हिमाचल प्रदेश के मंडी में अवैध शराब तस्करी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लगातार अवैध शराब के तस्करों के वाहन पुलिस द्वारा लगातार पकड़े जा रहे हैं। पुलिस द्वारा भी इन तस्करों पर कड़ी निगरानी रख कर इन पर शिंकजा कसा जा रहा है। बीते 3 दिनों में पुलिस द्वारा अवैध शराब की पेटियां पकड़ी गई है। जिसमें मंडी सदर थाना में 162 पेटियां, जोगिंद्रनगर में 138, सुंदरनगर में 90 पेटियां पकड़ी गई हैं। एएसपी मंडी सागर चंद्र ने बताया कि मंडी और सुंदरनगर में अवैध शराब के मामले में 3 ट्रक चालकों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन जोगिंद्रनगर का आरोपी ट्रक लेकर भाग गया था और पेटियां जंगल में उतार दी थी। पुलिस द्वारा ट्रक की पहचान कर ली गई है और आरोपी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया अवैध शराब में देशी, अंग्रेजी, बीयर की पेटियां बरामद की गई है। उन्होंने कहा कि नशे के सौदागरों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर लोगों को इस तरह के मामलों का पता चलता है तो उसकी तुरंत पुलिस को सूचना दें, ताकि इन नशे के सौदागरों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए। इसके साथ ही पुलिस ने जिला के सभी बॉर्डर एरिया पर भी रात्रि गश्त बढ़ा दी है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में अवैध शराब तस्करी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लगातार अवैध शराब के तस्करों के वाहन पुलिस द्वारा लगातार पकड़े जा रहे हैं। पुलिस द्वारा भी इन तस्करों पर कड़ी निगरानी रख कर इन पर शिंकजा कसा जा रहा है। बीते 3 दिनों में पुलिस द्वारा अवैध शराब की पेटियां पकड़ी गई है। जिसमें मंडी सदर थाना में 162 पेटियां, जोगिंद्रनगर में 138, सुंदरनगर में 90 पेटियां पकड़ी गई हैं। एएसपी मंडी सागर चंद्र ने बताया कि मंडी और सुंदरनगर में अवैध शराब के मामले में 3 ट्रक चालकों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन जोगिंद्रनगर का आरोपी ट्रक लेकर भाग गया था और पेटियां जंगल में उतार दी थी। पुलिस द्वारा ट्रक की पहचान कर ली गई है और आरोपी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया अवैध शराब में देशी, अंग्रेजी, बीयर की पेटियां बरामद की गई है। उन्होंने कहा कि नशे के सौदागरों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर लोगों को इस तरह के मामलों का पता चलता है तो उसकी तुरंत पुलिस को सूचना दें, ताकि इन नशे के सौदागरों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए। इसके साथ ही पुलिस ने जिला के सभी बॉर्डर एरिया पर भी रात्रि गश्त बढ़ा दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल प्रदेश में महंगी होगी बिजली:सीएम सुक्खू ने सदन में पेश किया विधेयक; 10 पैसे प्रति यूनिट तक वसूलेगी सरकार
हिमाचल प्रदेश में महंगी होगी बिजली:सीएम सुक्खू ने सदन में पेश किया विधेयक; 10 पैसे प्रति यूनिट तक वसूलेगी सरकार हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश वासियों को बिजली का झटका देने वाली है। प्रदेश सरकार प्रति यूनिट बिजली की खपत पर लोगों से 10 पैसे मिल्क सेस वसूलेगी। प्रदेश में काम कर रही औद्योगिक इकाइयों पर भी पर्यावरण सेस लगाने की तैयारी है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हिमाचल प्रदेश विद्युत (शुल्क) संशोधन विधेयक 2024 पेश किया। विधेयक में दो संशोधन किए गए हैं। सरकार ने प्रति यूनिट बिजली की खपत पर 10 पैसे मिल्क सेस का प्रावधान किया है। बिजली बिल जीरो रुपए होने पर उपभोक्ताओं से मिल सेस नहीं लिया जाएगा। अभी 125 यूनिट तक मिलती है मुफ्त बिजली दरअसल हिमाचल प्रदेश में पात्र उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती है। सेस का इस्तेमाल मिल्क प्रोडक्शन को बढ़ावा देने और दुग्ध उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जाएगा। प्रदेश सरकार के पास सदन में बहुमत है। ऐसे में सदन में मंजूरी मिलना तय है। सदन से विधेयक पास होने के बाद विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के लिए जाएगा। राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद हिमाचल प्रदेश में बिजली की दर बढ़ जायेगी। 150 यूनिट बिजली इस्तेमाल पर जनता को चुकाने होने 15 रु अतिरिक्त सीएम सुक्खू द्वारा सदन में पेश किए गए विधेयक मंजूरी मिलने व नई दर लागू होने के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को 150 यूनिट बिजली इस्तेमाल करने पर 15 रुपए तक का अतिरिक्त बिल चुकाना होगा। दूसरे संशोधन के मुताबिक लघु औद्योगिक ऊर्जा यूनिट में पर्यावरण सेस पर 2 पैसे, मध्यम औद्योगिक ऊर्जा पर 4 पैसे, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे और कॉमर्शियल सेक्टर पर भी 10 पैसे प्रति यूनिट पर्यावरण सेस लगेगा। इसके अलावा अस्थाई कनेक्शन पर 2 रुपए प्रति यूनिट, स्टोन क्रेशर पर भी 2 रुपए प्रति यूनिट और विद्युत वाहन के चार्जिंग स्टेशन पर 6 रुपए प्रति यूनिट पर्यावरण सेस लगेगा. पर्यावरण सेस का उपयोग रिन्यूएबल एनर्जी से बिजली उत्पादन बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जाएगा। किस पर कितना होगा पर्यावरण सेस? लघु औद्योगिक ऊर्जा- ₹0.02 प्रति यूनिट, मध्यम औद्योगिक ऊर्जा- ₹0.04 प्रति यूनिट बड़े औद्योगिक ऊर्जा- ₹0.10 प्रति यूनिट कॉमर्शियल कनेक्शन- ₹0.10 प्रति यूनिट अस्थाई कनेक्शन- ₹2.00 प्रति यूनिट स्टोन क्रशर- ₹2.00 प्रति यूनिट इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन- ₹6.00 प्रति यूनिट
शिमला में रुका मस्जिद गिराने का काम:बजट की कमी आ रही आड़े; 10 से 15 लाख रुपए खर्च का अनुमान
शिमला में रुका मस्जिद गिराने का काम:बजट की कमी आ रही आड़े; 10 से 15 लाख रुपए खर्च का अनुमान शिमला के संजौली में बीते कल अवैध मस्जिद को गिराने का काम शुरू कर दिया गया था, मगर अवैध हिस्से को हटाने का काम नहीं किया गया। दोपहर एक बजे तक काम पर कोई मजदूर नहीं देखा गया। संजौली मस्जिद कमेटी का मानना है कि इतने बड़े स्ट्रक्चर को हटाने के लिए 10 से 15 लाख रुपए की जरूरत है। अब पैसों की कमी आड़े आ रही है। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि वह प्रदेश में भाईचारे को बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में जब माहौल बिगड़ा तो उन्होंने स्वयं मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि हम मस्जिद के अवैध हिस्से को तय समय में तोड़ने की तैयार है। मगर पैसों की कमी आड़े आ रही है। उन्होंने कहा, बनाने के लिए सभी ने पैसा दिया, लेकिन तोड़ने के लिए कोई नहीं दे रहा। लतीफ ने कहा कि मजदूरों को तोड़ने का काम दे दिया गया है, लेकिन वह त्योहारी सीजन की वजह से काम पर नहीं आए। मजदूरों ने दीवाली के बाद काम में तेजी लाने की बात की है। हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में केस निपटाने के आदेश दिए वहीं, हिमाचल हाईकोर्ट ने स्थानीय निवासियों की याचिका पर 8 सप्ताह के भीतर केस को पूरी तरह डिसाइड करने के आदेश दिए है। वहीं, नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में 21 दिसंबर को इस केस की सुनवाई होनी है। संजौली मस्जिद कमेटी ने बीते 11 सितंबर को शिमला में हिंदू संगठनों के उग्र प्रदर्शन के अगले दिन निगम आयुक्त को लिखित में खुद मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने की पेशकश की। इसके बाद विवाद कुछ शांत हुआ। बीते 5 अक्टूबर को निगम आयुक्त ने मस्जिद की तीन मंजिले हटाने के आदेश दिए, जबकि नीचे की 2 मंजिल को लेकर अभी कोर्ट में सुनवाई होनी है। निगम आयुक्त के आदेशानुसार, बीते कल मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने का काम शुरू किया गया। 46 बार हो चुकी सुनवाई निगम कोर्ट में संजौली मस्जिद का केस 2010 से चल रहा है। इस मामले में 46 बार सुनवाई हो चुकी है और नगर निगम शिमला ने 35 बार अवैध निर्माण रोकने व तोड़ने के नोटिस जारी किए। हालांकि कभी कार्रवाई नहीं हो पाई। शिमला शहर के विधायक का किया धन्यवाद मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने स्थानीय विधायक हरीश जनारथा का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि जनारथा ने इस मामले में पहले दिन से राजनीतिक परिपक्वता का परिचय दिया है। हिमाचल प्रदेश व शिमला जिस भाईचारे व शांति के माहौल के लिए जाना जाता है। यह आगे भी बना रहेगा।
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