<p style=”text-align: justify;”><strong>AIIMS Issues SoPs For Monkeypox Patients:</strong> मंकीपॉक्स को लेकर भारत अलर्ट मोड पर है. इस बीच दिल्ली एम्स ने मंकीपॉक्स को रोकने को लेकर बड़ा फैसला लिया है. AIIMS ने संदिग्ध मंकीपॉक्स रोगियों के प्रबंधन के लिए SOP जारी की है. मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस है, जिसके लक्षण छोटे चेचक के रोगियों में देखे गए लक्षणों के समान हैं, हालांकि इसके लक्षण कम गंभीर हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय चिंता के मद्देनजर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के रूप में घोषित किया है, जिसके लिए उच्च स्तर की जागरूकता, तुरंत पहचान और संक्रमण नियंत्रण उपायों की जरूरत होती है ताकि इसके प्रसार को रोका जा सके. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मंकीपॉक्स को लेकर भारत में लगातार स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट पर है. सभी राज्यों के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय बैठक कर चुका है. हालांकि अभी तक भारत में मंकी बॉक्स का एक भी केस नहीं है, बावजूद इसके केंद्र की सरकार भी मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट पर है. इस एसओपी में एम्स इमरजेंसी विभाग में मंकीपॉक्स मामलों को संभालने के लिए जरूरी कदम बताए गए हैं-</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ट्रायज क्षेत्र में स्क्रीनिंग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बुखार, दाने या संक्रमित मंकीपॉक्स मामलों के संपर्क में आने वाले मरीजों को तुरंत मूल्यांकन के लिए चिह्नित किया जाना चाहिए. प्रमुख लक्षणों की पहचान करें. बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजन वाले लिम्फ नोड्स, ठंड, थकान और विशिष्ट त्वचा के घाव (मैकुलोपैप्युलर दाने जो वेसिकल्स और पुस्ट्यूल्स में विकसित हो सकते हैं).</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आइसोलेशन या होल्डिंग क्षेत्र</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एम्स ने संदिग्ध मरीजों आइसोलेशन एरिया में रखने की बात कही है. ताकि अन्य मरीजों और स्टाफ के संपर्क को कम किया जा सके. एबी-7 बेड नंबर 33, 34, 35, 36 और 37 को मंकीपॉक्स रोगियों को अलग करने के लिए चिह्नित किया गया है. ये बेड इमरजेंसी सीएमओ की सिफारिश पर मंकीपॉक्स मरीजों को आवंटित किए जाएंगे और उनका इलाज किया जाएगा. एबी-7 अस्थायी धारण कक्ष बना रहेगा जब तक कि रोगी को निर्धारित देखभाल के लिए अस्पताल में ट्रांसफर नहीं किया जाता है (सफदरजंग अस्पताल).</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आईडीएसपी को सूचना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामले की पहचान होने पर इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) के अधिकारियों को संपर्क नंबर 8745011784 पर सूचित करें. मरीज के विवरण, संक्षिप्त इतिहास, क्लिनिकल फाइंडिंग और संपर्क विवरण दें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”लेटरल एंट्री पर संजय सिंह का दावा, ‘4 राज्यों के चुनावों के बाद IAS में आरक्षण खत्म होगा'” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/sanjay-singh-aap-mp-attack-on-modi-govt-bjp-over-reservation-lateral-entry-recruitment-cancellation-2765187″ target=”_blank” rel=”noopener”>लेटरल एंट्री पर संजय सिंह का दावा, ‘4 राज्यों के चुनावों के बाद IAS में आरक्षण खत्म होगा'</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सफदरजंग अस्पताल में रेफरल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सफदरजंग अस्पताल को मंकीपॉक्स मरीजों के प्रबंधन और इलाज के लिए अधिकृत किया गया है. ऐसे में मंकीपॉक्स होने के संदेह वाले किसी भी मरीज को आगे के मूल्यांकन और इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भेजा जाना चाहिए</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मरीज हैंडलिंग और आइसोलेशन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सभी रोगियों को सख्त संक्रमण नियंत्रण उपायों के साथ संभाला जाना चाहिए. संदिग्ध मामलों के साथ निपटने पर स्टाफ को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का इस्तेमाल करना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डॉक्यूमेंटेशन और संचार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मरीजों के विवरण, लक्षणों और रेफरल प्रक्रिया का उचित डॉक्यूमेंटेशन बनाए रखा जाना चाहिए. इस प्रोटोकॉल को सभी संबंधित विभागों और स्टाफ को संदिग्ध मंकीपॉक्स मामलों के लिए समन्वित और इफेक्टिव रिस्पॉन्स सुनिश्चित करने के लिए प्रसारित किया जाना चाहिए.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>AIIMS Issues SoPs For Monkeypox Patients:</strong> मंकीपॉक्स को लेकर भारत अलर्ट मोड पर है. इस बीच दिल्ली एम्स ने मंकीपॉक्स को रोकने को लेकर बड़ा फैसला लिया है. AIIMS ने संदिग्ध मंकीपॉक्स रोगियों के प्रबंधन के लिए SOP जारी की है. मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस है, जिसके लक्षण छोटे चेचक के रोगियों में देखे गए लक्षणों के समान हैं, हालांकि इसके लक्षण कम गंभीर हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय चिंता के मद्देनजर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के रूप में घोषित किया है, जिसके लिए उच्च स्तर की जागरूकता, तुरंत पहचान और संक्रमण नियंत्रण उपायों की जरूरत होती है ताकि इसके प्रसार को रोका जा सके. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मंकीपॉक्स को लेकर भारत में लगातार स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट पर है. सभी राज्यों के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय बैठक कर चुका है. हालांकि अभी तक भारत में मंकी बॉक्स का एक भी केस नहीं है, बावजूद इसके केंद्र की सरकार भी मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट पर है. इस एसओपी में एम्स इमरजेंसी विभाग में मंकीपॉक्स मामलों को संभालने के लिए जरूरी कदम बताए गए हैं-</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ट्रायज क्षेत्र में स्क्रीनिंग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बुखार, दाने या संक्रमित मंकीपॉक्स मामलों के संपर्क में आने वाले मरीजों को तुरंत मूल्यांकन के लिए चिह्नित किया जाना चाहिए. प्रमुख लक्षणों की पहचान करें. बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजन वाले लिम्फ नोड्स, ठंड, थकान और विशिष्ट त्वचा के घाव (मैकुलोपैप्युलर दाने जो वेसिकल्स और पुस्ट्यूल्स में विकसित हो सकते हैं).</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आइसोलेशन या होल्डिंग क्षेत्र</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एम्स ने संदिग्ध मरीजों आइसोलेशन एरिया में रखने की बात कही है. ताकि अन्य मरीजों और स्टाफ के संपर्क को कम किया जा सके. एबी-7 बेड नंबर 33, 34, 35, 36 और 37 को मंकीपॉक्स रोगियों को अलग करने के लिए चिह्नित किया गया है. ये बेड इमरजेंसी सीएमओ की सिफारिश पर मंकीपॉक्स मरीजों को आवंटित किए जाएंगे और उनका इलाज किया जाएगा. एबी-7 अस्थायी धारण कक्ष बना रहेगा जब तक कि रोगी को निर्धारित देखभाल के लिए अस्पताल में ट्रांसफर नहीं किया जाता है (सफदरजंग अस्पताल).</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आईडीएसपी को सूचना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामले की पहचान होने पर इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) के अधिकारियों को संपर्क नंबर 8745011784 पर सूचित करें. मरीज के विवरण, संक्षिप्त इतिहास, क्लिनिकल फाइंडिंग और संपर्क विवरण दें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”लेटरल एंट्री पर संजय सिंह का दावा, ‘4 राज्यों के चुनावों के बाद IAS में आरक्षण खत्म होगा'” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/sanjay-singh-aap-mp-attack-on-modi-govt-bjp-over-reservation-lateral-entry-recruitment-cancellation-2765187″ target=”_blank” rel=”noopener”>लेटरल एंट्री पर संजय सिंह का दावा, ‘4 राज्यों के चुनावों के बाद IAS में आरक्षण खत्म होगा'</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सफदरजंग अस्पताल में रेफरल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सफदरजंग अस्पताल को मंकीपॉक्स मरीजों के प्रबंधन और इलाज के लिए अधिकृत किया गया है. ऐसे में मंकीपॉक्स होने के संदेह वाले किसी भी मरीज को आगे के मूल्यांकन और इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भेजा जाना चाहिए</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मरीज हैंडलिंग और आइसोलेशन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सभी रोगियों को सख्त संक्रमण नियंत्रण उपायों के साथ संभाला जाना चाहिए. संदिग्ध मामलों के साथ निपटने पर स्टाफ को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का इस्तेमाल करना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डॉक्यूमेंटेशन और संचार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मरीजों के विवरण, लक्षणों और रेफरल प्रक्रिया का उचित डॉक्यूमेंटेशन बनाए रखा जाना चाहिए. इस प्रोटोकॉल को सभी संबंधित विभागों और स्टाफ को संदिग्ध मंकीपॉक्स मामलों के लिए समन्वित और इफेक्टिव रिस्पॉन्स सुनिश्चित करने के लिए प्रसारित किया जाना चाहिए.</p> दिल्ली NCR AMU प्रशासन पर एडमिशन में धांधली का आरोप, छात्रों ने किया जमकर हंगामा, खेल कोटे पर बवाल