मंडी से इस बार अंडर-14 आयु वर्ग में 35 खिलाडी राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित किए गए हैं। यह सभी खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में दमखम दिखाएंगे। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन व इनके सम्मान के लिए एक समारोह प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक कार्यालय मंडी में आयोजित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक विजय गुप्ता ने की और सभी चयनित खिलाडियों को हार पहनाकर और उनको स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर सभी खिलाडियों को उन्होंने बधाई दी और संबोधित किया। मंडी को एक नई पहचान दिलाएंगे खिलाड़ी- गुप्ता उन्होंने खिलाड़ियों में एक नया जोश पैदा किया कि वह राष्ट्रीय स्तर पर भी मंडी को एक नई पहचान दिलाएंगे। इस मौके पर खिलाड़ियों को तैयार करने वाले शिक्षकों को भी उन्होंने बधाई दी और कहा कि यह शिक्षकों की मेहनत का ही फल है कि जो इस तरह से हीरों की परख करके उनको तराश रहे है। कार्यक्रम ये रहे मौजूद इस मौके पर विभिन्न स्कूलों से आए हुए शिक्षक, जिला खेल प्रभारी प्राथमिक शिक्षा प्रवीण, प्रधानाचार्य कन्या स्कूल जोगिंद्रनगर डॉ सुनील ठाकुर के अलावा उपनिदेशक कार्यालय का पूरा स्टाफ व पेरेंट्स मौजूद रहे। मंडी से इस बार अंडर-14 आयु वर्ग में 35 खिलाडी राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित किए गए हैं। यह सभी खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में दमखम दिखाएंगे। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन व इनके सम्मान के लिए एक समारोह प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक कार्यालय मंडी में आयोजित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक विजय गुप्ता ने की और सभी चयनित खिलाडियों को हार पहनाकर और उनको स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर सभी खिलाडियों को उन्होंने बधाई दी और संबोधित किया। मंडी को एक नई पहचान दिलाएंगे खिलाड़ी- गुप्ता उन्होंने खिलाड़ियों में एक नया जोश पैदा किया कि वह राष्ट्रीय स्तर पर भी मंडी को एक नई पहचान दिलाएंगे। इस मौके पर खिलाड़ियों को तैयार करने वाले शिक्षकों को भी उन्होंने बधाई दी और कहा कि यह शिक्षकों की मेहनत का ही फल है कि जो इस तरह से हीरों की परख करके उनको तराश रहे है। कार्यक्रम ये रहे मौजूद इस मौके पर विभिन्न स्कूलों से आए हुए शिक्षक, जिला खेल प्रभारी प्राथमिक शिक्षा प्रवीण, प्रधानाचार्य कन्या स्कूल जोगिंद्रनगर डॉ सुनील ठाकुर के अलावा उपनिदेशक कार्यालय का पूरा स्टाफ व पेरेंट्स मौजूद रहे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का आज होगा आगाज:राष्ट्रीय स्तर पर होगा खेल का आयोजन, 19 अक्टूबर को होगा समापन
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का आज होगा आगाज:राष्ट्रीय स्तर पर होगा खेल का आयोजन, 19 अक्टूबर को होगा समापन हिमाचल प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का आयोजन 13 से 19 अक्टूबर तक किया जा रहा है, जिसकी आज शुरुआत होगी। भगवान रघुनाथ जी की शोभा यात्रा आज 4 बजे के बाद तब तक नहीं होगी जब तक सामने की पहाड़ी पर स्थापित भुवनेश्वरी माता भेखली ध्वजा लहराकर अपनी हाजिरी नहीं भरती। इससे पहले आज दशहरा में शामिल होने वाले देवी-देवता रघुनाथ मंदिर में परोल धूपेंगे। रामशिला हनुमान मंदिर पहुंची माता
यह क्रम पिछले दिन से शुरू हो गया है। दूर के सैकड़ों देवी देवता कल ही पहुँच चुके हैं, जबकि नजदीक के देवी देवता यात्रा से पूर्व पहुँच जाएंगे। राज परिवार की दादी कहलाने वाली प्रमुख हडिम्बा बीते कल ही रामशिला हनुमान मंदिर पहुंची हैं। आज सुबह माता का शृंगार होने तक राजपरिवार की ओर से छड़ी लेकर दशहरे में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया। फिलहाल माता का रथ सुल्तानपुर के लिए रवाना हो गया। बिजली महादेव पिछली रात को रघुनाथ मंदिर पहुँच गए है। इस बार भी 332 देवी देवताओं को निमंत्रण दिया गया है। राज्यपाल करेंगे कुल्लू दशहरा का शुभारंभ
आज राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल कुल्लू दशहरा का शुभारंभ करेंगे। शोभा यात्रा के दौरान देवसदन के प्रांगण में बने मंच पर शिरकत करेंगे। शाम को 7 बजे प्रदर्शनी और 8 बजे सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ करेंगे। प्रशासन ने किए पुख्ता इंतजाम
प्रशासन ने कुल्लू दशहरा की तैयारियों को लेकर पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं। डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश का कहना है कि इंतजाम पूरे कर दिये गए हैं। कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस की भी पूरी तैयारी में है और 1300 जवान तैनात किए गए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर होगा खेल उत्सव
इस बार राष्ट्रीय स्तर पर खेल उत्सव का आयोजन होगा। जिसमें महिला और पुरूष की वॉलीबॉल प्रतियोगिता होगी। खेल प्रतियोगिता 15 से 18 तक होगी इसी दिन लालड़ी भी होगी। राजा जगत सिंह के समय 1651 मे हुआ दशहरा मनाना शुरू
राजा जगत सिंह ने 1637 से 1662 तक शासन किया इसी राजा के समय दामोदर दास ने अयोध्या से रघुनाथ जी की मूर्ति कुल्लू लाई थी। राजा ने 1651 में पहला दशहरा गड़सा घाटी के मकराहड़ में मूर्ति के स्वागत में मनाया था। 1660 में सुल्तानपुर को राजधानी बनाया।
मंडी सीट पर हार-जीत का फैसला आज:कंगना और विक्रमादित्य के आमने-सामने; 12 बजे तक नतीजे स्पष्ट होना संभव
मंडी सीट पर हार-जीत का फैसला आज:कंगना और विक्रमादित्य के आमने-सामने; 12 बजे तक नतीजे स्पष्ट होना संभव हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट पर मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी। सबसे पहले संस्कृत सदन मंडी के ऑडिटोरियम हॉल में रिटर्निंग ऑफिसर की मौजूदगी में सर्विस और पोस्टल बैलेट की गणना होगी। इसकी गणना पूरी होते ही पहला चुनावी रुझान सुबह 9 बजे तक आ जाएगा। इसके बाद EVM में मतगणना शुरू होगी। दोपहर साढे 12 बजे तक हार-जीत को लेकर स्थिति लगभग स्पष्ट होने की संभावना है। इस सीट के अधीन 17 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें मंडी, सराज, सरकाघाट, दरंग, नाचन, करसोग, बल्ह, जोगेंद्रनगर, सुंदरनगर, रामपुर, आनी, कुल्लू, मनाली, बंजार, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और भरमौर शामिल हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र में मतगणना के लिए 9 जगह काउंटिंग सेंटर बनाए गए हैं। इनमें करीब 500 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। किसी संभावित गड़बड़ी को रोकने के लिए थ्री-लेयर सिक्योरिटी लगाई गई है। पहली लेयर में सेंट्रल आर्म पुलिस फोर्स, दूसरी में राज्य पुलिस की हथियार से लैस बटालियन और तीसरी लेयर में जिला पुलिस तैनात की गई है। इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार कंगना रनोट और कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह के बीच मुख्य मुकाबला है। हालांकि, यहां कुल 12 दावेदार चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर इस बार 73.15 प्रतिशत वोटिंग हु, जो पिछली बार 72.42 प्रतिशत के मुकाबले 0.73 प्रतिशत ज्यादा है।
देहरा में 9 खैर के पेड़ों की लकड़ी बरामद:कोहरे का फायदा उठा कर भागे तस्कर, कुल्हाड़ी की आवाज सुनकर पहुंचे ग्रामीण
देहरा में 9 खैर के पेड़ों की लकड़ी बरामद:कोहरे का फायदा उठा कर भागे तस्कर, कुल्हाड़ी की आवाज सुनकर पहुंचे ग्रामीण कांगड़ा जिले के देहरा उपमंडल की ग्राम पंचायत मुहल के जंगल में वन माफिया ने सोमवार रात खैर के 9 कीमती पेड़ों को काटने की घटना को अंजाम दिया। इस अवैध कटान की भनक लगते ही स्थानीय लोगों और पुलिस की सतर्कता ने माफियाओं की बड़ी साजिश पर पानी फेर दिया। घटना आधी रात की बताई जा रही है, जब माफिया जंगल में पेड़ों की कटाई में जुटे थे। स्थानीय निवासियों को जब पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलने की आवाजें सुनाई दीं, तो उन्होंने तुरंत देहरा पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस की गश्ती टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की। हालांकि, अंधेरे और घने कोहरे का फायदा उठाकर तस्कर मौके से फरार हो गए, लेकिन उनके औजार और लकड़ी के टुकड़े पुलिस के हाथ लग गए। साढ़े तीन लाख की लकड़ी और औजार जब्त
घटनास्थल पर पुलिस ने खैर के 74 मौछे (लकड़ी के टुकड़े), 2 आरे और 1 कुल्हाड़ी जब्त की। जब्त की गई लकड़ी की कीमत लगभग साढ़े तीन लाख रुपए आंकी गई है। पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों की सतर्कता से बचा जंगल
डीएसपी देहरा अनिल कुमार ने बताया कि मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि घटना के पीछे कौन लोग शामिल हैं और क्या यह किसी बड़े गिरोह की कारगुजारी है। वन विभाग के डीएफओ सन्नी वर्मा ने घटना की पुष्टि करते हुए स्थानीय लोगों की सतर्कता की सराहना की। उन्होंने अपील की है कि जंगलों में किसी भी संदिग्ध गतिविधि को देखकर तुरंत पुलिस या वन विभाग को सूचित करें। वनों पर मंडरा रहा खतरा
खैर के पेड़ों की अवैध कटाई कांगड़ा जिले में लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। खैर की लकड़ी का बाजार में बड़ा मूल्य है, और माफिया इसकी तस्करी में सक्रिय रहते हैं। यह घटना न केवल जंगलों के लिए खतरा है, बल्कि पर्यावरण संतुलन के लिए भी बड़ा नुकसान है। वन विभाग और पुलिस ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और वन संपदा को बचाने में सहयोग करें। यह कार्रवाई जंगलों को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन वन माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है।