<p style=”text-align: justify;”><strong>Banke</strong> <strong>Bihari</strong> <strong>corridor:</strong> मथुरा में वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर में प्रस्तावित कॉरिडोर और न्यास ट्रस्ट निर्माण के खिलाफ गोस्वामी समाज का विरोध प्रदर्शन लगातार चौथे दिन भी जारी रहा. गोस्वामी समाज ने अनोखे अंदाज में बर्तन बजाकर अपना आक्रोश जताया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> ने कोरोना काल में घंटा-घड़ियाल बजाकर संकट दूर करने की बात कही थी, उसी तरह वे भी बांके बिहारी जी से प्रार्थना कर रहे हैं ताकि कॉरिडोर और अध्यादेश का समर्थन करने वालों के दिमाग में बसी कटुता को खत्म किया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यहां बता दें कि पिछले कई वर्षों से बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण की चर्चा चल रही थी, लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद यह योजना अब लगभग तय मानी जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मंदिर के खजाने से 500 करोड़ रुपये का उपयोग कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए किया जाएगा और यह जमीन ठाकुर बांके बिहारी जी के नाम पर ही रहेगी. गोस्वामी समाज और मंदिर के सेवक इस योजना का विरोध कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गोस्वामी समाज का अनोखा विरोध </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गोस्वामी समाज ने कॉरिडोर और न्यास ट्रस्ट के खिलाफ विरोध के लिए नए-नए तरीके इस्तेमाल कर रहा है. पहले दिन काली पट्टी बाँधी, दूसरे दिन काले कपड़े पहने, तीसरे दिन हवन-यज्ञ और अब चौथे दिन बर्तन बजाए. यही नहीं गोस्वामी समाज की महिलाएं भी इस आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल हैं और मंदिर के गेट पर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बांके बिहारी मंदिर उनकी आस्था और सदियों से चली आ रही परंपरा का प्रतीक है, वे इसे किसी भी कीमत पर प्रभावित नहीं होने देंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रशासन से वार्ता बेनतीजा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उधर जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के अधिकारियों ने गोस्वामी समाज के साथ कई दौर की बैठकें की हैं लेकिन अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई. मथुरा डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने आश्वासन दिया है कि गोस्वामी समाज के अधिकारों का हनन नहीं होगा, जबकि प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. गोस्वामी समाज ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे ठाकुर बांके बिहारी जी को लेकर मंदिर और वृंदावन से पलायन कर सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये है बांके बिहारी कॉरिडोर योजना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अभी तक प्रस्तावित बांके बिहारी कॉरिडोर पांच एकड़ क्षेत्र में दो मंजिला बनाया जाएगा. जिसमें तीन प्रवेश मार्ग होंगे. यह कॉरिडोर मंदिर को यमुना नदी से जोड़ेगा जैसा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में भी देखा गया है. वहीँ सरकार का दावा है कि इससे श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, स्थानीय लोग और गोस्वामी समाज का कहना है कि इससे वृंदावन की प्राचीन कुंज गलियों और धार्मिक पहचान को नुकसान पहुंचेगा.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Banke</strong> <strong>Bihari</strong> <strong>corridor:</strong> मथुरा में वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर में प्रस्तावित कॉरिडोर और न्यास ट्रस्ट निर्माण के खिलाफ गोस्वामी समाज का विरोध प्रदर्शन लगातार चौथे दिन भी जारी रहा. गोस्वामी समाज ने अनोखे अंदाज में बर्तन बजाकर अपना आक्रोश जताया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> ने कोरोना काल में घंटा-घड़ियाल बजाकर संकट दूर करने की बात कही थी, उसी तरह वे भी बांके बिहारी जी से प्रार्थना कर रहे हैं ताकि कॉरिडोर और अध्यादेश का समर्थन करने वालों के दिमाग में बसी कटुता को खत्म किया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यहां बता दें कि पिछले कई वर्षों से बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण की चर्चा चल रही थी, लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद यह योजना अब लगभग तय मानी जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मंदिर के खजाने से 500 करोड़ रुपये का उपयोग कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए किया जाएगा और यह जमीन ठाकुर बांके बिहारी जी के नाम पर ही रहेगी. गोस्वामी समाज और मंदिर के सेवक इस योजना का विरोध कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गोस्वामी समाज का अनोखा विरोध </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गोस्वामी समाज ने कॉरिडोर और न्यास ट्रस्ट के खिलाफ विरोध के लिए नए-नए तरीके इस्तेमाल कर रहा है. पहले दिन काली पट्टी बाँधी, दूसरे दिन काले कपड़े पहने, तीसरे दिन हवन-यज्ञ और अब चौथे दिन बर्तन बजाए. यही नहीं गोस्वामी समाज की महिलाएं भी इस आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल हैं और मंदिर के गेट पर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बांके बिहारी मंदिर उनकी आस्था और सदियों से चली आ रही परंपरा का प्रतीक है, वे इसे किसी भी कीमत पर प्रभावित नहीं होने देंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रशासन से वार्ता बेनतीजा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उधर जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के अधिकारियों ने गोस्वामी समाज के साथ कई दौर की बैठकें की हैं लेकिन अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई. मथुरा डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने आश्वासन दिया है कि गोस्वामी समाज के अधिकारों का हनन नहीं होगा, जबकि प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. गोस्वामी समाज ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे ठाकुर बांके बिहारी जी को लेकर मंदिर और वृंदावन से पलायन कर सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये है बांके बिहारी कॉरिडोर योजना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अभी तक प्रस्तावित बांके बिहारी कॉरिडोर पांच एकड़ क्षेत्र में दो मंजिला बनाया जाएगा. जिसमें तीन प्रवेश मार्ग होंगे. यह कॉरिडोर मंदिर को यमुना नदी से जोड़ेगा जैसा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में भी देखा गया है. वहीँ सरकार का दावा है कि इससे श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि, स्थानीय लोग और गोस्वामी समाज का कहना है कि इससे वृंदावन की प्राचीन कुंज गलियों और धार्मिक पहचान को नुकसान पहुंचेगा.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड उत्तराखंड: बेरोजगारी से निपटने के लिए सीएम धामी का ‘मास्टर प्लान’, इतने हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार
मथुरा: बांके बिहारी कॉरिडोर के खिलाफ सड़कों पर उतरा गोस्वामी समाज, बोले- हमारी आस्था से न खेलें
