भिवानी अस्पताल के बाथरूम में महिला की डिलीवरी:सास बोली-डॉक्टरों ने कहा था अभी नहीं होगा बच्चा, चिकित्सकों ने नकारी बात

भिवानी अस्पताल के बाथरूम में महिला की डिलीवरी:सास बोली-डॉक्टरों ने कहा था अभी नहीं होगा बच्चा, चिकित्सकों ने नकारी बात

भिवानी के जिला नागरिक अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड के बाथरूम में महिला की डिलीवरी होने का मामला सामने आया है। महिला की सास ने चिकित्सकों पर आरोप लगाए कि उन्हें पहले बताया गया था कि अभी डिलीवरी नहीं होगी, जबकि उसकी पुत्रवधु बाथरूम गई तो वहीं पर ही डिलीवरी हो गई। इधर, दूसरी महिला ने आरोप लगाया कि उसके पेट में बच्चे की मौत हो गई और 5 दिन से चक्कर काट रही है। वहीं चिकित्सकों ने बाथरूम में डिलीवरी होने की बात को नकारा है। जबकि बाथरूम में डिलीवरी का मुद्दा उठने के बाद पीएमओ डॉ. बलवान सिंह भी जच्चा-बच्चा वार्ड में पहुंचे। उन्होंने मामले में अपने स्तर पर छानबीन की। सास बोली- स्टाफ ने नहीं की मदद हालुवास गेट निवासी मूर्ति ने बताया कि उसकी पुत्रवधु आरती की डिलीवरी होनी थी। इसलिए वे सुबह करीब 7 बजे अपनी पुत्रवधु को लेकर जिला अस्पताल में आए थे। अब अस्पताल में लड़की को जन्म दिया है। पहले स्टाफ चेक करके गई थी। उसने कहा कि अभी डिलीवरी नहीं होगी, थोड़ी लेट होगी। नहीं हुई तो ऑपरेशन से करवानी पड़ेगी। इसी दौरान पुत्रवधु ने कहा कि वह बाथरूम जाएगी। इसलिए वह अपनी पुत्रवधु को बाथरूम में लेकर गई। जैसे ही वह बाथरूम में गई तो वहां पर बच्चे को जन्म दे दिया। हालांकि अब मां-बच्चा दोनों ठीक हैं। डिलीवरी के बाद स्टाफ ने भी मदद नहीं की। पांच दिन से मरे बच्चे को पेट में लेकर घूम रही मरीज
नए बाजार की लंबी गली निवासी आरती ने बताया कि उनको 7 माह का बच्चा था। उनका बच्चा पेट में ही मर गया। पांच दिन से वे चक्कर काट रही हैं। अभी सिर्फ खून की बोतल ही चढ़ी है। उनका यह पहला बच्चा था। चिकित्सकों से मिलते हैं तो कहते हैं कि बेड पर जाकर लेट जाओ। अभी भी उनका बच्चा पेट में ही है। चिकित्सकों ने कोई देखभाल नहीं की। डॉक्टर बोली- बाथरूम में नहीं हुई डिलीवरी
जिला अस्पताल के गायनी वार्ड की डॉ. गरिमा ने बाथरूम में डिलीवरी होने के मामले पर कहा कि मरीज को दर्द आ रहे थे। इसलिए उसको इंजेक्शन लगाए थे। सख्त हिदायत दी थी कि दर्द आएंगे, कुछ खाना हो या कुछ काम करें तो डॉक्टर से पूछकर करें। सभी चीज समझाई गई थी। जब चिकित्सक मरीज को देखकर निकले तो मरीज की सास ने उसे बेड से नीचे उतार दिया। इसलिए मरीज को दर्द होने लगे और बच्चा नीचे आ गया। लेकिन बच्चे को हमने लेबर रूम में डिलीवर करवाया। बाथरूम में डिलीवरी नहीं हुई। बच्चे के पेट में मरने के सवाल पर कहा कि वे आज ड्यूटी पर आई हैं। उन्होंने मरीज को देखा है। उसकी इन्वेस्टिगेशन पेंडिंग है। आईयूडी वाली पेशेंट है और डीआईसी भी हो सकता है। उसकी सभी रिपोर्ट हमारे पास होंगे तभी तो उपचार करेंगे। रिपोर्ट अभी भी पेंडिंग हैं। भिवानी के जिला नागरिक अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड के बाथरूम में महिला की डिलीवरी होने का मामला सामने आया है। महिला की सास ने चिकित्सकों पर आरोप लगाए कि उन्हें पहले बताया गया था कि अभी डिलीवरी नहीं होगी, जबकि उसकी पुत्रवधु बाथरूम गई तो वहीं पर ही डिलीवरी हो गई। इधर, दूसरी महिला ने आरोप लगाया कि उसके पेट में बच्चे की मौत हो गई और 5 दिन से चक्कर काट रही है। वहीं चिकित्सकों ने बाथरूम में डिलीवरी होने की बात को नकारा है। जबकि बाथरूम में डिलीवरी का मुद्दा उठने के बाद पीएमओ डॉ. बलवान सिंह भी जच्चा-बच्चा वार्ड में पहुंचे। उन्होंने मामले में अपने स्तर पर छानबीन की। सास बोली- स्टाफ ने नहीं की मदद हालुवास गेट निवासी मूर्ति ने बताया कि उसकी पुत्रवधु आरती की डिलीवरी होनी थी। इसलिए वे सुबह करीब 7 बजे अपनी पुत्रवधु को लेकर जिला अस्पताल में आए थे। अब अस्पताल में लड़की को जन्म दिया है। पहले स्टाफ चेक करके गई थी। उसने कहा कि अभी डिलीवरी नहीं होगी, थोड़ी लेट होगी। नहीं हुई तो ऑपरेशन से करवानी पड़ेगी। इसी दौरान पुत्रवधु ने कहा कि वह बाथरूम जाएगी। इसलिए वह अपनी पुत्रवधु को बाथरूम में लेकर गई। जैसे ही वह बाथरूम में गई तो वहां पर बच्चे को जन्म दे दिया। हालांकि अब मां-बच्चा दोनों ठीक हैं। डिलीवरी के बाद स्टाफ ने भी मदद नहीं की। पांच दिन से मरे बच्चे को पेट में लेकर घूम रही मरीज
नए बाजार की लंबी गली निवासी आरती ने बताया कि उनको 7 माह का बच्चा था। उनका बच्चा पेट में ही मर गया। पांच दिन से वे चक्कर काट रही हैं। अभी सिर्फ खून की बोतल ही चढ़ी है। उनका यह पहला बच्चा था। चिकित्सकों से मिलते हैं तो कहते हैं कि बेड पर जाकर लेट जाओ। अभी भी उनका बच्चा पेट में ही है। चिकित्सकों ने कोई देखभाल नहीं की। डॉक्टर बोली- बाथरूम में नहीं हुई डिलीवरी
जिला अस्पताल के गायनी वार्ड की डॉ. गरिमा ने बाथरूम में डिलीवरी होने के मामले पर कहा कि मरीज को दर्द आ रहे थे। इसलिए उसको इंजेक्शन लगाए थे। सख्त हिदायत दी थी कि दर्द आएंगे, कुछ खाना हो या कुछ काम करें तो डॉक्टर से पूछकर करें। सभी चीज समझाई गई थी। जब चिकित्सक मरीज को देखकर निकले तो मरीज की सास ने उसे बेड से नीचे उतार दिया। इसलिए मरीज को दर्द होने लगे और बच्चा नीचे आ गया। लेकिन बच्चे को हमने लेबर रूम में डिलीवर करवाया। बाथरूम में डिलीवरी नहीं हुई। बच्चे के पेट में मरने के सवाल पर कहा कि वे आज ड्यूटी पर आई हैं। उन्होंने मरीज को देखा है। उसकी इन्वेस्टिगेशन पेंडिंग है। आईयूडी वाली पेशेंट है और डीआईसी भी हो सकता है। उसकी सभी रिपोर्ट हमारे पास होंगे तभी तो उपचार करेंगे। रिपोर्ट अभी भी पेंडिंग हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर