चंडीगढ़ में सेक्टर 10 के पॉश एरिया में बुधवार को ग्रेनेड अटैक हुआ। घटना के बाद पुलिस एक्टिव हुई। जांच में ये एक आतंकी घटना लग रही है। जिसके तार सरहद पार से जुड़ रहे हैं। हालांकि यहां अभी हिमाचल प्रदेश के रिटायर्ड प्रिंसिपल रहते हैं, लेकिन इससे पहले इस घर में पंजाब पुलिस के रिटायर्ड एसएसपी हरकीरत सिंह रहते थे। चंडीगढ़ पुलिस फिलहाल इस मामले में गैंगस्टर व टेरेरिस्ट दोनों एंगल को लेकर जांच में जुट गई है। जिस तरह से ये हमला हुआ, ये साधारण अटैक नहीं है। इसके तार एक बार फिर सरहद पार बैठे आतंकियों की तरफ इशारा कर रहे हैं। जिसमें एक नाम गैंगस्टर से आतंकी बने लखबीर लंडा का भी सामने आ रहा है। लखबीर सिंह पाकिस्तान में कुछ साल पहले मारे गए आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा का करीबी है। इतना ही नहीं, मोहाली में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर RPG अटैक करवाने वाला भी यही आतंकी लखबीर लंडा ही था। हालांकि चंडीगढ़ पुलिस इस मामले में अभी तक चुप्पी साधे हुए है। फिलाहल डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव की अगुआई में आईजी राजकुमार, एसएसपी कंवरदीप कौर समेत सीनियर अधिकारी इस केस में जुटे हुए हैं। चंडीगढ़ पुलिस को इस मामले में कई अहम जानकारियां भी मिली हैं। संदिग्धों की जानकारी देने वाले को 2 लाख पुलिस की तरफ से सीसीटीवी ट्रेस करने के बाद दो संदिग्धों की तस्वीरें सामने आई हैं। चंडीगढ़ प्रशासन ने हमले से जुड़े किसी भी आरोपी की जानकारी देने वाले को 2 लाख रुपए इनाम देने की भी घोषणा की है। सीसीटीवी ट्रैकिंग के दौरान स्पष्ट हुआ कि आरोपी सेक्टर 10 में हमला करने के बाद सेक्टर 9 की तरफ ऑटो में निकले थे। 2023 में दर्ज FIR से जुड़ रहे तार बम धमाके के बाद चंडीगढ़ पुलिस का ध्यान 2023 में दर्ज स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल पंजाब की एफआईआर पर गया है। दरसअल, स्पेशल सेल की तरफ से उक्त मामले में दो आरोपी पकड़े गए थे। जिन्होंने पंजाब पुलिस को सूचित किया था कि हरविंदर सिंह रिंदा ने कुछ साल पहले उन्हें इस कोठी की रेकी करने के लिए भेजा था। जिसकी सूचना चंडीगढ़ पुलिस के साथ भी शेयर की गई थी। परिवार बरामदे में बैठा हुआ था इस घर में फिलहाल हिमाचल प्रदेश से रिटायर्ड प्रिंसिपल केके मल्होत्रा व उनका परिवार रहता है। जिस समय घटना हुई, परिवार बरामदे में ही बैठा था। केके मल्होत्रा किताब पढ़ रहे थे। जैसे ही वे उठकर अंदर गए, बाहर ये घटना हो गई। जबकि उनके परिवार के सदस्यों ने बम फेंकने वालों को देखा भी। बम घर के बने पार्क में गिरा और वहां 8 इंच का गड्ढा बन गया। पार्क में लगे गमले और बाहर खिड़कियों में लगे शीशे टूट गए। SSP बोले- प्रेशर ब्लास्ट था, गमलों को नुकसान एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया कि 112 पर परिवार की तरफ से धमाके की जानकारी दी गई थी। ये एक प्रेशर ब्लास्ट था। जिससे घर में रखे गमलों को नुकसान हुआ है और शीशे टूटे हैं। परिवार ने बताया है कि ऑटो में दो व्यक्ति आए थे। जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया। एसएसपी ने बताया कि ब्लास्ट के समय परिवार बरामदे में ही बैठा हुआ था। उन्होंने ऑटो सवार व फेंकने वाले को देखा है। घर में रहने वाले और उससे पहले यहां रह चुके किरायेदारों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। चंडीगढ़ में सेक्टर 10 के पॉश एरिया में बुधवार को ग्रेनेड अटैक हुआ। घटना के बाद पुलिस एक्टिव हुई। जांच में ये एक आतंकी घटना लग रही है। जिसके तार सरहद पार से जुड़ रहे हैं। हालांकि यहां अभी हिमाचल प्रदेश के रिटायर्ड प्रिंसिपल रहते हैं, लेकिन इससे पहले इस घर में पंजाब पुलिस के रिटायर्ड एसएसपी हरकीरत सिंह रहते थे। चंडीगढ़ पुलिस फिलहाल इस मामले में गैंगस्टर व टेरेरिस्ट दोनों एंगल को लेकर जांच में जुट गई है। जिस तरह से ये हमला हुआ, ये साधारण अटैक नहीं है। इसके तार एक बार फिर सरहद पार बैठे आतंकियों की तरफ इशारा कर रहे हैं। जिसमें एक नाम गैंगस्टर से आतंकी बने लखबीर लंडा का भी सामने आ रहा है। लखबीर सिंह पाकिस्तान में कुछ साल पहले मारे गए आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा का करीबी है। इतना ही नहीं, मोहाली में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर RPG अटैक करवाने वाला भी यही आतंकी लखबीर लंडा ही था। हालांकि चंडीगढ़ पुलिस इस मामले में अभी तक चुप्पी साधे हुए है। फिलाहल डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव की अगुआई में आईजी राजकुमार, एसएसपी कंवरदीप कौर समेत सीनियर अधिकारी इस केस में जुटे हुए हैं। चंडीगढ़ पुलिस को इस मामले में कई अहम जानकारियां भी मिली हैं। संदिग्धों की जानकारी देने वाले को 2 लाख पुलिस की तरफ से सीसीटीवी ट्रेस करने के बाद दो संदिग्धों की तस्वीरें सामने आई हैं। चंडीगढ़ प्रशासन ने हमले से जुड़े किसी भी आरोपी की जानकारी देने वाले को 2 लाख रुपए इनाम देने की भी घोषणा की है। सीसीटीवी ट्रैकिंग के दौरान स्पष्ट हुआ कि आरोपी सेक्टर 10 में हमला करने के बाद सेक्टर 9 की तरफ ऑटो में निकले थे। 2023 में दर्ज FIR से जुड़ रहे तार बम धमाके के बाद चंडीगढ़ पुलिस का ध्यान 2023 में दर्ज स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल पंजाब की एफआईआर पर गया है। दरसअल, स्पेशल सेल की तरफ से उक्त मामले में दो आरोपी पकड़े गए थे। जिन्होंने पंजाब पुलिस को सूचित किया था कि हरविंदर सिंह रिंदा ने कुछ साल पहले उन्हें इस कोठी की रेकी करने के लिए भेजा था। जिसकी सूचना चंडीगढ़ पुलिस के साथ भी शेयर की गई थी। परिवार बरामदे में बैठा हुआ था इस घर में फिलहाल हिमाचल प्रदेश से रिटायर्ड प्रिंसिपल केके मल्होत्रा व उनका परिवार रहता है। जिस समय घटना हुई, परिवार बरामदे में ही बैठा था। केके मल्होत्रा किताब पढ़ रहे थे। जैसे ही वे उठकर अंदर गए, बाहर ये घटना हो गई। जबकि उनके परिवार के सदस्यों ने बम फेंकने वालों को देखा भी। बम घर के बने पार्क में गिरा और वहां 8 इंच का गड्ढा बन गया। पार्क में लगे गमले और बाहर खिड़कियों में लगे शीशे टूट गए। SSP बोले- प्रेशर ब्लास्ट था, गमलों को नुकसान एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया कि 112 पर परिवार की तरफ से धमाके की जानकारी दी गई थी। ये एक प्रेशर ब्लास्ट था। जिससे घर में रखे गमलों को नुकसान हुआ है और शीशे टूटे हैं। परिवार ने बताया है कि ऑटो में दो व्यक्ति आए थे। जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया। एसएसपी ने बताया कि ब्लास्ट के समय परिवार बरामदे में ही बैठा हुआ था। उन्होंने ऑटो सवार व फेंकने वाले को देखा है। घर में रहने वाले और उससे पहले यहां रह चुके किरायेदारों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद उसका आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) अर्श डल्ला ही चला रहा है। डल्ला का जन्म 1996 में मोगा के गांव डाला में हुआ था। उसके पिता चरणजीत सिंह गिल एक आम किसान थे, जोकि ठेके पर जमीन लेकर खेती करते थे। डल्ला शुरू से आपराधिक संगत में नहीं था। आर्थिक तंगी से प्राइवेट स्कूल छोड़ा
अर्श डल्ला ने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई मोगा के सेक्रेड हार्ट स्कूल से की। उसका छोटा भाई भी उसके साथ पढ़ता था। आर्थिक तंगी के चलते 10वीं के बाद 12वीं तक की पढ़ाई डल्ला ने अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से की। दोस्तों के साथ झगड़ा करने पर पहली FIR हुई
12वीं के बाद अर्श डल्ला ने भारत में पढ़ाई नहीं की। इस दौरान डल्ला की संगत बुरी हुई तो उसके लड़ाई-झगड़े भी होने लगे। पहली बार अर्श ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मोगा में एक झगड़ा किया था, जिसमें पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद डल्ला ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विदेश से लौट मोगा में की गैंगस्टर सुक्खा लम्मा की हत्या
परिवार ने अर्श को किसी तरह से विदेश भेज दिया। जब विदेश गया तो उसकी मोगा के बदमाश सुक्खा लम्मा के साथ किसी बात को लेकर दुश्मनी हो गई। इसके बाद वह विदेश से भारत लौट आया और उसने सुक्खा लम्मा की अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी। सुक्खा अपने एरिया में काफी प्रभाव रखता था। यह पहली हत्या थी, जोकि अर्श द्वारा की गई थी। डल्ला ने लम्मा की हत्या के बाद उसके सोशल मीडिया अकाउंट से कई लोगों से उगाही की और फिरौतियां मांगीं। लम्मा का नाम सुनकर लोगों ने फिरौतियां दी भी। साल 2020 में ही डल्ला दोबारा विदेश भाग गया था। इसके बाद कनाडा से मोगा के चर्चित कारोबारी सुपर शाइन जींस शोरूम के मालिक जितेंद्र उर्फ पिंका (45) की गोली मारकर हत्या करवाई गई थी। इसकी जिम्मेदारी गैंगस्टर सुखप्रीत सिंह लम्मा ने फेसबुक पर ली गई थी। जांच में पता चला कि हत्या अर्श ने करवाई थी, लेकिन जिम्मेदारी लम्मा के अकाउंट से ली गई। राजस्थान की लड़की से पेपर मैरिज कर भागा विदेश
सुक्खा की हत्या के बाद डल्ला की मोगा में दुश्मनी बढ़ गई थी। इसके बाद डल्ला ने उगाही के पैसों से विदेश भागने का प्लान बनाया। विदेश भागने में उसकी मदद खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के गुर्गों ने की थी। उसने राजस्थान की एक लड़की से पेपर मैरिज की और जालंधर से एक फेक पासपोर्ट बनवाया। पेपर मैरिज के प्रूफ लगाकर वह किसी तरह कनाडा भाग गया और सरे में जाकर शरण ले ली। कनाडा पहुंचते ही वह खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के संपर्क में आ गया था। बाद में कनाडा के सरे में ही अर्श डल्ला की एक बेटी हुई। वहां से डल्ला ने एक-एक कर पूरे देश में वारदातें करवानी शुरू कीं। इस दौरान अर्श के भाई बलदीप सिंह की भी गिरफ्तारी हुई। जब बलदीप सिंह जमानत पर लौटा तो वह अपनी मां के साथ कनाडा भाग गया और वहां से कभी नहीं लौटा। डल्ला का पिता मोगा में लोगों को धमकाकर मांगता था फिरौती
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी अर्श डल्ला जब विदेश भागा और पूरे देश में उसका नाम टॉप मोस्ट गैंगस्टरों में आने लगा तो उसके पिता चरणजीत सिंह गिल ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया। चरणजीत सिंह ने मोगा और आसपास के रसूकदारों से उगाही करनी शुरू कर दी। इस बारे में जब पंजाब पुलिस को पता चला तो चरणजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेजा गया और वह इस वक्त पंजाब की संगरूर जेल में बंद है। पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, पूरे देश में डल्ला पर करीब 70 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे ज्यादा केस पंजाब में दर्ज हैं, जिसकी गिनती 50 है। केंद्र सरकार ने 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया
केंद्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने साल 2022 में डल्ला को आतंकी घोषित किया। गैंगस्टर और खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) ऑपरेटिव अर्श डल्ला को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों में आतंकी घोषित किया गया था। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार, वर्तमान में कनाडा में रह रहे अर्श डल्ला के तार KTF से जुड़े हुए हैं। अर्शदीप NIA द्वारा रजिस्टर्ड और जांच किए गए विभिन्न मामलों में आरोपी पाया जा चुका है। इसके बाद केंद्र सरकार ने अर्श को रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी करवाया था। गैंग में 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर
पंजाब पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, आतंकी घोषित होने के बाद अर्श के 60 से ज्यादा साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनसे हथियार बरामद किए गए। ज्यादातर हथियारों का लिंक पाकिस्तान से पाया गया। इस वक्त कनाडा से खालिस्तान संगठन ऑपरेट कर रहे अर्श के साथ करीब 300 से ज्यादा एक्टिव मेंबर हैं, जो उसके इशारे पर वारदातें करते हैं। साथ ही निज्जर की मौत के बाद अब KTF का भी सारा कार्यभार अर्श डल्ला देखता है।
लुधियाना का CETP प्लांट नहीं होगा बंद:डायरेक्टर चौहान बोले- हमारे पास NGT से स्टे, झूठी खबरें न फैलाएं
लुधियाना का CETP प्लांट नहीं होगा बंद:डायरेक्टर चौहान बोले- हमारे पास NGT से स्टे, झूठी खबरें न फैलाएं पंजाब के लुधियाना में कल काला पानी मोर्चा के सदस्यों ने रंगाई उद्योग के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। ये नेता पुराने नाले को बंद करने के लिए बांध बनाने आ रहे थे ताकि केमिकल युक्त पानी सतलुज नदी में न गिरे। पुलिस ने काला पानी मोर्चा के नेता लक्खा सिधाना, सोनिया मान समेत 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया था। कल फिरोजपुर रोड पर पूरा दिन जाम लगा रहा। इस बीच सीईटीपी प्लांट बंद होने की बात सामने आई, जिसके बाद प्रदर्शन हटा लिया गया। लेकिन देर रात पंजाब डाइंग एसोसिएशन के डायरेक्टर कमल चौहान ने एक वीडियो जारी किया। उन्होंने साफ कहा है कि सीईटीपी प्लांट बंद होने की झूठी खबर फैलाई जा रही है। कोई भी सीईटीपी प्लांट बंद नहीं होगा। उनके पास एनजीटी का स्टे ऑर्डर है। 20 मार्च 2025 तक है स्टे ऑर्डर कमल चौहान ने बताया कि इस मामले में 2 दिसंबर 2024 को तारीख थी। चौहान के मुताबिक इस ऑनलाइन तारीख में काला पानी मोर्चा के सदस्य कपिल अरोड़ा और जसकीरत सिंह भी मौजूद थे। डाइंग इंडस्ट्री का स्टे 20 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया है। इसके चलते अब कोई भी एसटीपी प्लांट बंद नहीं होगा। चौहान ने बताया कि वह इस मुद्दे पर कानूनी तौर पर अपनी बात रख रहे हैं।