मंडी जिला के वन परिक्षेत्र पनारसा के तहत आने वाली ग्राम पंचायत जलाकाशना के जला गांव में एक तेंदुआ बीती रात करीब 12 बजे एक गौशाला में जा घुसा। लेकिन तेंदुए के गौशाला में घुसते ही दरवाजा अपने आप बंद हो गया। ग्रामीणों को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर गौशाला के दरवाजे को और मजबूती के साथ बंद कर दिया और इसकी सूचना वन विभाग को दी। इस दौरान गौशाला में बंधी 2 भेंडों पर तेंदुए नें हमला कर दिया, जिससे दोनों की मौत हो गई। वन विभाग पनारसा की टीम ने रात करीब 2 बजे मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और वाइल्ड लाइफ कुल्लू की टीम को इसकी सूचना दी। वाइल्ड लाइफ कुल्लू की टीम ने शुक्रवार सुबह मौके पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की और ट्रेंकुलाइजर गन की मदद से तेंदुए को बेहोश करके उसका सुरक्षित रेस्क्यू किया। इसके बाद उसे जांच के लिए चिकित्सालय भेज दिया है। डीसीएफ मंडी वासु डोगर ने जानकारी देते हुए बताया कि गौशाला में चार भेड़ें थी, जिसमें से तेंदुए ने दो को मार दिया है जबकि बाकी दो पूरी तरह से सुरक्षित हैं। नर तेंदुए की उम्र 12 से 15 वर्ष के बीच प्रतीत हो रही है। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही संबंधित खंड अधिकारी उम्मीद सिंह और वन रक्षक सुरभि रात को ही मौके पर पहुंच गए थे। कुल्लू वन्य जीव प्रभाग की टीम जिसमें डॉ. सुब्रमण्यम, चमन लाल, देश राज, जय प्रकाश और कमल द्वारा सुबह के समय बचाव कार्य शुरू किया गया और लगभग दो घंटे के बाद बचाव कार्य सफल रहा। बचाव अभियान डीएफओ वाइल्ड लाइफ कुल्लू राजेश और एसीएफ नवजोत सिंह भी मौके पर मौजूद रहे। मंडी जिला के वन परिक्षेत्र पनारसा के तहत आने वाली ग्राम पंचायत जलाकाशना के जला गांव में एक तेंदुआ बीती रात करीब 12 बजे एक गौशाला में जा घुसा। लेकिन तेंदुए के गौशाला में घुसते ही दरवाजा अपने आप बंद हो गया। ग्रामीणों को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर गौशाला के दरवाजे को और मजबूती के साथ बंद कर दिया और इसकी सूचना वन विभाग को दी। इस दौरान गौशाला में बंधी 2 भेंडों पर तेंदुए नें हमला कर दिया, जिससे दोनों की मौत हो गई। वन विभाग पनारसा की टीम ने रात करीब 2 बजे मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और वाइल्ड लाइफ कुल्लू की टीम को इसकी सूचना दी। वाइल्ड लाइफ कुल्लू की टीम ने शुक्रवार सुबह मौके पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की और ट्रेंकुलाइजर गन की मदद से तेंदुए को बेहोश करके उसका सुरक्षित रेस्क्यू किया। इसके बाद उसे जांच के लिए चिकित्सालय भेज दिया है। डीसीएफ मंडी वासु डोगर ने जानकारी देते हुए बताया कि गौशाला में चार भेड़ें थी, जिसमें से तेंदुए ने दो को मार दिया है जबकि बाकी दो पूरी तरह से सुरक्षित हैं। नर तेंदुए की उम्र 12 से 15 वर्ष के बीच प्रतीत हो रही है। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही संबंधित खंड अधिकारी उम्मीद सिंह और वन रक्षक सुरभि रात को ही मौके पर पहुंच गए थे। कुल्लू वन्य जीव प्रभाग की टीम जिसमें डॉ. सुब्रमण्यम, चमन लाल, देश राज, जय प्रकाश और कमल द्वारा सुबह के समय बचाव कार्य शुरू किया गया और लगभग दो घंटे के बाद बचाव कार्य सफल रहा। बचाव अभियान डीएफओ वाइल्ड लाइफ कुल्लू राजेश और एसीएफ नवजोत सिंह भी मौके पर मौजूद रहे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के 600 पटवार-कानूनगो दफ्तर पर लटक सकते है ताले:महासंघ का फैसला; एसडीएम-तहसीलदार को सौंपेंगे ऑफिस की चाबी, ऑनलाइन काम 10 दिन से बंद
हिमाचल के 600 पटवार-कानूनगो दफ्तर पर लटक सकते है ताले:महासंघ का फैसला; एसडीएम-तहसीलदार को सौंपेंगे ऑफिस की चाबी, ऑनलाइन काम 10 दिन से बंद हिमाचल प्रदेश के लगभग 600 पटवार सर्कल और कानूनगो दफ्तर में कल से ताले लटक सकते हैं। पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने जाने से नाराज हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने इसका ऐलान कर दिया है। महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि स्टेट कॉडर बनाने के फैसले से सरकार पीछे नहीं हटती है तो 25 जुलाई से एडिशनल पटवार और कानूनगो सर्कल का काम देखना बंद करेंगे। ऐसा हुआ तो प्रदेश के लोगों को इससे परेशानी झेलनी पड़ेगी। प्रदेश में पहले 10 दिन से ऑनलाइन सेवाएं इनकी हड़ताल की वजह से बंद पड़ी है। स्टेट कॉडर बनाए जाने से नाराज पटवारी कानून ने बीते 15 जुलाई से ही ऑनलाइन काम करने बंद कर दिए है। इससे लोग परेशान है। लेकिन अब तक सरकार ने महासंघ को वार्ता के लिए भी नहीं बुलाया। इससे नाराज महासंघ ने कल से एडिशनल काम बंद करने का ऐलान कर दिया है। शिमला कानूनगो-पटवारी महासंघ शिमला के अध्यक्ष चमन ठाकुर ने बताया कि कल कानूनगो-पटवारी एडिशनल चार्ज वाले दफ्तरों की कल संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को चाबी सौंप देंगे। किस वजह से हड़ताल कर रहे कानूनगो-पटवारी दरअसल, 12 जुलाई की कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने पटवारी-कानूनगो को स्टेट कॉडर बनाने का फैसला लिया था। अभी पटवारी और कानूनगो दोनों ही जिला कॉडर है। कैबिनेट द्वारा इन्हें स्टेट कॉडर बनाए जाने के फैसले लिया है। इस पर महासघ भड़क गया है। कैबिनेट के फैसले के बाद पटवारी कानूनगो सभी ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप से भी एग्जिट कर चुके है। ये काम 10 दिन से प्रभावित बोनोफाइड सर्टिफकेट, करेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, कास्ट सर्टिफिकेट, एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट, अन-इम्पलायमेंट सर्टिफिकेट, लैंड होल्डिंग सर्टिफिकेट, PM किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए हैं। स्टेट कॉडर से प्रभावित होगी सीनियोरिटी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने बताया कि पटवारी और कानूनगों की भर्ती जिला कॉडर के हिसाब से हुई है। अब उन्हें अचानक स्टेट कॉडर बना देने से सीनियोरिटी प्रभावित होगी। इससे प्रमोशन में देरी होगी और स्टेट कॉडर में मर्ज होने से सीनियोरिटी में पीछे जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि पटवारी कानून को इसलिए जिला कॉडर में रखा गया, क्योंकि अपने जिला में उन्हें लोकल बोल चाल और एरिया के बारे में जानकारी होती है। यदि उन्हें दूसरे जिला में ट्रांसफर जाता है तो इससे उन्हें बोल चाल और एरिया समझने में वक्त लगेगा। इससे काम में एफिशिएंसी नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि भर्ती एवं पदोन्नति नियम के हिसाब से उन्हें जिला कॉडर में रखा जाए।
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड ने खत्म किए 51 पद:कार्यकारी निदेशक बिजली के कार्यालय ने जारी की अधिसूचना, फैसले पर भड़की कर्मचारी यूनियन
