भेड़िया…गोद से बच्चे खींच ले जाता है:बहराइच में खौफ में जी रहे 25 गांव, बोले- बेटी को उठा ले गया, सिर्फ आधा धड़ मिला

भेड़िया…गोद से बच्चे खींच ले जाता है:बहराइच में खौफ में जी रहे 25 गांव, बोले- बेटी को उठा ले गया, सिर्फ आधा धड़ मिला

दादी और उसके दो जवान बेटों के बीच 8 साल की पोती खुशबू सो रही थी। रात करीब 11 बजे आदमखोर भेड़िए ने चुपके से हमला किया। पलक झपकते ही खुशबू को दबोच कर भाग गया। परिवार के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले वह आंखों से ओझल हो चुका था। रात भर पूरा गांव बच्ची की तलाश करता रहा। सुबह 1 किलोमीटर दूर लाश मिली। उसके शरीर का करीब 60 फीसदी हिस्सा भेड़िया खा गया था। घटना 21 अगस्त की रात बहराइच जिले के हरदी इलाके के बस्ती गडरिया गांव की है। वन विभाग पहले ये मानने को राजी नहीं था कि यह सब भेड़िए ने किया है। 50 हजार आबादी 45 दिन से आदमखोर भेड़ियों के खौफ में जी रही
बहराइच की महसी तहसील के हरदी इलाके में 25 गांव हैं, जहां 50 हजार की आबादी है। ये लोग 45 दिन से आदमखोर भेड़ियों के खौफ में जी रहे हैं। खुशबू से पहले आदमखोर भेड़िए 4 बच्चों को शिकार बना चुके हैं। 35 से ज्यादा लोग हमले में घायल हुए हैं। रात को बिजली गुल होते ही लोग सहम जाते हैं। भेड़ियों का सॉफ्ट टारगेट बच्चे हैं। भेड़िए घात लगाकर हमला कर रहे हैं। रात के अंधेरे में मां की गोद से बच्चों को खींच ले जाते हैं। लोगों में इस कदर खौफ है कि वे बच्चों को अकेला नहीं छोड़ रहे। गांव वाले टोली बनाकर पहरा दे रहे हैं। वन विभाग ने कैमरे लगाए हैं। ड्रोन से निगरानी हो रही है, लेकिन शातिर भेड़िए बच्चों को शिकार बना रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने खौफ में जी रहे इस पूरे इलाके के लोगों के बीच जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की। उनसे हालात की जानकारी ली। हम सबसे पहले जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर हरदी इलाके के भटौली गांव पहुंचे। यहीं बुधवार रात भेड़िया खुशबू को उठा ले गया था। घर पर मौजूद खुशबू की दादी ने बताया, वह बुधवार रात घर के बरामदे में पोती के साथ चारपाई पर सो रही थीं। भेड़िया खुशबू को उठा ले गया। चीख सुनकर परिवार के लोग और ग्रामीण उसके पीछे भागे, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। चाचा बोले- अधिकारियों को इन हालात में जीना पड़े तो पता चले
खुशबू की मौत से उसके चाचा किशन गमजदा और गुस्से में नजर आए। किशन ने वन विभाग के अधिकारियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो भेड़िए के हमले की बात को ही नकार दिया। वन विभाग की टीम ने कहा, ये किसी इंसान का किया-धरा है। किशन इतना नाराज दिखे कि कहने लगे- वन विभाग के किसी अधिकारी को इन हालात में गुजारा करना पड़े या उनके बच्चे को भेड़िया ले जाए, तो पता चलेगा। भटौली के बाद हम इलाके के कुलैला गांव पहुंचे। यहां से 16 अगस्त को सिद्धू के 8 साल के बेटे किशन को भेड़िया उठा ले गया था। सिद्धू के घर में चौखट लगी हुई है, लेकिन कमरों में दरवाजा नहीं है। मौके पर मिली किशन की मां शीला ने बताया, वह कमरे में बेटे के साथ लेटी थीं। तभी भेड़िया बेटे को उठा ले गया। रात में बहुत प्रयास के बाद भी कुछ पता नहीं चल सका। सुबह घर से 2 किलोमीटर दूर गन्ने के खेत में उसका शव मिला। दहशत में लोग सो नहीं पा रहे
इस पूरे इलाके में भेड़ियों का आतंक इस कदर है कि लोग रात-रातभर सो नहीं पा रहे। कोलेला गांव के रहने वाले ग्रामीण राम खेलावन बताते हैं, भेड़िए की दहशत की वजह से लोग रात में पहरा दे रहे हैं। कोलेला से निकलकर भास्कर की टीम वहां से 7 किलोमीटर दूर मक्कापुरवा में रहने वाले अली अहमद के घर पहुंची। 17 जुलाई को यहां भेड़िए के हमले में 1 साल के बच्चे की जान चली गई थी। अली अहमद बताते हैं, पूरा परिवार साथ लेटा था। अचानक भेड़िए ने हमला किया और मां की गोद से बच्चे को ले गया। वह बताते हैं, गांव में गन्ने के खेत में अभी भी भेड़िया दिखते हैं। देर रात तक जागकर लोग पहरा दे रहे हैं। बिजली गुल होने से काफी दिक्कत होती है। अली अहमद ने बताया, वन विभाग ने पांच लाख की मुआवजा राशि दी है। ग्रामीणों का कहना है, इलाके में भेड़ियों का झुंड है जो अलग-अलग स्थानों पर हमले कर रहा है। लगातार भेड़ियों के हमले और बच्चों की मौत को लेकर मुख्य वन संरक्षक मध्य जोन रेणु सिंह ने भी प्रभावित गांवों का दौरा किया। तीन भेड़िए पकड़े जा चुके
18 अगस्त, 2024 को हरदी इलाके के सिसैया चूड़ामणि में लगाए गए पिंजरे में भेड़िया कैद होने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। अब तक 3 भेड़िए पकड़े जा चुके हैं। कुलैला गांव में एक नर भेड़िया पिंजरे में कैद हुआ था। उससे पहले एक मादा भेड़िया भी पिंजरे में कैद हुई थी। मक्का पुरवा और कुलैला कछार में 4 पिंजरे लगाए गए हैं। DFO अजीत सिंह ने बताया, मादा भेड़िया पिंजरे में कैद हुई है। इलाके से 3 भेड़िए पकड़े जा चुके हैं। और भी भेड़िए हो सकते हैं। वन विभाग की ओर से लगातार कॉम्बिंग की जा रही है। यह खबर भी पढ़ें घर में सो रही मासूम को दबोच ले गया भेड़िया, सुबह मिला शव बहराइच के हरदी इलाके में आदमखोर भेड़ियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते डेढ़ माह में भेड़ियों के हमले में पांच मासूमों की जान जा चुकी है। वन विभाग की ओर से लगातार कॉम्बिंग की जा रही है। बीते पंद्रह दिनों में तीन भेड़िए पकड़े भी जा चुके हैं। उसके बाद भी इनके हमले रुक नहीं रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर दादी और उसके दो जवान बेटों के बीच 8 साल की पोती खुशबू सो रही थी। रात करीब 11 बजे आदमखोर भेड़िए ने चुपके से हमला किया। पलक झपकते ही खुशबू को दबोच कर भाग गया। परिवार के लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले वह आंखों से ओझल हो चुका था। रात भर पूरा गांव बच्ची की तलाश करता रहा। सुबह 1 किलोमीटर दूर लाश मिली। उसके शरीर का करीब 60 फीसदी हिस्सा भेड़िया खा गया था। घटना 21 अगस्त की रात बहराइच जिले के हरदी इलाके के बस्ती गडरिया गांव की है। वन विभाग पहले ये मानने को राजी नहीं था कि यह सब भेड़िए ने किया है। 50 हजार आबादी 45 दिन से आदमखोर भेड़ियों के खौफ में जी रही
बहराइच की महसी तहसील के हरदी इलाके में 25 गांव हैं, जहां 50 हजार की आबादी है। ये लोग 45 दिन से आदमखोर भेड़ियों के खौफ में जी रहे हैं। खुशबू से पहले आदमखोर भेड़िए 4 बच्चों को शिकार बना चुके हैं। 35 से ज्यादा लोग हमले में घायल हुए हैं। रात को बिजली गुल होते ही लोग सहम जाते हैं। भेड़ियों का सॉफ्ट टारगेट बच्चे हैं। भेड़िए घात लगाकर हमला कर रहे हैं। रात के अंधेरे में मां की गोद से बच्चों को खींच ले जाते हैं। लोगों में इस कदर खौफ है कि वे बच्चों को अकेला नहीं छोड़ रहे। गांव वाले टोली बनाकर पहरा दे रहे हैं। वन विभाग ने कैमरे लगाए हैं। ड्रोन से निगरानी हो रही है, लेकिन शातिर भेड़िए बच्चों को शिकार बना रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने खौफ में जी रहे इस पूरे इलाके के लोगों के बीच जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की। उनसे हालात की जानकारी ली। हम सबसे पहले जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर हरदी इलाके के भटौली गांव पहुंचे। यहीं बुधवार रात भेड़िया खुशबू को उठा ले गया था। घर पर मौजूद खुशबू की दादी ने बताया, वह बुधवार रात घर के बरामदे में पोती के साथ चारपाई पर सो रही थीं। भेड़िया खुशबू को उठा ले गया। चीख सुनकर परिवार के लोग और ग्रामीण उसके पीछे भागे, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। चाचा बोले- अधिकारियों को इन हालात में जीना पड़े तो पता चले
