भास्कर न्यूज | जालंधर आर्य समाज मंदिर शहीद भगत सिंह नगर में साप्ताहिक सत्संग एवं यज्ञ का आयोजन किया गया। इसके मुख्य यजमान संदीप अरोड़ा एवं गीतिका अरोड़ा, दिविता अरोडा़ व सोमांश अरोड़ा व हरीश शर्मा एवं अंजना शर्मा और प्रदीप शर्मा एवं तानिया शर्मा थे। भक्तों ने पवित्र पावन वेद मंत्रों से यज्ञ वेदी पर उपस्थित होकर आहुतियां प्रदान की। यज्ञ ब्रह्मा आचार्य सुशील आर्य के निर्देश द्वारा ब्रह्मचारी अनुराग आर्या ने पवित्र पावन वेद मंत्र द्वारा यज्ञ को सम्पन्न करवाया। भजन गायिका सोनू भारती व रवि पौडवाल और सुरेंद्र सिंह गुलशन ने ईश्वर भक्ति के भजन सुना कर मन्त्रमुग्ध कर दिया। मुख्य वक्ता आचार्य सुशील आर्य ने कहा कि निरंतर अभ्यास और वैराग्य से चित्त में स्थित समस्त पापपुर्ण वृत्तियों के मल धुल जाते हैं। इस अवसर पर ओम प्रकाश मैहता, भुपेन्द्र उपाध्याय, विजय कुमार चावला, चौ०हरि चंद, सुरेन्द्र अरोड़ा, नवीन चावला, तृप्ता चावला, अनु आर्य, पुनम मैहता, नालिनि उपाध्याय, जगदीश भाटिया, रूहानी भाटिया आदि उपस्थित रहे। भास्कर न्यूज | जालंधर आर्य समाज मंदिर शहीद भगत सिंह नगर में साप्ताहिक सत्संग एवं यज्ञ का आयोजन किया गया। इसके मुख्य यजमान संदीप अरोड़ा एवं गीतिका अरोड़ा, दिविता अरोडा़ व सोमांश अरोड़ा व हरीश शर्मा एवं अंजना शर्मा और प्रदीप शर्मा एवं तानिया शर्मा थे। भक्तों ने पवित्र पावन वेद मंत्रों से यज्ञ वेदी पर उपस्थित होकर आहुतियां प्रदान की। यज्ञ ब्रह्मा आचार्य सुशील आर्य के निर्देश द्वारा ब्रह्मचारी अनुराग आर्या ने पवित्र पावन वेद मंत्र द्वारा यज्ञ को सम्पन्न करवाया। भजन गायिका सोनू भारती व रवि पौडवाल और सुरेंद्र सिंह गुलशन ने ईश्वर भक्ति के भजन सुना कर मन्त्रमुग्ध कर दिया। मुख्य वक्ता आचार्य सुशील आर्य ने कहा कि निरंतर अभ्यास और वैराग्य से चित्त में स्थित समस्त पापपुर्ण वृत्तियों के मल धुल जाते हैं। इस अवसर पर ओम प्रकाश मैहता, भुपेन्द्र उपाध्याय, विजय कुमार चावला, चौ०हरि चंद, सुरेन्द्र अरोड़ा, नवीन चावला, तृप्ता चावला, अनु आर्य, पुनम मैहता, नालिनि उपाध्याय, जगदीश भाटिया, रूहानी भाटिया आदि उपस्थित रहे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मुहूर्त सुबह 8:08 से 10:50 तक और दोपहर 12:11 से 01:32 तक शुभ भास्कर न्यूज| जालंधर/नवांशहर दिवाली के बाद अब भाई दूज आज शहरभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस पर्व को बहन अपनी भाई की दीर्घायु के लिए मनाती हैं। परंपरा अनुसार बहन अपने भाई को आज घर बुलाकर उसे तिलक कर भोजन कराएंगी। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 2 नवंबर को रात्रि 8 बजकर 22 मिनट यम द्वितीया तिथि का प्रारंभ होगा, जोकि 3 नवंबर को रात्रि 10 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। तिलक का मुहूर्त सुबह 8 बजकर 8 से सुबह 10 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक शुभ है। मॉडल हाउस के पंडित विजय शास्त्री ने शास्त्रों के अनुसार बताया कि यमराज ने यमुना को वरदान दिया, जो भाई-बहन इस दिन यमुना में स्नान करके इस पवित्र पर्व को मनाएंगे। वह अकाल-मृत्यु तथा मेरे भय से मुक्त हो जाएंगे। तभी से इस दिन को यम द्वितीया पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह भी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण नरकासुर को मारने के बाद अपनी बहन सुभद्रा का घर गए थे। वहां सुभद्रा ने उनके मष्तिक पर तिलक लगा कर उनका स्वागत किया था। तभी से भाई दूज का यह पर्व मनाया जाने लगा। उन्होंने बताया कि भाईदूज के दिन यमराज, यमदूज और चित्रगुप्त की पूजा करनी चाहिए। इनके नाम से अर्घ्य और दीपदान करना चाहिए। यम द्वितीया यानी भाईदूज के दिन यमराज अपनी बहन के घर दोपहर के समय आए थे। बहन की पूजा स्वीकार करके उनके घर भोजन किया था। वरदान में यमराज ने यमुना को कहा था कि भाई दूज यानी यम द्वितीया के दिन जो भाई अपनी बहनों के घर आकर उनकी पूजा स्वीकार करेंगे। उनके घर भोजन करेंगे। उनका अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। भाई दूज पर्व के दिन भाई-बहन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्ज्वलित करें। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। भाई दूज के दिन बहन अपने घर पर भाई को बुलाकर उन्हें तिलक लगाएं और अपने हाथों से परोसकर भोजन कराएं। बता दें कि शुभ मुहूर्त में भाई को तिलक लगाने से उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त होती है। आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। भाई को तिलक लगाने के बाद उनकी आरती उतारें और हाथ में रक्षा सूत्र बांधें। फिर मिठाई खिलाएं। इस दिन भाई भी अपनी बहन को कुछ ना कुछ उपहार जरूर भेंट करें।
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