सिल्वर अपार्टमेंट की गाड़ियों में आग लगाने का आरोपी गिरफ्तार:हिसार में कार साफ करने वाले ने रंजिश में लगाई थी आग, CCTV के जरिये पकड़ा

सिल्वर अपार्टमेंट की गाड़ियों में आग लगाने का आरोपी गिरफ्तार:हिसार में कार साफ करने वाले ने रंजिश में लगाई थी आग, CCTV के जरिये पकड़ा

हरियाणा के हिसार जिले में अर्बन एस्टेट के नजदीक सिल्वर अपार्टमेंट में बार-बार आगजनी करने वाले को आखिरकार पुलिस ने पकड़ लिया है। सीआईए ने CCTV फुटेज के आधार पर आरोपी को पकड़ लिया है। आरोपी का नाम विकास है और वह सूर्यनगर का रहने वाला है। आरोपी कार साफ करने का काम करता है। स्पेशल स्टाफ प्रभारी इंस्पेक्टर पवन कुमार ने बताया कि पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी विकास पिछले कई सालों से गाड़ी सफाई का काम करता है। आरोपी विकास सिल्वर अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों की गाड़ियों की सफाई करता था। आरोपी को गाड़ी मालिकों ने गाड़ी ठीक से साफ न करने और समय पर आने के लिए धमकाया था। इसी रंजिश में आरोपी ने सिल्वर अपार्टमेंट के बेसमेंट में खड़ी गाड़ियों में 19 और 23 अप्रैल को आग लगाई थी। जिसमें 6 गाड़ियों सहित दो पहिया वाहन भी जल गए थे। 7:58 बजे अंदर गया और 8:03 पर बाहर निकला सीआईए के हाथ लगी सीसीटीवी फुटेज में आरोपी सुबह 7:58 बजे अपार्टमेंट के अंदर जाता दिखा और वह करीब 5 मिनट बाद ही स्कूटी से 8:03 मिनट पर बाहर निकलता दिखा। इस पर सीआईए को युवक पर शक हो गया। जब युवक के बारे में छानबीन की तो वह सूर्यनगर निवासी विकास निकला। आरोपी विकास रोजाना करीब 40 गाड़ियां साफ करता था। विकास की हाल ही में शादी हुई थी। सिल्वर अपार्टमेंट निवासी मोहित की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। हादसे के बाद से ही दहशत में थे परिवार सिल्वर अपार्टमेंट में घटना के बाद से यहां रह रहे परिवार दहशत में थे। यहां 25 फ्लैट हैं, जिसमें से 18 फ्लैट में 100 लोग रह रहे हैं, बाकी अपार्टमेंट को बिल्डर कुणाल चौधरी ने किराये पर दे रखा है। आगजनी की घटनाओं के बाद से लोग अपार्टमेंट में रात बिताने से कतरा रहे थे। अपार्टमेंट में बिजली और पानी दोनों काट दिए गए हैं। लोगों के पास इनवर्टर तो हैं, मगर उनका बैकअप भी खत्म होने को है। ऐसे में कई लोग रिश्तेदारों के यहां जाने के लिए मजबूर हो गए हैं। सिल्वर अपार्टमेंट में 19 अप्रैल को सुबह 5 बजे 14 वाहनों में आग लग गई थी, जिसमें 3 गाड़ियां और 11 टू व्हीलर शामिल थे। इसके बाद 23 अप्रैल को बेसमेंट में वाहनों को आग लग गई, जिसमें 4 गाड़ियां जल गईं। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर हकीकत जानने का प्रयास किया तो उसमें भी अपार्टमेंट में रह रहे लोगों ने साजिश को ही हादसे की वजह बताया था। महिलाएं बोली- जिंदा जलाने का प्रयास, बैचलर लड़कों से परेशान
दैनिक भास्कर से बातचीत में महिलाओं ने बताया कि इतने सालों से यहां सब कुछ ठीक था। यह अपार्टमेंट 15 साल पुराना है, मगर कुछ महीनों से अपार्टमेंट के बिल्डर कुणाल चौधरी ने कुछ लड़कों को रहने के लिए तीसरी और चौथी मंजिल पर फ्लैट दिए हैं, जिसके बाद से ही गड़बड़ियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि लड़के लिफ्ट खराब कर देते हैं, कुछ कहो तो झगड़ा करते हैं। यहां तक की देर रात अपार्टमेंट में बाहरी लड़कियां या लड़के आते हैं। यह शरारत उनकी भी हो सकती है। बिल्डर को कई बार शिकायत दी, मगर वह किसी की नहीं सुनता। 19 अप्रैल को क्या हुआ, महिला की जुबानी पढ़िए
गृहिणी अंजू ने बताया कि शनिवार 19 अप्रैल को फ्लैट के बाहर जो वाहन जले उनमें 2 व्हीकल उनके भी थे। बुधवार को सुबह जब आग लगी तो ऐसा लग रहा था जैसे हम बच नहीं पाएंगे। मैं उस समय घर में किचन का काम कर रही थी। अचानक जोरदार धमाका हुआ। इस धमाके के बाद बेसमेंट में झांककर देखा तो पति ने कहा यहां से भागो, नीचे आग लग गई है। बिल्डिंग में कैमरे लगवाए वो गायब कर दिए गए
रेखा ने बताया कि बार-बार घटना होने के बाद बिल्डिंग में रहने को मन नहीं कर रहा। हमें अब सेफ्टी चाहिए। हम करीब 13 साल से रह रहे हैं, मगर 10 साल तक कोई दिक्कत नहीं हुई। पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
लोगों के मुताबिक 19 अप्रैल को वाहनों में लगी आग की घटना के बाद पुलिस प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। अर्बन एस्टेट थाना पुलिस ने गली में लगे एक-दो सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और मामले में खानापूर्ति की। पुलिस सही तरीके से अपनी जांच का दायरा बढ़ाती तो शायद बुधवार सुबह दोबारा से अपार्टमेंट के बेसमेंट में खड़े वाहनों में आग नहीं लगती। बेसमेंट में जब वाहन दूर-दूर खड़े थे तो वह एकसाथ कैसे जले यानि किसी ने एक-एक कर वाहनों को आग लगाई थी। 60% से अधिक बिल्डरों के पास नहीं फायर NOC
शहर में करीब 60 प्रतिशत से अधिक भवन मालिकों के पास फायर एनओसी नहीं है। फायर ब्रिगेड विभाग ने साल 2019 में जिले में एक सर्वे करवाया था, जिसमें 15 प्रतिशत बिल्डिंगों में फायर NOC मिली थी। इसके बाद फायर ब्रिगेड विभाग साल 2022 में फिर हरकत में आया। उस दौरान जो आंकड़ा जुटाया उसके अनुसार शहर के अधिकांश सरकारी स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों के पास भी फायर एनओसी नहीं थी। उस समय शहर में 85 प्रतिशत भवन मालिकों के पास फायर एनओसी नहीं थी। पूरे आंकड़े को आधार माना जाए तो अनुमानित करीब 60 प्रतिशत से अधिक भवन मालिकों के पास फायर NOC नहीं है। DC ने एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट देने को कहा
आगजनी की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने एक 5 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। DC अनीश यादव ने जन सुरक्षा सुनिश्चित करने और घटना के कारणों का पता करने के लिए हिसार की एसडीएम ज्योति मित्तल की अध्यक्षता में कमेटी गठित करते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। जांच कमेटी में एसडीएम के अलावा डीएसपी मुख्यालय, नगर निगम तथा लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़के) हिसार के कार्यकारी अभियंता व फायर स्टेशन ऑफिसर को भी शामिल किया गया है। DC ने जांच कमेटी को हिदायत दी है कि वे विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जांच करने के बाद 7 