‘वो मुझसे एक मंदिर में मिला। कहा- मेरा नाम आनंद है। हाथ में कलावा था। मुझे नहीं पता था कि उसका असली नाम शहबान है। हमारी दोस्ती हो गई। हम कभी-कभी नहर पर मिलने लगे। बाद में पता चला कि वह मुस्लिम है, फिर मैंने उससे बात करनी बंद कर दी।’ यह कहते हुए खंडासा रेप कांड की पीड़िता रोने लगी। दैनिक भास्कर से बातचीत में रेप पीड़िता ने दर्द साझा किया। बोली- जब मैंने उससे बात करनी बंद की। तो उसने फोन पर कहा- हिंदू-मुस्लिम क्या होता है? हमारा भी खून लाल है, तुम्हारा भी। मैंने यह सब माना नहीं। मगर कुछ दिन बाद हमारी फोन पर फिर से बात होने लगी। उसने मुझे मिलने के लिए नहर पर बुलाया। पहले मैंने मना किया। मगर वो बहुत दबाव बनाने लगा। कहा कि नहीं आओगी तो नहर में कूद जाऊंगा। तुम बदनाम होगी। मैं डरकर मिलने चली गई। वहां उसने मुझसे कहा कि तुम्हें भरोसा नहीं, तो शादी कर लो। मगर मैंने मना किया। कहा कि तुम्हारा धर्म ही अलग है। मैं नहीं कर सकती। इसके बाद उसके दोस्त ने धमकाया। मैं घर की तरफ भागना चाहती थी, मगर उन्होंने मुझे वहीं पर पकड़ लिया। मेरे साथ गलत काम किया। मैं चिल्लाती रही, मगर सुनने वाला कोई नहीं था। मुझे धमकाया- तुम्हारे घर वालों को बम से उड़ा देंगे
सब कुछ होने के बाद उन्होंने कहा – अब घर जाओ। मैंने रोते हुए कहा- मैं घर पर बता दूंगी, तुम लोगों ने जो कुछ भी किया है। तब शहबान और उसके दोस्त ने मुझे धमकी दी। अगर घर पर कुछ भी बताया तो तुम्हें जान से मार देंगे। मैं घर आ गई। कुछ दिन बाद वह फिर मिलने का दबाव बनाने लगे। मैं घर से नहीं निकलती थी। इसके बाद वह दोनों हमारे घर आ गए। गांव के लोगों ने बाद में बताया कि उनके हाथ में तमंचा था। धमका रहे थे कि बम से मेरे घर वालों को उड़ा देंगे। दरअसल, इस पूरे मामले की शुरुआत 5 सितंबर, 2024 को हुई। जब 16 साल की दलित लड़की और उसके पिता ने थाने में तहरीर दी। बताया कि एक मुस्लिम लड़के ने रेप किया है। यहां पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे। क्योंकि FIR दर्ज नहीं की गई। तब हिंदू संगठन एक्टिव हुए। 5 सितंबर को खंडासा थाने में शहबान, उसके दोस्त और 5 अन्य के खिलाफ FIR दर्ज हुई। पुलिस ने दोनों आरोपियों को मुठभेड़ के बाद अरेस्ट किया। गैंगरेप कांड में हाई लेवल सियासत, परिवार ने सपा सांसद को बैरंग लौटाया
अयोध्या में गैंगरेप के बाद सियासत किस लेवल की हुई, यह इससे समझ सकते हैं कि अयोध्या के सपा सांसद अवधेश प्रसाद पीड़िता के घर पहुंचे। मगर परिवार ने मिलने से मना कर दिया था। 9 सितंबर, 2024 को पीड़िता का परिवार सीएम ऑफिस पहुंचा। उन्हें बीकारपुर के विधायक अमित सिंह चौहान लेकर गए थे। सीएम योगी ने पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए की मदद दी। परिवार की सभी मांगों को भी मान लिया गया। सियासत के बाद बदले गांव के हालात
दैनिक भास्कर टीम जब बुधवार को दोबारा पीड़िता के घर पहुंची, तो गांव का माहौल बदला-बदला था। कीचड़, झांड़ियों और मिट्टी की पगडंडी से होकर हम घर तक पहुंचे। मगर अब घर तक सड़क बन चुकी थी। मजदूर लगे हुए थे। काम चल रहा था। इस सड़क के किनारे पर बिजली के खंभे लग चुके थे। वायरिंग के बाद पीड़िता के घर तक बिजली पहुंच चुकी थी। हमने पीड़िता की मां से एक बार फिर बात की। दरअसल, परिवार से मुलाकात करने वालों में BJP के पूर्व सांसद लल्लू सिंह, महंत राजू दास, जिला पंचायत अध्यक्ष (प्रतिनिधि) अयोध्या आलोक सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी शामिल थे। इसके अलावा, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने भी परिवार से मुलाकात की थी। अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के आने के बाद गांव की दिक्कत भी खुलकर सामने आई। गांव के ही राम शब्द से हमारी मुलाकात हुई। उन्होंने कहा- पहले बहुत दिक्कत होती थी। जब कुछ बड़े नेता आए, तबसे हमारे घर में बिजली की व्यवस्था हो गई। अब रास्ता भी बन रहा है। 3 तस्वीर में बदले हालात देखिए… पीड़िता की मां बोलीं- पशुओं के लिए शेड बनवा रहे प्रधान
पीड़िता की मां ने बताया- हम बहुत गरीब हैं। जो लोग मिलने आए। वह सब देख गए। हमने पूछा कि घर के बाहर बालू-मोरंग और ईंट पड़ी है। क्या कुछ बनवा रहे हैं। पीड़िता की मां ने बताया – प्रधानजी ने भिजवाया है, वह कह रहे थे कि पशुओं के लिए शेड बनेगा। इसीलिए यह सारा सामान भिजवाया गया है। यह भी पढ़ें: अयोध्या में दलित लड़की से रेप के आरोपी का एनकाउंटर, घेरा तो फायरिंग करने लगा, पुलिस ने दौड़ाकर पैर में मारी गोली अयोध्या में दलित किशोरी से रेप के आरोपी को पुलिस ने एनकाउंटर में पैर में गोली मार दी। शहबान अपने साथी मोहम्मद के साथ अंधेरे का फायदा उठाकर भाग रहा था, पुलिस ने रोका तो फायरिंग करने लगा। पुलिस ने दौड़ाकर शहबान के पैर में गोली मारी। गोली लगते ही वह गिर गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उसका साथी फरार हो गया। घटना खंडासा थाना क्षेत्र की है। पढ़िए पूरी खबर… ‘वो मुझसे एक मंदिर में मिला। कहा- मेरा नाम आनंद है। हाथ में कलावा था। मुझे नहीं पता था कि उसका असली नाम शहबान है। हमारी दोस्ती हो गई। हम कभी-कभी नहर पर मिलने लगे। बाद में पता चला कि वह मुस्लिम है, फिर मैंने उससे बात करनी बंद कर दी।’ यह कहते हुए खंडासा रेप कांड की पीड़िता रोने लगी। दैनिक भास्कर से बातचीत में रेप पीड़िता ने दर्द साझा किया। बोली- जब मैंने उससे बात करनी बंद की। तो उसने फोन पर कहा- हिंदू-मुस्लिम क्या होता है? हमारा भी खून लाल है, तुम्हारा भी। मैंने यह सब माना नहीं। मगर कुछ दिन बाद हमारी फोन पर फिर से बात होने लगी। उसने मुझे मिलने के लिए नहर पर बुलाया। पहले मैंने मना किया। मगर वो बहुत दबाव बनाने लगा। कहा कि नहीं आओगी तो नहर में कूद जाऊंगा। तुम बदनाम होगी। मैं डरकर मिलने चली गई। वहां उसने मुझसे कहा कि तुम्हें भरोसा नहीं, तो शादी कर लो। मगर मैंने मना किया। कहा कि तुम्हारा धर्म ही अलग है। मैं नहीं कर सकती। इसके बाद उसके दोस्त ने धमकाया। मैं घर की तरफ भागना चाहती थी, मगर उन्होंने मुझे वहीं पर पकड़ लिया। मेरे साथ गलत काम किया। मैं चिल्लाती रही, मगर सुनने वाला कोई नहीं था। मुझे धमकाया- तुम्हारे घर वालों को बम से उड़ा देंगे
सब कुछ होने के बाद उन्होंने कहा – अब घर जाओ। मैंने रोते हुए कहा- मैं घर पर बता दूंगी, तुम लोगों ने जो कुछ भी किया है। तब शहबान और उसके दोस्त ने मुझे धमकी दी। अगर घर पर कुछ भी बताया तो तुम्हें जान से मार देंगे। मैं घर आ गई। कुछ दिन बाद वह फिर मिलने का दबाव बनाने लगे। मैं घर से नहीं निकलती थी। इसके बाद वह दोनों हमारे घर आ गए। गांव के लोगों ने बाद में बताया कि उनके हाथ में तमंचा था। धमका रहे थे कि बम से मेरे घर वालों को उड़ा देंगे। दरअसल, इस पूरे मामले की शुरुआत 5 सितंबर, 2024 को हुई। जब 16 साल की दलित लड़की और उसके पिता ने थाने में तहरीर दी। बताया कि एक मुस्लिम लड़के ने रेप किया है। यहां पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे। क्योंकि FIR दर्ज नहीं की गई। तब हिंदू संगठन एक्टिव हुए। 5 सितंबर को खंडासा थाने में शहबान, उसके दोस्त और 5 अन्य के खिलाफ FIR दर्ज हुई। पुलिस ने दोनों आरोपियों को मुठभेड़ के बाद अरेस्ट किया। गैंगरेप कांड में हाई लेवल सियासत, परिवार ने सपा सांसद को बैरंग लौटाया
अयोध्या में गैंगरेप के बाद सियासत किस लेवल की हुई, यह इससे समझ सकते हैं कि अयोध्या के सपा सांसद अवधेश प्रसाद पीड़िता के घर पहुंचे। मगर परिवार ने मिलने से मना कर दिया था। 9 सितंबर, 2024 को पीड़िता का परिवार सीएम ऑफिस पहुंचा। उन्हें बीकारपुर के विधायक अमित सिंह चौहान लेकर गए थे। सीएम योगी ने पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए की मदद दी। परिवार की सभी मांगों को भी मान लिया गया। सियासत के बाद बदले गांव के हालात
दैनिक भास्कर टीम जब बुधवार को दोबारा पीड़िता के घर पहुंची, तो गांव का माहौल बदला-बदला था। कीचड़, झांड़ियों और मिट्टी की पगडंडी से होकर हम घर तक पहुंचे। मगर अब घर तक सड़क बन चुकी थी। मजदूर लगे हुए थे। काम चल रहा था। इस सड़क के किनारे पर बिजली के खंभे लग चुके थे। वायरिंग के बाद पीड़िता के घर तक बिजली पहुंच चुकी थी। हमने पीड़िता की मां से एक बार फिर बात की। दरअसल, परिवार से मुलाकात करने वालों में BJP के पूर्व सांसद लल्लू सिंह, महंत राजू दास, जिला पंचायत अध्यक्ष (प्रतिनिधि) अयोध्या आलोक सिंह, महापौर गिरीश पति त्रिपाठी शामिल थे। इसके अलावा, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने भी परिवार से मुलाकात की थी। अलग-अलग पार्टियों के नेताओं के आने के बाद गांव की दिक्कत भी खुलकर सामने आई। गांव के ही राम शब्द से हमारी मुलाकात हुई। उन्होंने कहा- पहले बहुत दिक्कत होती थी। जब कुछ बड़े नेता आए, तबसे हमारे घर में बिजली की व्यवस्था हो गई। अब रास्ता भी बन रहा है। 3 तस्वीर में बदले हालात देखिए… पीड़िता की मां बोलीं- पशुओं के लिए शेड बनवा रहे प्रधान
पीड़िता की मां ने बताया- हम बहुत गरीब हैं। जो लोग मिलने आए। वह सब देख गए। हमने पूछा कि घर के बाहर बालू-मोरंग और ईंट पड़ी है। क्या कुछ बनवा रहे हैं। पीड़िता की मां ने बताया – प्रधानजी ने भिजवाया है, वह कह रहे थे कि पशुओं के लिए शेड बनेगा। इसीलिए यह सारा सामान भिजवाया गया है। यह भी पढ़ें: अयोध्या में दलित लड़की से रेप के आरोपी का एनकाउंटर, घेरा तो फायरिंग करने लगा, पुलिस ने दौड़ाकर पैर में मारी गोली अयोध्या में दलित किशोरी से रेप के आरोपी को पुलिस ने एनकाउंटर में पैर में गोली मार दी। शहबान अपने साथी मोहम्मद के साथ अंधेरे का फायदा उठाकर भाग रहा था, पुलिस ने रोका तो फायरिंग करने लगा। पुलिस ने दौड़ाकर शहबान के पैर में गोली मारी। गोली लगते ही वह गिर गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उसका साथी फरार हो गया। घटना खंडासा थाना क्षेत्र की है। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर