हरियाणा के भिवानी जिला में गांव बापोड़ा निवासी एक व्यक्ति ने संदिग्ध परिस्थितियों में गांव के तोशाम रोड़ स्थित एक धर्मशाला में बड़ के पेड़ से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। सदर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर भिवानी सामान्य अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। बीटीएम मिल में करता था काम सदर थाना पुलिस जांच अधिकारी प्रदीप ने बताया कि गांव बापोड़ा निवासी नवीन भिवानी स्थिति बीटीएम मिल में डयूटी करता था। बीती रात वह घर से डयूटी के लिए निकला था। उसके बाद वह घर वापस नहीं आया। परिवार के लोग उसे तलाश करते रहे, लेकिन वह नहीं मिला। काफी तलाश करने के बाद सोमवार सुबह नवीन के परिजनों को सूचना मिली, कि नवीन ने गांव स्थित धर्मशाला में एक बड़ के पेड़ से फांसी लगा रखी है। पुलिस ने परिजनों के हवाले किया शव उन्होंने घटना की सूचना सदर थाना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर परिजन मौके पर पहुंचे, तो नवीन मृत अवस्था में बड़ के पेड़ से लटका हुआ था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सामान्य अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने मृतक के पिता राजबीर के बयान पर इत्फ़ाकिया मौत की कार्रवाई कर दी है। मृतक के पिता ने कहा कि उनके परिवार में नवीन ही काम करने वाला था। परिवार उस पर ही आश्रित था। हरियाणा के भिवानी जिला में गांव बापोड़ा निवासी एक व्यक्ति ने संदिग्ध परिस्थितियों में गांव के तोशाम रोड़ स्थित एक धर्मशाला में बड़ के पेड़ से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। सदर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर भिवानी सामान्य अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। बीटीएम मिल में करता था काम सदर थाना पुलिस जांच अधिकारी प्रदीप ने बताया कि गांव बापोड़ा निवासी नवीन भिवानी स्थिति बीटीएम मिल में डयूटी करता था। बीती रात वह घर से डयूटी के लिए निकला था। उसके बाद वह घर वापस नहीं आया। परिवार के लोग उसे तलाश करते रहे, लेकिन वह नहीं मिला। काफी तलाश करने के बाद सोमवार सुबह नवीन के परिजनों को सूचना मिली, कि नवीन ने गांव स्थित धर्मशाला में एक बड़ के पेड़ से फांसी लगा रखी है। पुलिस ने परिजनों के हवाले किया शव उन्होंने घटना की सूचना सदर थाना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर परिजन मौके पर पहुंचे, तो नवीन मृत अवस्था में बड़ के पेड़ से लटका हुआ था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सामान्य अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने मृतक के पिता राजबीर के बयान पर इत्फ़ाकिया मौत की कार्रवाई कर दी है। मृतक के पिता ने कहा कि उनके परिवार में नवीन ही काम करने वाला था। परिवार उस पर ही आश्रित था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
राव इंद्रजीत की प्रेशर पॉलिटिक्स का राज क्या?:हरियाणा में बेटी को मंत्रीपद, अपनी प्रमोशन या CM दावेदारी; 15 MLA के समर्थन का दावा कर चुके
राव इंद्रजीत की प्रेशर पॉलिटिक्स का राज क्या?:हरियाणा में बेटी को मंत्रीपद, अपनी प्रमोशन या CM दावेदारी; 15 MLA के समर्थन का दावा कर चुके हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाने वाली BJP के भीतर अहीरवाल बेल्ट में सबसे ज्यादा राजनीति गर्माई हुई है। यहां से पार्टी को 11 में से 10 सीटों पर जीत मिली है। सरकार बनाने में इस इलाके का अहम रोल होने के कारण यहां के कद्दावर नेता और केंद्र सरकार में राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह प्रेशर पॉलिटिक्स की राह पर चल पड़े हैं। रिजल्ट आने के बाद से ही राव इंद्रजीत सिंह पूरी तरह एक्टिव है और चुनाव जीते 9 MLA उनसे मुलाकात कर चुके हैं। राव इंद्रजीत सिंह से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, उनके संपर्क में 15 से ज्यादा MLA है। ऐसे में राव इंद्रजीत सिंह किस बड़ी मंशा को लेकर चल रहे हैं, इसको लेकर खूब चर्चा हो रही है। सियासी माहिरों की मानें तो राव इस पूरे दांव से क्या साधना चाहते हैं, उसकी ये 5 वजहें हो सकती हैं…. 1. बेटी को हरियाणा में मंत्रीपद
राव इंद्रजीत सिंह ने इस बार अपने पसंद से अहीरवाल की 11 में से 9 सीटों पर उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाया, जिनमें सभी चुनाव जीत गए। इनमें अटेली सीट से उनकी बेटी आरती राव भी शामिल है। आरती राव का ये पहला ही चुनाव था। उन्हें कड़े मुकाबले में जीत मिली है। राव इंद्रजीत सिंह बेटी आरती राव को नई सरकार में मंत्री बनाकर इलाके में अपनी पकड़ को और मजबूत करने की कोशिश कर सकते हैं। 2. अपने समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह
BJP अहीरवाल बेल्ट को इस बार 2 कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री का पद दे सकती है। राव इंद्रजीत सिंह की कोशिश अपने समर्थक विधायकों को ही इन पदों पर एडजस्ट करने की है। इनमें पटौदी से चुनाव जीती बिमला चौधरी के अलावा लक्ष्मण यादव, ओपी यादव को मंत्री बनाया जा सकता है। बिमला चौधरी किसी वजह से मंत्री नहीं बन पाई तो बावल से चुनाव जीते डॉ. कृष्ण कुमार को विकल्प के रूप में मंत्रीपद दिलवा सकते है। 3. राव नरबीर को मंत्री बनने से रोकना
अहीरवाल की बादशाहपुर सीट पर सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले राव नरबीर सिंह का नाम नए मंत्रिमंडल को लेकर सुर्खियों में है। नरबीर सिंह इस बार अपने खुद के दम पर टिकट लेकर आए और चुनाव भी जीत गए। उन्हें राव इंद्रजीत सिंह का धुर विरोधी माना जाता है। राव इंद्रजीत सिंह नहीं चाहते कि राव नरबीर सिंह सरकार में मंत्री बने। राव इंद्रजीत सिंह खुद गुरुग्राम से सांसद है। अगर राव नरबीर मंत्री बनते है तो राव इंद्रजीत सिंह का वह इलाके में दूसरा बड़ा विकल्प बन सकते है। नरबीर 2014 में भी चुनाव जीतने के बाद मनोहर लाल की कैबिनेट में पावरफुल मंत्री बने थे। हालांकि 2019 के चुनाव में उनकी टिकट कट गई थी। 4. CM पद पर दावा बरकरार रखना
अहीरवाल से मुख्यमंत्री पद की मांग भी लगातार उठ रही है। रेवाड़ी यादव सभा इसकी मांग पहले ही कर चुकी है। हालांकि भाजपा पहले ही नायब सैनी को सीएम चेहरा घोषित कर चुकी है। फिर भी राव भविष्य के लिए दावा मजबूत रखना चाहते हैं। यही वजह है कि राव इंद्रजीत सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान कई बार सीएम पद पर दावा ठोका। रिजल्ट आने के बाद भी राव इंद्रजीत सिंह ने कहा- हमने 10 सीटें जिताकर अपना काम कर दिया। अब हाईकमान को इलाके की संज्ञान लेना चाहिए। 5. केंद्र में राज्यमंत्री की जगह कैबिनेट मंत्री की प्रमोशन
राव इंद्रजीत सिंह ने भाजपा में रहते हुए गुरुग्राम सीट से लगातार तीसरी लोकसभा चुनाव जीता। दोनों बार वह मोदी सरकार में राज्यमंत्री रहे। इस बार जीत के बाद उनके कैबिनेट मंत्री बनने की संभावनाएं थी। लेकिन उन्हें राज्यमंत्री का पद मिला। जिसका दर्द राव इंद्रजीत सिंह खुद बयां कर चुके हैं। वह कह चुके है कि उनसे छोटे नेता को कैबिनेट मंत्री बना दिया और वह आज तक राज्यमंत्री ही रहे, जिससे अहीरवाल इलाके में भी मायूसी हुई। अब विधानसभा चुनाव में इस इलाके से मिली बड़ी जीत के बाद राव इंद्रजीत सिंह केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री की प्रमोशन चाहते हैं। दो सीटों पर प्रचार करने नहीं गए राव इंद्रजीत
भाजपा ने इस बार गुरुग्राम से मुकेश शर्मा, बावल से डॉ. कृष्ण कुमार, पटौदी से बिमला चौधरी, सोहना से तेजपाल तंवर, रेवाड़ी से लक्ष्मण सिंह यादव, अटेली से आरती राव, नारनौल से ओमप्रकाश यादव और महेंद्रगढ़ से कंवर सिंह को राव इंद्रजीत सिंह की पसंद से टिकट दी। जबकि नांगल चौधरी में डॉ. अभय सिंह और बादशाहपुर में राव नरबीर को उनके विरोध के बीच चुनावी मैदान में उतारा। राव नरबीर तो चुनाव जीत गए लेकिन अभय सिंह चुनाव हार गए। इलाके में मजबूत पकड़ होने के कारण राव इंद्रजीत सिंह ने प्रचार की जिम्मेदारी खुद संभाली। हालांकि वह बादशाहपुर और नांगल चौधरी में चुनाव प्रचार करने नहीं गए। अहीरवाल में राव इंद्रजीत सिंह के परिवार की पकड़
अहीरवाल इलाके में राव इंद्रजीत सिंह के परिवार रामपुरा हाउस की पकड़ दशकों से रही है। पहले उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह का इलाके में दबदबा रहा। इसके बाद राव इंद्रजीत सिंह ने पिता के रुतबे को इस इलाके में बनाए रखा। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह एक तरह से अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए अपनी बेटी आरती राव को पूरी तरह एडजस्ट कर चुके है। राव इंद्रजीत सिंह 6 बार सांसद और 4 बाद विधायक बने है। अब उनकी उत्तराधिकारी के रूप में आरती राव इस पूरे इलाके में एक्टिव है।
भिवानी में वृद्धाश्रम में पुलिस की रेड:कमरे में मिला अवैध शराब का भंडार; कुंडी लगा कर भागा युवक, केस दर्ज
भिवानी में वृद्धाश्रम में पुलिस की रेड:कमरे में मिला अवैध शराब का भंडार; कुंडी लगा कर भागा युवक, केस दर्ज हरियाणा में भिवानी जिले में लोहारू थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर एक गांव के वृद्धाश्रम में छापा मार कर अवैध शराब बरामद की है। शराब को बेचने के लिए यहां रखा गया था। पुलिस की रेड देख कर एक युवक ताला लगा कर मौके से फरार हो गया। लोहारू पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि खरकड़ी वृद्धा आश्रम में अवैध रूप से खराब बिक्री का कार्य चल रहा है। यदि तुरंत रेड की जाए तो आरोपी को शराब सहित दबोचा जा सकता है। इसके बाद पुलिस ने खरकडी के सरपंच प्रतिनिधि सुरेंद्र सिह व गांव के चौकीदार धनसिह को साथ लेकर मौके की रेड की। इसी दौरान एक लडका वृद्धा आश्रम की कुंडी लगा कर भाग गया। पुलिस ने इसके बाद कमरे की तलाशी ली। वहां से 19 बोतल माल्टा मस्ती, 29 अध्धे माल्टा मस्ती, 41 पव्वे माल्टा मस्ती, 5 बोतल शाही देशी तथा 11 बोतल अंग्रेजी शराब की बरामद की है। आरोपी मौके से फरार हो गया। जिसके बारे में पता किया गया जिसका नाम सविन कुमार बताया गया है जिसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
फतेहाबाद को मनमोहन सिंह से मिला न्यूक्लियर पावर प्लांट:प्रदेश में कैंसर संस्थान की शुरुआत की, पानीपत को फ्लाईओवर का तोहफा दिया
फतेहाबाद को मनमोहन सिंह से मिला न्यूक्लियर पावर प्लांट:प्रदेश में कैंसर संस्थान की शुरुआत की, पानीपत को फ्लाईओवर का तोहफा दिया डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए हरियाणा को कई बड़ी परियोजनाओं की सौगात दी। उनके कार्यकाल में ही हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनी। इससे हरियाणा को कई बड़ी परियोजनाएं मिलीं, जिनमें गांव गोरखपुर, फतेहाबाद में 2800 मेगावाट का परमाणु ऊर्जा संयंत्र, बाढ़सा में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान और पानीपत में फ्लाईओवर शामिल हैं। इसके अलावा मनमोहन सिंह 19 मई 2007 को बरवाला के खेड़ा में थर्मल पावर प्लांट का शिलान्यास करने आए थे। प्लांट में 600-600 मेगावाट के दो प्लांट बनाए गए। यह प्लांट आज पूरे प्रदेश को बिजली दे रहा है। इसके अलावा वे कई बार राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए हिसार भी आए। चुनाव के दौरान उन्होंने हरियाणा में रैलियां भी कीं। पूर्व प्रधानमंत्री दो बार आए थे हिसार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह दो बार हिसार आए थे। एक बार 2005 में और दूसरी बार 2007 में। उन्होंने हिसार में बरवाला के खेदड़ थर्मल प्लांट की आधारशिला रखी थी। उससे पहले 2005 में उन्होंने शहर के पुराना राजकीय कॉलेज मैदान में पूर्व मंत्री ओपी जिंदल की चुनावी रैली को संबोधित किया था। 2005 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव थे। उस समय हिसार विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री ओमप्रकाश जिंदल चुनाव लड़ रहे थे। कांग्रेस से लड़ते हुए उन्होंने 10 हजार 876 वोटों से जीत दर्ज की थी। उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह चुनाव प्रचार के लिए आए थे। उनकी जनसभा पुराना राजकीय कॉलेज मैदान में हुई थी। उस मंच पर मनमोहन सिंह, ओपी जिंदल, सांसद नवीन जिंदल, जय प्रकाश समेत कई नेता मौजूद थे। ओपी जिंदल के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए पूर्व मंत्री ओपी जिंदल का 31 मार्च 2005 को निधन हो गया था। उसके बाद जिंदल पर एक जीवनी लिखी गई थी, जिसके विमोचन के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आए थे। यह कार्यक्रम 7 अगस्त 2005 को हुआ था। उस समय विधायक सावित्री जिंदल चुनाव लड़ी थीं और विधायक बनी थीं। मनमोहन का जिंदल परिवार से गहरा रिश्ता था।