हाईकोर्ट के हिमाचल पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के 18 होटल बंद करने के आदेशों से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। HPTDC कर्मचारी नौकरी को लेकर चिंतित है। राहत की बात यह है कि हाईकोर्ट ने HPTDC के 9 होटल को 31 मार्च 2025 तक खोलने की मोहलत दे दी है। मगर 9 होटल अभी भी ऐसे है जिन्हें परसो से बंद करना है। इससे इन होटलों के 200 से ज्यादा कर्मचारी परेशान है। निगम कर्मी खुद इस केस में रिव्यू पिटिशन फाइल करने जा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को इनकी रिव्यू पिटिशन पर कोर्ट में सुनवाई हो। होटल बंद करने के आदेशों से परेशान कर्मचारी कुछ देर में शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी परेशानी मीडिया के समक्ष रखेंगे। बता दें कि बीते 20 नवंबर को हाईकोर्ट ने HPTDC घाटे में चल रहे और 40 प्रतिशत से कम ऑक्यूपेंसी वाले 18 होटल 25 नवंबर तक बंद करने के आदेश दिए है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने निगम के प्रबंध निदेशक MD को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के आदेश दिए। इन होटल को बंद करने के आदेश इनमें द पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुणाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू, होटल चंद्रभागा केलोंग, होटल देवदार खजियार, होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर, होटल मेघदूत कियारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल द कैसल नग्गर और होटल शिवालिक परवाणू शामिल है। इन होटल को 31 मार्च तक की मोहलत हालांकि शुक्रवार को HPTDC की रिव्यू पिटिशन पर कोर्ट ने बंद किए 18 में से 9 होटल चायल, चंद्रभागा केलांग, खज्जियार, मेघदूत, लॉग होटल मनाली, कुंजम, भागसू, कैसल नागर और धौलाधार को 31 मार्च तक खुला रखने की इजाजत दे दी है। प्रदेश में HPTDC के 56 होटल प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे है। मगर ज्यादातर होटल कई सालों से घाटे में है। इससे निगम अपने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर को पेंशन नहीं दे पा रहा। पेंशनर के सेवा लाभ का मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट के हिमाचल पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के 18 होटल बंद करने के आदेशों से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। HPTDC कर्मचारी नौकरी को लेकर चिंतित है। राहत की बात यह है कि हाईकोर्ट ने HPTDC के 9 होटल को 31 मार्च 2025 तक खोलने की मोहलत दे दी है। मगर 9 होटल अभी भी ऐसे है जिन्हें परसो से बंद करना है। इससे इन होटलों के 200 से ज्यादा कर्मचारी परेशान है। निगम कर्मी खुद इस केस में रिव्यू पिटिशन फाइल करने जा रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को इनकी रिव्यू पिटिशन पर कोर्ट में सुनवाई हो। होटल बंद करने के आदेशों से परेशान कर्मचारी कुछ देर में शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी परेशानी मीडिया के समक्ष रखेंगे। बता दें कि बीते 20 नवंबर को हाईकोर्ट ने HPTDC घाटे में चल रहे और 40 प्रतिशत से कम ऑक्यूपेंसी वाले 18 होटल 25 नवंबर तक बंद करने के आदेश दिए है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने निगम के प्रबंध निदेशक MD को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के आदेश दिए। इन होटल को बंद करने के आदेश इनमें द पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुणाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू, होटल चंद्रभागा केलोंग, होटल देवदार खजियार, होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर, होटल मेघदूत कियारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल द कैसल नग्गर और होटल शिवालिक परवाणू शामिल है। इन होटल को 31 मार्च तक की मोहलत हालांकि शुक्रवार को HPTDC की रिव्यू पिटिशन पर कोर्ट ने बंद किए 18 में से 9 होटल चायल, चंद्रभागा केलांग, खज्जियार, मेघदूत, लॉग होटल मनाली, कुंजम, भागसू, कैसल नागर और धौलाधार को 31 मार्च तक खुला रखने की इजाजत दे दी है। प्रदेश में HPTDC के 56 होटल प्रदेश में HPTDC के कुल 56 होटल चल रहे है। मगर ज्यादातर होटल कई सालों से घाटे में है। इससे निगम अपने कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनर को पेंशन नहीं दे पा रहा। पेंशनर के सेवा लाभ का मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। इसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फैसला सुनाया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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