हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में हल्के भूकंप के झटके महसूस किये गए। गुरुवार दोपहर करीब 5:25 मिनट पर धरती हिली। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.4 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, जमीन के भीतर इसकी गहराई 10 किलोमीटर रही। अब तक इससे किसी भी प्रकार के जान व माल के नुकसान की सूचना नहीं है। जिन लोगों ने झटके महसूस किए, वह घरों से बाहर निकल आए। हालांकि झटकों की तीव्रता कम होने की वजह से ज्यादातर लोग इन्हें महसूस नहीं कर पाए। मंडी जिला के अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील हैं, जो कि जोन 5 में आते है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। जानिए क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी की सतह मुख्य रूप से 7 बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। ये प्लेटें लगातार तैरती रहती हैं और कभी-कभी आपस में टकराती हैं। टकराव के कारण कभी-कभी प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण ये प्लेटें टूटने लगती हैं। ऐसी स्थिति में नीचे से निकलने वाली ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोज लेती है और इस गड़बड़ी के बाद भूकंप आता है। हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में हल्के भूकंप के झटके महसूस किये गए। गुरुवार दोपहर करीब 5:25 मिनट पर धरती हिली। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.4 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, जमीन के भीतर इसकी गहराई 10 किलोमीटर रही। अब तक इससे किसी भी प्रकार के जान व माल के नुकसान की सूचना नहीं है। जिन लोगों ने झटके महसूस किए, वह घरों से बाहर निकल आए। हालांकि झटकों की तीव्रता कम होने की वजह से ज्यादातर लोग इन्हें महसूस नहीं कर पाए। मंडी जिला के अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील हैं, जो कि जोन 5 में आते है। इसलिए यहां बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। जानिए क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी की सतह मुख्य रूप से 7 बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी है। ये प्लेटें लगातार तैरती रहती हैं और कभी-कभी आपस में टकराती हैं। टकराव के कारण कभी-कभी प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण ये प्लेटें टूटने लगती हैं। ऐसी स्थिति में नीचे से निकलने वाली ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोज लेती है और इस गड़बड़ी के बाद भूकंप आता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर