हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जल शक्ति विभाग पधर मंडल को एक दिन में दो करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो गया। 31अगस्त को हुई मूसलाधार बारिश से अकेले चौहारघाटी में ही सवा करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। मूसलाधार बारिश से पजौंड़ नाला पेयजल स्कीम को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। लगभग पच्चीस करोड़ से अधिक लागत से निर्मित पजौंड़ नाला स्कीम में जगह जगह पर पाइप लाइन को नुकसान पहुंचा है। जबकि लटराण, धमच्याण, राजबन, थलटूखोड़, गढ़गांव, समालंग, द्रगड़ आदि गांव की छोटी स्कीमे भी तहस नहस हो गई हैं। विभाग ने सभी पेयजल योजनाओं को रिस्टोर करने का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। अधिशासी अभियंता अरविंद वर्मा स्वयं प्रभावित क्षेत्रों में जाकर राहत कार्य का जायजा ले रहे हैं। जबकि सहायक अभियंता दीक्षांत शर्मा फील्ड स्टाफ के साथ रिस्टोरेशन कार्य का जिम्मा संभाले हुए हैं। पजौंड़ नाला पेयजल योजना को स्थायी रूप से बहाल करने में थोड़ा समय लग सकता है। योजना के क्षतिग्रस्त 150 और 200 एमएम स्पेशल डाया के पाइपों का अधिक नुकसान पजौंड़, राजबन से लेकर थलटूखोड़ तक हुआ है। सड़क मार्ग पूरी तरह बंद होने की दशा में घटनास्थल तक पाइप लाइन पहुंचाना विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। जबकि आसपास की छोटी स्कीमों को अस्थाई रूप से बहाल कर पेयजल आपूर्ति सुचारु कर दी है। अधिशासी अभियंता अरविंद वर्मा ने कहा कि मंडल में दो करोड़ से अधिक का नुकसान मूसलाधार बारिश से हो गया। जिसमें अकेले चौहारघाटी में सवा करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। छोटी पेयजल योजनाएं स्थायी रूप से बहाल कर दी है। पजौंड़ पेयजल योजना को स्थाई रूप से बहाल करने में 3 से 4 दिन का समय लग सकता है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जल शक्ति विभाग पधर मंडल को एक दिन में दो करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो गया। 31अगस्त को हुई मूसलाधार बारिश से अकेले चौहारघाटी में ही सवा करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। मूसलाधार बारिश से पजौंड़ नाला पेयजल स्कीम को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। लगभग पच्चीस करोड़ से अधिक लागत से निर्मित पजौंड़ नाला स्कीम में जगह जगह पर पाइप लाइन को नुकसान पहुंचा है। जबकि लटराण, धमच्याण, राजबन, थलटूखोड़, गढ़गांव, समालंग, द्रगड़ आदि गांव की छोटी स्कीमे भी तहस नहस हो गई हैं। विभाग ने सभी पेयजल योजनाओं को रिस्टोर करने का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। अधिशासी अभियंता अरविंद वर्मा स्वयं प्रभावित क्षेत्रों में जाकर राहत कार्य का जायजा ले रहे हैं। जबकि सहायक अभियंता दीक्षांत शर्मा फील्ड स्टाफ के साथ रिस्टोरेशन कार्य का जिम्मा संभाले हुए हैं। पजौंड़ नाला पेयजल योजना को स्थायी रूप से बहाल करने में थोड़ा समय लग सकता है। योजना के क्षतिग्रस्त 150 और 200 एमएम स्पेशल डाया के पाइपों का अधिक नुकसान पजौंड़, राजबन से लेकर थलटूखोड़ तक हुआ है। सड़क मार्ग पूरी तरह बंद होने की दशा में घटनास्थल तक पाइप लाइन पहुंचाना विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। जबकि आसपास की छोटी स्कीमों को अस्थाई रूप से बहाल कर पेयजल आपूर्ति सुचारु कर दी है। अधिशासी अभियंता अरविंद वर्मा ने कहा कि मंडल में दो करोड़ से अधिक का नुकसान मूसलाधार बारिश से हो गया। जिसमें अकेले चौहारघाटी में सवा करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। छोटी पेयजल योजनाएं स्थायी रूप से बहाल कर दी है। पजौंड़ पेयजल योजना को स्थाई रूप से बहाल करने में 3 से 4 दिन का समय लग सकता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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