‘मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर संवैधानिक संकट’, जीतू पटवारी ने की राष्ट्रपति शासन की मांग

‘मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर संवैधानिक संकट’, जीतू पटवारी ने की राष्ट्रपति शासन की मांग

<p style=”text-align: justify;”><strong>Jitu Patwari News:</strong> मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण न दिए जाने को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य सरकार पर संविधान की अवहेलना का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति से प्रदेश में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है. पटवारी ने कहा कि बीजेपी सरकार ओबीसी वर्ग के अधिकारों का हनन कर रही है और विधायिका द्वारा पारित कानून को लागू करने में विफल रही है, जो एक गंभीर संवैधानिक संकट है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>27 प्रतिशत आरक्षण पर ऐतिहासिक पृष्ठभूमि&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जीतू पटवारी ने बताया कि वर्ष 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने के लिए अध्यादेश जारी किया था. हालांकि इस अध्यादेश को एक मेडिकल छात्रा स्मृति दुबे द्वारा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई, जिसके चलते कोर्ट ने मेडिकल पीजी में बढ़े हुए आरक्षण के अमल पर रोक लगा दी थी. इसके बावजूद, जुलाई 2019 में इस अध्यादेश को विधानसभा द्वारा पारित कर कानून का रूप दे दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पटवारी ने स्पष्ट किया कि यह कानून आज तक किसी भी अदालत द्वारा निरस्त नहीं किया गया है और न ही इस पर कोई स्थगन आदेश (स्टे) लागू है. फिर भी राज्य सरकार इसे मनमाने ढंग से लागू कर रही है, कभी 14 प्रतिशत और कभी 27 प्रतिशत.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकार पर नियुक्ति में भेदभाव का आरोप&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने जिन विभागों में 27 प्रतिशत आरक्षण के तहत चयन प्रक्रिया पूरी कर ली, वहां भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए. उन्होंने बताया कि कई उम्मीदवार बीते चार से पांच सालों से नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इसके अलावा जनवरी 2025 में शिक्षक भर्ती के लिए मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा जारी विज्ञापन में भी केवल 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का उल्लेख किया गया है, जो कि विधानसभा द्वारा पारित कानून का खुला उल्लंघन है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संविधान की भावना के खिलाफ कार्य कर रही सरकार: पटवारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य की कार्यपालिका संविधान की मूल भावना और कानून का उल्लंघन कर रही है. उन्होंने बताया कि स्वयं राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में स्वीकार किया है कि मध्य प्रदेश में ओबीसी की जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक है. इसके बावजूद सरकार ओबीसी समाज को उनके हक से वंचित रखे हुए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राष्ट्रपति शासन की मांग और कांग्रेस का एलान&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पटवारी ने इस पूरे प्रकरण को संवैधानिक संकट करार देते हुए महामहिम राष्ट्रपति से अपील की है कि मध्य प्रदेश में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार चुनावों के समय ओबीसी समाज को बहलाने के लिए बड़े वादे करती है, लेकिन हकीकत में उनके अधिकारों को कुचलने का काम कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ओबीसी वर्ग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उनके हक की लड़ाई को सड़क से लेकर संसद तक लड़ा जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/rajasthan-major-accident-due-to-dome-burst-in-a-soybean-plant-in-bundi-5-workers-buried-1-dead-ann-2928570″>राजस्थान के एक सोयाबीन प्लांट में डोम फटने से बड़ा हादसा, दबे 5 मजदूर, 1 की मौत</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jitu Patwari News:</strong> मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण न दिए जाने को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य सरकार पर संविधान की अवहेलना का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति से प्रदेश में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है. पटवारी ने कहा कि बीजेपी सरकार ओबीसी वर्ग के अधिकारों का हनन कर रही है और विधायिका द्वारा पारित कानून को लागू करने में विफल रही है, जो एक गंभीर संवैधानिक संकट है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>27 प्रतिशत आरक्षण पर ऐतिहासिक पृष्ठभूमि&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जीतू पटवारी ने बताया कि वर्ष 2019 में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने के लिए अध्यादेश जारी किया था. हालांकि इस अध्यादेश को एक मेडिकल छात्रा स्मृति दुबे द्वारा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई, जिसके चलते कोर्ट ने मेडिकल पीजी में बढ़े हुए आरक्षण के अमल पर रोक लगा दी थी. इसके बावजूद, जुलाई 2019 में इस अध्यादेश को विधानसभा द्वारा पारित कर कानून का रूप दे दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पटवारी ने स्पष्ट किया कि यह कानून आज तक किसी भी अदालत द्वारा निरस्त नहीं किया गया है और न ही इस पर कोई स्थगन आदेश (स्टे) लागू है. फिर भी राज्य सरकार इसे मनमाने ढंग से लागू कर रही है, कभी 14 प्रतिशत और कभी 27 प्रतिशत.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकार पर नियुक्ति में भेदभाव का आरोप&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने जिन विभागों में 27 प्रतिशत आरक्षण के तहत चयन प्रक्रिया पूरी कर ली, वहां भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए. उन्होंने बताया कि कई उम्मीदवार बीते चार से पांच सालों से नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इसके अलावा जनवरी 2025 में शिक्षक भर्ती के लिए मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा जारी विज्ञापन में भी केवल 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का उल्लेख किया गया है, जो कि विधानसभा द्वारा पारित कानून का खुला उल्लंघन है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संविधान की भावना के खिलाफ कार्य कर रही सरकार: पटवारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य की कार्यपालिका संविधान की मूल भावना और कानून का उल्लंघन कर रही है. उन्होंने बताया कि स्वयं राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में स्वीकार किया है कि मध्य प्रदेश में ओबीसी की जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक है. इसके बावजूद सरकार ओबीसी समाज को उनके हक से वंचित रखे हुए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राष्ट्रपति शासन की मांग और कांग्रेस का एलान&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पटवारी ने इस पूरे प्रकरण को संवैधानिक संकट करार देते हुए महामहिम राष्ट्रपति से अपील की है कि मध्य प्रदेश में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार चुनावों के समय ओबीसी समाज को बहलाने के लिए बड़े वादे करती है, लेकिन हकीकत में उनके अधिकारों को कुचलने का काम कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ओबीसी वर्ग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और उनके हक की लड़ाई को सड़क से लेकर संसद तक लड़ा जाएगा.</p>
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