पंजाब के युवा अकाली नेता विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की मिड्डूखेड़ा (33) की चार साल पहले मोहाली में दिनदहाड़े बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में मोहाली जिला न्यायालय ने तीन बदमाशों को हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। दोषियों में अजय उर्फ सन्नी उर्फ लेफ्टी, सज्जन उर्फ भोलू और अनिल लाठ शामिल हैं। दोषियों को सोमवार (27 जनवरी) को सजा सुनाई जाएगी। जबकि गैंगस्टर भूप्पी राणा, अमित डागर और कौशल चौधरी को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया है। जान बचाने के लिए एक किलोमीटर भागा विक्की की हत्या 4 साल पहले 7 अगस्त 2021 को उस समय हुई थी, जब वह सेक्टर-70 में अपने प्रॉपर्टी डीलर दोस्त के पास गया था। जैसे ही वह ऑफिस से बाहर निकला, वहां पहले से मौजूद आरोपियों ने उस पर फायरिंग कर दी। विक्की ने भागने की काफी कोशिश की। वह करीब एक किलोमीटर तक भागा। लेकिन हमलावर उसका पीछा करते रहे। उन्होंने कुल 20 राउंड फायरिंग की, जिसमें से 9 गोलियां विक्की को लगीं। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के अगले दिन बंबीहा गैंग ने इस घटना की जिम्मेदारी ली थी। शुरुआती जांच में बंबीहा गैंग चलाने वाले लकी पटियाल का नाम सामने आया था। दोनों गैंग एक-दूसरे के विरोधी हैं। 26 गैंगस्टरों से पूछताछ में खुला राज काफी समय तक विक्की की हत्या रहस्य बनी रही। इसके बाद मोहाली पुलिस दिल्ली की तिहाड़ जेल समेत कई जगहों से करीब 26 गैंगस्टरों को पूछताछ के लिए मोहाली लेकर आई। गैंगस्टरों से आमने-सामने पूछताछ की गई। लेकिन फिर भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा। पुलिस पर भी काफी दबाव था। इसी बीच दिल्ली पुलिस ने इस मामले में शामिल आरोपियों को पकड़ लिया। इसके बाद हत्या की कहानी सामने आई। तब पता चला कि तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर अमित डागर और कौशल चौधरी ने विक्की की हत्या की साजिश रची थी। उन्होंने ही कार और शूटरों का इंतजाम किया था। हत्या के लिए शूटर आई-20 कार में आए थे। पंजाबी गायक सिड मूसवाल के मैनेजर रहे शगनप्रीत पर आरोप था कि उसने खरड़ के सेक्टर-125 में आरोपियों के रहने का इंतजाम किया था। पुलिस ने 11 महीने बाद दाखिल की चार्जशीट पुलिस ने हत्या के 11 महीने बाद चार्जशीट दाखिल की। सज्जन उर्फ भोलू, अनिल लाठ, अजय उर्फ सन्नी उर्फ लेफ्टी, गैंगस्टर अमित डागर और कौशल चौधरी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। इसके बाद यह मामला लगातार कोर्ट में चल रहा था। पंजाब के युवा अकाली नेता विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की मिड्डूखेड़ा (33) की चार साल पहले मोहाली में दिनदहाड़े बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में मोहाली जिला न्यायालय ने तीन बदमाशों को हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। दोषियों में अजय उर्फ सन्नी उर्फ लेफ्टी, सज्जन उर्फ भोलू और अनिल लाठ शामिल हैं। दोषियों को सोमवार (27 जनवरी) को सजा सुनाई जाएगी। जबकि गैंगस्टर भूप्पी राणा, अमित डागर और कौशल चौधरी को सबूतों के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया है। जान बचाने के लिए एक किलोमीटर भागा विक्की की हत्या 4 साल पहले 7 अगस्त 2021 को उस समय हुई थी, जब वह सेक्टर-70 में अपने प्रॉपर्टी डीलर दोस्त के पास गया था। जैसे ही वह ऑफिस से बाहर निकला, वहां पहले से मौजूद आरोपियों ने उस पर फायरिंग कर दी। विक्की ने भागने की काफी कोशिश की। वह करीब एक किलोमीटर तक भागा। लेकिन हमलावर उसका पीछा करते रहे। उन्होंने कुल 20 राउंड फायरिंग की, जिसमें से 9 गोलियां विक्की को लगीं। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के अगले दिन बंबीहा गैंग ने इस घटना की जिम्मेदारी ली थी। शुरुआती जांच में बंबीहा गैंग चलाने वाले लकी पटियाल का नाम सामने आया था। दोनों गैंग एक-दूसरे के विरोधी हैं। 26 गैंगस्टरों से पूछताछ में खुला राज काफी समय तक विक्की की हत्या रहस्य बनी रही। इसके बाद मोहाली पुलिस दिल्ली की तिहाड़ जेल समेत कई जगहों से करीब 26 गैंगस्टरों को पूछताछ के लिए मोहाली लेकर आई। गैंगस्टरों से आमने-सामने पूछताछ की गई। लेकिन फिर भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा। पुलिस पर भी काफी दबाव था। इसी बीच दिल्ली पुलिस ने इस मामले में शामिल आरोपियों को पकड़ लिया। इसके बाद हत्या की कहानी सामने आई। तब पता चला कि तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर अमित डागर और कौशल चौधरी ने विक्की की हत्या की साजिश रची थी। उन्होंने ही कार और शूटरों का इंतजाम किया था। हत्या के लिए शूटर आई-20 कार में आए थे। पंजाबी गायक सिड मूसवाल के मैनेजर रहे शगनप्रीत पर आरोप था कि उसने खरड़ के सेक्टर-125 में आरोपियों के रहने का इंतजाम किया था। पुलिस ने 11 महीने बाद दाखिल की चार्जशीट पुलिस ने हत्या के 11 महीने बाद चार्जशीट दाखिल की। सज्जन उर्फ भोलू, अनिल लाठ, अजय उर्फ सन्नी उर्फ लेफ्टी, गैंगस्टर अमित डागर और कौशल चौधरी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। इसके बाद यह मामला लगातार कोर्ट में चल रहा था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कांग्रेस में 2,600 लोग टिकट लेने आ गए, ऐसा नहीं कि सभी टिकटों के लिए मैदान में कूदे थे। लेकिन एक दूसरे को टिकट नहीं लेने देनी, इसलिए वे दावेदार थे। भाजपा ने 5 तारीख को नामांकन से पहले ही 67 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी थी, जबकि कांग्रेस अपनी बड़ी सूची जिसमें 63 उम्मीदवार थे, वो 11 तारीख की रात और बाकी के 9 उम्मीदवारों को अंतिम दिन घोषित की। ऐसा इसलिए किया ताकि कोई विद्रोह न कर दे। लेकिन हर विधानसभा में 30-40 नेता ऐसे हैं, जो नामांकन तो नहीं भर पाए, लेकिन किसी और की मदद करेंगे, कुछ खुलकर तो कुछ अंदर खाते भाजपा की मदद कर रहे हैं। यह अंदर की बात है, 2-4 तो फतेहाबाद में भी ऐसे नेता होंगे। मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस की सूची देखें तो 90 में से बहुत से उम्मीदवार ऐसे हैं, जो आपराधिक प्रवृत्ति के हैं, इनमें से एक तो कल तक जेल में ही बंद था। टिकट देते समय कांग्रेस को पता था, फिर भी टिकट दी।
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