हरियाणा के रोहतक के महम क्षेत्र के मदीना गिंधरान गांव के जलघर में नहाने गए दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई। दोनों बच्चे तीसरी कक्षा में पढ़ते थे। डूबने वाले बच्चों में एक बच्चा मदीना गांव का ही लगभग 8 वर्षीय आदि और दूसरा बच्चा बिहार से आकर कई दिनों से गांव में किराए पर रह रहे बिहार निवासी लगभग आदित्य बताया गया है। आदि के दादा जयभगवान ने बताया कि ये बच्चे स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर की बजाय सीधे गिरावड रोड पर स्थित जलघर में नहाने के लिए चले गए। उन्होंने बताया कि जलघर में से कोई ग्रामीण गुजर रहा था। उसने टैंक के पास कपड़े उतरे दिखाई दिए तो उसने जब जलघर के टैंक की ओर देखा तो एक बच्चा पानी पर तैर रहा था। जब उसने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची तथा दोनों बच्चों को पानी से बाहर निकाला। दोनों बच्चों की उस समय तक शिनाख्त नहीं हो पाई थी। पुलिस ने दोनों बच्चों के फोटो सोशल मीडिया पर शिनाख्त के लिए डाले। लगभग आठ बजे दोनों बच्चों की शिनाख्त हो पाई है। दोनों को पोस्ट मार्टम के लिए पीजीआई के शव गृह में रखवा दिया गया है। पुलिस के अनुसार दोनों बच्चों के शरीर पर चोट आदि के कोई निशान नहीं थे। समझा जा रहा है की इनकी मौत डूबने से हुई होगी। पुलिस ने मामला दर्ज़ कर लिया है। रविवार को पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। हरियाणा के रोहतक के महम क्षेत्र के मदीना गिंधरान गांव के जलघर में नहाने गए दो बच्चों की डूबने से मौत हो गई। दोनों बच्चे तीसरी कक्षा में पढ़ते थे। डूबने वाले बच्चों में एक बच्चा मदीना गांव का ही लगभग 8 वर्षीय आदि और दूसरा बच्चा बिहार से आकर कई दिनों से गांव में किराए पर रह रहे बिहार निवासी लगभग आदित्य बताया गया है। आदि के दादा जयभगवान ने बताया कि ये बच्चे स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर की बजाय सीधे गिरावड रोड पर स्थित जलघर में नहाने के लिए चले गए। उन्होंने बताया कि जलघर में से कोई ग्रामीण गुजर रहा था। उसने टैंक के पास कपड़े उतरे दिखाई दिए तो उसने जब जलघर के टैंक की ओर देखा तो एक बच्चा पानी पर तैर रहा था। जब उसने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची तथा दोनों बच्चों को पानी से बाहर निकाला। दोनों बच्चों की उस समय तक शिनाख्त नहीं हो पाई थी। पुलिस ने दोनों बच्चों के फोटो सोशल मीडिया पर शिनाख्त के लिए डाले। लगभग आठ बजे दोनों बच्चों की शिनाख्त हो पाई है। दोनों को पोस्ट मार्टम के लिए पीजीआई के शव गृह में रखवा दिया गया है। पुलिस के अनुसार दोनों बच्चों के शरीर पर चोट आदि के कोई निशान नहीं थे। समझा जा रहा है की इनकी मौत डूबने से हुई होगी। पुलिस ने मामला दर्ज़ कर लिया है। रविवार को पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के पहले एयरपोर्ट पर सियासत:सीएम नायब सैनी 20 को करेंगे उद्घाटन, हिसार संघर्ष समिति करेगी विरोध, कहा- पहले हो चुका है उद्घाटन हिसार में बन रहे हरियाणा के इकलौते हवाई अड्डे पर सियासत शुरू हो गई है। जहां BJP हवाई अड्डे के जरिए विकास का रोड मैप जनता के सामने रखना चाहती है वहीं दूसरी ओर एयरपोर्ट पर बार-बार उद्घाटन कार्यक्रम होने से परेशान हिसार संघर्ष समिति ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघर्ष समिति का कहना है कि जब एयरपोर्ट से आज तक विमान ही नहीं उड़े तो बार-बार उद्घाटन किस बात के किए जाते हैं। हिसार