हरियाणा के भिवानी में वर्ष 2018 में महिला व उसकी दो नाबालिग बेटियों की निर्मम हत्या के मामले में कोर्ट ने शुक्रवार को महिला के पति समेत 3 व्यक्तियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। ये ट्रिपल मर्डल इतना वीभत्स था कि हत्यारों ने मां-बेटियों के शवों के टुकड़े करके खेतों में फेंक दिए थे। कोर्ट ने तीनों हत्यारों पर 1 लाख 80 हजार रुपए जुर्माना भी किया है। बता दें कि भिवानी के नया बाजार निवासी कबाड़ी राजेश ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर अपनी पत्नी व उसकी दो नाबालिग बेटियों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। बाद में इनके शवों को टुकड़ों में काटकर ड्रम में डालकर गांव खरक के खेतों में फेंक दिया था। इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भिवानी बिकृमजित अरोड़ा की कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट ने मुख्य आरोपी नया बाजार भिवानी निवासी कबाड़ी राजेश, भिवानी निवासी पूनम उर्फ फौजी और गांव माडिया मध्य प्रदेश निवासी माखनलाल को धारा 302,34 के तहत उम्र कैद की सजा व 50-50 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। शवों को खुर्द-बुर्द करने पर धारा 201, 34 भारतीय दंड संहिता के तहत 7 साल की सजा व 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर हत्यारों को अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मामले को बहुत ही संगीन माना और दोषी की सजा में कोई नरमी नहीं बरतने के आदेश दिए। प्रवासी महिला को आसरा देने के नाम पर किया था यौन शोषण मामले के अनुसार मध्यप्रदेश की एक 25 वर्षीय महिला अपने शराबी पति से परेशान होकर 4 साल की बच्ची के साथ भिवानी चली आई थी। भिवानी में शहर से कबाड़ चुन कर वह कबाड़ी राजेश को बेचने आती थी। राजेश ने उसे अपनी पत्नी बनाकर रखने का झांसा दिया। वह महिला को बजरंग बली कालोनी में अपने प्लाट में कमरे में रखने लगा। इसके बाद महिला ने बेटी को जन्म दिया। कबाड़ी ने आधार कार्ड में उसे अपनी बेटी दिखाया। इसे लेकर विवाद हुआ तो 18 दिसंबर 2018 को करीब 9 माह की बच्ची व उससे बड़ी 5 साल की लड़की को धारदार हथियार चापट बुगदा से काट डाला था। तीनों मां बेटी के टुकड़े खेतों में डाल दिए। कुछ टुकड़े अपने ढाणा रोड़ गोदाम में गर्म पानी व तेजाब में डाल दिए थे। हरियाणा के भिवानी में वर्ष 2018 में महिला व उसकी दो नाबालिग बेटियों की निर्मम हत्या के मामले में कोर्ट ने शुक्रवार को महिला के पति समेत 3 व्यक्तियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। ये ट्रिपल मर्डल इतना वीभत्स था कि हत्यारों ने मां-बेटियों के शवों के टुकड़े करके खेतों में फेंक दिए थे। कोर्ट ने तीनों हत्यारों पर 1 लाख 80 हजार रुपए जुर्माना भी किया है। बता दें कि भिवानी के नया बाजार निवासी कबाड़ी राजेश ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर अपनी पत्नी व उसकी दो नाबालिग बेटियों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। बाद में इनके शवों को टुकड़ों में काटकर ड्रम में डालकर गांव खरक के खेतों में फेंक दिया था। इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भिवानी बिकृमजित अरोड़ा की कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट ने मुख्य आरोपी नया बाजार भिवानी निवासी कबाड़ी राजेश, भिवानी निवासी पूनम उर्फ फौजी और गांव माडिया मध्य प्रदेश निवासी माखनलाल को धारा 302,34 के तहत उम्र कैद की सजा व 50-50 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। शवों को खुर्द-बुर्द करने पर धारा 201, 34 भारतीय दंड संहिता के तहत 7 साल की सजा व 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर हत्यारों को अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मामले को बहुत ही संगीन माना और दोषी