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड ने खत्म किए 51 पद:कार्यकारी निदेशक बिजली के कार्यालय ने जारी की अधिसूचना, फैसले पर भड़की कर्मचारी यूनियन हिमाचल प्रदेश बिजली विभाग ने स्टेट इलैक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड ने बोर्ड में 51 पदों को खत्म करने का बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड के कार्यकारी निदेशक ईशा के कार्यालय से शुक्रवार को इसकी नोटिफिकेशन जारी किया गया। 6 पदों को किया गया री-डेजिग्रेट
बोर्ड की तरफ़ से जारी आदेशों के अनुसार चीफ इंजीनियर ऑपरेशन शिमला जोन, कांगड़ा जोन, मंडी जोन, हमीरपुर जोन, जनरेशन, इलैक्ट्रिकल सिस्टम व प्रोजेक्ट कम आर्बिट्रेटर कार्यालय से एक-एक एसई का पद समाप्त करके इन 6 पदों को री-डेजिग्रेट किया गया है। जो जिम्मेदारी पहले सीनियर एक्सईएन कमर्शियल एवं वर्कर्स देखते थे, उनकी जगह अब सीनियर एक्सईएन वर्कर्स होंगे। उनका कॉमर्शियल का पद समाप्त कर दिया गया है। ये अधिकारी अब ऑपरेशन सर्किल में तैनात होंगे, क्योंकि कॉमर्शियल में इनके पद समाप्त कर दिए गए हैं। इसी तरह से एसई ऑपरेशन सर्किल डलहौजी, एसई ऑपरेशन सर्किल रामपुर, एसई ऑपरेशन सर्किल रोहडू, एसई ऑपरेशन सर्किल सोलन, एसई ऑपरेशन सर्किल नाहन व एसई ऑपरेशन सर्किल मंडी का पद भी समाप्त कर दिया गया है। सहायक अभियंताओं (सर्कल) के 16 पद समाप्त
बोर्ड ने सहायक अभियंता वर्कर्स के 16 पदों को भी समाप्त कर दिया गया है। जिन कार्यालयों में यह पद समाप्त हुए हैं उनमें कांगड़ा जोन के SC ऑपरेशन कार्यालय कांगड़ा में एक पद, डलहौजी में एक पद, शिमला जोन के ऑपरेशन सर्किल में एक पद, रामपुर में एक पद, रोहडू में एक पद, मंडी जोन के कॉमर्शियल कार्यालय मंडी में एक पद, हमीरपुर जोन के हमीरपुर में एक पद, ऊना में एक पद व बिलासुपर में एक पद समाप्त कर दिया गया है।
वहीं एसई सर्किल टूटू में एक पद, हमीरपुर में एक पद इलैक्ट्रिकल सिस्टम विंग में खत्म किया गया है। इसी तरह से जनरेशन विंग के साड़ाबाई में एक पद, पालमपुर में दो पद, भावानगर में एक पद, नाहन में एक पद समाप्त किया है। यहां पर अब सहायक अभियंता नहीं होंगे। सहायक अभियंता वर्कस ( आफिस) के 22 पद समाप्त
बोर्ड ने इसके अलावा सहायक अभियंता वर्कर्स के 22 और पदों को समाप्त किया गया है, जिनमें वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता कार्यालय कुमारसैन में एक, काजा में एक, रिकांगपिओ में एक, रोहडू में 1, सोलन में 1 व अर्की में 1 पद समाप्त हुआ है। यह शिमला जोन के तहत है। वहीं कांगड़ा जोन में वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता कार्यालयों में धर्मशाला में एक, नगरोटा बगवां में एक, लंबागांव में एक, डलहौजी में एक, नूरपुर में एक,ज्वाली व फतेहपुर में एक-एक पद समाप्त किया है। मंडी जोन के तहत सरकाघाट में एक, जोगिंदरनगर में एक, करसोग में एक, मनाली में एक तथा हमीरपुर जोन के तहत नादौन में एक, बड़सर में एक, घुमारवीं में एक व अ-ब में एक पद को समाप्त कर दिया गया है। बोर्ड ने सीनियर एक्सईएन MTC शिमला का डिवीजन कार्यालय से बदला
वहीं बोर्ड ने सीनियर एक्सईएन एमटीसी डिवीजन शिमला का प्रशासनिक नियंत्रण भी बदल दिया है। एसई सीसीए के कार्यालय के पास यह नियंत्रण रहेगा। एसई वक्र्स का पूरा काम अब एसई सीसीए देखेंगे। बोर्ड की कार्यकारी निदेशक ईशा की ओर से यह आदेश जारी हुए हैं। इनके बाद बोर्ड में अभी कई दूसरे पद हैं जो इनके अधीन आते थे और उनको भी समाप्त कर दिया जाएगा। उनका प्रशासनिक नियंत्रण बदला जाएगा। इससे आने वाले समय में बोर्ड का पूरा ढांचा बदल जाएगा क्योंकि कई दूसरे पदों को भी समाप्त करने की सिफारिशें कैबिनेट सब कमेटी ने की है। निगम प्रबंधन के फैसले पर भड़की बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन
बिजली बोर्ड कर्मचारी जॉइंट फ्रंट ने निगम प्रबंधन के फैसले पर कड़ा ऐतराज जाहिर किया है। यूनियन के महासचिव हीरालाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड ने 51 पद खत्म किया है, कर्मचारी उसका विरोध करते हैं। यह बोर्ड के मूल ढांचे के साथ छेड़छाड़ है। उन्होंने कहा कि निगम के कर्मचारियों ने प्रबंधन को 7 दिनों का समय दिया है कि इस फैसले को पर पुनर्विचार किया जाए। वर्मा ने कहा कि निगम के फैसले के खिलाफ कर्मचारियों ने ड्यूटी के बाद कंज्यूमर को ऑनलाइन दी जाने वाली सेवाओं को बंद करने का निर्णय लिया है।विभाग यदि सात दिन में फैसले पर पुनर्विचार नही करती है, तो यूनियन अगली रणनीति तैयार करेगा।
अनुराग ठाकुर IPU की स्टेंडिंग कमेटी के सदस्य निर्वाचित:जेनेवा में इंटर पॉर्लियामेंटरी यूनियन मीटिंग में चयन; दुनियाभर के सांसदों का वैश्विक संगठन है IPU
अनुराग ठाकुर IPU की स्टेंडिंग कमेटी के सदस्य निर्वाचित:जेनेवा में इंटर पॉर्लियामेंटरी यूनियन मीटिंग में चयन; दुनियाभर के सांसदों का वैश्विक संगठन है IPU देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर से लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर इंटर पॉर्लियामेंटरी यूनियन (IPU) के सदस्य चुने गए। स्विटजरलैंड के जेनेवा में बीते रविवार को IPU की मीटिंग में सभापति ने अनुराग ठाकुर के नाम का प्रस्ताव रखा। जिस पर सभी सदस्यों ने सहमति जताई और अनुराग निर्विरोध IPU के सदस्य चुने गए। बता दें कि अनुराग ठाकुर, 12 अक्तूबर से 18 अक्तूबर तक IPU की विभिन्न बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए स्विटजरलैंड के जेनेवा दौरे पर हैं। बीते रविवार को IPU के एशिया पैसेफिक ग्रुप की बैठक जेनेवा में हुई जिसमें IPU की स्टेंडिंग कमेटी ऑन UN अफेयर की खाली पड़ी सीट को भरने के लिए सदस्य के नाम पर चर्चा हुई और अनुराग ठाकुर IPU की स्टेंडिंग कमेटी ऑन UN अफेयर के सदस्य चुने गए। दुनियाभर के देशों के सांसदों का वैश्विक संगठन है IPU IPU दुनिया भर के विभिन्न देशों के सांसदों का वैश्विक संगठन है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य अपने सदस्यों के बीच लोकतांत्रिक शासन, अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर सांसदों के बीच मित्रता, समझ और सहयोग स्थापित करके मंत्रियों, राजदूतों और अन्य राज्य अधिकारियों द्वारा अंतर-सरकारी स्तर पर संचालित अंतरराष्ट्रीय संबंधों को पूरक बनाना है। IPU संगठन की स्थापना 130 साल पहले दुनिया के पहले बहुपक्षीय राजनीतिक संगठन के रूप में की गई थी, जो सभी देशों के बीच सहयोग और संवाद को प्रोत्साहित करता है। आज, IPU में 179 सदस्य संसद और 13 एसोसिएट सदस्य शामिल हैं। यह लोकतंत्र को बढ़ावा देता है और सांसदों को अधिक मजबूत, युवा, लिंग-संतुलित और अधिक विविधतापूर्ण बनाने में मदद करता है। APG ने भी अपनी सिफारिश IPU को भेजी APG ( एशिया पैसेफिक ग्रुप) ने भी अनुराग ठाकुर के इस चयन की अपनी सिफ़ारिश IPU को भेज दी है, जिस पर 17 अक्तूबर को IPU की जनरल असेम्बली की बैठक में IPU इसे अपनी अनुमति प्रदान करेगा।