मंडी जिले में बीते 31 जुलाई की रात्रि को चौहारघाटी के राजबन के साथ ग्राम पंचायत तरसवाण के समालंग, द्रगड़ और गढ़गांव में मूसलाधार बारिश से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। यहां पहाड़ी में बादल फटने के बाद गढ़गांव खड्ड और रुलंग नाले ने खासा कहर बरपाया है। दो रिहायशी मकान, एक पुल, तीन फुटब्रिज, एक आरा मशीन, एक घराट, दो गौशालाएं और दो कारें पानी के तेज बहाव में बह गए। जबकि दो किलोमीटर के करीब सड़क का नामोनिशान मिट गया है। आलू की फसल से हरी भरी दो बीघा के करीब मलकियत जमीन भी तबाह हो गई। दस दिन बीत जाने बाद भी प्रभावित गांव में प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। मुआवजा देने की मांग ग्रामीणों ने एक आपात बैठक बुलाकर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से तीनों प्रभावित गांव का दौरा कर नुकसान का जायजा लेने और उचित मुआवजा प्रदान किए जाने की मांग उठाई। इसके साथ ही तरसवाण-द्रगड़-गढ़गांव सड़क की मरम्मत की मांग भी की। ग्रामीणों ने अल्टीमेटम भी दिया कि दो दिनों के भीतर प्रशासन गांव नहीं पहुंचाता है तो मजबूरन धरना प्रदर्शन करने के साथ-साथ चक्का जाम करेंगे। स्कूली नहीं पहुंच पा रहे बच्चे ग्रामीणों ने बताया कि सड़क पूरी तरह नाले के रूप में तब्दील हो चुकी है। लगभग डेट दर्जन छोटे वाहन गांव में फंसे हुए हैं। आने-जाने के सभी रास्ते बंद हैं। खड्ड नालों के सभी फुटब्रिज बह चुके हैं। जिससे पैदल चलना भी पूरी तरह बंद है। स्कूली विद्यार्थी पिछले दस दिनों से स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। स्थानीय विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने घटना के तीसरे दिन प्रभावित गांव का दौरा किया था। उन्होंने शीघ्र मदद करने का आश्वासन दिया था। लेकिन 10 दिन बीत जाने बाद भी को अधिकारी गांव की सुध लेने नहीं पहुंचा। गांव में राशन पानी की किल्लत हो गई है। घोड़े खच्चर चलने तक रास्ता न रहने से कोई खाद्य सामग्री गांव में नहीं पहुंच पा रही है। एसडीएम कार्यालय का करेंगे घेराव ग्रामीणों में प्रेम सिंह, राम सिंह, अक्षय कुमार, शेर सिंह, भीम देव, सुरेश कुमार, साधु राम, तोलु राम, परस राम, भादर सिंह, विजेंदर और प्रकाश ने कहा कि सोमवार को अगर शासन प्रशासन का अधिकारी प्रभावित गांवों में नहीं पहुंचता है, तो सभी ग्रामीण पहले एसडीएम कार्यालय का घेराव करेंगे, नौबत पड़ी तो चक्का जाम भी किया जाएगा। मंडी जिले में बीते 31 जुलाई की रात्रि को चौहारघाटी के राजबन के साथ ग्राम पंचायत तरसवाण के समालंग, द्रगड़ और गढ़गांव में मूसलाधार बारिश से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ। यहां पहाड़ी में बादल फटने के बाद गढ़गांव खड्ड और रुलंग नाले ने खासा कहर बरपाया है। दो रिहायशी मकान, एक पुल, तीन फुटब्रिज, एक आरा मशीन, एक घराट, दो गौशालाएं और दो कारें पानी के तेज बहाव में बह गए। जबकि दो किलोमीटर के करीब सड़क का नामोनिशान मिट गया है। आलू की फसल से हरी भरी दो बीघा के करीब मलकियत जमीन भी तबाह हो गई। दस दिन बीत जाने बाद भी प्रभावित गांव में प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। मुआवजा देने की मांग ग्रामीणों ने एक आपात बैठक बुलाकर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से तीनों प्रभावित गांव का दौरा कर नुकसान का जायजा लेने और उचित मुआवजा प्रदान किए जाने की मांग उठाई। इसके साथ ही तरसवाण-द्रगड़-गढ़गांव सड़क की मरम्मत की मांग भी की। ग्रामीणों ने अल्टीमेटम भी दिया कि दो दिनों के भीतर प्रशासन गांव नहीं पहुंचाता है तो मजबूरन धरना प्रदर्शन करने के साथ-साथ चक्का जाम करेंगे। स्कूली नहीं पहुंच पा रहे बच्चे ग्रामीणों ने बताया कि सड़क पूरी तरह नाले के रूप में तब्दील हो चुकी है। लगभग डेट दर्जन छोटे वाहन गांव में फंसे हुए हैं। आने-जाने के सभी रास्ते बंद हैं। खड्ड नालों के सभी फुटब्रिज बह चुके हैं। जिससे पैदल चलना भी पूरी तरह बंद है। स्कूली विद्यार्थी पिछले दस दिनों से स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। स्थानीय विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने घटना के तीसरे दिन प्रभावित गांव का दौरा किया था। उन्होंने शीघ्र मदद करने का आश्वासन दिया था। लेकिन 10 दिन बीत जाने बाद भी को अधिकारी गांव की सुध लेने नहीं पहुंचा। गांव में राशन पानी की किल्लत हो गई है। घोड़े खच्चर चलने तक रास्ता न रहने से कोई खाद्य सामग्री गांव में नहीं पहुंच पा रही है। एसडीएम कार्यालय का करेंगे घेराव ग्रामीणों में प्रेम सिंह, राम सिंह, अक्षय कुमार, शेर सिंह, भीम देव, सुरेश कुमार, साधु राम, तोलु राम, परस राम, भादर सिंह, विजेंदर और प्रकाश ने कहा कि सोमवार को अगर शासन प्रशासन का अधिकारी प्रभावित गांवों में नहीं पहुंचता है, तो सभी ग्रामीण पहले एसडीएम कार्यालय का घेराव करेंगे, नौबत पड़ी तो चक्का जाम भी किया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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