हिमाचल प्रदेश के मनाली में पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण स्थल तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। मनाली से महज 15 किलोमीटर दूर स्थित हामटा पास में रोजाना डेढ़ से दो हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं। अटल टनल रोहतांग के बंद होने के बाद पर्यटकों का रुख अब इस नई जगह की ओर हो गया है। 14 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित इस स्थल पर पर्यटक बर्फीली वादियों का आनंद ले रहे हैं। यहां स्कीइंग, स्नो ट्यूब और जिप लाइन जैसी रोमांचक गतिविधियों का मजा लिया जा सकता है। विशेष आकर्षण के रूप में पर्यटक बर्फ के इग्लू में रहने का अनूठा अनुभव भी ले सकते हैं। हालांकि, वर्तमान में हामटा रोड सिंगल लेन है और बर्फ की वजह से केवल 4×4 वाहन ही वहां तक पहुंच पाते हैं। स्थानीय लोगों ने पर्यटकों की सुविधा के लिए अस्थाई ढाबे बना रखे हैं, जहां स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लिया जा सकता है। इसके अलावा लकड़ी और पत्थर से बने छोटे-छोटे होम स्टे भी उपलब्ध हैं, जहां शहर की भीड़भाड़ से दूर शांत माहौल में ठहरा जा सकता है। यहां देखें हामटा पास की फोटो… आधुनिक पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित करने की योजना पर्यटकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए प्रदेश सरकार इस स्थल को एक आधुनिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। स्थानीय विधायक भुवनेश्वर गौड़ के अनुसार, इस स्थल के विकास से न केवल रोहतांग पर पर्यटक वाहनों का दबाव कम होगा, बल्कि पर्यटकों को हर मौसम में यहां आसानी से पहुंचने की सुविधा भी मिलेगी। हिमाचल प्रदेश के मनाली में पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण स्थल तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। मनाली से महज 15 किलोमीटर दूर स्थित हामटा पास में रोजाना डेढ़ से दो हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं। अटल टनल रोहतांग के बंद होने के बाद पर्यटकों का रुख अब इस नई जगह की ओर हो गया है। 14 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित इस स्थल पर पर्यटक बर्फीली वादियों का आनंद ले रहे हैं। यहां स्कीइंग, स्नो ट्यूब और जिप लाइन जैसी रोमांचक गतिविधियों का मजा लिया जा सकता है। विशेष आकर्षण के रूप में पर्यटक बर्फ के इग्लू में रहने का अनूठा अनुभव भी ले सकते हैं। हालांकि, वर्तमान में हामटा रोड सिंगल लेन है और बर्फ की वजह से केवल 4×4 वाहन ही वहां तक पहुंच पाते हैं। स्थानीय लोगों ने पर्यटकों की सुविधा के लिए अस्थाई ढाबे बना रखे हैं, जहां स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लिया जा सकता है। इसके अलावा लकड़ी और पत्थर से बने छोटे-छोटे होम स्टे भी उपलब्ध हैं, जहां शहर की भीड़भाड़ से दूर शांत माहौल में ठहरा जा सकता है। यहां देखें हामटा पास की फोटो… आधुनिक पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित करने की योजना पर्यटकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए प्रदेश सरकार इस स्थल को एक आधुनिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। स्थानीय विधायक भुवनेश्वर गौड़ के अनुसार, इस स्थल के विकास से न केवल रोहतांग पर पर्यटक वाहनों का दबाव कम होगा, बल्कि पर्यटकों को हर मौसम में यहां आसानी से पहुंचने की सुविधा भी मिलेगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में आर्थिक संकट; ठेकेदारों की पेमेंट ट्रेजरी में होल्ड:21 नवंबर रुका भुगतान; स्टाफ-मजदूरों की दिहाड़ी देना मुश्किल, काम बंद करने की नौबत
हिमाचल में आर्थिक संकट; ठेकेदारों की पेमेंट ट्रेजरी में होल्ड:21 नवंबर रुका भुगतान; स्टाफ-मजदूरों की दिहाड़ी देना मुश्किल, काम बंद करने की नौबत हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट के बीच लोक निर्माण विभाग (PWD) के ठेकेदारों की पेमेंट में होल्ड लगा दिया गया है। 21 नवंबर के बाद से ठेकेदारों की पेमेंट नहीं की जा रही। इससे ठेकेदारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेजरी में ठेकेदारों के बिल फंस रहे हैं। ठेकेदार अपने इंजीनियर, कर्मचारियों और मजदूरों की मजदूरी का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। कुछ ठेकेदार अब काम बंद करने की तैयारी में है, क्योंकि PWD से बिल क्लियर होने के बावजूद ट्रेजरी से ठेकेदारों की पेमेंट का भुगतान नहीं हो रहा। बताया जा रहा है कि PWD ने ठेकेदारों की 820 करोड़ से ज्यादा की पेमेंट का भुगतान करना है। ‘ए’ कैटेगरी के कई ठेकेदार ऐसे भी बताए जा रहे हैं जिनकी 50 लाख से ज्यादा की पेमेंट पेंडिंग पड़ी है। ठेकेदार बार बार PWD इंजीनियरों के पास जाकर पेमेंट की मांग कर रहे हैं। मगर पेमेंट नहीं दी जा रही। इसे लेकर ठेकेदार PWD मंत्री से भी मिल चुके हैं। प्रदेश में लगभग 5000 ठेकेदार पंजीकृत है। इनके परिवार समेत कर्मचारियों और मजदूरों समेत हजारों परिवारों की रोजी इन पर निर्भर करती है। काम बंद करने को मजबूर हो रहे ठेकेदार: संदीप हिमाचल प्रदेश कॉट्रेक्टर एसोसिएशन के महासचिव संदीप चंदेल ने बताया कि ट्रेजरी से पेमेंट में होल्ड की वजह से स्टाफ व मजदूरों की पेमेंट नहीं दे पा रहे। अब काम बंद करने की नौबत आ गई है। 21 नवंबर के बाद पेमेंट नहीं हो रही। 10-15 हजार की पेमेंट कुछ ठेकेदार को जरूर हुई है। मगर बड़ी पेमेंट नहीं दी जा रही। उन्होंने बताया कि यदि जल्द पेमेंट नहीं दी गई तो आने वाले दिनों में काम बंद करने पड़ेंगे। ऐसे में यदि ठेकेदार काम बंद कर देते हैं, तो इसका असर विकास कार्य पर भी पड़ेगा, क्योंकि प्रदेश में लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, बिजली बोर्ड समेत कई विभागों के ज्यादातर काम अब ठेकेदारों के माध्यम से करवाए जा रहे हैं। PWD महकमा बिल बनाकर ट्रेजरी को भेज रहा: ENC लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता (ENC) एनपी सिंह ने बताया कि विभाग ठेकेदारों की पेमेंट के बिल बनाकर ट्रेज़री को भेज रहा है। विभाग के स्तर पर किसी के बिल नहीं रोके जा रहे हैं। इस वजह से मुश्किल में सरकार बता दें कि हिमाचल सरकार पर 95 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज हो चुका है। लगभग 9000 करोड़ रुपए की कर्मचारियों की देनदारी बकाया है। इसके विपरीत केंद्र से मिलने वाली मदद हर साल कम हो रही है। राज्य सरकार की कर्ज लेने की सीमा को भी केंद्र सरकार ने कम कर दिया है। रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट हर साल कम की जा रही है। GST प्रतिपूर्ति राशि के तौर पर हर साल मिलने वाले लगभग 3000 करोड़ भी बंद कर दिए है। इससे राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अपनी आय का ज्यादातर हिस्सा कर्मचारियों व पेंशनर की सैलरी-पेंशन पर खर्च हो रहा है।
हिमाचल के शिक्षा विभाग का कारनामा:B.Sc-M.Sc पास टीचर को 8450 रुपए; 10वीं पास चौकीदार को 10630 मानदेय, सोशल मीडिया पर घिरा
हिमाचल के शिक्षा विभाग का कारनामा:B.Sc-M.Sc पास टीचर को 8450 रुपए; 10वीं पास चौकीदार को 10630 मानदेय, सोशल मीडिया पर घिरा सोशल मीडिया पर इन दिनों हिमाचल का शिक्षा विभाग खूब सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल, चंबा जिला के भरमौर के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय द्वारा एक समाचार पत्र में विज्ञापन दिया गया, जिसमें एक पार्ट टाइम टीचर और एक चौकीदार के लिए आवेदन मांगे गए। इसमें टीचर को 8450 रुपए मानदेय और चौकीदार को 10630 रुपए मानदेय देने की बात कही गई है। पार्ट टाइम टीचर के लिए बीएससी, एमएससी, बीएड के साथ टेट परीक्षा (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) पास होना अनिवार्य किया गया है, जबकि चपड़ासी के लिए 10वीं पास की शर्त लगाई है। चौकीदार को टीचर से 2180 रुपए ज्यादा मानदेय टीचर को चौकीदार की तुलना में 2180 रुपए कम मानदेय देने की बात विज्ञापन में कही गई है। इसे लेकर लोग सोशल मीडिया में शिक्षा विभाग पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। विभाग का यह विज्ञापन सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग इसे बेरोजगारों के साथ मजाक बता रहे हैं। न्यूनतम मानदेय भी नहीं दिया जा रहा पार्ट टाइम टीचर के साथ साथ चौकीदार दोनों को न्यूनतम मानदेय भी नहीं दिया जा रहा है। हिमाचल में न्यूनतम दिहाड़ी 400 रुपए है। इस हिसाब से कम से कम 12 हजार रुपए मानदेय अनिवार्य रूप से होना चाहिए। मगर शिक्षा विभाग के इस विज्ञापन के अनुसार, न तो टीचर और न ही चौकीदार को न्यूनतम मानदेय दिया जा रहा है। डिप्टी डायरेक्टर बोले-टीचर पार्ट टाइम, इसलिए कम मानदेय इसे लेकर चंबा के डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन पीएल चड़क ने बताया कि टीचर पार्ट टाइम है, जबकि चौकीदार फुल टाइम रखा जाना है। इसलिए टीचर का मानदेय कम है और चौकीदार का ज्यादा है। हैरानी इस बात की है कि इस साल के शुरुआत में भी सरकार ने पार्ट टाइम भर्तियों की बात कही थी। तब बेरोजगारों के विरोध के बाद सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया था। मगर अब शिक्षा विभाग का यह विज्ञापन कई सवाल खड़े कर रहा है। हिमाचल हाईकोर्ट भी कई बार ऐसी भर्तियों पर आपत्ति जता चुका है।
हिमाचल में एनसीसी छात्र की खड्ड में डूबने से मौत:सुन्नी में कैंप के बाद नहाने गया; खड्ड में पांव फिसला, सिर पर लगी चोट
हिमाचल में एनसीसी छात्र की खड्ड में डूबने से मौत:सुन्नी में कैंप के बाद नहाने गया; खड्ड में पांव फिसला, सिर पर लगी चोट हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के सुन्नी में कल शाम एक राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के छात्र की पानी में डूबने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पानी में डूबने से पहले छात्र का पैर फिसल गया और उसके सिर पर गहरी चोट लग गई और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शिमला जिले के सुन्नी थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मृतक छात्र की पहचान अर्की के हरथू गांव निवासी कुश ठाकुर के रूप में हुई है, जो शिमला के कोटशेरा कॉलेज में बीए अंतिम वर्ष का छात्र था। वह कोटशेरा कॉलेज के अन्य छात्रों के साथ कैंप के लिए सुन्नी एनसीसी गया था। पुलिस के अनुसार 15 जुलाई को सीनियर सेकेंडरी स्कूल सुन्नी में एनसीसी कैंप चल रहा था। इसमें 500 से अधिक छात्र भाग ले रहे थे। 24 जुलाई को कैंप बंद हो गया। कल बच्चे अपने घर जाने लगे। पुलिस के अनुसार इस दौरान बच्चे नहाने और कपड़े धोने की जिद करने लगे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट होगी मौत की वजह इसके बाद कोटशेरा कॉलेज के छात्र शारीरिक शिक्षा शिक्षक के साथ सुन्नी के चाबा के नौटीखड्ड में नहाने गए थे। इस दौरान कुश ठाकुर को पहले सिर में चोट लगी और फिर वह पानी में डूब गया। मौत की असली वजह सिर में चोट है या पानी में डूबने से मौत हुई, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट होगा। सुन्नी में पोस्टमार्टम आज कल शाम को पुलिस को इसकी सूचना दी गई और कुश को अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आज पोस्टमार्टम करने के बाद उसका शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि कुश अपने माता-पिता की इकलौती संतान था।