मंडी में चंडीगढ़-मानाली एनएच 23 अगस्त से लेकर 28 सितम्बर तक बिंद्रावनी से पंडोह तक सप्ताह में दो दिन बुधवार और शुक्रवार को बंद रहेगा। यहां दो घंटे के लिए सुबह साढे 11 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक वाहनों की आवाजाही के लिए पूर्ण बंद रहेगा। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने संबंध में आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की तरफ से प्रशासन को सूचित किया था कि बिंद्रावनी से लेकर पंडोह तक हाईवे पर बार-बार भूस्खलन हो रहा है। लटकते पत्थरों के कारण सड़क यात्रियों के लिए यात्रा करने का जोखिम बढ गया है। ऐसी परिस्थितियों में बिंद्रावणी से लेकर पंडोह तक हाईवे से लटकते पत्थरों को हटाना आवश्यक है। अपुर्व देवगन ने कहा कि लोगों की सुरक्षा को देखते हुए एनएच-21 किरतपुर-मनाली को 23 अगस्त से लेकर 28 सितम्बर तक बुधवार और शुक्रवार को दो घंटे के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान एनएचएआई द्वारा बिंद्रावणी से लेकर पंडोह तक हवा में लटके बोल्डरों व चट्टानों को हटाने का कार्य किया जाएगा। मंडी में चंडीगढ़-मानाली एनएच 23 अगस्त से लेकर 28 सितम्बर तक बिंद्रावनी से पंडोह तक सप्ताह में दो दिन बुधवार और शुक्रवार को बंद रहेगा। यहां दो घंटे के लिए सुबह साढे 11 बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक वाहनों की आवाजाही के लिए पूर्ण बंद रहेगा। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने संबंध में आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की तरफ से प्रशासन को सूचित किया था कि बिंद्रावनी से लेकर पंडोह तक हाईवे पर बार-बार भूस्खलन हो रहा है। लटकते पत्थरों के कारण सड़क यात्रियों के लिए यात्रा करने का जोखिम बढ गया है। ऐसी परिस्थितियों में बिंद्रावणी से लेकर पंडोह तक हाईवे से लटकते पत्थरों को हटाना आवश्यक है। अपुर्व देवगन ने कहा कि लोगों की सुरक्षा को देखते हुए एनएच-21 किरतपुर-मनाली को 23 अगस्त से लेकर 28 सितम्बर तक बुधवार और शुक्रवार को दो घंटे के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान एनएचएआई द्वारा बिंद्रावणी से लेकर पंडोह तक हवा में लटके बोल्डरों व चट्टानों को हटाने का कार्य किया जाएगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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मंडी में टेंपो से मिली 87 पेटी अवैध शराब:आबकारी विभाग ने नाका लगाकर कार्रवाई की; दूसरे जिलों से मंडी पहुंचाई जा रही थी
मंडी में टेंपो से मिली 87 पेटी अवैध शराब:आबकारी विभाग ने नाका लगाकर कार्रवाई की; दूसरे जिलों से मंडी पहुंचाई जा रही थी मंडी में राज्य कर एवं आबकारी विभाग की टीम को गुप्त सूचना के आधार पर अवैध शराब की बड़ी खेप पकड़ी है। उपायुक्त राज्यकर एवं आबकारी विभाग मंडी मनोज डोगरा ने बताया कि दूसरे जिलों से मंडी जिला में अवैध शराब पहुंचाई जा रही है। जिस पर विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए बीती रात चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर मंडी शहर के पुलघराट के पास नाका लगा दिया। नाके के दौरान विभाग की टीम ने सुंदरनगर की ओर से आ रहे टैंपो चालक का चेकिंग के लिए रोका। चेकिंग के दौरान विभागीय अधिकारियों ने पाया है कि टैंपो में दर्जनों शराब की पेटियां भरी हुई है। जिस पर विभागीय अधिकारियों ने चालक से संबंधित दस्तावेज पास और परमिट मांगे, लेकिन चालक कोई भी दस्तावेज पेश नहीं पाया। जिसके बाद इस अवैध शराब की गिनती की गई, जिसमें 70 पेटी देशी, 17 रॉयल स्टैग और 3 पेटी बीयर की पाई गई। मनोज डोगरा ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। जिसमें कुल 87 पेटी अवैध शराब जब्त की गई है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से पुलिस थाना सदर को मामला प्रेषित कर दिया है।
हिमाचल: धर्मशाला, सोलन व कांगड़ा में नवंबर में रिकॉर्डतोड़ गर्मी:हमीरपुर का पारा 35.5 डिग्री पहुंचा; केलांग का तापमान नॉर्मल से 9.2 डिग्री ज्यादा हुआ
हिमाचल: धर्मशाला, सोलन व कांगड़ा में नवंबर में रिकॉर्डतोड़ गर्मी:हमीरपुर का पारा 35.5 डिग्री पहुंचा; केलांग का तापमान नॉर्मल से 9.2 डिग्री ज्यादा हुआ हिमाचल प्रदेश में सर्दी के मौसम में गर्मी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ने लगी है। बीते 24 घंटे के दौरान 4 शहरों धर्मशाला, सोलन और कांगड़ा में अधिकतम तापमान ने नवंबर महीने में गर्मी के पिछले सारे रिकॉर्ड ब्रेक कर डाले है। धर्मशाला का अधिकतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इससे पहले आज तक कभी भी नवंबर में इतना तापमान रिकॉर्ड नहीं किया गया। धर्मशाला का नवंबर का रिकॉर्ड टैम्परेचर 07 नवंबर 2022 को 27.4 डिग्री था। इसी तरह सोलन में अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। सोलन का आज तक का रिकॉर्ड तापमान 01 नवंबर 2020 को 28.7 डिग्री था। कांगड़ा के तापमान ने भी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं। कांगड़ा का टैम्परेचर 29.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। यहां का रिकॉर्ड तापमान 05 नवंबर 2020 को 28.4 डिग्री था। नवंबर में भी पहाड़ों पर ठंड का एहसास नहीं प्रदेश के दूसरे शहरों में भी इसी तरह तापमान नॉर्मल से ज्यादा चल रहा है। इससे नवंबर माह में भी पहाड़ों पर ठंड का एहसास नहीं हो पा रहा। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान नॉर्मल से 4.1 डिग्री ज्यादा चल रहा है। कई शहरों के तापमान 9 डिग्री तक का उछाल आया है। केलांग का तापमान नॉर्मल से 9.2 डिग्री अधिक हुआ प्रदेश के सबसे ठंडे शहरों में शुमार केलांग के अधिकतम तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 9.2 डिग्री का उछाल आया है। यहां का पारा 19.2 डिग्री पहुंच गया है। वहीं हमीरपुर का तापमान भी नॉर्मल से 8.6 डिग्री ज्यादा के साथ 35.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। हिमाचल के किसी भी शहर में आज तक नवंबर में 35.5 डिग्री सेल्सियस तापमान नहीं गया। वहीं कल्पा का तापमान भी नॉर्मल की तुलना में 6.9 डिग्री का उछाल के बाद 23.4 डिग्री, शिमला का तापमान नॉर्मल से 4.1 डिग्री ज्यादा के साथ 23.2 डिग्री, नाहन का पारा 4.1 डिग्री ज्यादा के साथ 28.8 डिग्री और भुंतर का तापमान 4.5 डिग्री ज्यादा के साथ 30 डिग्री सेल्सियस हो गया है। लंबे ड्राइ स्पेल के कारण बढ़ रहा तापमान आलम यह है कि प्रदेश के छह का पारा 30 डिग्री से ज्यादा हो गया है। अमूमन नवंबर में ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिलती, बल्कि तापमान में कमी से ठंड रिकॉर्ड तोड़ती है। मगर इस बार लंबे ड्राइ स्पेल की वजह से बारिश-बर्फबारी नहीं हो रही। इससे तापमान में उछाल आ रहा है। प्रदेश में पोस्ट मानसून सीजन में 97 प्रतिशत से कम बारिश हुई है। छह जिले चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, कुल्लू, सोलन और सिरमौर में तो एक बीते 33 दिनों के दौरान एक बूंद भी नहीं बरसी।
हिमाचल के IGMC में शुरू हुई लेप्रोस्कोपिक सर्जरी:डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक किया जटिल ऑपरेशन, निजी अस्पतालों में कई मरीजों की पहुंच से बाहर
हिमाचल के IGMC में शुरू हुई लेप्रोस्कोपिक सर्जरी:डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक किया जटिल ऑपरेशन, निजी अस्पतालों में कई मरीजों की पहुंच से बाहर शिमला में हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (IGMC) में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी शुरू की गयी है। IGMC के डॉक्टरों की टीम ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। अब IGMC में लेप्रोस्कोपिक के माध्यम से रोगियों की जटिल से जटिल सर्जरी आसानी से हो सकेंगी। इसके मरीजों को कई तरह की सुविधाएं व लाभ मिलेंगे। इसके माध्यम से हुई सर्जरियों से रोगियों का कम रक्तस्राव, कम दर्द व तेजी से रिकवरी होगी। वर्तमान में ऐसी प्रक्रियाएं केवल चुनिंदा केंद्रीय सरकारी संस्थानों और निजी कॉर्पोरेट अस्पतालों में उपलब्ध हैं। जहां वे महंगी हैं और कई रोगियों की पहुंच से बाहर हैं। ऐसे में आईजीएमसी में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी शुरू होने से मरीजों को लाभ मिलेगा। पहले होती थी साधारण सर्जरी सर्जरी विभाग के HOD डॉ. यू.के. चंदेल ने बताया कि लेपोस्क्रोपी के माध्यम से पहले केवल साधारण सर्जरी की जाती थी। लेकिन अब इसमें एडवांस यानी जटिल सर्जरियाँ भी शुरू की है। उन्होंने कहा कि पहले केवल ओपन सर्जरी के माध्यम से मरीजों का उपचार करते थे जबकि अब भोजन नली के कैंसर के लिए, छाती के हिस्से की सर्जरी लैप्रोस्कोपी के माध्यम से की गई है। इसके अलावा पेट और मलाशय के कैंसर के लिए पूरी सर्जरी लैप्रोस्कोपी के माध्यम से की गई है। पहली बार हुई ऐसी सर्जरी ऐसी उन्नत सर्जरी आईजीएमसी में नियमित रूप से नहीं की जाती है, और यह पहली बार है कि भोजन नली के कैंसर की सर्जरी लैप्रोस्कोपी का उपयोग करके की गई है। IGMC शिमला की प्रिंसिपल डॉ. सीता का कहना है कि एडवांस सर्जरी की ओर IGMC बढ़ रहा है। नर्सिंग स्टाफ, ऑपरेशन थिएटर सहायकों और अन्य सहायक कर्मचारियों के महत्वपूर्ण समर्थन के कारण इसे अंजाम दे पाए है IGMC में अधिकांश खर्च हिमकेयर कार्ड के अंतर्गत कवर किए जाते हैं, जिससे गरीब मरीजों को लाभ हो रहा है।