भिवानी में ठग गिरोह का भंडाफोड़:फर्जी वेबसाइट से भरवाए फॉर्म, पेपर-इंटरव्यू लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिए, कराते थे ठगी

भिवानी में ठग गिरोह का भंडाफोड़:फर्जी वेबसाइट से भरवाए फॉर्म, पेपर-इंटरव्यू लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिए, कराते थे ठगी

हरियाणा के भिवानी जिले में पुलिस ने एक ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह नकली भर्ती कर ठगी करने की वारदात को अंजाम दिया था। गिरोह ने करीब 25-26 युवाओं को अपना शिकार बनाया और उनसे नौकरी लगाने के नाम पर डेढ़-दो करोड़ रुपए ठगे गए थे। पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह नौकरी देने के बाद युवाओं को गांव-गांव जाकर सरकारी योजनाओं के नाम पर लोगों से रुपए ठगने का काम करता था। इसके लिए भिवानी, जींद और यमुनानगर में अपने ऑफिस बनाएं। पुलिस ने आरोपियों से एक लाख 57 हजार रुपए नकद, खाते में एक लाख 21 लाख फ्रीज करवाए, 2 चांदी के सिक्के, दो अंगूठियां, 13 मोबाइल, 11 पासबुक, 43 रजिस्टर और 8 पेमेंट स्लीप आदि बरामद हुए हैं। पीड़ित ने दी शिकायत
साइबर क्राइम थाना प्रभारी विकास ने बताया कि गांव जाटू लोहारी निवासी नीरज की शिकायत मिली थी। जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने कुछ समय पहले शगुन ग्रामीण हेल्थ डोट कॉम पर नौकरी के लिए जानकार के माध्यम से अप्लाई किया था। इसके बाद नीरज का वेबसाइट के माध्यम से एडमिट कार्ड प्राप्त हुआ। वहीं एग्जाम भी लिया गया। जिसके बाद नौकरी लगवाने के नाम पर इनसे 7 लाख रुपए ठग लिए। जिसमें केस दर्ज करके जांच की। 5 लोगों को किया गिरफ्तार
पुलिस जांच में सामने आया कि शगुन ग्रामीण हेल्थ डोट कॉम एक फर्म के साथ कनेक्ट है। शगुन ग्रामीण हेल्थ एंड फैमिली काउंसिल जो चंडीगढ़ में रजिस्टर्ड है। यह फर्म अपने आप को एक गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन बताकर चलती है। वहीं स्टाफ की भर्ती करती है और सरकारी नौकरी के नाम पर अलग-अलग लोगों से दलालों के माध्यम से नौकरी में लगवाया जाता है। उनसे मोटा पैसा कमाया जाता है। इस फर्म के डायरेक्टर भिवानी के गांव बड़ेसरा निवासी रीतू और बलजीत हैं। इनको 2 मार्च को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार करके न्यायालय से 5 दिन का रिमांड लिया। वहीं रिमांड के दौरान फर्म के तीसरे डायरेक्टर हिसार के गांव सरसाना निवासी संजय को गिरफ्तार किया। इसके अलावा शुक्रवार को अन्य दो आरोपियों चंडीगढ़ निवासी गुलशन और जींद निवासी बलकरा को गिरफ्तार किया। हिसार में करवाया एग्जाम
साइबर क्राइम थाना प्रभारी विकास ने बताया कि आरोपी हरियाणा के अलग-अलग जिलों में ऑपरेट करते हैं और अपने दलालों के माध्यम से काम करते हैं। वेबसाइट के माध्यम से सरकारी नौकरी बताकर फॉर्म निकालते हैं। जिसमें एरिया इंस्पेक्टर, एमटीएस और ड्राइवर आदि के पदों पर नौकरी निकालते थे। वहीं एग्जाम के लिए हिसार के एक कॉलेज को हायर किया। वहीं फेक तरीके से रिजल्ट निकाला और चंडीगढ़ में फर्जी इंटरव्यू भी करवाए। 960 ने भरा फॉर्म, 500 ने दिया एग्जाम
उन्होंने बताया कि आरोपी बलजीत ने अपने साथियों के साथ मिलकर ज्यादा पैसे कमाने के लिए नवंबर 2024 में वेबसाइट के जरिए फॉर्म निकाले। वहीं अपने दलालों के माध्यम से फॉर्म अप्लाई करवाए। इसके लिए कुल 960 फॉर्म अलग-अलग श्रेणी के पदों के लिए भरे गए थे। जिसमें से 500 युवाओं का एग्जाम लिया और 25 युवाओं को सरकारी नौकरी के नाम पर 2-4 लाख रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से लिए। गांव-गांव जाकर लोगों से रुपए ऐंठते थे
उन्होंने बताया कि दलालों के माध्यम से जो युवा इनके पास आए थे, उनको हरियाणा सरकार की कुछ योजनाओं की ट्रेनिंग दी। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना, लड़की सम्मान योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और प्रधानमंत्री शादी शगुन योजना का प्रचार करने के लिए कहा। इन योजनाओं नाम पर गांवों में जाकर जो गरीब लोग हैं, उनकी पर्ची काटें। जिसके बदले उन लोगों से डेढ़-दो हजार रुपए लें। भर्ती किए हुए युवाओं ने गांवों में जाकर लोगों ने क्लेक्शन किया। उसके पश्चात एक स्लीप काटकर दी जाती थी। 50 लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी
साइबर क्राइम थाना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि वे अब तक 50 लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर डेढ़-दो करोड़ रुपए धोखाधड़ी कर चुके हैं। आरोपी जिनको नौकरी लगाते थे, उन्हें सेलरी भी देते और पे-स्लीप भी देते थे। फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और फर्जी आईकार्ड बनाकर दिए। इसमें मुख्य आरोपी बलजीत गिरफ्तार हो चुका है। वहीं गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने का भी प्रयास किया जाएगा। हरियाणा के भिवानी जिले में पुलिस ने एक ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह नकली भर्ती कर ठगी करने की वारदात को अंजाम दिया था। गिरोह ने करीब 25-26 युवाओं को अपना शिकार बनाया और उनसे नौकरी लगाने के नाम पर डेढ़-दो करोड़ रुपए ठगे गए थे। पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह नौकरी देने के बाद युवाओं को गांव-गांव जाकर सरकारी योजनाओं के नाम पर लोगों से रुपए ठगने का काम करता था। इसके लिए भिवानी, जींद और यमुनानगर में अपने ऑफिस बनाएं। पुलिस ने आरोपियों से एक लाख 57 हजार रुपए नकद, खाते में एक लाख 21 लाख फ्रीज करवाए, 2 चांदी के सिक्के, दो अंगूठियां, 13 मोबाइल, 11 पासबुक, 43 रजिस्टर और 8 पेमेंट स्लीप आदि बरामद हुए हैं। पीड़ित ने दी शिकायत
साइबर क्राइम थाना प्रभारी विकास ने बताया कि गांव जाटू लोहारी निवासी नीरज की शिकायत मिली थी। जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने कुछ समय पहले शगुन ग्रामीण हेल्थ डोट कॉम पर नौकरी के लिए जानकार के माध्यम से अप्लाई किया था। इसके बाद नीरज का वेबसाइट के माध्यम से एडमिट कार्ड प्राप्त हुआ। वहीं एग्जाम भी लिया गया। जिसके बाद नौकरी लगवाने के नाम पर इनसे 7 लाख रुपए ठग लिए। जिसमें केस दर्ज करके जांच की। 5 लोगों को किया गिरफ्तार
पुलिस जांच में सामने आया कि शगुन ग्रामीण हेल्थ डोट कॉम एक फर्म के साथ कनेक्ट है। शगुन ग्रामीण हेल्थ एंड फैमिली काउंसिल जो चंडीगढ़ में रजिस्टर्ड है। यह फर्म अपने आप को एक गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन बताकर चलती है। वहीं स्टाफ की भर्ती करती है और सरकारी नौकरी के नाम पर अलग-अलग लोगों से दलालों के माध्यम से नौकरी में लगवाया जाता है। उनसे मोटा पैसा कमाया जाता है। इस फर्म के डायरेक्टर भिवानी के गांव बड़ेसरा निवासी रीतू और बलजीत हैं। इनको 2 मार्च को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार करके न्यायालय से 5 दिन का रिमांड लिया। वहीं रिमांड के दौरान फर्म के तीसरे डायरेक्टर हिसार के गांव सरसाना निवासी संजय को गिरफ्तार किया। इसके अलावा शुक्रवार को अन्य दो आरोपियों चंडीगढ़ निवासी गुलशन और जींद निवासी बलकरा को गिरफ्तार किया। हिसार में करवाया एग्जाम
साइबर क्राइम थाना प्रभारी विकास ने बताया कि आरोपी हरियाणा के अलग-अलग जिलों में ऑपरेट करते हैं और अपने दलालों के माध्यम से काम करते हैं। वेबसाइट के माध्यम से सरकारी नौकरी बताकर फॉर्म निकालते हैं। जिसमें एरिया इंस्पेक्टर, एमटीएस और ड्राइवर आदि के पदों पर नौकरी निकालते थे। वहीं एग्जाम के लिए हिसार के एक कॉलेज को हायर किया। वहीं फेक तरीके से रिजल्ट निकाला और चंडीगढ़ में फर्जी इंटरव्यू भी करवाए। 960 ने भरा फॉर्म, 500 ने दिया एग्जाम
उन्होंने बताया कि आरोपी बलजीत ने अपने साथियों के साथ मिलकर ज्यादा पैसे कमाने के लिए नवंबर 2024 में वेबसाइट के जरिए फॉर्म निकाले। वहीं अपने दलालों के माध्यम से फॉर्म अप्लाई करवाए। इसके लिए कुल 960 फॉर्म अलग-अलग श्रेणी के पदों के लिए भरे गए थे। जिसमें से 500 युवाओं का एग्जाम लिया और 25 युवाओं को सरकारी नौकरी के नाम पर 2-4 लाख रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से लिए। गांव-गांव जाकर लोगों से रुपए ऐंठते थे
उन्होंने बताया कि दलालों के माध्यम से जो युवा इनके पास आए थे, उनको हरियाणा सरकार की कुछ योजनाओं की ट्रेनिंग दी। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना, लड़की सम्मान योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना और प्रधानमंत्री शादी शगुन योजना का प्रचार करने के लिए कहा। इन योजनाओं नाम पर गांवों में जाकर जो गरीब लोग हैं, उनकी पर्ची काटें। जिसके बदले उन लोगों से डेढ़-दो हजार रुपए लें। भर्ती किए हुए युवाओं ने गांवों में जाकर लोगों ने क्लेक्शन किया। उसके पश्चात एक स्लीप काटकर दी जाती थी। 50 लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी
साइबर क्राइम थाना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि वे अब तक 50 लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर डेढ़-दो करोड़ रुपए धोखाधड़ी कर चुके हैं। आरोपी जिनको नौकरी लगाते थे, उन्हें सेलरी भी देते और पे-स्लीप भी देते थे। फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और फर्जी आईकार्ड बनाकर दिए। इसमें मुख्य आरोपी बलजीत गिरफ्तार हो चुका है। वहीं गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने का भी प्रयास किया जाएगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर