हरियाणा के भिवानी में बुधवार देर रात को जमकर बारिश हुई। बारिश से शहर जलमग्न हो गया। बारिश का पानी घरों, दुकानों में घुस गया। जिस कारण फर्नीचर, राशन आदि का सामन खराब होने से काफी नुकसान भी हुआ है। बरसाती पानी निकासी प्रबंध धराशाही होते नजर आए। घरों, दुकानों, स्कूल व अन्य संस्थानों में पानी घुसने से मुसीबत बनी हुई हैं। शहर के अनेक हिस्सों में बिजली गुल होने से लोगों को परेशानी हुई। बारिश से उमेश भरी गर्मी से भी आमजन को राहत मिली है तो किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं। भिवानी जिले में बुधवार देर रात करीब एक बजे से बारिश शुरू हुई। यह बारिश करीब एक घंटे तक बारिश हुई। बारिश से शहर के मुख्य मार्ग जलमग्न हो गए तो अनेक क्षेत्रों में घरों व दुकानों में पानी घुस गया। प्रशासन के जल निकासी के नाकाम प्रबंधों ने मुसीबत पैदा कर दी है। शहरी क्षेत्रों में बारिश का पानी जमा होने से लोगों की सामान्य दिनचर्या प्रभावित हुई। स्कूली बच्चों व महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। सर्कुलर रोड पर पानी में रात को रेंगते रहे वाहन भिवानी के सर्कुलर रोड पर पानी जमा होने से वाहन रात को रेंगते नजर आए। दिनोद गेट, बावड़ी गेट, रोहतक गेट, बीटीएम चौक पर सबसे अधिक पानी भरा रहा। जिस कारण यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई। ये कालोनियां हुई जलमग्न शिव नगर कालोनी, जोगी वाला मंदिर, हालू बाजार, घोसियान चौक,विकास नगर, दिनोद पुलिस चौकी, हालू मोहल्ला, हनुमान गेट, जैन चौक आदि में जलभराव होने से लोगों को मुसीबत झेलनी पड़ी। हरियाणा के भिवानी में बुधवार देर रात को जमकर बारिश हुई। बारिश से शहर जलमग्न हो गया। बारिश का पानी घरों, दुकानों में घुस गया। जिस कारण फर्नीचर, राशन आदि का सामन खराब होने से काफी नुकसान भी हुआ है। बरसाती पानी निकासी प्रबंध धराशाही होते नजर आए। घरों, दुकानों, स्कूल व अन्य संस्थानों में पानी घुसने से मुसीबत बनी हुई हैं। शहर के अनेक हिस्सों में बिजली गुल होने से लोगों को परेशानी हुई। बारिश से उमेश भरी गर्मी से भी आमजन को राहत मिली है तो किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं। भिवानी जिले में बुधवार देर रात करीब एक बजे से बारिश शुरू हुई। यह बारिश करीब एक घंटे तक बारिश हुई। बारिश से शहर के मुख्य मार्ग जलमग्न हो गए तो अनेक क्षेत्रों में घरों व दुकानों में पानी घुस गया। प्रशासन के जल निकासी के नाकाम प्रबंधों ने मुसीबत पैदा कर दी है। शहरी क्षेत्रों में बारिश का पानी जमा होने से लोगों की सामान्य दिनचर्या प्रभावित हुई। स्कूली बच्चों व महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। सर्कुलर रोड पर पानी में रात को रेंगते रहे वाहन भिवानी के सर्कुलर रोड पर पानी जमा होने से वाहन रात को रेंगते नजर आए। दिनोद गेट, बावड़ी गेट, रोहतक गेट, बीटीएम चौक पर सबसे अधिक पानी भरा रहा। जिस कारण यातायात व्यवस्था प्रभावित हुई। ये कालोनियां हुई जलमग्न शिव नगर कालोनी, जोगी वाला मंदिर, हालू बाजार, घोसियान चौक,विकास नगर, दिनोद पुलिस चौकी, हालू मोहल्ला, हनुमान गेट, जैन चौक आदि में जलभराव होने से लोगों को मुसीबत झेलनी पड़ी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रोहतक में BJP-SC मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी:सूरजमल किलोई कांग्रेस में होंगे शामिल, कलानौर से रेनू को टिकट देने का विरोध
रोहतक में BJP-SC मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी:सूरजमल किलोई कांग्रेस में होंगे शामिल, कलानौर से रेनू को टिकट देने का विरोध टिकट कटने से नाराज भाजपा के एससी मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष सूरजमल किलोई ने पार्टी छोड़ दी है। अब वे कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे। उन्होंने कलानौर विधानसभा से भाजपा से टिकट के लिए दावेदारी ठोकी थी। लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट देने की बजाय रेनू डाबला को उम्मीदवार बनाया है। जिसके कारण सूरजमल किलोई नाराज थे और टिकट वितरण पर मंथन करने के लिए भी पार्टी आलाकमान को कहा, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। सूरजमल किलोई ने कहा कि वे 2014 में कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा से काफी उम्मीद थी। इसके लिए उन्होंने पिछले करीब 10 साल से कलानौर विधानसभा में काफी मेहनत की और कार्यकर्ताओं को भाजपा के साथ जोड़ा। उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें पूरा मान-सम्मान देगी। लेकिन भाजपा ने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है। अनदेखी के कारण छोड़ी पार्टी
सूरजमल किलोई ने कहा कि भाजपा ने रेनू डाबला को कलानौर से उम्मीदवार बनाकर जीती हुई सीट भी कांग्रेस को दे दी। पार्टी में पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी हुई। जिसके कारण उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है। इसके बाद वे कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे। साथ ही भाजपा के टिकट बंटवारे पर भी सवाल उठाए। मेयर रहने के बाद हारी पार्षद का चुनाव, अब विधानसभा उम्मीदवार बनाया
सूरजमल किलोई ने भाजपा उम्मीदवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह 5 साल तक रोहतक की मेयर रही तो उन पर फर्नीचर घोटाले के आरोप लगे थे। लेकिन वे आरोप लगने के बाद भाजपा में शामिल हो गई। वहीं मेयर रहने के बाद वह खुद पार्षद का चुनाव हार गई। जिस वार्ड से चुनाव हारी वह वार्ड भी कलानौर हल्के में आता है। ऐसे में उसे विधानसभा उम्मीदवार बनाना गलत है। रविदास समाज को नहीं दी टिकट
सूरजमल किलोई ने कहा कि भाजपा को रविदास समाज के उम्मीदवार को टिकट देनी चाहिए थी। लेकिन पार्टी ने उनकी नहीं नहीं सुनी। इसलिए पार्टी को छोड़ने का काम किया है। रविदास समाज के लोगों ने पहले ही घोषणा की थी कि अगर भाजपा उनकी जाति के उम्मीदवार को टिकट देती है तो वे सभी भाजपा को जिताने का काम करेंगे। जबकि कलानौर विधानसभा में रविदास समाज के करीब 48 हजार वोट हैं। इन वोटों को अपनी तरफ करने के लिए भाजपा को रविदास समाज के उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहिए था। लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया।
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 4 लाख फर्जी एडमिशन:स्कॉलरशिप-यूनिफॉर्म के नाम पर सरकारी फंड का मिसयूज किया; CBI ने 3 FIR दर्ज कीं
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 4 लाख फर्जी एडमिशन:स्कॉलरशिप-यूनिफॉर्म के नाम पर सरकारी फंड का मिसयूज किया; CBI ने 3 FIR दर्ज कीं हरियाणा के सरकारी स्कूलों में वर्ष 2014 से 2016 के बीच 4 लाख फर्जी दाखिले करने के मामले में चंडीगढ़ CBI ने अब 3 FIR दर्ज की हैं। छात्रवृति, वर्दी और मिड-डे मील के लिए सरकार से मिलने वाले फंड में गबन के लिए कागजी दाखिले किए गए थे। मामले में सरकारी कर्मी द्वारा गलत दस्तावेज तैयार करने, धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश रचने समेत भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराएं लगाई गई हैं। इससे पहले स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने कई साल तक इसी मामले की जांच कर 7 FIR दर्ज की थीं। इस मामले में 2 बार विजिलेंस की विशेष जांच टीम (SIT) भी बनी। 3 स्तर पर जांच कर रिपोर्ट पेश की, लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट जांच से संतुष्ट नहीं हुआ। हाई कोर्ट ने एक अपील केस में 30 मार्च, 2018 को दर्ज मामले में नवंबर 2019 को फैसला सुनाते हुए जांच CBI को सौंपी थी। कोर्ट ने CBI को 3 महीने में जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। अब करीब 4 साल बाद CBI ने केस दर्ज कर नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। इन मामलों की जांच CBI की ASP सीमा पाहुजा और DSP राजीव गुलाटी को सौंपी गई है। कितने का घोटाला? एक दशक बाद भी आंकड़ा स्पष्ट नहीं
सालों की जांच के बाद भी अभी तक किसी भी FIR में यह स्पष्ट नहीं है कि कुल कितने का वित्तीय घोटाला हुआ है। इतना जरूर कहा गया कि छात्रवृति, वर्दी, मिड-डे मील के लिए मिलने वाले फंड में गबन किया गया। CBI में दर्ज FIR के मुताबिक हरियाणा के विभिन्न जिलों में 4 लाख से अधिक स्टूडेंट का दाखिला दिखाकर वित्तीय गबन किया गया। गबन करने वालों ने इन 4 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स के लिए अध्यापकों की आवश्यकता दिखाई गई थी। इस मामले में शक के दायरे में प्राथमिक शिक्षा विभाग है। पहले विजिलेंस और अब CBI ने भी किसी को नामजद नहीं किया है। अब फिर से संबंधित जिम्मेदारों से पूछताछ हो सकती है। कब खुलासा? गेस्ट टीचर केस में आंकड़ों से खुली परतें
जून 2015 में शिक्षा विभाग ने 719 गेस्ट टीचरों को हटाने का नोटिस जारी किया। गेस्ट टीचर हाईकोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने 6 जुलाई, 2015 को याचिका खारिज कर दी। रिव्यू पिटीशन भी नहीं मानी। सितंबर, 2015 में डबल बेंच में पहुंचे। सरकार को नोटिस जारी हुआ। वहां जवाब में सरकार ने बताया कि सरकारी स्कूलों में छात्र घट गए हैं। कोर्ट ने रिकॉर्ड मांगा तो सामने आया कि 22 लाख बच्चों में 4 लाख के दाखिले फर्जी हैं। कोर्ट ने सरकारी धन की हेराफेरी की आशंका जताते हुए जांच कराने को कहा, जो उस वक्त नहीं कराई। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के ACS को बुलाया। ब्लॉक व जिला स्तर पर जांच हुई, कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ तो विजिलेंस को सौंपी। कैसे बढ़ती गई जांच? दो बार SIT गठित, जिलों में टीमें बनीं
गुरुग्राम विजिलेंस के SP हामिद अख्तर, विजिलेंस ब्यूरो पंचकूला मुख्यालय की IG चारू बाली ने जांच की। फिर SIT बनी। रोहतक, हिसार, गुरुग्राम रेंज के स्कूलों में जांच के बाद मार्च-अप्रैल 2018 में 7 FIR दर्ज हुईं। गुरुग्राम के 10 स्कूलों में सामने आया कि 5,298 बच्चों का दाखिला था, लेकिन वार्षिक परीक्षा में 4232 ही बैठे। मार्च 2019 में नए सिरे से SIT बनाने की अनुमति मांगी गई। फिर 200 विजिलेंस कर्मियों ने 12,924 स्कूलों में प्रोफार्मा के जरिये डेटा मिलान किया। करनाल, पानीपत व जींद में 50,687 बच्चे नहीं मिले। अम्बाला में फर्जी दाखिले मिले। हिसार, भिवानी, सिरसा व फतेहाबाद जिलों में 5,735 बच्चे अनुपस्थित मिले। रोहतक, सोनीपत व झज्जर में सब कुछ ठीक मिला। क्यों जांच मुश्किल? छात्रों के पते अधूरे थे, दस्तावेजों में एंट्री नहीं
हैरान करने वाली बात थी कि गैर-हाजिरी के चलते नाम न काटने का नियम था। ऐसे में शैक्षणिक सत्र में छात्रों की संख्या में इतना बड़ा अंतर आना सहज नहीं था। ट्रांसफर/स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट और ड्रॉपआउट केसों को लेकर स्कूल के रिकॉर्ड में एंट्री होनी चाहिए थी। कई स्कूलों में बच्चों की गैर-मौजूदगी के चलते उनका नाम काट देना बताया गया, जबकि स्कूल से नाम न काटने की पॉलिसी थी। वहीं स्टूडेंट्स के पते भी अधूरे पाए गए थे।
नूंह में गड्ढे में डूबने से बच्चे की मौत:बारिश के पानी से लबालब था; बहन-भाइयों संग नहाने गया था, मिट्टी में फंसा
नूंह में गड्ढे में डूबने से बच्चे की मौत:बारिश के पानी से लबालब था; बहन-भाइयों संग नहाने गया था, मिट्टी में फंसा हरियाणा के नूंह जिले के पिनगवां कस्बे में ईदगाह के समीप शुक्रवार को एक सात वर्षीय बच्चे की पानी में डूबने से मौत हो गई। बच्चे की पहचान जावेद पुत्र सलीम निवासी पिनगवां के रूप में हुई है। सात साल का मासूम सुबह करीब नौ बजे घर से थोड़ी दूर अपने बहन भाइयों के साथ खेलने गया था। जहां पर वह गड्ढे में भरे हुए पानी में नहाने के लिए कूद गया। गड्ढे की गहराई करीब आठ फीट बताई जा रही है। बच्चा इसमें डूब गया। गड्ढे में बरसाती पानी भरा हुआ था। जानकारी के अनुसार पिनगवां के वार्ड 11 का रहने वाला 7 साल का जावेद शुक्रवार को बारिश बंद होने के बाद अपने बहन भाइयों के संग घर से थोड़ी दूर खेलने के लिए गया था। खेलते खेलते जावेद अपनी चप्पल उतारकर वह करीब 8 फीट गहरे गड्ढे में नहाने के लिए कूद गया। इसमें बारिश का पानी भरा हुआ था। बताया जा रहा है कि मृतक जावेद गड्ढे में धंस गया और ऊपर न आ सका। मृतक जावेद के बहन भाई घबराकर घर पहुंचे तो उन्होंने अपने माता पिता को जावेद के पानी में डूबने की खबर दी। जिसके बाद लोगों की मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। दर्जन भर लोग जावेद को तलाश करने के लिए गड्ढे में कूद गए। काफी मशक्कत के बाद एक युवक का पैर जावेद के शरीर के टच हुआ। इसके बाद बच्चे को बाहर निकाला, लेकिन बच्चा तब तक मर चुका था। बताते हैं कि जैसे ही बच्चा गड्ढे में कूदा तो वह गहरे पानी में डूब गया और ऊपर से मिट्टी की ढाह उसके ऊपर टूट कर गिर गई। इससे वह उसके नीचे दब गया और उपर नहीं आ सका। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को बाहर निकाला तब तक बच्चे की मौत हो गई।