<p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> मध्य प्रदेश सरकार राज्य में बच्चों के लिए बनाए जाने वाले ऐसे खिलौनों के निर्माण को हतोत्साहित करने का विचार कर रही है जो आक्रामकता और हिंसक प्रवृत्तियों को बढ़ावा देते हैं. इसके स्थान पर रचनात्मकता, सहयोग और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने वाले खिलौनों के उत्पादन को प्राथमिकता दिए जाने की योजना बनाई जा रही है. यह महत्वपूर्ण जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग के राज्यमंत्री चेतन कश्यप ने दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजधानी भोपाल में एमएसएमई विभाग की परामर्श देने वाली समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक के दौरान पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि वर्तमान समय में बाजार में बड़ी संख्या में ऐसे खिलौने उपलब्ध हैं जो बच्चों में हिंसक प्रवृत्तियों को जन्म दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि खिलौनों के माध्यम से बच्चों के मन में हथियारों और आक्रामकता के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है, जो दीर्घकालिक रूप से समाज के लिए घातक साबित हो सकता है. इसलिए इन पर नियंत्रण आवश्यक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’उद्योग को दी जाए नई दिशा'</strong><br />सखलेचा के सुझाव का समर्थन करते हुए राज्यमंत्री चेतन कश्यप ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के खिलौना उद्योग को नई दिशा दी जाए. उन्होंने कहा कि बच्चों की मानसिकता को सकारात्मक बनाने में खिलौनों की भूमिका अहम होती है, इसलिए उद्योगों को इस दिशा में जागरूक किया जाएगा और उन्हें सकारात्मक खिलौनों के निर्माण के लिए प्रेरित किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंत्री ने दी ये जानकारी</strong><br />कश्यप ने बैठक में यह भी जानकारी दी कि एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार विभिन्न क्लस्टरों को कॉमन फेसिलिटेशन सेंटर जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर काम कर रही है. उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में विभाग को 700 करोड़ रुपये का बजट मिला था, जबकि मुख्यमंत्री के सहयोग से इस वर्ष यह बढ़कर 2100 करोड़ रुपये हो गया है. इससे अनुदान सहायता की सभी लंबित देनदारियों का भुगतान संभव हो पाया है और उद्योगों को राहत मिली है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> मध्य प्रदेश सरकार राज्य में बच्चों के लिए बनाए जाने वाले ऐसे खिलौनों के निर्माण को हतोत्साहित करने का विचार कर रही है जो आक्रामकता और हिंसक प्रवृत्तियों को बढ़ावा देते हैं. इसके स्थान पर रचनात्मकता, सहयोग और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने वाले खिलौनों के उत्पादन को प्राथमिकता दिए जाने की योजना बनाई जा रही है. यह महत्वपूर्ण जानकारी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग के राज्यमंत्री चेतन कश्यप ने दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राजधानी भोपाल में एमएसएमई विभाग की परामर्श देने वाली समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक के दौरान पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि वर्तमान समय में बाजार में बड़ी संख्या में ऐसे खिलौने उपलब्ध हैं जो बच्चों में हिंसक प्रवृत्तियों को जन्म दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि खिलौनों के माध्यम से बच्चों के मन में हथियारों और आक्रामकता के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है, जो दीर्घकालिक रूप से समाज के लिए घातक साबित हो सकता है. इसलिए इन पर नियंत्रण आवश्यक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’उद्योग को दी जाए नई दिशा'</strong><br />सखलेचा के सुझाव का समर्थन करते हुए राज्यमंत्री चेतन कश्यप ने अधिकारियों से कहा कि राज्य के खिलौना उद्योग को नई दिशा दी जाए. उन्होंने कहा कि बच्चों की मानसिकता को सकारात्मक बनाने में खिलौनों की भूमिका अहम होती है, इसलिए उद्योगों को इस दिशा में जागरूक किया जाएगा और उन्हें सकारात्मक खिलौनों के निर्माण के लिए प्रेरित किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंत्री ने दी ये जानकारी</strong><br />कश्यप ने बैठक में यह भी जानकारी दी कि एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार विभिन्न क्लस्टरों को कॉमन फेसिलिटेशन सेंटर जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर काम कर रही है. उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में विभाग को 700 करोड़ रुपये का बजट मिला था, जबकि मुख्यमंत्री के सहयोग से इस वर्ष यह बढ़कर 2100 करोड़ रुपये हो गया है. इससे अनुदान सहायता की सभी लंबित देनदारियों का भुगतान संभव हो पाया है और उद्योगों को राहत मिली है.</p> मध्य प्रदेश ज्योति मल्होत्रा केस में क्या होगा अगला कदम? गिरफ्तार यूट्यूबर के वकील बोले- ‘कानून के मुताबिक…’
मध्य प्रदेश में नहीं बनेंगे अब हिंसा बढ़ाने वाले खिलौने? बड़ा फैसला लेने पर विचार कर रही सरकार
