हरियाणा के भिवानी जिले में एक दर्दनाक घटना ने पारिवारिक विवाद को सामने ला दिया। शुक्रवार देर रात को एक ट्रैक्टर की टक्कर से 12 वर्षीय आशीष की मौत हो गई। मृतक की मां मुकेश देवी और पिता राजेश के बीच शव को लेकर विवाद खड़ा हो गया। 11 साल से बच्चों समेत मायके में रह रही थी महिला जानकारी के अनुसार गांव हरिपुर की मुकेश देवी ने बताया कि वह मूल रूप से गांव सिवाड़ा की रहने वाली है। करीब 15 साल पहले उनकी शादी रोहतक के राजेश से हुई थी। शादी से दो बेटे मंगतू और आशीष हुए। पति से वैवाहिक विवाद के चलते वह करीब 11 साल पहले अपने दोनों बच्चों के साथ मायके चली गई थी। बाद में वह गांव हरिपुर में रहने लगी, जहां मजदूरी करके अपने बच्चों का पालन-पोषण कर रही थी। पिता ने शव पर जताया अपना अधिकार शुक्रवार रात को गांव में ट्रैक्टर की टक्कर से उसके 12 साल के बेटे आशीष की मौत हो गई थी। दुर्घटना के बाद जब आशीष को भिवानी के सामान्य अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस बीच 11 साल बाद अचानक पहुंचे पिता राजेश ने शव पर अपना अधिकार जताया, जिसका मां ने विरोध किया। अस्पताल परिसर में परिजनों का विलाप जारी रहा। लंबे विवाद के बाद गांव के लोगों और पंचायत की मध्यस्थता से मामला सुलझा और शव पिता को सौंपने का फैसला किया गया, पुलिस मामले की जांच में जुटी है। हरियाणा के भिवानी जिले में एक दर्दनाक घटना ने पारिवारिक विवाद को सामने ला दिया। शुक्रवार देर रात को एक ट्रैक्टर की टक्कर से 12 वर्षीय आशीष की मौत हो गई। मृतक की मां मुकेश देवी और पिता राजेश के बीच शव को लेकर विवाद खड़ा हो गया। 11 साल से बच्चों समेत मायके में रह रही थी महिला जानकारी के अनुसार गांव हरिपुर की मुकेश देवी ने बताया कि वह मूल रूप से गांव सिवाड़ा की रहने वाली है। करीब 15 साल पहले उनकी शादी रोहतक के राजेश से हुई थी। शादी से दो बेटे मंगतू और आशीष हुए। पति से वैवाहिक विवाद के चलते वह करीब 11 साल पहले अपने दोनों बच्चों के साथ मायके चली गई थी। बाद में वह गांव हरिपुर में रहने लगी, जहां मजदूरी करके अपने बच्चों का पालन-पोषण कर रही थी। पिता ने शव पर जताया अपना अधिकार शुक्रवार रात को गांव में ट्रैक्टर की टक्कर से उसके 12 साल के बेटे आशीष की मौत हो गई थी। दुर्घटना के बाद जब आशीष को भिवानी के सामान्य अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस बीच 11 साल बाद अचानक पहुंचे पिता राजेश ने शव पर अपना अधिकार जताया, जिसका मां ने विरोध किया। अस्पताल परिसर में परिजनों का विलाप जारी रहा। लंबे विवाद के बाद गांव के लोगों और पंचायत की मध्यस्थता से मामला सुलझा और शव पिता को सौंपने का फैसला किया गया, पुलिस मामले की जांच में जुटी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सिरसा में हुड्डा का भाजपा सरकार पर अटैक:बोले- कांग्रेस के काम गिनवाकर वोट मांग रहे सीएम; लोगों ने पकड़ा झूठ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा शुक्रवार को सिरसा में कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे। हुड्डा ने भाजपा पर अटैक करते हुए कहा कि 10 साल से सत्ता में बैठी बीजेपी के पास गिनवाने लायक एक भी काम नहीं है। अपने कामों का हिसाब देने की बजाय बीजेपी के मुख्यंमत्री अपनी रैलियों में कांग्रेस के काम गिनवा रहे हैं। जब लोगों ने इस झूठ को पकड़ लिया तो सरकार अधिकारियों पर कार्रवाई कर अपनी खीज निकाल रही है। भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जबकि सच्चाई ये है कि पूरे कार्यकाल में बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के दौरान मंजूर हुई और निर्माणाधीन योजनाओं का फीता काटने के अलावा कोई काम नहीं किया। इसीलिए आज तक बीजेपी ने ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ चार्जशीट में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा शुक्रवार को सिरसा में हुए धन्यवादी कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने पहुंचे थे। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान भी उनके साथ मौजूद रहे। दोनों नेताओं का यहां पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। हुड्डा और उदयभान ने लोकसभा चुनाव में कुमारी सैलजा को बड़े अंतर से जितवाने के लिए सिरसा की जनता का आभार जताया। हालांकि अपने हलके में हुए इस सम्मेलन में सांसद कुमारी सैलजा मौजूद नहीं थी। हुड्डा ने कहा कि 10 साल में भाजपा ने जनता को भय, भ्रष्टाचार, अपराध, नशा, बेरोजगारी और महंगाई के अलावा कुछ नहीं दिया। इसलिए आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता को बीजेपी से 750 किसानों की शहादत, पहलवान बेटियों पर हुए अत्याचार, किसान-कर्मचारी-सरपंच-सफाईकर्मी समेत हर वर्ग पर हुए लाठीचार्ज, युवाओं के साथ हुए भर्ती घोटालों, महिला व दलितों से हुई वारदातों, व्यापारी को मिली फिरौती की धमकियों का बदला लेना है। उन्होंने कहा कि गरीब मजदूरों पर पड़ी महंगाई व मंदी की मार का बदला लेना है। लोकसभा के नतीजों से भी स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश से बीजेपी की विदाई तय है और कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। इसलिए पार्टी अभी से प्रदेश की जनता के बीच अपनी योजनाओं का रोडमैप लेकर पहुंच रही है।
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न्यू इंडस्ट्री टाउन के तहत आने वाले 1 नंबर, 2 नंबर, 3 नंबर, 4 नंबर व 5 नंबर में सिविल लाइन काफी पुरानी थी। इस एरिया में लोगों की आबादी बढ़ने लगी, जिसका बोझ यहां डाली गई सीवर लाइन उठा नहीं पा रही थी। इस क्षेत्र में सीवर लाइन नई डालने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मंजूरी मिली। जून 22 में इसकी DPR तैयार की गई। इसके बाद इसका वर्क ऑर्डर जारी किया गया। इसके लिए 4 एजेंसियों ने आवेदन किया था, जिनमें से 3 योग्य थी। अधिकारियों ने चौथी एजेंसी को भी योग्य घोषित कर दिया, जिससे टेंडर लटक गया। फिर कुछ महीने बाद CM बदल गए और फिर लोकसभा आ गए। लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद बड़खल की विधायक सीमा त्रिखा ने ड्रेनेज सिस्टम परियोजना के टेंडर के बारे में जानकारी जुटाई तो अधिकारी उन्हें गुमराह कर रहे थे। उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की। तब पाया कि टेंडर पर काम शुरू ही नहीं हुआ। इसके बाद दोनों अधिकारियों पर गाज गिरी। सीमा त्रिखा ने क्या कहा
मैं अपने क्षेत्र के विकास के प्रति प्रतिबद्ध हूं। स्थानीय निकाय मंत्री ने जो आदेश दिया, वह सही है। किसी को जनता के हितों के से खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है। मैंने सीएम से ड्रेनेज सिस्टम शुरू करने के लिए 31 अगस्त को निमंत्रण दिया था। अब यह काम सिरे चढ़ने जा रहा है। वहीं, नगर निगम आयुक्त ए मोना श्रीनिवास ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। किस स्तर पर मामले में गड़बड़ी हुई है, वह पता लगाया जा रहा है।
हरियाणा में आलसी अफसरों पर गाज गिरेगी:जबरन रिटायरमेंट की तैयारी; ACR में 7 बार गुड मिलने वाले ही बचेंगे, विभागों से मंगाया डाटा
हरियाणा में आलसी अफसरों पर गाज गिरेगी:जबरन रिटायरमेंट की तैयारी; ACR में 7 बार गुड मिलने वाले ही बचेंगे, विभागों से मंगाया डाटा हरियाणा में आलसी और लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर सरकार सख्त हो गई है। सरकार ऐसे कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार ने 25 साल नौकरी कर चुके 50-55 साल की उम्र के अधिकारियों और कर्मचारियों का डाटा मांगा है। साथ ही सरकार ने पिछले तीन सालों में समय से पहले रिटायर किए गए सभी कर्मचारियों का ब्योरा भी तलब किया है। इसको लेकर मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों से रिकॉर्ड मांगा गया है। सीएम के आदेश में बताया गया है कि 1 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2024 तक 50 से 55 साल की उम्र के कितने कर्मचारियों को समय से पहले रिटायरमेंट दिया गया है। आदेश में दिया गया प्रोफार्मा मुख्य सचिव की ओर से भेजे गए आदेश में एक प्रोफार्मा दिया गया है। इसमें विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों और उपायुक्तों को सेवानिवृत्त कर्मचारी का नाम और पदनाम बताना होगा, साथ ही यह भी बताना होगा कि उनके मामलों की समीक्षा किस तारीख को की गई। साथ ही यह भी बताना होगा कि किस तारीख को प्राधिकारी ने मामले में अंतिम निर्णय लिया। निर्णय में संबंधित कर्मचारी की सेवाएं जारी रखी गईं या उसे समय से पहले सेवानिवृत्ति दे दी गई। मनोहर लाल खट्टर बना गए पॉलिसी दरअसल, संतोषजनक कार्य नहीं करने वाले 50-55 वर्ष के अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने वर्ष 2019 में पॉलिसी में बदलाव किया था। संशोधित नीति के अनुसार पिछले दस साल के सेवाकाल में एसीआर में कम से कम सात बार अच्छा या बहुत अच्छा की टिप्पणी होने पर ही काम को संतोषजनक माना जाएगा। इससे कम स्कोर वाले 25 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी व अफसर को रिटायरमेंट देने का प्रावधान है। एसीआर में सात बार गुड मिलने वाले ही बचेंगे हरियाणा में ग्रुप ए और बी कैटेगरी के 50 साल से अधिक उम्र वाले अफसरों और ग्रुप सी में 55 साल की आयु वाले कर्मचारियों के काम- काज की समीक्षा की जिम्मेदारी विभागाध्यक्षों को दी गई है। 10 साल की समीक्षा में अगर किसी कर्मचारी की एसीआर में सात बार गुड या वेरी गुड से कम टिप्पणी मिली तो उसे रिटायर कर दिया जाएगा। अपीलेट कमेटी का गठन होगा हरियाणा जरूरी रिटायरमेंट के मामलों में समीक्षा के लिए अब सभी विभागों और बोर्ड-निगमों में कमेटियां बनाई जाएंगी। एक अपीलेट कमेटी का गठन किया जाएगा, जहां जबरन सेवानिवृत्त किए जाने वाले कर्मचारी अपनी बात रख सकेंगे। मुख्य सचिव डा. विवेक जोशी सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित कर चुके हैं कि कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के मामलों में समीक्षा के लिए कमेटियां बनाई जानी चाहिए।