एयरपोर्ट का बिना पूर्ण बने और हवाई यात्रा शुरू हुए बिना ही जिस प्रकार से बार-बार उद्घाटन हो रहा है उससे ऐसा लग रहा है हिसार एयरपोर्ट उद्घाटन स्थली बन गया हो जिसे हर नेता आता है और नारियल फोड़कर चला जाता है और परिणाम कुछ नहीं निकलता। पहले कई बार हो चुका है उद्घाटन हिसार संघर्ष समिति के अध्यक्ष जितेंद्र श्योराण ने कहा कि कई बार उद्घाटन हो चुके एयरपोर्ट का एक बार फिर से आगामी 20 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा उद्घाटन किए जाने की सूचना है। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता व अन्य भाजपा नेता एयरपोर्ट के नाम पर हिसार की जनता को लगातार गुमराह करते आ रहे हैं। पहले इस एयरपोर्ट का उद्घाटन हो चुका है तो अब किस बात का उद्घाटन किया जा रहा है। 37.81 करोड़ रुपए किन यात्रियों की सुविधाओं पर खर्च हुए
हिसार संघर्ष समिति ने बताया कि गत वर्ष दिसंबर माह में केंद्रीय नगर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा के सवाल पूछे जाने पर बताया था कि हिसार एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुविधाओं के लिए 37.81 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। समिति मुख्यमंत्री से सवाल करेगी कि ये 37.81 करोड़ रुपए किन यात्रियों की सुविधाओं पर खर्च किए गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री से यह भी पूछेंगे कि दूसरे मुख्यमंत्रियों की तर्ज पर बिना हवाई यात्रा शुरू हुए वे किस आधार पर हवाई अड्डे का उद्घाटन कर रहे हैं। समिति अध्यक्ष ने कहा कि एयरपोर्ट का नाम लेकर जिस प्रकार से जनता के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है वह अनुचित है। डीसी से लेकर CM तक से जवाब मांगने की तैयारी
हिसार संघर्ष समिति के बैनर तले हिसार के लोग पहले 14 जून शुक्रवार को हिसार के जिला उपायुक्त से इन यात्रियों की जानकारी मांगेंगे जिन पर यह 37.81 करोड़ रुपया खर्च हुआ है। उसके बाद 20 जून को हिसार एयरपोर्ट का उद्घाटन करने हिसार आ रहे CM नायब सैनी का विरोध करेंगे और उनसे भी इसका जवाब व हिसाब मांगेंगे। समिति हिसार वासियों को साथ लेकर 20 जून को इस उद्घाटन का विरोध करेगी। हिसार एयरपोर्ट पर 10 हजार फुट की हवाई पट्टी तैयार
हिसार में हरियाणा का पहला इंटीग्रेटेड एयरपोर्ट बन रहा है। हरियाणा सरकार ने इसका नाम महाराजा अग्रसेन के नाम पर रखा। इस एयरपोर्ट पर रनवे, कैट आई, एटीसी, जीएससी एरिया, पीटीटी, लिंक टैक्सी, एप्रेन, फ्यूल रूम, बेसिक स्पिट पैरामीटर रोड और बरसाती ड्रोन बनाने का कार्य लगभग पूरा हो गया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 20 जून को हिसार आएंगे और एयरपोर्ट पर हिसार से जुड़ी कई परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री हिसार एयरपोर्ट पर 10 हजार फुट के रनवे सहित एयरपोर्ट से जुड़े कई प्रोजेक्ट जो पूरे हो चुके हैं उनका उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है।
एयरपोर्ट से जुड़े यह प्रोजेक्ट हुए पूरे
टिकट न मिलने पर रणजीत चौटाला ने BJP छोड़ी:बोले- भाजपा का डबवाली से ऑफर ठुकराया, चुनाव जरूर लड़ूंगा; अपनी ताकत दिखाऊंगा
टिकट न मिलने पर रणजीत चौटाला ने BJP छोड़ी:बोले- भाजपा का डबवाली से ऑफर ठुकराया, चुनाव जरूर लड़ूंगा; अपनी ताकत दिखाऊंगा हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने टिकट न देने पर भाजपा छोड़ दी है। कल बुधवार को भाजपा की 67 उम्मीदवारों की लिस्ट के बाद उन्होंने गुरुवार को समर्थकों से मीटिंग की। जहां रणजीत चौटाला ने कहा कि भाजपा हाईकमान ने मुझे डबवाली से चुनाव लड़ने के लिए कहा था। मगर, मैं वहां से नहीं लड़ना चाहता था। मैं इसी समय पार्टी छोड़ रहा हूं और रानियां विधानसभा से ही 90 प्रतिशत निर्दलीय ही चुनाव लड़ूंगा। रणजीत ने कहा आगामी 8 सितंबर को रानियां में बड़ा रोड शो निकालकर भाजपा को अपनी ताकत का एहसास करवाएंगे। रणजीत चौटाला पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवीलाल के बेटे हैं। भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में शामिल कर हिसार से चुनाव लड़ाया था। हालांकि, वे चुनाव हार गए। इसके बाद वह सिरसा के रानियां से अपनी विधानसभा सीट पर फिर टिकट मांग रहे थे। इस्तीफे के बावजूद बने रहे मंत्री
लोकसभा चुनाव हारने तथा रानियां के विधायक पद से इस्तीफा देने के बावजूद भाजपा ने रणजीत चौटाला को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में बिजली मंत्री बनाए रखा। रणजीत चौटाला के लिए बगावत नई बात नहीं है। इससे पहले रणजीत चौटाला अपने पिता देवीलाल की पार्टी लोकदल को छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे। कई साल कांग्रेस में रहे। मगर, जब कांग्रेस ने रानियां से टिकट काट दिया तो 2019 में निर्दलीय लड़कर चुनाव जीता और भाजपा सरकार को समर्थन दे दिया। भाजपा सरकार में यह ऊर्जा मंत्री रहे। कई बार दिख चुकी रणजीत चौटाला की नाराजगी कांडा की शिकायत कर चुके चौटाला
गोपाल कांडा सिरसा से विधायक हैं। उनके भाई गोबिंद कांडा भाजपा में हैं। उनके बेटे धवल हलोपा पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। रणजीत चौटाला ने इसकी शिकायत पार्टी नेतृत्व को की हुई है। हालांकि पार्टी की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। BJP को दे चुके खुला चैलेंज
रणजीत चौटाला भाजपा को खुला चैलेंज भी दे चुके हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि रानियां से भाजपा मुझे टिकट देती है तो ठीक, वर्ना भाजपा अपना देख ले। मैं रानियां से चुनाव जरूर लड़ूंगा और जीतूंगा भी। मैं चौधरी देवीलाल का बेटा हूं, प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर मेरा अपना जनाधार है। समर्थकों की मीटिंग में भाजपा नेताओं को नहीं बुलाया
रणजीत चौटाला की नाराजगी समर्थकों की मीटिंग में देखी गई थी। उन्होंने इस मीटिंग में भाजपा नेताओं को नहीं बुलाया था। मीटिंग के बारे में जब सिरसा जिला भाजपा अध्यक्ष शीशपाल कंबोज से पूछा गया तो उन्होंने कहा- हमें रणजीत चौटाला के कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने इस बैठक में सिर्फ अपने समर्थकों को बुलाया था। RSS सर्वे में चौटाला हुए फेल
सूत्रों के मुताबिक पार्टी और RSS सर्वे के अनुसार रणजीत चौटाला से रानियां विधानसभा हलके के लोग नाराज हैं। उनकी रिपोर्ट ठीक नहीं आई है। इसकी मुख्य वजह उनका रानियां हलका छोड़कर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ना है। दूसरा, जिन लोगों ने 2019 में भाजपा को दरकिनार कर रणजीत चौटाला को वोट दिया था, वह भी खासे नाराज हैं। इसलिए पार्टी रणजीत चौटाला के नाम पर रिस्क नहीं लेना चाहती।
हरियाणा में एकजुट विपक्ष ने BJP को दिखाया ट्रेलर:पानीपत में जिला परिषद चेयरमैन कुर्सी छीनी; अब फ्लोर टेस्ट हुआ तो खतरे में सरकार
हरियाणा में एकजुट विपक्ष ने BJP को दिखाया ट्रेलर:पानीपत में जिला परिषद चेयरमैन कुर्सी छीनी; अब फ्लोर टेस्ट हुआ तो खतरे में सरकार हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले ही एकजुट विपक्ष के ट्रेलर को लेकर बीजेपी की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसका उदाहरण पानीपत में जिला परिषद के चेयरमैन पद के लिए हुए चुनाव में देखने को मिला। इस चुनाव में काजल देशवाल ने एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना पर्चा दाखिल किया था। उनके सपोर्ट में कांग्रेस, जजपा, INLD सभी दल आ गए। विपक्ष को भी एकजुट देखकर इस सीट से सूबे की सत्ता में 10 साल से काबिज बीजेपी ने भी हाथ खड़े कर दिए। यही वजह रही कि उनके खिलाफ किसी ने भी पर्चा नहीं भरा। वोटिंग में कुल 17 पार्षदों में से 13 पार्षदों ने भाग लिया। सियासी जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद इस जिला परिषद के चुनाव ने बीजेपी के लिए राज्यसभा सीट और विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। अब पढ़िए बीजेपी की चिंता की ये 2 वजहें… राज्यसभा सीट पर चुनाव
हरियाणा बीजेपी की चिंता की पहली वजह राज्यसभा सीट है। यह सीट रोहतक से कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई है। पानीपत जिला परिषद चेयरमैन के चुनाव की तरह यदि इस सीट पर भी विपक्ष एकजुट हो जाता है तो बीजेपी के खाते से यह सीट निकल जाएगी। लोकसभा चुनाव में भाजपा 5 सीटें पहली ही गवां चुकी है। ऐसे में यदि राज्यसभा सीट भी निकल जाती है तो यह पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट
दूसरी चिंता की वजह यह है कि लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा का गणित बदल गया है। इसको लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रहे हैं। कांग्रेस, जजपा और इनेलो हरियाणा गवर्नर को लेटर भी लिख चुके हैं और फ्लोर टेस्ट की मांग कर चुके हैं। हालांकि सरकार यह दावा जरूर कर रही है कि कांग्रेस भ्रामक खबरें फैला रही है, ऐसा कुछ भी नहीं है। क्यों बने ऐसे हालात…
हरियाणा में पहले बीजेपी (41) और जजपा (10) की गठबंधन की सरकार थी। लोकसभा चुनाव से ठीक ये गठबंधन टूट गया, लेकिन बीजेपी ने 6 निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर फिर से सरकार बना दी। हालांकि लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया। पहले 3 विधायकों के कम होने और निर्दलीयों के समर्थन के वापसी के बाद विपक्षी दलों के द्वारा सरकार के अल्पमत होने का दावा किया जा रहा है। विपक्ष एक साथ आया तो बढ़ेंगी मुश्किलें
हरियाणा में अब 87 सदस्यीय इस विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। हालांकि करनाल से सीएम सैनी के जीतने के बाद सदन में भाजपा के 41 विधायक पूरे हो चुके हैं। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर भाजपा दूर दिखाई दे रही है। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और इनेलो यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसकी वजह यह है कि विपक्ष के पास अभी कुल 44 विधायक हैं, जिसमें कांग्रेस के 29 ( वरुण चौधरी को छोड़कर), जजपा के 10, 4 निर्दलीय और 1 इनेलो के अभय चौटाला शामिल हैं। ये वह 2 कारण, जिसके कारण सेफ है सरकार पहला: सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। दूसरा: जजपा ने अपने दो विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर पक्ष और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जो भाजपा से एक कम है।