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने सभी कमेटी सदस्यों को बेहतर तालमेल और गंभीरता के साथ जांच करने की हिदायत दी है। हरियाणा के हिसार जिले में अर्बन एस्टेट के नजदीक सिल्वर अपार्टमेंट में बार-बार आगजनी करने वाले को आखिरकार पुलिस ने पकड़ लिया है। सीआईए ने CCTV फुटेज के आधार पर आरोपी को पकड़ लिया है। आरोपी का नाम विकास है और वह सूर्यनगर का रहने वाला है। आरोपी कार साफ करने का काम करता है। स्पेशल स्टाफ प्रभारी इंस्पेक्टर पवन कुमार ने बताया कि पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी विकास पिछले कई सालों से गाड़ी सफाई का काम करता है। आरोपी विकास सिल्वर अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों की गाड़ियों की सफाई करता था। आरोपी को गाड़ी मालिकों ने गाड़ी ठीक से साफ न करने और समय पर आने के लिए धमकाया था। इसी रंजिश में आरोपी ने सिल्वर अपार्टमेंट के बेसमेंट में खड़ी गाड़ियों में 19 और 23 अप्रैल को आग लगाई थी। जिसमें 6 गाड़ियों सहित दो पहिया वाहन भी जल गए थे। 7:58 बजे अंदर गया और 8:03 पर बाहर निकला सीआईए के हाथ लगी सीसीटीवी फुटेज में आरोपी सुबह 7:58 बजे अपार्टमेंट के अंदर जाता दिखा और वह करीब 5 मिनट बाद ही स्कूटी से 8:03 मिनट पर बाहर निकलता दिखा। इस पर सीआईए को युवक पर शक हो गया। जब युवक के बारे में छानबीन की तो वह सूर्यनगर निवासी विकास निकला। आरोपी विकास रोजाना करीब 40 गाड़ियां साफ करता था। विकास की हाल ही में शादी हुई थी। सिल्वर अपार्टमेंट निवासी मोहित की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। हादसे के बाद से ही दहशत में थे परिवार सिल्वर अपार्टमेंट में घटना के बाद से यहां रह रहे परिवार दहशत में थे। यहां 25 फ्लैट हैं, जिसमें से 18 फ्लैट में 100 लोग रह रहे हैं, बाकी अपार्टमेंट को बिल्डर कुणाल चौधरी ने किराये पर दे रखा है। आगजनी की घटनाओं के बाद से लोग अपार्टमेंट में रात बिताने से कतरा रहे थे। अपार्टमेंट में बिजली और पानी दोनों काट दिए गए हैं। लोगों के पास इनवर्टर तो हैं, मगर उनका बैकअप भी खत्म होने को है। ऐसे में कई लोग रिश्तेदारों के यहां जाने के लिए मजबूर हो गए हैं। सिल्वर अपार्टमेंट में 19 अप्रैल को सुबह 5 बजे 14 वाहनों में आग लग गई थी, जिसमें 3 गाड़ियां और 11 टू व्हीलर शामिल थे। इसके बाद 23 अप्रैल को बेसमेंट में वाहनों को आग लग गई, जिसमें 4 गाड़ियां जल गईं। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर हकीकत जानने का प्रयास किया तो उसमें भी अपार्टमेंट में रह रहे लोगों ने साजिश को ही हादसे की वजह बताया था। महिलाएं बोली- जिंदा जलाने का प्रयास, बैचलर लड़कों से परेशान
दैनिक भास्कर से बातचीत में महिलाओं ने बताया कि इतने सालों से यहां सब कुछ ठीक था। यह अपार्टमेंट 15 साल पुराना है, मगर कुछ महीनों से अपार्टमेंट के बिल्डर कुणाल चौधरी ने कुछ लड़कों को रहने के लिए तीसरी और चौथी मंजिल पर फ्लैट दिए हैं, जिसके बाद से ही गड़बड़ियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि लड़के लिफ्ट खराब कर देते हैं, कुछ कहो तो झगड़ा करते हैं। यहां तक की देर रात अपार्टमेंट में बाहरी लड़कियां या लड़के आते हैं। यह शरारत उनकी भी हो सकती है। बिल्डर को कई बार शिकायत दी, मगर वह किसी की नहीं सुनता। 19 अप्रैल को क्या हुआ, महिला की जुबानी पढ़िए
गृहिणी अंजू ने बताया कि शनिवार 19 अप्रैल को फ्लैट के बाहर जो वाहन जले उनमें 2 व्हीकल उनके भी थे। बुधवार को सुबह जब आग लगी तो ऐसा लग रहा था जैसे हम बच नहीं पाएंगे। मैं उस समय घर में किचन का काम कर रही थी। अचानक जोरदार धमाका हुआ। इस धमाके के बाद बेसमेंट में झांककर देखा तो पति ने कहा यहां से भागो, नीचे आग लग गई है। बिल्डिंग में कैमरे लगवाए वो गायब कर दिए गए
रेखा ने बताया कि बार-बार घटना होने के बाद बिल्डिंग में रहने को मन नहीं कर रहा। हमें अब सेफ्टी चाहिए। हम करीब 13 साल से रह रहे हैं, मगर 10 साल तक कोई दिक्कत नहीं हुई। पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
लोगों के मुताबिक 19 अप्रैल को वाहनों में लगी आग की घटना के बाद पुलिस प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। अर्बन एस्टेट थाना पुलिस ने गली में लगे एक-दो सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और मामले में खानापूर्ति की। पुलिस सही तरीके से अपनी जांच का दायरा बढ़ाती तो शायद बुधवार सुबह दोबारा से अपार्टमेंट के बेसमेंट में खड़े वाहनों में आग नहीं लगती। बेसमेंट में जब वाहन दूर-दूर खड़े थे तो वह एकसाथ कैसे जले यानि किसी ने एक-एक कर वाहनों को आग लगाई थी। 60% से अधिक बिल्डरों के पास नहीं फायर NOC
शहर में करीब 60 प्रतिशत से अधिक भवन मालिकों के पास फायर एनओसी नहीं है। फायर ब्रिगेड विभाग ने साल 2019 में जिले में एक सर्वे करवाया था, जिसमें 15 प्रतिशत बिल्डिंगों में फायर NOC मिली थी। इसके बाद फायर ब्रिगेड विभाग साल 2022 में फिर हरकत में आया। उस दौरान जो आंकड़ा जुटाया उसके अनुसार शहर के अधिकांश सरकारी स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों के पास भी फायर एनओसी नहीं थी। उस समय शहर में 85 प्रतिशत भवन मालिकों के पास फायर एनओसी नहीं थी। पूरे आंकड़े को आधार माना जाए तो अनुमानित करीब 60 प्रतिशत से अधिक भवन मालिकों के पास फायर NOC नहीं है। DC ने एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट देने को कहा
आगजनी की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने एक 5 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। DC अनीश यादव ने जन सुरक्षा सुनिश्चित करने और घटना के कारणों का पता करने के लिए हिसार की एसडीएम ज्योति मित्तल की अध्यक्षता में कमेटी गठित करते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। जांच कमेटी में एसडीएम के अलावा डीएसपी मुख्यालय, नगर निगम तथा लोक निर्माण विभाग (भवन एवं सड़के) हिसार के कार्यकारी अभियंता व फायर स्टेशन ऑफिसर को भी शामिल किया गया है। DC ने जांच कमेटी को हिदायत दी है कि वे विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जांच करने के बाद 7 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने सभी कमेटी सदस्यों को बेहतर तालमेल और गंभीरता के साथ जांच करने की हिदायत दी है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर