लोकभवन के प्रथम तल पर हाल ही में एक नए साहब आए हैं। जिले के अफसर इन साहब के पास तक जाने से डर रहे। कारण यह कि ये साहब पहले जिस विभाग में रहे, वहां के मंत्री तक को लेटर लिखकर इन्हें हटवाना पड़ा। लेकिन, साहब पर ऊपर का आशीर्वाद बना हुआ है। जौनपुर के बदलापुर के एक माननीय भी खूब चर्चा में हैं। उनका वीडियो वायरल हुआ तो लगा सरकार घिर जाएगी। साजिश बड़ी थी, लेकिन उल्टे शिकार बदलापुर के माननीय हो गए? पढ़िए सुनी-सुनाई में ऐसे ही 5 मामले, जिनकी राजनीति और ब्यूरोक्रेसी में चर्चा है… 1- साजिश बड़ी थी, उल्टा पड़ा दांव कुछ दिन पहले की बात है, जौनपुर के एक माननीय का वीडियो वायरल हुआ। इसमें माननीय सरकार के काम करने के तरीके पर सवाल खड़े करते दिख रहे थे। अब पता चला, माननीय तो केवल मोहरा थे। साजिश बड़ी थी। जिस जगह वीडियो बनाया गया, वहां भगवा दल के 6 माननीय और भी थे। सभी बाबा से खफा थे। तय हुआ, सरकार पर सवाल उठाते और बेकाबू अफसरों की शिकायत करते हुए वीडियो बनाया जाए। सभी माननीय अपने-अपने मोबाइल से वीडियो आलाकमान को भेजेंगे। सभी विधायकों ने अपने-अपने मोबाइल से वीडियो बनवाए। लेकिन, बदलापुर के माननीय का वीडियो कोको पेट्रोल पंप चलाने वाले युवा नेता ने अपने मोबाइल से बनाया। उसने माननीय को वीडियो भेजने के बाद उनके सामने अपने मोबाइल से वीडियो डिलीट कर दिया। लेकिन, बाद में रिसाइकिल बिन से वीडियो रिकवर कर लिया। उस वीडियो को बालू-मौरंग खनन करने वाले एक माननीय के कहने से वायरल कर दिया। साजिश तो सरकार के खिलाफ थी, जो सफल नहीं हो सकी। दूसरी साजिश बदलापुर के माननीय के खिलाफ हो गई, जो सफल हो गई। माननीय अब किनारे लगाए जा रहे हैं। 2- दिखा दी दिल्ली की ताकत सरकार की सोशल मीडिया टीम की कमान संभाल रहे सज्जन को हटाने की बात तय हो गई। कारण यह, सरकार और संगठन के मुखिया खुले मंच से मान रहे कि लोकसभा चुनाव में हार की बड़ी वजह सोशल मीडिया पर कमजोर परफॉर्मेंस है। तय हो गया उन सज्जन की जगह किसी योग्य और अनुभवी को कमान दी जाए। लेकिन वह सज्जन भी कहां कमजोर थे। उन्होंने दिल्ली से एक ही फोन कराया और सूबे के कर्णधार ने अपनी सूची में फिर उन्हीं का नाम ‘अंकित’ कर दिया। हालांकि, उनका कद हल्का करके काम बांट दिया है। लेकिन, पद पर बने रखकर सज्जन ने बता दिया कि दिल्ली की ताकत उनके पास है। 3-म्यूजिक डायरेक्टर बने विधायक जी से टिकट की आस इन दिनों लाल टोपी वाले दल में म्यूजिक डायरेक्टर की चर्चा खूब हो रही है। उपचुनाव में टिकट के लिए एक नेता म्यूजिक डायरेक्टर को ढूंढते हुए पार्टी ऑफिस पहुंच गए। उन्हें बताया गया था, म्यूजिक डायरेक्टर पार्टी मुखिया के बेहद करीब हैं। वो चाहेंगे, तो टिकट हो जाएगा। दरअसल, हुआ ये कि पश्चिमी यूपी के एक जिले से विधायक पार्टी के लिए कई गाने लिखवा चुके हैं। पिछले दिनों एक कार्यक्रम में वह गाना गाने वाले को लेकर पार्टी ऑफिस पहुंचे। कार्यक्रम शुरू हुआ, तो विधायक जी सामने नजर नहीं आए। पार्टी मुखिया बोले- अरे भाई, कहां गए हमारे म्यूजिक डायरेक्टर? इतना सुनते ही विधायक जी सामने आए और कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद से लोग विधायक जी को अपनी पार्टी के म्यूजिक डायरेक्टर के नाम से पहचानने लगे। चर्चा बाहर तक फैल गई। इसी दौरान टिकट की जुगत में टहल रहे एक नेता से पार्टी के ही किसी नेता ने बोल दिया कि तुम्हारा टिकट म्यूजिक डायरेक्टर करा सकते हैं। उसके बाद से टिकट के तलबगार नेता जी म्यूजिक डायरेक्टर को तलाश रहे हैं। 4- मंत्रियों को नापसंद, अब अफसर भी कन्नी काटने लगे जिलों में बैठे अधिकारियों में चर्चा है कि लोक भवन के प्रथम तल पर उनकी एंट्री बंद हो गई है। क्योंकि, प्रथम तल वाले साहब तो किसी की सुनते ही नहीं। अभी तक ये अफसर पंचम तल तक नहीं जाते थे। पहले तल से ही अपने काम कर लेते थे। अब उनकी समझ में नहीं आ रहा कि अपनी गुहार कहां और किससे लगाएं…? अब तो अपनी पीड़ा बताने के लिए जो जाएगा, अपना ही बेड़ा गर्क करके आएगा। दरअसल, जिलों में तैनात ऐसे कई आईएएस और पीसीएस अफसर हैं, जिनकी पहुंच पंचम तक नहीं है। ये पहले तल से ही अपना जिला बदलवा लेते थे। या अपनी समस्याओं से छुटकारा पा लेते थे। लेकिन हाल ही में हुए ट्रांसफर में अधिकारियों के लिए प्रथम तल के दरवाजे भी बंद कर दिए गए। प्रथम तल पर जिसे गार्जियन के तौर पर बैठाया गया, उसके पास बहुत बड़ा रिकॉर्ड है कर्मचारियों-अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक को परेशान करने का। जब जिस विभाग में गए, उस विभाग के मंत्री ने पत्र लिखकर इनको अपने यहां से हटाने को कहा। इनको अपने विभाग से हटवाने के लिए एक डिप्टी सीएम को पूरी ताकत झोंकनी पड़ी थी। इतनी शिकायतें हुईं कि प्रदेश के मुखिया ने उनको अपने ही विभाग में जगह दे दी। 5-साहब को केंद्र से नहीं मिली प्रोटेक्शन शासन के गलियारों में आजकल चर्चा हो रही है कि जो यूपी में सबको प्रोटक्शन देता था, उसे केंद्र से ही कोई प्रोटेक्शन नहीं मिली। दरअसल, केंद्र सरकार की तरफ से तमाम बड़े विभागों में सचिव की तैनाती की गई। यूपी के एक खलीफा भी इस तैनाती के इंतजार में थे, लेकिन उन्हें तैनाती नहीं दी गई। साहब को यह जरूर लग रहा था कि केंद्र के गृह विभाग में जगह मिल जाएगी। अगर गृह नहीं मिला, तो इंडस्ट्री पक्का है। केंद्र की तरफ से इनको पोस्टिंग न देकर मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दरअसल, प्रदेश में नए मुख्य सचिव के आने से साहब का गुमान तो घटा ही है। अब सबको प्रोटेक्शन देने वाले खुद की साख बचाने में लगे हुए हैं। दिल्ली वालों के दरवाजे पर दस्तक देते नजर आ रहे हैं। ये भी पढ़ें… माई की कृपा वाले को नहीं मिला ऊपर से आशीर्वाद:यूपी में बागियों के लिए गेट खोलने वाला नहीं मिल रहा, भगदड़ मचने वाली है, इंतजार करिए लोकभवन के प्रथम तल पर हाल ही में एक नए साहब आए हैं। जिले के अफसर इन साहब के पास तक जाने से डर रहे। कारण यह कि ये साहब पहले जिस विभाग में रहे, वहां के मंत्री तक को लेटर लिखकर इन्हें हटवाना पड़ा। लेकिन, साहब पर ऊपर का आशीर्वाद बना हुआ है। जौनपुर के बदलापुर के एक माननीय भी खूब चर्चा में हैं। उनका वीडियो वायरल हुआ तो लगा सरकार घिर जाएगी। साजिश बड़ी थी, लेकिन उल्टे शिकार बदलापुर के माननीय हो गए? पढ़िए सुनी-सुनाई में ऐसे ही 5 मामले, जिनकी राजनीति और ब्यूरोक्रेसी में चर्चा है… 1- साजिश बड़ी थी, उल्टा पड़ा दांव कुछ दिन पहले की बात है, जौनपुर के एक माननीय का वीडियो वायरल हुआ। इसमें माननीय सरकार के काम करने के तरीके पर सवाल खड़े करते दिख रहे थे। अब पता चला, माननीय तो केवल मोहरा थे। साजिश बड़ी थी। जिस जगह वीडियो बनाया गया, वहां भगवा दल के 6 माननीय और भी थे। सभी बाबा से खफा थे। तय हुआ, सरकार पर सवाल उठाते और बेकाबू अफसरों की शिकायत करते हुए वीडियो बनाया जाए। सभी माननीय अपने-अपने मोबाइल से वीडियो आलाकमान को भेजेंगे। सभी विधायकों ने अपने-अपने मोबाइल से वीडियो बनवाए। लेकिन, बदलापुर के माननीय का वीडियो कोको पेट्रोल पंप चलाने वाले युवा नेता ने अपने मोबाइल से बनाया। उसने माननीय को वीडियो भेजने के बाद उनके सामने अपने मोबाइल से वीडियो डिलीट कर दिया। लेकिन, बाद में रिसाइकिल बिन से वीडियो रिकवर कर लिया। उस वीडियो को बालू-मौरंग खनन करने वाले एक माननीय के कहने से वायरल कर दिया। साजिश तो सरकार के खिलाफ थी, जो सफल नहीं हो सकी। दूसरी साजिश बदलापुर के माननीय के खिलाफ हो गई, जो सफल हो गई। माननीय अब किनारे लगाए जा रहे हैं। 2- दिखा दी दिल्ली की ताकत सरकार की सोशल मीडिया टीम की कमान संभाल रहे सज्जन को हटाने की बात तय हो गई। कारण यह, सरकार और संगठन के मुखिया खुले मंच से मान रहे कि लोकसभा चुनाव में हार की बड़ी वजह सोशल मीडिया पर कमजोर परफॉर्मेंस है। तय हो गया उन सज्जन की जगह किसी योग्य और अनुभवी को कमान दी जाए। लेकिन वह सज्जन भी कहां कमजोर थे। उन्होंने दिल्ली से एक ही फोन कराया और सूबे के कर्णधार ने अपनी सूची में फिर उन्हीं का नाम ‘अंकित’ कर दिया। हालांकि, उनका कद हल्का करके काम बांट दिया है। लेकिन, पद पर बने रखकर सज्जन ने बता दिया कि दिल्ली की ताकत उनके पास है। 3-म्यूजिक डायरेक्टर बने विधायक जी से टिकट की आस इन दिनों लाल टोपी वाले दल में म्यूजिक डायरेक्टर की चर्चा खूब हो रही है। उपचुनाव में टिकट के लिए एक नेता म्यूजिक डायरेक्टर को ढूंढते हुए पार्टी ऑफिस पहुंच गए। उन्हें बताया गया था, म्यूजिक डायरेक्टर पार्टी मुखिया के बेहद करीब हैं। वो चाहेंगे, तो टिकट हो जाएगा। दरअसल, हुआ ये कि पश्चिमी यूपी के एक जिले से विधायक पार्टी के लिए कई गाने लिखवा चुके हैं। पिछले दिनों एक कार्यक्रम में वह गाना गाने वाले को लेकर पार्टी ऑफिस पहुंचे। कार्यक्रम शुरू हुआ, तो विधायक जी सामने नजर नहीं आए। पार्टी मुखिया बोले- अरे भाई, कहां गए हमारे म्यूजिक डायरेक्टर? इतना सुनते ही विधायक जी सामने आए और कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद से लोग विधायक जी को अपनी पार्टी के म्यूजिक डायरेक्टर के नाम से पहचानने लगे। चर्चा बाहर तक फैल गई। इसी दौरान टिकट की जुगत में टहल रहे एक नेता से पार्टी के ही किसी नेता ने बोल दिया कि तुम्हारा टिकट म्यूजिक डायरेक्टर करा सकते हैं। उसके बाद से टिकट के तलबगार नेता जी म्यूजिक डायरेक्टर को तलाश रहे हैं। 4- मंत्रियों को नापसंद, अब अफसर भी कन्नी काटने लगे जिलों में बैठे अधिकारियों में चर्चा है कि लोक भवन के प्रथम तल पर उनकी एंट्री बंद हो गई है। क्योंकि, प्रथम तल वाले साहब तो किसी की सुनते ही नहीं। अभी तक ये अफसर पंचम तल तक नहीं जाते थे। पहले तल से ही अपने काम कर लेते थे। अब उनकी समझ में नहीं आ रहा कि अपनी गुहार कहां और किससे लगाएं…? अब तो अपनी पीड़ा बताने के लिए जो जाएगा, अपना ही बेड़ा गर्क करके आएगा। दरअसल, जिलों में तैनात ऐसे कई आईएएस और पीसीएस अफसर हैं, जिनकी पहुंच पंचम तक नहीं है। ये पहले तल से ही अपना जिला बदलवा लेते थे। या अपनी समस्याओं से छुटकारा पा लेते थे। लेकिन हाल ही में हुए ट्रांसफर में अधिकारियों के लिए प्रथम तल के दरवाजे भी बंद कर दिए गए। प्रथम तल पर जिसे गार्जियन के तौर पर बैठाया गया, उसके पास बहुत बड़ा रिकॉर्ड है कर्मचारियों-अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक को परेशान करने का। जब जिस विभाग में गए, उस विभाग के मंत्री ने पत्र लिखकर इनको अपने यहां से हटाने को कहा। इनको अपने विभाग से हटवाने के लिए एक डिप्टी सीएम को पूरी ताकत झोंकनी पड़ी थी। इतनी शिकायतें हुईं कि प्रदेश के मुखिया ने उनको अपने ही विभाग में जगह दे दी। 5-साहब को केंद्र से नहीं मिली प्रोटेक्शन शासन के गलियारों में आजकल चर्चा हो रही है कि जो यूपी में सबको प्रोटक्शन देता था, उसे केंद्र से ही कोई प्रोटेक्शन नहीं मिली। दरअसल, केंद्र सरकार की तरफ से तमाम बड़े विभागों में सचिव की तैनाती की गई। यूपी के एक खलीफा भी इस तैनाती के इंतजार में थे, लेकिन उन्हें तैनाती नहीं दी गई। साहब को यह जरूर लग रहा था कि केंद्र के गृह विभाग में जगह मिल जाएगी। अगर गृह नहीं मिला, तो इंडस्ट्री पक्का है। केंद्र की तरफ से इनको पोस्टिंग न देकर मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दरअसल, प्रदेश में नए मुख्य सचिव के आने से साहब का गुमान तो घटा ही है। अब सबको प्रोटेक्शन देने वाले खुद की साख बचाने में लगे हुए हैं। दिल्ली वालों के दरवाजे पर दस्तक देते नजर आ रहे हैं। ये भी पढ़ें… माई की कृपा वाले को नहीं मिला ऊपर से आशीर्वाद:यूपी में बागियों के लिए गेट खोलने वाला नहीं मिल रहा, भगदड़ मचने वाली है, इंतजार करिए उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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फतेहाबाद में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड टीम का घेराव:पराली जलाने की लोकेशन पर खेतों में पहुंची थी; BKU का विरोध, पुलिस ने छुड़वाया हरियाणा के फतेहाबाद के रतिया में लाली रोड पर एक किसान द्वारा पराली में आग लगाने की लोकेशन दर्ज होने पर किसान के खेत में पहुंची प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम का किसान संगठनों ने घेराव कर लिया। किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने टीम को किसानों द्वारा पराली न जलाने पर आ रही समस्याओं के बारे में सवाल जवाब किये। किसान नेताओं ने चेतावनी दी की अगर किसी भी किसान के खिलाफ मामला दर्ज, रेड एंट्री , जुर्माना डाला तो किसान संगठन एकजुट होकर इसका जोरदार विरोध करते हुए आंदोलन भी करने को मजबूर होंगे। वहीं अधिकारियों का घेराव करने की सूचना मिलने पर कृषि विभाग के अधिकारी व पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई। किसानों को शहर थाना प्रभारी द्वारा आश्वासन दिया गया और पुलिस प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड अधिकारियों की टीम को अपने साथ लेकर गई। जानकारी के अनुसार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम को लोकेशन के तहत सूचना मिली थी कि लाली रोड पर किसान द्वारा पराली को आग लगाई जा रही है। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड के एसडीओ दीपू खटकड़ की अगुआई में एक टीम मौके पर पहुंची। टीम ने पराली में आग लगाने को लेकर जैसे ही मामले में कार्रवाई करनी शुरू की तो किसान ने भाकियू नेताओं को सूचना दे दी। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के जिला प्रधान निर्भय सिंह रतिया की अगुआई में काफी किसान मौके पर पहुंच गए। किसान टीम की कार्रवाई का विरोध करने लगे। किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अधिकारियों की टीम वहां से जाने लगी तो किसानों ने उनका घेराव करते हुए उनसे सवाल जवाब शुरू कर दिए। किसान नेताओं ने अधिकारियों से किसानों द्वारा पराली न जलाने पर आ रही समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक किसानों को सरकार उनके विकल्प और मशीनरी तक उपलब्ध नहीं करवा पाई है, जिस कारण किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है और विकल्प न होने के कारण मजबूर आग लगाने का मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी की अगर किसान के खिलाफ कार्यवाही हुई तो किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम का घेराव करने की सूचना मिलने पर कृषि विभाग के सुपरवाइजर जसमीत सिंह, शहर थाना प्रभारी रंजीत सिंह के साथ मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन किसान मामले मे कार्यवाही करने की बात पर अड़ गए। किसान नेता निर्भय रतिया ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा किसानों पर मुक़दमा , रेड एंट्री , जुर्माना डाला तो यूनियन आंदोलन करेगी, जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा। किसानों के अपनी बात पर अड़ने पर मौके पर मौजूद अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों के संज्ञान और समस्या के हल करने का आश्वासन देने पर किसान शांत हुए।
बिहार के नवादा में CBI की टीम पर हमला, नीट पेपर लीक मामले में जांच करने पहुंचे थे अधिकारी
बिहार के नवादा में CBI की टीम पर हमला, नीट पेपर लीक मामले में जांच करने पहुंचे थे अधिकारी <p style=”text-align: justify;”><strong>Attack on CBI Team in Nawada Bihar: </strong>नीट पेपर लीक मामले का तार नवादा से भी जुड़ता दिख रहा है. मुरहेना पंचायत के कसियाडीह गांव में पहुंची सीबीआई और पुलिस की टीम पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया. यह घटना बीते शनिवार (22 जून) की है. सीबीआई टीम के वाहन चालक के साथ बुरी तरह मारपीट की गई है. इस हमले के मामले में रजौली थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बताया जाता है कि शनिवार को शाम के करीब चार बजे सीबीआई की टीम नवादा की पुलिस साथ मुरहेना के कसियाडीह गांव निवासी अभियुक्त फूलचंद प्रसाद की पत्नी बबीता कुमारी के घर से वापस लौट रही थी. इसी बीच घर वालों एवं लगभग 200 से 300 लोगों की भीड़ जमा हो गई. सिविल ड्रेस में रही सीबीआई की टीम और साथ में मौजूद पुलिस को नकली बताकर घेर लिया. टीम ने पहचान पत्र भी दिखाया लेकिन लोग नहीं माने और हमला कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नवादा नगर थाना की महिला कॉन्स्टेबल काजल कुमारी ने लोगों को समझाया लेकिन उनसे भी लोगों ने बदतमीजी की. इसके बाद इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई. रजौली से पुलिस बल के पहुंचने के बाद भीड़ ने टीम पर हमला कर दिया. इस हमले में सीबीआई टीम के वाहन चालक संजय सोनी बुरी तरह घायल हो गए. सीबीआई के अधिकारी का शर्ट फट गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढे़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/neet-paper-leak-solver-gang-main-leader-atul-vats-history-father-was-retired-officer-wife-mbbs-ann-2721211″>NEET Paper Leak: कौन है सॉल्वर गैंग का मुख्य सरगना अतुल वत्स? पिता रिटायर्ड अफसर, पत्नी MBBS, ये रही कुंडली</a></strong></p>
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