खुशबू की मौत से उसके चाचा किशन गमजदा और गुस्से में नजर आए। किशन ने वन विभाग के अधिकारियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो भेड़िए के हमले की बात को ही नकार दिया। वन विभाग की टीम ने कहा, ये किसी इंसान का किया-धरा है। किशन इतना नाराज दिखे कि कहने लगे- वन विभाग के किसी अधिकारी को इन हालात में गुजारा करना पड़े या उनके बच्चे को भेड़िया ले जाए, तो पता चलेगा। भटौली के बाद हम इलाके के कुलैला गांव पहुंचे। यहां से 16 अगस्त को सिद्धू के 8 साल के बेटे किशन को भेड़िया उठा ले गया था। सिद्धू के घर में चौखट लगी हुई है, लेकिन कमरों में दरवाजा नहीं है। मौके पर मिली किशन की मां शीला ने बताया, वह कमरे में बेटे के साथ लेटी थीं। तभी भेड़िया बेटे को उठा ले गया। रात में बहुत प्रयास के बाद भी कुछ पता नहीं चल सका। सुबह घर से 2 किलोमीटर दूर गन्ने के खेत में उसका शव मिला। दहशत में लोग सो नहीं पा रहे
इस पूरे इलाके में भेड़ियों का आतंक इस कदर है कि लोग रात-रातभर सो नहीं पा रहे। कोलेला गांव के रहने वाले ग्रामीण राम खेलावन बताते हैं, भेड़िए की दहशत की वजह से लोग रात में पहरा दे रहे हैं। कोलेला से निकलकर भास्कर की टीम वहां से 7 किलोमीटर दूर मक्कापुरवा में रहने वाले अली अहमद के घर पहुंची। 17 जुलाई को यहां भेड़िए के हमले में 1 साल के बच्चे की जान चली गई थी। अली अहमद बताते हैं, पूरा परिवार साथ लेटा था। अचानक भेड़िए ने हमला किया और मां की गोद से बच्चे को ले गया। वह बताते हैं, गांव में गन्ने के खेत में अभी भी भेड़िया दिखते हैं। देर रात तक जागकर लोग पहरा दे रहे हैं। बिजली गुल होने से काफी दिक्कत होती है। अली अहमद ने बताया, वन विभाग ने पांच लाख की मुआवजा राशि दी है। ग्रामीणों का कहना है, इलाके में भेड़ियों का झुंड है जो अलग-अलग स्थानों पर हमले कर रहा है। लगातार भेड़ियों के हमले और बच्चों की मौत को लेकर मुख्य वन संरक्षक मध्य जोन रेणु सिंह ने भी प्रभावित गांवों का दौरा किया। तीन भेड़िए पकड़े जा चुके
18 अगस्त, 2024 को हरदी इलाके के सिसैया चूड़ामणि में लगाए गए पिंजरे में भेड़िया कैद होने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। अब तक 3 भेड़िए पकड़े जा चुके हैं। कुलैला गांव में एक नर भेड़िया पिंजरे में कैद हुआ था। उससे पहले एक मादा भेड़िया भी पिंजरे में कैद हुई थी। मक्का पुरवा और कुलैला कछार में 4 पिंजरे लगाए गए हैं। DFO अजीत सिंह ने बताया, मादा भेड़िया पिंजरे में कैद हुई है। इलाके से 3 भेड़िए पकड़े जा चुके हैं। और भी भेड़िए हो सकते हैं। वन विभाग की ओर से लगातार कॉम्बिंग की जा रही है। यह खबर भी पढ़ें घर में सो रही मासूम को दबोच ले गया भेड़िया, सुबह मिला शव बहराइच के हरदी इलाके में आदमखोर भेड़ियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते डेढ़ माह में भेड़ियों के हमले में पांच मासूमों की जान जा चुकी है। वन विभाग की ओर से लगातार कॉम्बिंग की जा रही है। बीते पंद्रह दिनों में तीन भेड़िए पकड़े भी जा चुके हैं। उसके बाद भी इनके हमले रुक नहीं रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर