारत की सीमाएं अधिकांशतया कॉस्टल एरिया से जुड़ी है। ऐसे में सी हॉर्स एच-5 इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। एयर टैक्सी में किन बड़े शहरों को एक साथ जोड़ा सकता है
भारत में फिलहाल जिन शहरों को एयर टैक्सी की मदद से जोड़ने की बात हो रही है, उनमें दिल्ली एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहर हैं। इन शहरों के बीच वीटोओएल फ्लाइट्स की शुरुआत जल्द ही हो सकती है। अगर ऐसा हो जाता है तो इन कारोबारी शहरों में एक जगह से दूसरी जगह जाना बेहद आसान हो जाएगा। अभी अगर आप दिल्ली से गुरुग्राम जाते हैं तो आपको लगभग 60 से 90 मिनट का समय लगता है। अगर ट्रैफिक ज्यादा मिल जाए तो ये समय और भी बढ़ जाता है। लेकिन, अगर दिल्ली से गुरुग्राम एयर टैक्सी से जाना हो तो ये समय महज 7 से 8 मिनट का होगा। दूसरे शहरों के साथ भी ऐसी ही स्थिति है। जैसे बेंगलुरु को जब इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी से एयर टैक्सी के जरिए जोड़ दिया जाएगा तो इनके बीच की 51 किलोमीटर की दूरी को तय करने में महज 19 मिनट का समय लगेगा। देश में 2027-28 में वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (VTOL) एयरक्राफ्ट डिजाइन किए जा रहे है। ये दो तरह के है पहला कार्गो सपोर्ट और दूसरा एयर टैक्सी के लिए। इसे बना लिया गया है ट्रायल फार्म में है। इसके लिए वर्टीपोर्ट विकसित किए जा रहे है। जिसकी मदद से एक शहर को दूसरे से जोड़ा जा सकता है। साथ ही राइड, एयर कार्गो, एयर एम्बुलेंस , सर्च एंड रेस्क्यू और कोस्ट गार्ड का काम कर सकते है। भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में सी हॉर्स एयर लिमिटेड और ब्लू जे एयरो ने इसे शो केस किया। पहले जानिए वर्टीपोर्ट क्या होते हैं
वर्टीपोर्ट (VERTIPORT) एक खास प्रकार का हवाई अड्डा होता है जो वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (VTOL) एयरक्राफ्ट के लिए डिजाइन किया जाता है। आसान भाषा में कहें तो इसे एयर टैक्सी या ड्रोन जैसी चीजों के लिए तैयार किया जाता है। यानी यहां रनवे नहीं होते, बल्कि यहां से एयर टैक्सी सीधे अपनी जगह से ऊपर उड़ सकते हैं और लैंड हो सकते हैं। वर्टीपोर्ट में इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (eVTOL) एयरक्राफ्ट के लिए चार्जिंग स्टेशन हो भी सकते हैं। 100 केजी से 550 केजी तक कार्गो
सबसे पहले बात ब्लू रे एयरो की करते है। कंपनी के फाउंडर अमर ने बताया कि इस VTOL ड्रोन एयरक्राफ्ट को ब्लू रे यानी नील कंठ के नाम दिया गया। इसका ट्रायल किया जा रहा है। 2028-29 तक इसे कामर्शियल कर दिया जाएगा। ये एक प्रकार की एयर टैक्सी है। एक बार फ्यूल चार्ज होने पर 300 किमी इसकी रेंज है। 100 किग्रा का कार्गो वेट ये गेन कर सकता है। सी हॉर्स एच-5 पानी से करेगा लैंड और टैकऑफ इसी तरह सी हॉर्स एयर लिमिटेड भी VTOL ड्रोन पानी के बना है। ये पानी के साथ शिप पर आसानी लैंड और टेकऑफ कर सकता है। इसके लिए शिप पर ज्यादा स्थान नहीं बस एक हेलीपेड से कम स्पेस की आवश्यकता है। सी हॉर्स ने एक्सपो में अपना सी हॉर्स एच-5 को शो केस किया। इसकी रेंज करीब 450 किमी और मैक्सिमम स्पीड 150 किमी प्रतिघंटा के साथ ये 550 किग्रा का कार्गो वेट गेन कर सकता है। आगामी तीन साल में होंगी लॉन्च
कार्गो के अलावा ये दोनों ही पैसेंजर टैक्सी के रूप में काम करेंगी सी हॉर्स एच-5 और ब्लू जे दोनों में ही एक पायलट, 4 पैसेंजर की क्षमता है। सी होर्स के सीनियर डिजाइनर अभिषेक ने बताया कि इसे हर मौसम के लिए डिजाइन किया गया है। यानी ये VTOL कॉस्टल एरिया में जाकर रेस्क्यू और अन्य साजो सामान पहुंचाकर वापस आ सकता है। भारत की सीमाएं अधिकांशतया कॉस्टल एरिया से जुड़ी है। ऐसे में सी हॉर्स एच-5 इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। एयर टैक्सी में किन बड़े शहरों को एक साथ जोड़ा सकता है
भारत में फिलहाल जिन शहरों को एयर टैक्सी की मदद से जोड़ने की बात हो रही है, उनमें दिल्ली एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहर हैं। इन शहरों के बीच वीटोओएल फ्लाइट्स की शुरुआत जल्द ही हो सकती है। अगर ऐसा हो जाता है तो इन कारोबारी शहरों में एक जगह से दूसरी जगह जाना बेहद आसान हो जाएगा। अभी अगर आप दिल्ली से गुरुग्राम जाते हैं तो आपको लगभग 60 से 90 मिनट का समय लगता है। अगर ट्रैफिक ज्यादा मिल जाए तो ये समय और भी बढ़ जाता है। लेकिन, अगर दिल्ली से गुरुग्राम एयर टैक्सी से जाना हो तो ये समय महज 7 से 8 मिनट का होगा। दूसरे शहरों के साथ भी ऐसी ही स्थिति है। जैसे बेंगलुरु को जब इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी से एयर टैक्सी के जरिए जोड़ दिया जाएगा तो इनके बीच की 51 किलोमीटर की दूरी को तय करने में महज 19 मिनट का समय लगेगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर