मस्जिद में मांस रखा, दशहत में बीवी-बच्चे घर छोड़ गए:नजरूद्दीन की मां बोलीं- वो क्या साजिश रचेगा, बस हमें फंसाने की धमकी देता रहता था

मस्जिद में मांस रखा, दशहत में बीवी-बच्चे घर छोड़ गए:नजरूद्दीन की मां बोलीं- वो क्या साजिश रचेगा, बस हमें फंसाने की धमकी देता रहता था

‘आगरा के माहौल को वो क्या बिगाड़ेगा, सिर्फ अपने पिता, भाई को फंसाने के लिए मेरा बेटा जामा मस्जिद तक पहुंच गया। थैले में जानवर का सिर रखकर उसने बहुत गलत किया।’ यह कहते हुए नजरूद्दीन की मां रुखसाना परेशान हो जाती हैं। वह कहती हैं- वो धमकी दे रहा था कि तुम लोगों को हथकड़ी लगवा दूंगा। हमें क्या पता था कि वो ऐसा कुछ सोच रहा है। हमने पूछा- क्या कोई और भी इस साजिश में शामिल था? मां ने कहा- नहीं, उसके पत्नी और बच्चे इतना डरे हुए थे कि रात में ही घर छोड़ गए। देखिए, वो सामने वाले घर में ताला बंद है। वो कोई साजिश रचने वाला नहीं, बस दिमाग से थोड़ा कमजोर है। नजरूद्दीन ने 11 अप्रैल को आगरा की शाही जामा मस्जिद वजूखाना के पास जानवर का कटा हुआ सिर रख दिया था। क्या नजरूद्दीन साजिश रच रहा था? उसके परिवार के लोग क्या सोचते हैं? सिर को मस्जिद में रखने की असल वजह क्या थी? यह सब जानने के लिए हम जामा मस्जिद से करीब 5 Km दूर आगरा के कोलिहाई गली में पहुंचे। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… कोलिहाई गली का माहौल परिवार को हमले का डर, दहशत में भागे
जामा मस्जिद में जानवर का कटा सिर मिलने के बाद हंगामा हुआ था, इसलिए लोग नजरूद्दीन को जान गए थे। उन्होंने आसानी से हमें कोलिहाई गली में उसके घर तक पहुंचा दिया। घर के आगे के हिस्से में 2 दुकानें दिखीं, लोगों ने बताया कि ये दुकानें किराए पर चल रहीं थीं, फिलहाल बंद हैं। इन्हीं दुकानों के बगल से घर में एंट्री करने के लिए एक छोटा सा गेट था, जिस पर घटना के बाद से ताला लटका हुआ है। पड़ोसियों ने बिना कैमरा पर आए बताया कि उसकी पत्नी नाजरीन अपने दो बच्चों (एक बेटा-एक बेटी) को लेकर कहीं चली गई है। परिजनों को डर था कि इस घटना के बाद समाज के ही कुछ लोग उन्हें निशाना बना सकते हैं। इस डर की वजह से वह घर छोड़कर कहीं चले गए हैं। परिवार ने कहा- नजरूद्दीन को हम नहीं जानते
गली में मौजूद लोगों ने बताया कि इस घर के सामने वाले मकान में नजरूद्दीन का परिवार रहता है। हमने उसका दरवाजा खटखटाया। कुछ देर के बाद एक युवती बाहर आई। हमने पूछा- क्या ये नजरूद्दीन का घर है? उन्होंने कहा- नहीं, हम उन्हें नहीं जानते। हमने अपना परिचय दिया, कहा कि हम कोई पुलिस नहीं है। डरने की जरूरत नहीं है। इसके बाद उस युवती ने कहा- जी ठीक है, आप बताइए? हमने कहा कि घर में बड़ा शख्स हो तो बुला दीजिए। कुछ सवाल करने हैं। कुछ देर में अंदर से नजरूद्दीन की मां रुखसाना निकल कर आईं। घर के दरवाजे पर आते ही वह रोने लगीं। मां क्या सोचती हैं, ये जानिए मां बोलीं- प्रॉपर्टी के लिए झगड़ता था, क्या पता था ऐसा करेगा
पूछने पर कहा- मेरा बेटा जब 3 महीने का था, तभी से बीमार रहता है। लगभग 17 साल पहले नजरूद्दीन का निकाह नाजरीन से हुआ था। मेरे 6 बेटों में वह दूसरे नंबर का है। उसके पिता बीमार रहते हैं, वह बेड से उठ नहीं सकते। सब कुछ सही चल रहा था, पिछले कुछ सालों से उसके मन में लालच आ गया था। घर पर झगड़े करने लगा था, इसलिए उसको घर के सामने ही अलग से मकान बनवाकर दे दिया था। फिर भी वह नहीं माना और हमें परेशान करता रहा। मगर, क्या करुं, मेरा ही बेटा है, उसे बचा लीजिए। वह पिता, भाई को जेल भेजना चाहता था
वह कहती हैं- ये सब उसने अपने पिता और भाई फंसाने के लिए किया। क्योंकि अपने पिछले कुछ सालों से उसे खर्च के लिए रुपए देना बंद कर दिया था। पिछले 6 महीने से वो धमकी दे रहा था कि तुम सबको फंसवा दूंगा, ऐसा कर जाऊंगा कि तुमको हथकड़ी लगवा दूंगा। ये सब उसने अपने दिमाग से किया है, इसके पीछे किसी और का कोई हाथ नहीं है। पड़ोसियों की बात पड़ोसी बोले- उसने किसी को परेशान नहीं किया
परिवार से बात करने के बाद हमने नजरूद्दीन के पड़ोसियों से बात करने का प्रयास किया। मगर कोई कैमरा पर बात करने को तैयार नहीं हुआ। पड़ोसियों ने बताया– इनका परिवार काजीपाड़ा में रहता है। वहां पुस्तैनी घर में एक भाई रहता है। परिवार के अन्य सदस्य शाहगंज में रहते हैं। उसके पिता जूते बनाने का काम करते हैं। उन्होंने बेटे को वाटर प्लांट का काम कराया, मगर वह जल्द बंद हो गया। वह रुपयों के लिए परेशान रहता था। इधर–उधर भटकता रहता था। मगर किसी को परेशान नहीं करता था। उसकी बातचीत ऐसी थी कि लगता था कि वह रुपयों के लिए कुछ भी कर सकता है। नजरूद्दीन का कबूलनामा दिन में इसलिए मांस रखा कि कोई शक नहीं करेगा
पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि 10 जनवरी को बालूगंज स्थित चीलघर के मीट बेचने वाले से जानवर का सिर खरीदा था। स्कूटी से दुकान पर गया था। थैले में सिर रखकर जामा मस्जिद पहुंचा। स्कूटी को कुछ दूरी पर ही खड़ा कर दिया था। मस्जिद के पास बाजार से रूमाल खरीदा था, जिससे कि अपना चेहरा छिपा सके। पुलिस ने पूछा कि दिन में क्यों कटा सिर रखा? उसने कहा– दिन में लोग शक नहीं करते है। रात में कोई न कोई रोक ही लेता। चेहरे पर रूमाल बंधा देख लोगों लगेगा कि धूप से बचने के लिए ऐसा किया है। इसके बाद हम चीलघर के मीट विक्रेता विक्की सोनकर से मिले। उन्होंने कहा- वह व्यक्ति स्कूटी पर मेरी दुकान पर आया था। जानवर का सिर खरीदा और फिर चला गया। उसने 250 रुपए मुझे दिए थे। वह इस दौरान अकेला ही आया था। पुलिस ने नजरूद्दीन से 3 घंटे पूछताछ की। चौकी इंचार्ज सुभाष बाजार राजकुमार व्यास की ओर से 50-60 अज्ञात युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, फिलहाल इस केस में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। इधर घटना के बाद शुक्रवार को पूरी मस्जिद को धुलवाया गया था। इसके बाद से यहां नियमित नमाज हो रही है। सुरक्षा के लिए जामा मस्जिद के गेट पर PAC के जवान तैनात हैं। आसपास का माहौल भी अब शांत है। क्या कहते हैं धर्मगुरु ………………. यह भी पढ़ें : आगरा जामा मस्जिद में नजरुद्दीन ने रखा जानवर का सिर:जुमे की नमाज के बाद हंगामा-लाठीचार्ज, भाजपा बोली- दंगा कराने की साजिश थी आगरा की शाही जामा मस्जिद में शुक्रवार को प्लास्टिक बैग में जानवर का सिर रखा मिला। सुबह जब लोग नमाज के लिए पहुंचे तो उनकी नजर बैग पर पड़ी। जानकारी मिलते ही सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिद में पहुंच गए। जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने इसकी सूचना पुलिस को दी। बैग मस्जिद के हाल के एक कोने में रखा था। पुलिस ने वहां से बैग हटा दिया। पुलिस के सामने लोगों ने नारेबाजी की। पढ़िए पूरी खबर… ‘आगरा के माहौल को वो क्या बिगाड़ेगा, सिर्फ अपने पिता, भाई को फंसाने के लिए मेरा बेटा जामा मस्जिद तक पहुंच गया। थैले में जानवर का सिर रखकर उसने बहुत गलत किया।’ यह कहते हुए नजरूद्दीन की मां रुखसाना परेशान हो जाती हैं। वह कहती हैं- वो धमकी दे रहा था कि तुम लोगों को हथकड़ी लगवा दूंगा। हमें क्या पता था कि वो ऐसा कुछ सोच रहा है। हमने पूछा- क्या कोई और भी इस साजिश में शामिल था? मां ने कहा- नहीं, उसके पत्नी और बच्चे इतना डरे हुए थे कि रात में ही घर छोड़ गए। देखिए, वो सामने वाले घर में ताला बंद है। वो कोई साजिश रचने वाला नहीं, बस दिमाग से थोड़ा कमजोर है। नजरूद्दीन ने 11 अप्रैल को आगरा की शाही जामा मस्जिद वजूखाना के पास जानवर का कटा हुआ सिर रख दिया था। क्या नजरूद्दीन साजिश रच रहा था? उसके परिवार के लोग क्या सोचते हैं? सिर को मस्जिद में रखने की असल वजह क्या थी? यह सब जानने के लिए हम जामा मस्जिद से करीब 5 Km दूर आगरा के कोलिहाई गली में पहुंचे। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… कोलिहाई गली का माहौल परिवार को हमले का डर, दहशत में भागे
जामा मस्जिद में जानवर का कटा सिर मिलने के बाद हंगामा हुआ था, इसलिए लोग नजरूद्दीन को जान गए थे। उन्होंने आसानी से हमें कोलिहाई गली में उसके घर तक पहुंचा दिया। घर के आगे के हिस्से में 2 दुकानें दिखीं, लोगों ने बताया कि ये दुकानें किराए पर चल रहीं थीं, फिलहाल बंद हैं। इन्हीं दुकानों के बगल से घर में एंट्री करने के लिए एक छोटा सा गेट था, जिस पर घटना के बाद से ताला लटका हुआ है। पड़ोसियों ने बिना कैमरा पर आए बताया कि उसकी पत्नी नाजरीन अपने दो बच्चों (एक बेटा-एक बेटी) को लेकर कहीं चली गई है। परिजनों को डर था कि इस घटना के बाद समाज के ही कुछ लोग उन्हें निशाना बना सकते हैं। इस डर की वजह से वह घर छोड़कर कहीं चले गए हैं। परिवार ने कहा- नजरूद्दीन को हम नहीं जानते
गली में मौजूद लोगों ने बताया कि इस घर के सामने वाले मकान में नजरूद्दीन का परिवार रहता है। हमने उसका दरवाजा खटखटाया। कुछ देर के बाद एक युवती बाहर आई। हमने पूछा- क्या ये नजरूद्दीन का घर है? उन्होंने कहा- नहीं, हम उन्हें नहीं जानते। हमने अपना परिचय दिया, कहा कि हम कोई पुलिस नहीं है। डरने की जरूरत नहीं है। इसके बाद उस युवती ने कहा- जी ठीक है, आप बताइए? हमने कहा कि घर में बड़ा शख्स हो तो बुला दीजिए। कुछ सवाल करने हैं। कुछ देर में अंदर से नजरूद्दीन की मां रुखसाना निकल कर आईं। घर के दरवाजे पर आते ही वह रोने लगीं। मां क्या सोचती हैं, ये जानिए मां बोलीं- प्रॉपर्टी के लिए झगड़ता था, क्या पता था ऐसा करेगा
पूछने पर कहा- मेरा बेटा जब 3 महीने का था, तभी से बीमार रहता है। लगभग 17 साल पहले नजरूद्दीन का निकाह नाजरीन से हुआ था। मेरे 6 बेटों में वह दूसरे नंबर का है। उसके पिता बीमार रहते हैं, वह बेड से उठ नहीं सकते। सब कुछ सही चल रहा था, पिछले कुछ सालों से उसके मन में लालच आ गया था। घर पर झगड़े करने लगा था, इसलिए उसको घर के सामने ही अलग से मकान बनवाकर दे दिया था। फिर भी वह नहीं माना और हमें परेशान करता रहा। मगर, क्या करुं, मेरा ही बेटा है, उसे बचा लीजिए। वह पिता, भाई को जेल भेजना चाहता था
वह कहती हैं- ये सब उसने अपने पिता और भाई फंसाने के लिए किया। क्योंकि अपने पिछले कुछ सालों से उसे खर्च के लिए रुपए देना बंद कर दिया था। पिछले 6 महीने से वो धमकी दे रहा था कि तुम सबको फंसवा दूंगा, ऐसा कर जाऊंगा कि तुमको हथकड़ी लगवा दूंगा। ये सब उसने अपने दिमाग से किया है, इसके पीछे किसी और का कोई हाथ नहीं है। पड़ोसियों की बात पड़ोसी बोले- उसने किसी को परेशान नहीं किया
परिवार से बात करने के बाद हमने नजरूद्दीन के पड़ोसियों से बात करने का प्रयास किया। मगर कोई कैमरा पर बात करने को तैयार नहीं हुआ। पड़ोसियों ने बताया– इनका परिवार काजीपाड़ा में रहता है। वहां पुस्तैनी घर में एक भाई रहता है। परिवार के अन्य सदस्य शाहगंज में रहते हैं। उसके पिता जूते बनाने का काम करते हैं। उन्होंने बेटे को वाटर प्लांट का काम कराया, मगर वह जल्द बंद हो गया। वह रुपयों के लिए परेशान रहता था। इधर–उधर भटकता रहता था। मगर किसी को परेशान नहीं करता था। उसकी बातचीत ऐसी थी कि लगता था कि वह रुपयों के लिए कुछ भी कर सकता है। नजरूद्दीन का कबूलनामा दिन में इसलिए मांस रखा कि कोई शक नहीं करेगा
पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि 10 जनवरी को बालूगंज स्थित चीलघर के मीट बेचने वाले से जानवर का सिर खरीदा था। स्कूटी से दुकान पर गया था। थैले में सिर रखकर जामा मस्जिद पहुंचा। स्कूटी को कुछ दूरी पर ही खड़ा कर दिया था। मस्जिद के पास बाजार से रूमाल खरीदा था, जिससे कि अपना चेहरा छिपा सके। पुलिस ने पूछा कि दिन में क्यों कटा सिर रखा? उसने कहा– दिन में लोग शक नहीं करते है। रात में कोई न कोई रोक ही लेता। चेहरे पर रूमाल बंधा देख लोगों लगेगा कि धूप से बचने के लिए ऐसा किया है। इसके बाद हम चीलघर के मीट विक्रेता विक्की सोनकर से मिले। उन्होंने कहा- वह व्यक्ति स्कूटी पर मेरी दुकान पर आया था। जानवर का सिर खरीदा और फिर चला गया। उसने 250 रुपए मुझे दिए थे। वह इस दौरान अकेला ही आया था। पुलिस ने नजरूद्दीन से 3 घंटे पूछताछ की। चौकी इंचार्ज सुभाष बाजार राजकुमार व्यास की ओर से 50-60 अज्ञात युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, फिलहाल इस केस में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। इधर घटना के बाद शुक्रवार को पूरी मस्जिद को धुलवाया गया था। इसके बाद से यहां नियमित नमाज हो रही है। सुरक्षा के लिए जामा मस्जिद के गेट पर PAC के जवान तैनात हैं। आसपास का माहौल भी अब शांत है। क्या कहते हैं धर्मगुरु ………………. यह भी पढ़ें : आगरा जामा मस्जिद में नजरुद्दीन ने रखा जानवर का सिर:जुमे की नमाज के बाद हंगामा-लाठीचार्ज, भाजपा बोली- दंगा कराने की साजिश थी आगरा की शाही जामा मस्जिद में शुक्रवार को प्लास्टिक बैग में जानवर का सिर रखा मिला। सुबह जब लोग नमाज के लिए पहुंचे तो उनकी नजर बैग पर पड़ी। जानकारी मिलते ही सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिद में पहुंच गए। जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने इसकी सूचना पुलिस को दी। बैग मस्जिद के हाल के एक कोने में रखा था। पुलिस ने वहां से बैग हटा दिया। पुलिस के सामने लोगों ने नारेबाजी की। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर