हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिला हमीरपुर की नगर परिषद के अध्यक्ष मनोज मिन्हास ने वोटिंग से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, मनोज मिन्हास को हटाने की मांग को लेकर बीजेपी के सात पार्षदों ने नो-कॉन्फिडेंस मोशन दे रखा है। इस पर मीटिंग शुरू हो गई है। मीटिंग में वोटिंग के आधार पर नया अध्यक्ष चुना जाएगा। बता दें कि मनोज मिन्हास को हटाने के लिए भाजपा पार्षदों ने विधानसभा उप चुनाव से पहले (मई 2024) नो-कॉन्फिडेंस मोशन डीसी हमीरपुर को दे रखा था। मगर हमीरपुर में उप चुनाव की वजह से अध्यक्ष को हटाने की मुहिम ठंडे बस्ते में चली गई। इस बीच अध्यक्ष को हटाने की मांग करने वाले पार्षद हाईकोर्ट भी पहुंचे। कोर्ट ने जल्द नो कॉन्फिडेंस मोशन पर हस्तक्षेप करते हुए चुनाव को कहा। इसे देखते हुए आज अध्यक्ष के चुनाव को लेकर मीटिंग बुलाई गई। इस मामले में आज हाईकोर्ट में भी सुनवाई होनी है। इस बीच मनोज मिन्हास भी हाईकोर्ट पहुंचे हैं। एक तरफ प्रशासन ने अध्यक्ष के चुनाव को लेकर मीटिंग बुला दी है। दूसरी ओर कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। अब अध्यक्ष ने खुद ही इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि 11 पार्षदों वाली हमीरपुर नगर परिषद में साढ़े तीन साल पहले 9 पार्षद बीजेपी के जीत कर आए थे, जबकि कांग्रेस के 2 ही पार्षद चुनाव जीते। तब बीजेपी ने मनोज मिन्हास को अध्यक्ष चुन दिया। उप चुनाव से कुछ समय पहले मनोज मिन्हास और वार्ड नंबर-2 के पार्षद राज कुमार ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। इस बीच उप चुनाव के कारण नए अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया लटक गई। तकनीकी कारणों से बैठक 4:00 बजे: EO नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी (EO) अजमेर सिंह ठाकुर ने बताया कि बैठक 4:00 बजे होगी और सभी पार्षदों को सूचित कर दिया गया है। विधायक आशीष का भी पड़ेगा वोट 11 सदस्यों वाले इस हाउस में वोटिंग की नौबत आई तो स्थानीय विधायक आशीष शर्मा का भी पड़ेगा। वे भी इस बैठक में शिरकत करेंगे, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने नए नियमों में इसका प्रावधान किया है। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिला हमीरपुर की नगर परिषद के अध्यक्ष मनोज मिन्हास ने वोटिंग से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, मनोज मिन्हास को हटाने की मांग को लेकर बीजेपी के सात पार्षदों ने नो-कॉन्फिडेंस मोशन दे रखा है। इस पर मीटिंग शुरू हो गई है। मीटिंग में वोटिंग के आधार पर नया अध्यक्ष चुना जाएगा। बता दें कि मनोज मिन्हास को हटाने के लिए भाजपा पार्षदों ने विधानसभा उप चुनाव से पहले (मई 2024) नो-कॉन्फिडेंस मोशन डीसी हमीरपुर को दे रखा था। मगर हमीरपुर में उप चुनाव की वजह से अध्यक्ष को हटाने की मुहिम ठंडे बस्ते में चली गई। इस बीच अध्यक्ष को हटाने की मांग करने वाले पार्षद हाईकोर्ट भी पहुंचे। कोर्ट ने जल्द नो कॉन्फिडेंस मोशन पर हस्तक्षेप करते हुए चुनाव को कहा। इसे देखते हुए आज अध्यक्ष के चुनाव को लेकर मीटिंग बुलाई गई। इस मामले में आज हाईकोर्ट में भी सुनवाई होनी है। इस बीच मनोज मिन्हास भी हाईकोर्ट पहुंचे हैं। एक तरफ प्रशासन ने अध्यक्ष के चुनाव को लेकर मीटिंग बुला दी है। दूसरी ओर कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। अब अध्यक्ष ने खुद ही इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि 11 पार्षदों वाली हमीरपुर नगर परिषद में साढ़े तीन साल पहले 9 पार्षद बीजेपी के जीत कर आए थे, जबकि कांग्रेस के 2 ही पार्षद चुनाव जीते। तब बीजेपी ने मनोज मिन्हास को अध्यक्ष चुन दिया। उप चुनाव से कुछ समय पहले मनोज मिन्हास और वार्ड नंबर-2 के पार्षद राज कुमार ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। इस बीच उप चुनाव के कारण नए अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया लटक गई। तकनीकी कारणों से बैठक 4:00 बजे: EO नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी (EO) अजमेर सिंह ठाकुर ने बताया कि बैठक 4:00 बजे होगी और सभी पार्षदों को सूचित कर दिया गया है। विधायक आशीष का भी पड़ेगा वोट 11 सदस्यों वाले इस हाउस में वोटिंग की नौबत आई तो स्थानीय विधायक आशीष शर्मा का भी पड़ेगा। वे भी इस बैठक में शिरकत करेंगे, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने नए नियमों में इसका प्रावधान किया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल CM बोले-राहुल गांधी पर राजनीति दुर्भावना से की FIR:कांग्रेस घबराने वाली नहीं, अग्निहोत्री बोले-राहुल को मोदी के सामने नहीं देख पा रही BJP हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर FIR की निंदा की। उन्होंने कहा कि राहुल पर दर्ज FIR राजनीतिक दुर्भावना से की गई। कांग्रेस पार्टी इससे घबराने वाली नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, गांधी परिवार अर्से से इस देश की सेवा करता आ रहा है। राहुल गांधी के पिता और दादी ने दोनों इस देश के लिए बलिदान दिया। ऐसे परिवार के बेटे व पोते राहुल गांधी पर राजनीतिक भावना से FIR की गई। अग्निहोत्री बोले- राहुल के व्यवहार और शिष्टाचार पर कोई उंगली नहीं उठा सकता डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा, विपक्ष के नेता का रास्ता रोकना और धक्का मुक्की करना हिंदुस्तान के लोकतांत्रिक मूल्य के खिलाफ है। इसके सारे वीडियो सामने आ गए है। राहुल गांधी के व्यवहार और शिष्टाचार पर कोई उंगली भी नहीं उठा सकता। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार मान्यता प्राप्त विपक्ष के काम में बाधा उत्पन्न करना चाह रही ही। उन्होंने कहा, राहुल गांधी जब संसद से निकाले गए। तब भी राहुल गांधी ने लड़ाई लड़ी। अब भी राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी डरने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को यह रास नहीं आ रहा कि प्रधानमंत्री के बिल्कुल सामने राहुल गांधी क्यों बैठ रहे है। क्या है विवाद बता दें कि बीते गुरुवार संसद परिसर में सुबह धक्का मुक्की के दौरान ओडिशा के बालासोर से सांसद प्रताप सारंगी चोटिल हो गए। सारंगी ने आरोप लगाया कि राहुल ने एक सांसद को धक्का दिया, जो उनके ऊपर गिरा। सारंगी जब मीडिया के सामने आए, तब उनके सिर से खून निकल रहा था। सारंगी के अलावा फर्रुखाबाद से भाजपा सांसद मुकेश राजपूत को भी चोट आई है। दोनों को RML हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। दोनों नेताओं के सिर में चोट लगी है। उन्हें ICU रखा गया है। प्रताप सारंगी को काफी ब्लीडिंग रही थी। उनका घाव भी गहरा था, इसलिए टांके लगाने पड़े। घटना के बाद BJP सांसद अनुराग ठाकुर और बांसुरी स्वराज ने राहुल के खिलाफ हत्या की कोशिश, धमकाने, धक्का देने के आरोप समेत BNS की 7 धाराओं में पुलिस को शिकायत दी। हालांकि, पुलिस ने धारा- 109 (हत्या की कोशिश) हटाकर सिर्फ 6 धाराओं में FIR में दर्ज की है। इन धाराओं में चोट पहुंचाने के इरादे से काम करना, धक्का देना-डराना धमकाना शामिल है। इस पर हिमाचल कांग्रेस भड़क उठी है।
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बता दें कि शिमला के जुन्गा में 4 दिवसीय पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल चला रहा है। इस पैरा ग्लाइडिंग चैम्पियनशिप में हिमाचल के अलावा विभिन्न राज्यों के लगभग 40 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इसमें पश्चिम बंगाल की एक महिला पैरा ग्लाइडर भी शामिल होगी। फ्लाइंग फेस्टिवल में स्पॉट लैंडिंग पैरा ग्लाइडिंग चैम्पियनशिप रखी गई है। पायलट सोलो और टीम श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए फ्लाइंग फेस्टिवल का आयोजन
शिमला में देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के मकसद से दूसरी बार जुन्गा में इस चैम्पियनशिप का आयोजन किया जा रहा है। बीते साल भी इंटरनेशनल फ्लाइंग फेस्टिवल का आयोजन जुन्गा में किया जा चुका है। 5 लाख नगद इनाम
आयोजक रावत ने बताया कि प्रतियोगिता जीतने वाली पैरा ग्लाइडिंग टीम को नकद 5 लाख और सोलो क्लास में प्रथम पुरस्कार जीतने वाले प्रतिभागी को 2.25 लाख रुपए नगद इनाम दिया जाएगा। बीड़ बिलिंग में प्रस्तावित है पैरा ग्लाइडिंग प्री-वर्ल्ड कप
बता दें कि इसी साल नवंबर में हिमाचल के नरवाना और बीड़-बिलिंग में भी पैरा ग्लाइडिंग प्री-वर्ल्ड कप होने वाला है। नशे से दूर रहें युवा
खली ने कहा कि वह प्रदेश के युवाओं से एक अपील करना चाहते हैं, युवाओं को नशे से दूर रहना चाहिए और खेलों को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई बच्चा या युवा नशा करता है तो सिर्फ वो परेशान नहीं रहता बल्कि उसके साथ उसका परिवार, सगे-सबंधी और सोसाइटी भी तबाह होती है। हिमाचल प्रदेश में खोलेंगे रेसलिंग अकादमी
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हिमाचल राज्यपाल ने कृषि-मंत्री के बयान पर जताई आपत्ति:कहा- कुलपति की नियुक्ति के बिल पर झूठ बोल रहे चंद्र कुमार
हिमाचल राज्यपाल ने कृषि-मंत्री के बयान पर जताई आपत्ति:कहा- कुलपति की नियुक्ति के बिल पर झूठ बोल रहे चंद्र कुमार हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कृषि मंत्री चंद्र कुमार के बयान पर आपत्ति जताई है। राज्यपाल ने वीरवार दोपहर बाद शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा कि कृषि मंत्री बार-बार कह रहे हैं कि एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में कुलपति की नियुक्ति का बिल मंजूरी के लिए राजभवन में अटका है। राज्यपाल ने कहा कि सच्चाई यह है कि यह बिल सरकार के पास है। राजभवन ने इसे टिप्पणी के लिए प्रदेश सरकार को भेज रखा है, जिस पर सरकार ने फैसला लेना है। ऐसे में राजभवन पर दोषारोपण करना गलत है। राज्यपाल ने कहा कि कृषि मंत्री कह रहे हैं कि राज्यपाल के पास बिल को लेकर पत्रावली पड़ी है, इस वजह से नियमित कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पा रही।राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि राजभवन की ओर से कोई देरी नहीं की गई। बता दें कि कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्त कि बिल में सरकार संशोधन कर रही है, यह संशोधन सरकार की सहमति से कुलपति की नियुक्ति करने की मंशा से किया जा रहा है, क्योंकि पैसा सरकार देती है, इसलिए कुलपति के लिए नाम सरकार भेजे उसे ही राज्यपाल अपनी सहमति दें। वर्तमान नियमों में यह प्रावधान नहीं है। नियमों के मुताबिक यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन), राज्यपाल और सरकार तीनों की सहमति से कुलपति की नियुक्ति होती है। यदि यह संशोधन लागू हो जाता है तो हिमाचल ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा। ऐसी स्थिति में बिल पहली बार राष्ट्रपति को भेजने पर राजभवन विचार करेगा। नियम के विरुद्ध कोई काम नहीं होगा: राज्यपाल राजभवन ने कुलपतियों की नियुक्ति के लिए पुराने नियमों के अनुसार ही कमेटी का गठन किया है, जो कुलपति को खोजने का काम कर रही है। मगर एक साल से कुलपति खोज नहीं सकी है। कुलपति की नियुक्ति न होने में राजभवन का कोई दोष नहीं है। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। राज्यपाल ने कहा कि नियम के विरुद्ध कोई भी काम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पद की गरिमा बनाए रखने के लिए वह कुछ भी करेंगे। लाभार्थियों की जानकारी मिलते ही नौतोड़ भूमि को मंजूरी देंगे राज्यपाल ने प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में भूमिहीन को नौतोड़ भूमि देने के सवाल पर कहा, राजभवन को नौतोड़ भूमि देने में कोई आपत्ति नहीं हैं। राजभवन ने सरकार से लाभार्थियों की संख्या पूछी है, जैसे ही जवाब मिलेगा राजभवन इसे भी मंजूरी दे देगा। कानून व्यवस्था बिगड़ी, यह कहना सही नहीं बिगड़ती कानून व्यवस्था के सवाल पर राज्यपाल ने कहा, कानून व्यवस्था बिगड़ गई है, ऐसा नहीं कह सकते। महर शांत प्रदेश में अगर कुछ भी घटना होती है तो प्रदेश की बदनामी होती है। ऐसे में सरकार को इसकी चिंता होनी चाहिए। राज्यपाल ने दूसरी बार सख्त टिप्पणी की यह दूसरा मौका है जब राज्यपाल ने सरकार को लेकर सख्त टिप्पणी की है। बीते सप्ताह ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों के शामिल नहीं होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। अब उन्होंने कुलपति की नियुक्ति को लेकर सरकार के मंत्री के बयान पर आपत्ति जताई है। जाहिर है इससे आने वाले दिनों में राजभवन और सरकार में तकरार बढ़ सकती है। राजभवन से नहीं कोई मतभेद राज्यपाल के बयान के बाद कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि उनका राजभवन से कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने खुद व्यक्तिगत तौर पर राज्यपाल से मिलकर बिल को मंजूर करने या फिर आपत्ति लगाकर वापस भेजने का आग्रह किया था, क्योंकि इस बिल के मंजूर नहीं होने की वजह से कृषि विश्वविद्यालय में रेगुलर कुलपति की नियुक्ति नहीं हो पा रही।