मणिमहेश यात्रा को लेकर एडवाइजरी जारी:मैदानी क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं को विशेष सलाह, दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य

मणिमहेश यात्रा को लेकर एडवाइजरी जारी:मैदानी क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं को विशेष सलाह, दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य

श्री मणिमहेश यात्रा-2024 के तहत पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर चंबा जनपद के उप मंडलीय प्रशासन भरमौर ने स्पेशल एडवाइजरी जारी की है। एडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने श्री मणिमहेश यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं से एडवाइजरी का पालन कर अपनी यात्रा को सुरक्षित तथा अविस्मरणीय बनाने का आग्रह किया है।विशेषकर मैदानी क्षेत्रों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान इत्यादि से आने वाले श्रद्धालुओं को विशेष सावधानी रखने का भी आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि चूंकि श्री मणिमहेश यात्रा उत्तर भारत की अन्य धार्मिक यात्राओं से अधिक दुर्गम है। पवित्र डल झील 13 हजार फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। ऐसे में निचले गर्म क्षेत्रों से आकर भरमौर-हड़़सर से सीधे यात्रा शुरू कर देना श्रद्धालुओं के शारीरिक स्वास्थ्य के लिहाज से सही नहीं है। स्थानीय वातावरण के अनुकूल अपने आप को ढालने के लिए चंबा, भरमौर इत्यादि स्थानों में ठहराव आवश्यक है। श्रद्धालुओं को सलाह देते हुए एसडीएम का कहना था कि पहाड़ी क्षेत्र में वाहन चलाते समय अत्यंत सावधानी रखें। वाहन की गति नियंत्रित रखते हुए बड़े गेयर का प्रयोग किया जाए। रात के समय ना करें यात्रा रात के समय बिल्कुल यात्रा न करें। प्रशासन द्वारा विभिन्न स्थानों पर स्थापित चेतावनी बोर्ड पर लिखित दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित बनाएं। नदी-नालों में जलस्तर अचानक बढ़ने की भी संभावना रहती है, इसलिए नदी-नालों में बिल्कुल न उतरे। गर्म कपड़े, टॉर्च, छाता-रेनकोट अपने साथ अवश्य रखें। स्वास्थ्य जांच आवश्यक करवाएं। मौसम के पूर्वानुमान को नजर अंदाज न करें। हड़सर गांव से ऊपर चढ़ाई चढ़ते समय सावधानीपूर्वक चले। ऐसे स्थानों पर बिल्कुल ना रुके जहां पर पत्थर गिरने की संभावना हो। प्रशासन द्वारा स्थापित चेतावनी बोर्ड पर लिखे दिशा-निर्देशों का पालन पूरी तरह सुनिश्चित बनाएं। यात्रा के लिए अपना पंजीकरण अवश्य करवाएं। संवेदनशील है यह घाटी कुलबीर सिंह राणा ने बताया कि शैव-शिवा को समर्पित यह संपूर्ण घाटी पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया है कि वे यहां गंदगी फैलाकर पाप के भागीदार न बने तथा प्रतिबंधित पोली पदार्थ का प्रयोग बिल्कुल न करें। अधिक जानकारी के लिए नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 01895-225027 पर संपर्क किया जा सकता है। बता दें कि, स्थानीय परंपरा के अनुरूप कृष्ण जन्माष्टमी से राधा अष्टमी तक श्री मणिमहेश यात्रा का आयोजन होता है। इस वर्ष 26 अगस्त से 11 सितंबर तक यात्रा का आयोजित होगी। श्री मणिमहेश यात्रा-2024 के तहत पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर चंबा जनपद के उप मंडलीय प्रशासन भरमौर ने स्पेशल एडवाइजरी जारी की है। एडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने श्री मणिमहेश यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं से एडवाइजरी का पालन कर अपनी यात्रा को सुरक्षित तथा अविस्मरणीय बनाने का आग्रह किया है।विशेषकर मैदानी क्षेत्रों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान इत्यादि से आने वाले श्रद्धालुओं को विशेष सावधानी रखने का भी आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि चूंकि श्री मणिमहेश यात्रा उत्तर भारत की अन्य धार्मिक यात्राओं से अधिक दुर्गम है। पवित्र डल झील 13 हजार फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। ऐसे में निचले गर्म क्षेत्रों से आकर भरमौर-हड़़सर से सीधे यात्रा शुरू कर देना श्रद्धालुओं के शारीरिक स्वास्थ्य के लिहाज से सही नहीं है। स्थानीय वातावरण के अनुकूल अपने आप को ढालने के लिए चंबा, भरमौर इत्यादि स्थानों में ठहराव आवश्यक है। श्रद्धालुओं को सलाह देते हुए एसडीएम का कहना था कि पहाड़ी क्षेत्र में वाहन चलाते समय अत्यंत सावधानी रखें। वाहन की गति नियंत्रित रखते हुए बड़े गेयर का प्रयोग किया जाए। रात के समय ना करें यात्रा रात के समय बिल्कुल यात्रा न करें। प्रशासन द्वारा विभिन्न स्थानों पर स्थापित चेतावनी बोर्ड पर लिखित दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित बनाएं। नदी-नालों में जलस्तर अचानक बढ़ने की भी संभावना रहती है, इसलिए नदी-नालों में बिल्कुल न उतरे। गर्म कपड़े, टॉर्च, छाता-रेनकोट अपने साथ अवश्य रखें। स्वास्थ्य जांच आवश्यक करवाएं। मौसम के पूर्वानुमान को नजर अंदाज न करें। हड़सर गांव से ऊपर चढ़ाई चढ़ते समय सावधानीपूर्वक चले। ऐसे स्थानों पर बिल्कुल ना रुके जहां पर पत्थर गिरने की संभावना हो। प्रशासन द्वारा स्थापित चेतावनी बोर्ड पर लिखे दिशा-निर्देशों का पालन पूरी तरह सुनिश्चित बनाएं। यात्रा के लिए अपना पंजीकरण अवश्य करवाएं। संवेदनशील है यह घाटी कुलबीर सिंह राणा ने बताया कि शैव-शिवा को समर्पित यह संपूर्ण घाटी पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया है कि वे यहां गंदगी फैलाकर पाप के भागीदार न बने तथा प्रतिबंधित पोली पदार्थ का प्रयोग बिल्कुल न करें। अधिक जानकारी के लिए नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 01895-225027 पर संपर्क किया जा सकता है। बता दें कि, स्थानीय परंपरा के अनुरूप कृष्ण जन्माष्टमी से राधा अष्टमी तक श्री मणिमहेश यात्रा का आयोजन होता है। इस वर्ष 26 अगस्त से 11 सितंबर तक यात्रा का आयोजित होगी।   हिमाचल | दैनिक भास्कर