भोपाल में एक मंच पर इकट्ठा हुए पत्नियों से सताए पति, ‘वैवाहिक आतंकवाद’ का दिया नाम

भोपाल में एक मंच पर इकट्ठा हुए पत्नियों से सताए पति, ‘वैवाहिक आतंकवाद’ का दिया नाम

<p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वैवाहिक प्रताड़ना से जूझ रहे पति एक मंच पर इकट्ठे हुए और अपना दर्द बयां किया. इन पीड़ित पतियों के लिए काम करने वाली संस्था वॉच लीग ने इसे ‘वैवाहिक आतंकवाद’ का नाम दिया है. भोपाल में जुटे इन प्रताड़ित पतियों ने अपनी आप बीती सुनाई. संस्था की प्रमुख चांदना अरोरा ने बताया कि किस तरह से पतियों की प्रताड़ना के लिए पूरा रैकेट काम कर रहा है और पैकेज में इन पर मामले दर्ज करवाए जाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने जानकारी देते हुए बताया, ”जो पति प्रताड़ित हैं उनमें से ज्यादातर सरकारी या अच्छी नौकरियों में हैं, जिन्हें उनकी पत्नियों और उनके घर वालों की तरफ से प्रताड़ित किया जा रहा है. पुरुष होने की वजह से एक विशेष नजर से हम लोगों को देखा जाता है और कई मामलों में इन्हें न्याय भी नहीं मिल पाता है, नतीजा है कि ऐसे लोग मानसिक, सामाजिक, और आर्थिक तौर पर प्रताड़ित हो रहे हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’मैं देख भी नहीं सकता, घरेलू हिंसा की धारा लगी है'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भोपाल के रहने वाले आफताब अली ने बताया, “साल 2009 में मेरी शादी हुई थी. 2017 से शादी के बाद मुझ पर मामले दर्ज होने शुरू हुए, जो 2019 से केस लगे. गोधरा गुजरात में मेरे खिलाफ केस लगाया. पहले केस लगाया कि मारपीट करके मैंने पत्नी को निकाल दिया. फिर मेंटेनेंस का केस लगाया. दूसरा मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में लगाया. जबकि जिस दिन मारपीट के आरोप मुझ पर लगाए गए हैं, उस दिन मैं भोपाल में था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ”उनकी एक ही मांग थी कि घर वालों से अलग हो जाओ. ये मंजूर नहीं किया, तो डिवोर्स दे दिया. हमारी अरैंज मैरिज थी. अब ये हालत हैं कि मैं अदालत की पेशी के लिए गुजरात से उत्तर प्रदेश भागता रहता हूं. आप सोचिए जिसे दिखाई नहीं देता, जो सहारा लेकर चलता हो, वो कैसे किसी को मार सकता है, लेकिन मारपीट की धाराएं लगी हैं. अब कोर्ट में मामला अटका है. तारीख पर बार-बार जाना वकील की फीस सब भुगत रहा हूं. पुलिस ने भी बिना जांचे मुझ पर एफआईआर कर दी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’27 हजार कमाता हूं और 18 हजार पत्नी को दे देता हूं’&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वाल्मीक अहीरे ने बताया, ”शादी के बाद से ही उनकी पत्नी का उन पर अत्याचार कर रही है. पत्नी लगातार उनकी मां को वृद्धाश्रम भेजने की मांग करती रही. मैंने अपने परिवार को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन पत्नी ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए और अब मैं 6 साल से लगातार कोर्ट कचहरी की केस झेल रहा हूं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे ही एक पीड़ित एस यादव बताते हैं कि पत्नी ने उन पर झूठे केस लगा दिए और अब 50 हजार रुपए महीने और उनके खून पसीने से बनाए गए मकान की मांग कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उमेश सालोनिया की भी ऐसी ही कहानी है, शादी के बाद भी पत्नी का दूसरे मर्द के साथ संबंध था, उमेश ने परिवार को बचाने के लिए पत्नी को कई बार समझाने की कोशिश भी की, लेकिन पत्नी ने अपने परिवार वालों के साथ मिलकर उमेश पर झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया और अब उमेश कोर्ट कचहरी के चक्कर काट रहे हैं, पत्नी 10 लाख रुपया और जेवर मांग रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’पुरुष होने के कारण न्याय नहीं मिल पाता'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>लीगल वॉच की चांदना अरोड़ा ने कहा, ”ज्यादातर मामलों में पुरुष होने के कारण इन्हें न्याय नहीं मिल पाता है, हमारी मांग है कि, झूठे मुकदमों पर सुनवाई करके जल्द मामले खत्म किए जाने चाहिए और राष्ट्रीय महिला आयोग की तर्ज पर एक राष्ट्रीय पुरुष आयोग भी बने जो पुरुषों के मामले की भी सुनवाई करें.”</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वैवाहिक प्रताड़ना से जूझ रहे पति एक मंच पर इकट्ठे हुए और अपना दर्द बयां किया. इन पीड़ित पतियों के लिए काम करने वाली संस्था वॉच लीग ने इसे ‘वैवाहिक आतंकवाद’ का नाम दिया है. भोपाल में जुटे इन प्रताड़ित पतियों ने अपनी आप बीती सुनाई. संस्था की प्रमुख चांदना अरोरा ने बताया कि किस तरह से पतियों की प्रताड़ना के लिए पूरा रैकेट काम कर रहा है और पैकेज में इन पर मामले दर्ज करवाए जाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने जानकारी देते हुए बताया, ”जो पति प्रताड़ित हैं उनमें से ज्यादातर सरकारी या अच्छी नौकरियों में हैं, जिन्हें उनकी पत्नियों और उनके घर वालों की तरफ से प्रताड़ित किया जा रहा है. पुरुष होने की वजह से एक विशेष नजर से हम लोगों को देखा जाता है और कई मामलों में इन्हें न्याय भी नहीं मिल पाता है, नतीजा है कि ऐसे लोग मानसिक, सामाजिक, और आर्थिक तौर पर प्रताड़ित हो रहे हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’मैं देख भी नहीं सकता, घरेलू हिंसा की धारा लगी है'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>भोपाल के रहने वाले आफताब अली ने बताया, “साल 2009 में मेरी शादी हुई थी. 2017 से शादी के बाद मुझ पर मामले दर्ज होने शुरू हुए, जो 2019 से केस लगे. गोधरा गुजरात में मेरे खिलाफ केस लगाया. पहले केस लगाया कि मारपीट करके मैंने पत्नी को निकाल दिया. फिर मेंटेनेंस का केस लगाया. दूसरा मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में लगाया. जबकि जिस दिन मारपीट के आरोप मुझ पर लगाए गए हैं, उस दिन मैं भोपाल में था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ”उनकी एक ही मांग थी कि घर वालों से अलग हो जाओ. ये मंजूर नहीं किया, तो डिवोर्स दे दिया. हमारी अरैंज मैरिज थी. अब ये हालत हैं कि मैं अदालत की पेशी के लिए गुजरात से उत्तर प्रदेश भागता रहता हूं. आप सोचिए जिसे दिखाई नहीं देता, जो सहारा लेकर चलता हो, वो कैसे किसी को मार सकता है, लेकिन मारपीट की धाराएं लगी हैं. अब कोर्ट में मामला अटका है. तारीख पर बार-बार जाना वकील की फीस सब भुगत रहा हूं. पुलिस ने भी बिना जांचे मुझ पर एफआईआर कर दी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’27 हजार कमाता हूं और 18 हजार पत्नी को दे देता हूं’&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वाल्मीक अहीरे ने बताया, ”शादी के बाद से ही उनकी पत्नी का उन पर अत्याचार कर रही है. पत्नी लगातार उनकी मां को वृद्धाश्रम भेजने की मांग करती रही. मैंने अपने परिवार को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन पत्नी ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए और अब मैं 6 साल से लगातार कोर्ट कचहरी की केस झेल रहा हूं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे ही एक पीड़ित एस यादव बताते हैं कि पत्नी ने उन पर झूठे केस लगा दिए और अब 50 हजार रुपए महीने और उनके खून पसीने से बनाए गए मकान की मांग कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उमेश सालोनिया की भी ऐसी ही कहानी है, शादी के बाद भी पत्नी का दूसरे मर्द के साथ संबंध था, उमेश ने परिवार को बचाने के लिए पत्नी को कई बार समझाने की कोशिश भी की, लेकिन पत्नी ने अपने परिवार वालों के साथ मिलकर उमेश पर झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया और अब उमेश कोर्ट कचहरी के चक्कर काट रहे हैं, पत्नी 10 लाख रुपया और जेवर मांग रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’पुरुष होने के कारण न्याय नहीं मिल पाता'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>लीगल वॉच की चांदना अरोड़ा ने कहा, ”ज्यादातर मामलों में पुरुष होने के कारण इन्हें न्याय नहीं मिल पाता है, हमारी मांग है कि, झूठे मुकदमों पर सुनवाई करके जल्द मामले खत्म किए जाने चाहिए और राष्ट्रीय महिला आयोग की तर्ज पर एक राष्ट्रीय पुरुष आयोग भी बने जो पुरुषों के मामले की भी सुनवाई करें.”</p>  मध्य प्रदेश सवाई माधोपुर में मौत के एक महीने बाद कब्र से निकाला महिला का शव, जानें वजह