की सजा में कोई नरमी नहीं बरतने के आदेश दिए। प्रवासी महिला को आसरा देने के नाम पर किया था यौन शोषण मामले के अनुसार मध्यप्रदेश की एक 25 वर्षीय महिला अपने शराबी पति से परेशान होकर 4 साल की बच्ची के साथ भिवानी चली आई थी। भिवानी में शहर से कबाड़ चुन कर वह कबाड़ी राजेश को बेचने आती थी। राजेश ने उसे अपनी पत्नी बनाकर रखने का झांसा दिया। वह महिला को बजरंग बली कालोनी में अपने प्लाट में कमरे में रखने लगा। इसके बाद महिला ने बेटी को जन्म दिया। कबाड़ी ने आधार कार्ड में उसे अपनी बेटी दिखाया। इसे लेकर विवाद हुआ तो 18 दिसंबर 2018 को करीब 9 माह की बच्ची व उससे बड़ी 5 साल की लड़की को धारदार हथियार चापट बुगदा से काट डाला था। तीनों मां बेटी के टुकड़े खेतों में डाल दिए। कुछ टुकड़े अपने ढाणा रोड़ गोदाम में गर्म पानी व तेजाब में डाल दिए थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा मंत्रिमंडल में विपुल सबसे अमीर:दीपेंद्र हुड्डा को हराने वाले इकलौते नेता शर्मा, नरबीर राव इंद्रजीत को हरा चुके, जानिए मंत्रियों की डिटेल्ड प्रोफाइल हरियाणा में गुरुवार (17 अक्टूबर) को CM नायब सैनी के साथ 13 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। खास बात ये है कि सैनी के मंत्रिमंडल में शामिल किसी मंत्री पर कोई केस नहीं है। कैबिनेट में शामिल 14 चेहरों में से 13 करोड़पति हैं जिनमें सीएम सैनी भी शामिल हैं। चुनाव के दौरान जमा इलेक्शन एफिडेविट के मुताबिक सबसे ज्यादा 98 करोड़ की प्रॉपर्टी विपुल गोयल की है। कृष्ण कुमार बेदी इकलौते ऐसे मिनिस्टर हैं जो करोड़पति नहीं हैं। उनकी कुल संपत्ति 57 लाख है। सैनी की कैबिनेट में सबसे युवा गौरव गौतम हैं जिनकी उम्र 36 साल है। सबसे उम्रदराज मंत्री श्याम सिंह राणा हैं जो 76 साल के हैं। कैबिनेट में महिला चेहरे के तौर पर आरती राव और श्रुति चौधरी हैं। पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो मंत्री बनने वालों में से अरविंद शर्मा डॉक्टर हैं। सीएम नायब सैनी और श्रुति चौधरी ने LLB कर रखी है। वहीं आरती राव और गौरव गौतम के पास कोई गाड़ी नहीं है। कैबिनेट में शामिल अरविंद शर्मा लोकसभा चुनाव में पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा को हरा चुके हैं। वहीं नरबीर ने 1987 में विधानसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह को हराया था। अब पढ़िए मंत्रियों की डिटेल प्रोफाइल… नायब सिंह सैनी लगातार दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने हैं। उन्होंने इस बार कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा सीट से चुनाव लड़ा। इससे पहले वह मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के कारण खाली हुई करनाल विधानसभा सीट से उपचुनाव जीते थे। 54 साल के नायब सिंह सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ने के बाद वह मनोहर लाल खट्टर के संपर्क में आए। सैनी ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2009 में अंबाला जिले की नारायणगढ़ सीट से लड़ा लेकिन जीत नहीं पाए। 2014 की मोदी लहर में उन्होंने नारायणगढ़ से दोबारा चुनाव लड़ा और विधायक बने। मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली सरकार में उन्हें मंत्रिपद मिला। सरल स्वभाव सैनी की सबसे बड़ी ताकत भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र से टिकट दिया जहां से वह विजयी रहे। अक्टूबर-2023 में वह हरियाणा BJP के अध्यक्ष बनाए गए और तकरीबन 6 महीने बाद, 12 मार्च 2024 को खट्टर के इस्तीफे के बाद उन्हें प्रदेश का CM नियुक्त किया गया। इस बार भाजपा ने चुनाव से पहले ही सैनी को अपना सीएम चेहरा घोषित कर दिया था। सरल स्वभाव वाले सैनी की अगुवाई में पार्टी ने रिकॉर्ड 48 सीटों पर जीत दर्ज की। नायब सैनी की पत्नी सुमन सैनी भी राजनीति में एक्टिव हैं। उनके 2 बच्चे हैं। उनका बेटा चंडीगढ़ स्थित यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रहा है जबकि बेटी अंशिका ने चंडीगढ़ में 12वीं की है। हरियाणा भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शामिल अनिल विज को सैनी के बाद दूसरे नंबर पर शपथ दिलाई गई। वह अंबाला कैंट से सातवीं बार विधायक बने हैं। अनिल विज ने बैंक की नौकरी छोड़कर सियासत में कदम रखा। अनिल विज के पिता का नाम भीमसेन है जो रेलवे में अधिकारी थे। 15 मार्च 1953 को पैदा हुए अनिल विज ने पंजाब यूनिवर्सिटी से बीएससी की है। 1970 में विज एबीवीपी के महासचिव बने। अनिल विज 16 साल बैंक की जॉब करने के बाद पॉलिटिक्स में एक्टिव हुए। 1990 में पहली बार MLA बने, दो बार निर्दलीय जीते
अनिल विज ने पहली बार 1990 में अंबाला कैंट सीट से उपचुनाव लड़ा और विधायक बने। 1991 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। एक समय में अनिल विज अंबाला कैंट में इतने मजबूत हो गए थे कि उन्होंने दो बार निर्दलीय चुनाव लड़ा और दोनों बार जीत हासिल की। अनिल विज ने 1996 और 2000 में निर्दलीय चुनाव जीता। 2009 में उन्होंने अंबाला कैंट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की। इसके बाद 2014, 2019 और 2024 में भी उन्होंने बड़े अंतर से जीत हासिल की। पानीपत जिले की इसराना विधानसभा सीट से विधायक चुने गए कृष्णलाल पंवार 2014 के बाद भाजपा-राज में दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बने हैं। पंवार एससी बिरादरी का बड़ा चेहरा हैं और उन्होंने राजनीति में लंबी पारी खेली है। भाजपा में आने से पहले वह ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी, इनेलो में थे। वह करनाल जिले की असंध सीट से इनेलो के विधायक भी रह चुके हैं। 2014 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली थी। 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद कृष्णलाल पंवार मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली सरकार में परिवहन, आवास और जेलमंत्री रहे। 2019 में वह इसराना सीट पर ही कांग्रेस के बलबीर वाल्मीकि से हार गए। वर्ष 2022 में भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया था। इस बार पार्टी ने उन्हें लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में उतारा। विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। राव नरबीर सिंह को चौथी बार प्रदेश के मंत्रिमंडल में जगह मिली है। इस बार वह बादशाहपुर विधानसभा सीट से दूसरी बार जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। वर्ष 2014 की मोदी लहर के दौरान राव नरबीर ने ही बादशाहपुर सीट पर पहली बार कमल खिलाया था। राव नरबीर सिंह के परिवार का सियासत से बहुत पुराना नाता है। खुद राव नरबीर ने वर्ष 1987 में महज 26 साल की उम्र में अपना पहला चुनाव लड़ा और जाटूसाना सीट से अहीरवाल के दिग्गज कहे जाने वाले राव इंद्रजीत सिंह को धूल चटाकर विधायक बन गए। तब ताऊ देवीलाल ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाया। दादा अंग्रेजी हुकूमत में MLC रहे, पिता रह चुके कैबिनेट मंत्री राव नरबीर का जन्म 2 अप्रैल 1961 को गुरुग्राम में हुआ। वह मोहर सिंह यादव के पोते हैं, जो 1942 में ब्रिटिश हुकूमत के दौरान देश के बंटवारे से पहले एमएलसी थे। नरबीर के पिता महावीर सिंह यादव भी हरियाणा में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। राव नरबीर 1996 में सोहना से विधायक बने तो बंसीलाल ने उन्हें अपनी सरकार में परिवहन एवं सहकारिता मंत्री बनाया। 2014 में बादशाहपुर से विधायक बनने के बाद वह मनोहर लाल सरकार में लोक निर्माण एवं वन मंत्री बने। 2019 में भाजपा ने राव नरबीर को टिकट नहीं दिया। इस बार पार्टी ने फिर मैदान में उतारा तो राव नरबीर जीतकर फिर विधानसभा पहुंचे। पानीपत ग्रामीण सीट से लगातार तीसरी बार विधायक बने महिपाल ढांडा को दूसरी बार मंत्री बनने का मौका मिला है। 2009 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई पानीपत ग्रामीण सीट पर भाजपा ने 2014 में पहली बार महिपाल ढांडा को टिकट दिया और वह विजयी रहे। तब उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को 36,132 वोट से हराया। BJP ने 2019 में उन्हें फिर टिकट दिया तो वह जजपा के देवेंद्र कादियान को 21,961 मतों से हराकर विधानसभा पहुंचे। इस बार लगातार तीसरी बार टिकट मिलने के बाद महिपाल ढांडा को मिले कुल वोट और उनकी जीत का मार्जिन भी बढ़ गया। इस बार उन्हें 1,01,079 वोट लेकर कांग्रेस के सचिन कुंडू को 50,212 वोट से हराया। भाजपा से ही राजनीति की शुरुआत महिपाल ढांडा ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत भाजपा से ही की। उनकी गिनती पार्टी के चुनिंदा जाट चेहरों में होती है। महिपाल ढांडा 1996 से 2004 तक भाजपा के स्टूडेंट विंग- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में प्रदेश सहमंत्री रहे। वर्ष 2004 में भाजपा ने उन्हें पानीपत जिला इकाई का उपाध्यक्ष बनाया। 2006 में उन्हें प्रमोट करके पानीपत जिला इकाई का महामंत्री बनाया गया जिस पर वह 2009 तक रहे। वर्ष 2009 से 2012 तक ढांडा हरियाणा में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष रहे। वर्ष 2012 में पार्टी ने उन्हें हरियाणा में अपने किसान मोर्चा का प्रदेशाध्यक्ष बना दिया। जाट बिरादरी में ढांडा की अच्छी पकड़ है। सैनी मंत्रिमंडल में शामिल डॉ. अरविंद कुमार ने रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी की पढ़ाई की है। 25 नवंबर 1962 को पैदा हुए अरविंद शर्मा के पिता का नाम पंडित सतगुरु दास शर्मा और मां का नाम बिमला देवी है। डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह राजनीति में आ गए। अरविंद शर्मा की पत्नी का नाम रीटा शर्मा है। दोनों की शादी 9 नवंबर 1989 को हुई। उनका एक बेटा और एक बेटी है। दीपेंद्र हुड्डा को हराने वाले एकमात्र नेता
अरविंद शर्मा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1996 में की। उन्होंने सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के उम्मीदवार रिजक राम को हराकर सांसद बने। वह 2004 और 2009 में कांग्रेस के टिकट पर करनाल के सांसद बने। जनवरी-2014 में अरविंद शर्मा कांग्रेस छोड़कर BSP में शामिल हो गए। BSP ने उन्हें 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपना CM चेहरा बनाया। अरविंद शर्मा ने तब दो सीटों- यमुनानगर और जुलाना- से चुनाव लड़ा लेकिन दोनों ही जगह हार गए। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अरविंद शर्मा भाजपा में शामिल हो गए। BJP ने उन्हें रोहतक लोकसभा सीट पर दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने उतारा। उस चुनाव में अरविंद शर्मा ने दीपेंद्र हुड्डा को 7,503 वोट से हराया। अरविंद शर्मा इकलौते ऐसे नेता हैं जिन्होंने दीपेंद्र हुड्डा को चुनाव हराया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अरविंद शर्मा को फिर रोहतक सीट से उम्मीदवार बनाया लेकिन इस बार वह दीपेंद्र हुड्डा से हार गए। इसके बाद उन्हें विधानसभा चुनाव में सोनीपत जिले की गोहाना सीट से उतारा गया जहां से वह विजयी रहे। तोशाम विधानसभा सीट से अपना पहला विधानसभा चुनाव जीतने वाली श्रुति चौधरी को भी सैनी कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है। श्रुति चौधरी पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल की पोती और पूर्व मंत्री चौधरी सुरेंद्र सिंह की बेटी हैं। उनकी मां किरण चौधरी तोशाम से विधायक रह चुकी हैं। बंसीलाल तोशाम सीट से जीतकर ही हरियाणा के सीएम बने थे। उनके बेटे चौधरी सुरेंद्र भी इसी सीट से जीत कर प्रदेश में कृषि मंत्री बने। अब सुरेंद्र सिंह और किरण चौधरी की बेटी श्रुति ने भी इसी सीट से जीत दर्जकर मंत्रिमंडल में जगह बनाई है। गौरव को पहली बार विधायक बनते ही मंत्रिमंडल में जगह
पलवल विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने गौरव गौतम को हरियाणा सरकार में मंत्री पद भी मिला है। गौरव गौतम ने पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल को 33,605 वोटों के बड़े अंतर से हराया है। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करी थी। 36 वर्षीय गौरव गौतम ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
राहुल और खड़गे के सामने सैलजा-उदयभान भिड़े:सांसद ने कहा- ये पक्षपात करते हैं, प्रदेशाध्यक्ष बोले- हम बुलाते हैं, आप आती ही नहीं
राहुल और खड़गे के सामने सैलजा-उदयभान भिड़े:सांसद ने कहा- ये पक्षपात करते हैं, प्रदेशाध्यक्ष बोले- हम बुलाते हैं, आप आती ही नहीं हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में एक बार फिर गुटबाजी सामने आई है। इस बार गुटबाजी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी द्वारा बुलाई गई महासचिवों, प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों की मीटिंग में देखने को मिली। इसमें सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष उदयभान एक दूसरे से भिड़ गए। बात इतनी बिगड़ गई कि दोनों के बीच तू-तू-मैं-मैं तक होने लगी। सैलजा ने उदयभान पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष राज्य में होने वाली बैठकों में सिर्फ एक पक्ष के लोगों को बुलाते हैं और तरजीह देते हैं। इस पर उदयभान ने कहा कि हम तो सभी को बुलाते हैं, लेकिन आप आती नहीं हैं। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि इसको लेकर राहुल गांधी ने काफी नाराजगी जताई है। वेणुगोपाल ने बाबरिया से तलब की रिपोर्ट दोनों की बहस के बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने दोनों को बुलाकर अलग से मीटिंग की बात करते हुए मामला शांत किया। इसके बाद उन्होंने हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया को तलब किया। दीपक बावरिया से वेणुगोपाल ने कहा कि दूसरे पक्ष की शिकायतों का समाधान तुरंत किया जाए। इसके साथ ही हरियाणा की गुटबाजी को लेकर पूरी रिपोर्ट उन्हें जल्द देने के हिदायत दी। सोनिया से दिल्ली में मिली सैलजा इस घटना के बाद कुमारी सैलजा दिल्ली में ही हैं। उन्होंने दिल्ली में बुधवार को सोनिया गांधी से मुलाकात भी की। इस मुलाकात के बाद कुमारी सैलजा ने बताया कि उनके बीच हरियाणा चुनाव को लेकर चर्चा हुई है। हरियाणा कांग्रेस में सबको साथ मिलकर काम करना पड़ेगा। हरियाणा कांग्रेस में सभी को मेहनत करने की जरूरत है। खिलाड़ियों को चुनाव में तवज्जो देने पर सैलजा ने कहा कि पार्टी किसको कहां से टिकट देगी, इसका फैसला स्क्रीनिंग कमेटी करेगी। दिग्गज अलग-अलग निकाल रहे पद यात्रा कांग्रेस हरियाणा मांगे हिसाब नाम से पदयात्रा निकाल रही है। इस पदयात्रा को पार्टी के दिग्गज नेता अलग-अलग निकाल रहे हैं। जुलाई में हरियाणा मांगे हिसाब नाम से भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पदयात्रा में कुमारी सैलजा शामिल नहीं हुई थी। इसके बाद 27 जुलाई से सैलजा ने अलग से पदयात्रा निकाली थी। अब रणदीप सुरजेवाला पदयात्रा निकाल रहे हैं। राहुल गांधी ने हरियाणा कांग्रेस नेताओं को गुटबाजी छोड़ने की नसीहत दी थी करीब 2 महीने पहले कांग्रेस आलाकमान की दिल्ली में हुई बैठक में राहुल गांधी ने हरियाणा के नेताओं को गुटबाजी भूलकर आगे बढ़ने की सीधी हिदायत दी थी। उन्होंने कहा था कि गुटबाजी किसी की भी सहन नहीं की जाएगी। सभी नेता यूनिटी बनाएं, आक्रामकता के साथ जनता के मुद्दों के लिए लड़ें, लोगों के बीच रहें और टिकट वितरण में सावधानी से काम लें। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों, खासकर मीडिया के सामने एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी न करें। हरियाणा सरकार की खामियों को उजागर करें। हरियाणा लोकसभा चुनाव में जो मुद्दे रहे हैं, उन्हें ज्वलंत रखा जाए। किसानों, जवानों और बेटियों के मुद्दे उठाएं, लेकिन अब फिर गुटबाजी सामने आई है।
नूंह में इंस्पेक्टर ने महिला के साथ की बर्बरता:विधायक आफताब ने एसपी से बैठक, दोषी पुलिस पर की कार्रवाई की मांग
नूंह में इंस्पेक्टर ने महिला के साथ की बर्बरता:विधायक आफताब ने एसपी से बैठक, दोषी पुलिस पर की कार्रवाई की मांग हाल ही में नूंह जिले के मेवली गांव में एक पुलिस इंस्पेक्टर राधे श्याम की अगुवाई में गांव की महिला के घर में घुसकर अन्य पुलिस कर्मियों की कथित बर्बरता करने के आरोप का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। नूंह विधायक आफताब अहमद ने मामले में पुलिस कप्तान नूंह, आईजी रेवाड़ी और डीजीपी हरियाणा से बैठक व बात कर आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच कर कठोर कानूनी कार्रवाई के लिए कहा है। पीड़ित परिवार ने विधायक से लगाई गुहार स्थानीय ग्रामीणों और पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस इंस्पेक्टर ने बिना किसी महिला पुलिसकर्मी के अन्य पुलिस कर्मियों संग एक महिला के घर में घुसकर उनसे मारपीट कर थाने ले गए। महिला को जेल अधिकारियों ने उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा। जिससे आरोप लग रहा है कि पुलिस ने पीड़िता संग बर्बरता की है। इलाके में इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन के प्रति रोष है। पीड़ित परिवार ने शनिवार को स्थानीय नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। कांग्रेस विधायक ने रेंज आईजी से की बात जिसके बाद कांग्रेस नेता आफताब अहमद ने रेवाड़ी रेंज आईजी से बात कर पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग व दोषी पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा है। रविवार सुबह विधायक आफताब अहमद ने नूंह पुलिस कप्तान नरेंद्र बिजारणिया आईपीएस से मिलकर इस मामले में आरोपी के खिलाफ कड़ी करवाई करने के लिए कहा है। पुलिस कप्तान से इस इंस्पेक्टर के पुराने मामलों को भी खोल कर रखा गया है जिसमें मेवली के अलावा तावडू के धुलावट निवासी खूबी पुत्र रफीक ने भी राधे श्याम के खिलाफ रिश्वत ना देने पर बर्बरता करने का आरोप लगाया है। विधायक आफताब अहमद से मुलाकात के बाद पुलिस कप्तान ने अतिरिक्त पुलिस कप्तान की अध्यक्षता में 5 दिन के अंदर जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल विधायक आफताब अहमद ने कहा कि इस तरह की बर्बरता करने वाले अधिकारी के खिलाफ कड़ी क़ानूनी करवाई अमल में लाई जाय, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती फिर चाहे वो पुलिस हो या शरारती तत्व। विधायक आफताब अहमद ने हाल ही में नूंह जिले में पुलिस की मौजूदगी में गौ रक्षकों व संदिग्ध तस्करों के बीच गोलीबारी के मामले को उठाकर पुलिस की विफलता पर सवाल उठाया उन्होंने कहा कि जिले से बाहर के लोग जिले में आकर गोलीबारी कर इलाके के अमन चैन को बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं और पुलिस विफल साबित हो रही है। डीजीपी ने दिया आश्वासन डीजीपी हरियाणा पुलिस ने भी विधायक आफताब अहमद को आश्वासन दिया है कि जांच कर कानूनी कार्रवाई तुरंत अमल में लाई जाएगी और मामले में पूर्ण न्याय किया जाएगा। पुलिस कप्तान संग बैठक के बाद विधायक आफताब अहमद ने कहा कि मामले में न्याय दिलाया जाएगा और जो भी जरूरी होगा संघर्ष किया जाएगा, पूर्ण न्याय नहीं मिला तो मामला चंडीगढ़ में भी उठाया जायगा। विधायक ने कहा कि बीजेपी राज में पुलिस बर्बरता चर्म पर है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि पीड़ित को न्याय और आरोपी को सजा मिले।