सहारनपुर में मल्टी विटामिन और दर्द निवारक दवाओं के सैंपल फेल आए है। दो मेडिकल स्टोर से ये सैंपल सितंबर माह में लिए गए थे। सैंपल की रिपोर्ट जब आई, जब मेडिकल स्टोर से सभी दवाएं बिक गई। जांच रिपोर्ट आने तक इन दवाओं की बिक्री जारी रही। औषधि विभाग की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। 19 सितंबर को लिए थे सैंपल
औषधि विभाग ने 19 सितंबर को जनता रोड स्थित एक मेडिकल स्टोर से दर्द निवारक दवा का सैंपल लिया था। इसके बाद 30 सितंबर को बेहट रोड स्थित श्री सिद्ध विनायक मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूटर्स से मल्टी विटामिन दवा का सैंपल लिया था। इन नमूनों को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था। करीब ढाई महीने बाद रिपोर्ट आई। रिपोर्ट में दोनों दवाइयों के सैंपल फैल आए है। दवाइयों की बिक्री रही जारी
हैरानी की बात ये है कि इन दवाओं की जांच रिपोर्ट आने तक उनकी बिक्री जारी रही। इसका कारण औषधि विभाग द्वारा दी गई प्रक्रिया है, जिसमें जांच रिपोर्ट आने से पहले दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने का प्रावधान नहीं है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, नमूनों की जांच रिपोर्ट आने में दो महीने तक का समय लगता है। रिपोर्ट फेल आने पर ही संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होती है। मेडिकल स्टोर संचालकों और निर्माता कंपनियों को नोटिस
जांच में दवाओं के फेल होने के बाद औषधि निरीक्षक आशुतोष चौबे ने संबंधित मेडिकल स्टोर संचालकों और निर्माता कंपनियों को नोटिस जारी किया है। नोटिस में इन दवाओं की बिक्री तुरंत रोकने और जहां-जहां दवाएं भेजी गई हैं, उन्हें वापस मंगाने का आदेश दिया गया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर इसके बाद भी बिक्री जारी रही, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। हर महीने 15 नमूने लेने का लक्ष्य
औषधि विभाग हर महीने 15 दवाओं के सैंपल लेता है और जांच के लिए प्रयोगशाला भेजता है। प्रदेश में गोरखपुर, आगरा और झांसी जैसे जिलों में जांच प्रयोगशालाएं हैं। नमूनों को कहां भेजा गया है, इसकी जानकारी गोपनीय रखी जाती है। मरीजों की सुरक्षा पर सवाल
जांच रिपोर्ट आने में देरी और इस दौरान दवाओं की बिक्री जारी रहने से मरीजों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। इन दवाओं का सेवन कर चुके मरीजों पर इसके संभावित दुष्प्रभाव का पता लगाने के लिए किसी तरह की जांच या सूचना का अभाव चिंता का विषय है। औषधि निरीक्षक आशुतोष चौबे ने बताया कि विभाग अब सतर्कता बढ़ा रहा है। सितंबर में लिए गए नमूनों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सहारनपुर में मल्टी विटामिन और दर्द निवारक दवाओं के सैंपल फेल आए है। दो मेडिकल स्टोर से ये सैंपल सितंबर माह में लिए गए थे। सैंपल की रिपोर्ट जब आई, जब मेडिकल स्टोर से सभी दवाएं बिक गई। जांच रिपोर्ट आने तक इन दवाओं की बिक्री जारी रही। औषधि विभाग की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। 19 सितंबर को लिए थे सैंपल
औषधि विभाग ने 19 सितंबर को जनता रोड स्थित एक मेडिकल स्टोर से दर्द निवारक दवा का सैंपल लिया था। इसके बाद 30 सितंबर को बेहट रोड स्थित श्री सिद्ध विनायक मेडिसिन डिस्ट्रीब्यूटर्स से मल्टी विटामिन दवा का सैंपल लिया था। इन नमूनों को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था। करीब ढाई महीने बाद रिपोर्ट आई। रिपोर्ट में दोनों दवाइयों के सैंपल फैल आए है। दवाइयों की बिक्री रही जारी
हैरानी की बात ये है कि इन दवाओं की जांच रिपोर्ट आने तक उनकी बिक्री जारी रही। इसका कारण औषधि विभाग द्वारा दी गई प्रक्रिया है, जिसमें जांच रिपोर्ट आने से पहले दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने का प्रावधान नहीं है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, नमूनों की जांच रिपोर्ट आने में दो महीने तक का समय लगता है। रिपोर्ट फेल आने पर ही संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होती है। मेडिकल स्टोर संचालकों और निर्माता कंपनियों को नोटिस
जांच में दवाओं के फेल होने के बाद औषधि निरीक्षक आशुतोष चौबे ने संबंधित मेडिकल स्टोर संचालकों और निर्माता कंपनियों को नोटिस जारी किया है। नोटिस में इन दवाओं की बिक्री तुरंत रोकने और जहां-जहां दवाएं भेजी गई हैं, उन्हें वापस मंगाने का आदेश दिया गया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि अगर इसके बाद भी बिक्री जारी रही, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। हर महीने 15 नमूने लेने का लक्ष्य
औषधि विभाग हर महीने 15 दवाओं के सैंपल लेता है और जांच के लिए प्रयोगशाला भेजता है। प्रदेश में गोरखपुर, आगरा और झांसी जैसे जिलों में जांच प्रयोगशालाएं हैं। नमूनों को कहां भेजा गया है, इसकी जानकारी गोपनीय रखी जाती है। मरीजों की सुरक्षा पर सवाल
जांच रिपोर्ट आने में देरी और इस दौरान दवाओं की बिक्री जारी रहने से मरीजों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। इन दवाओं का सेवन कर चुके मरीजों पर इसके संभावित दुष्प्रभाव का पता लगाने के लिए किसी तरह की जांच या सूचना का अभाव चिंता का विषय है। औषधि निरीक्षक आशुतोष चौबे ने बताया कि विभाग अब सतर्कता बढ़ा रहा है। सितंबर में लिए गए नमूनों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर