<p><strong>Mahakaleshwar Jyotirlinga Ujjain:</strong> महाकालेश्वर मंदिर में हमेशा से वीआईपी कल्चर विवादों में घिरा रहता है. आम श्रद्धालु हमेशा से मंदिर में पक्षपात पूर्ण रवैया का आरोप लगाते रहते हैं. महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाने को लेकर केवल प्रोटोकॉल के तहत ही अनुमति मिल सकती है. यह प्रोटोकॉल वीआईपी और महामंडलेश्वर के लिए ही निर्धारित है.</p>
<p>उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पूर्व में 10 से 15000 श्रद्धालु प्रतिदिन आते थे. इन्हें जल चढ़ाने की अनुमति भी मंदिर समिति द्वारा दी जाती थी. इसके बाद जब श्रद्धालुओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती चली गई तो महाकालेश्वर मंदिर समिति ने पूर्व में 750 रुपए की रसीद काटकर श्रद्धालुओं को जल चढ़ाने की अनुमति देने का फैसला लिया था. </p>
<p>इसके बाद जब महाकाल लोक का निर्माण हुआ तो श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन डेढ़ से 2 लाख तक पहुंच गई. ऐसे में सभी को गर्भगृह में जल चढ़ाने की अनुमति दी जाना नामुमकिन था. महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि महाकाल लोक निर्माण के बाद से ही मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है. </p>
<p><br />वर्तमान में केवल प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल और महामंडलेश्वर को प्रोटोकॉल के तहत गर्भगृह में प्रवेश दिया जाता है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट मंत्री भी गर्भगृह में जाकर पूजा अर्चना कर सकते हैं. इनके अलावा मंदिर समिति की ओर से औपचारिक रूप से किसी को अनुमति नहीं दी जा सकती है.</p>
<p>जनहित के लिए पूजा करने पर दी जाती है अनुमति<br />महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के मुताबिक मंदिर के गर्भगृह में आम और खास सभी का प्रवेश बंद है. यदि प्रदेश की खुशहाली और देश की सुख समृद्धि के लिए सरकार की ओर से कोई पूजा अर्चना होती है तो प्रतिनिधि के रूप में मुख्यमंत्री या सरकार के प्रतिनिधि गर्भगृह में प्रवेश कर पूजा करते हैं. </p>
<p>यह बात पूरी तरह गलत है कि मंदिर में किसी प्रकार का पक्षपात होता है. मंदिर में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में 2 लाख श्रद्धालुओं को गर्भगृह में ले जाकर जल अर्पित करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.</p>
<p>भाजपा नेताओं के फोटो हो चुके हैं वायरल<br />महाकालेश्वर मंदिर समिति की ओर से महाकाल मंदिर एक्ट के तहत कई व्यवस्थाएं लागू है, मगर कई बार भाजपा नेताओं के फोटो गर्भगृह में पूजा करते वायरल हो चुके हैं. कुछ दिन पहले भाजपा के संगठन प्रभारी महेंद्र सिंह का भी फोटो गर्भगृह में पूजा का वायरल हुआ था. हालांकि महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के मुताबिक इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.</p> <p><strong>Mahakaleshwar Jyotirlinga Ujjain:</strong> महाकालेश्वर मंदिर में हमेशा से वीआईपी कल्चर विवादों में घिरा रहता है. आम श्रद्धालु हमेशा से मंदिर में पक्षपात पूर्ण रवैया का आरोप लगाते रहते हैं. महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाने को लेकर केवल प्रोटोकॉल के तहत ही अनुमति मिल सकती है. यह प्रोटोकॉल वीआईपी और महामंडलेश्वर के लिए ही निर्धारित है.</p>
<p>उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पूर्व में 10 से 15000 श्रद्धालु प्रतिदिन आते थे. इन्हें जल चढ़ाने की अनुमति भी मंदिर समिति द्वारा दी जाती थी. इसके बाद जब श्रद्धालुओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती चली गई तो महाकालेश्वर मंदिर समिति ने पूर्व में 750 रुपए की रसीद काटकर श्रद्धालुओं को जल चढ़ाने की अनुमति देने का फैसला लिया था. </p>
<p>इसके बाद जब महाकाल लोक का निर्माण हुआ तो श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन डेढ़ से 2 लाख तक पहुंच गई. ऐसे में सभी को गर्भगृह में जल चढ़ाने की अनुमति दी जाना नामुमकिन था. महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि महाकाल लोक निर्माण के बाद से ही मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है. </p>
<p><br />वर्तमान में केवल प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल और महामंडलेश्वर को प्रोटोकॉल के तहत गर्भगृह में प्रवेश दिया जाता है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट मंत्री भी गर्भगृह में जाकर पूजा अर्चना कर सकते हैं. इनके अलावा मंदिर समिति की ओर से औपचारिक रूप से किसी को अनुमति नहीं दी जा सकती है.</p>
<p>जनहित के लिए पूजा करने पर दी जाती है अनुमति<br />महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के मुताबिक मंदिर के गर्भगृह में आम और खास सभी का प्रवेश बंद है. यदि प्रदेश की खुशहाली और देश की सुख समृद्धि के लिए सरकार की ओर से कोई पूजा अर्चना होती है तो प्रतिनिधि के रूप में मुख्यमंत्री या सरकार के प्रतिनिधि गर्भगृह में प्रवेश कर पूजा करते हैं. </p>
<p>यह बात पूरी तरह गलत है कि मंदिर में किसी प्रकार का पक्षपात होता है. मंदिर में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में 2 लाख श्रद्धालुओं को गर्भगृह में ले जाकर जल अर्पित करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.</p>
<p>भाजपा नेताओं के फोटो हो चुके हैं वायरल<br />महाकालेश्वर मंदिर समिति की ओर से महाकाल मंदिर एक्ट के तहत कई व्यवस्थाएं लागू है, मगर कई बार भाजपा नेताओं के फोटो गर्भगृह में पूजा करते वायरल हो चुके हैं. कुछ दिन पहले भाजपा के संगठन प्रभारी महेंद्र सिंह का भी फोटो गर्भगृह में पूजा का वायरल हुआ था. हालांकि महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के मुताबिक इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है.</p> मध्य प्रदेश Bhilwara: पत्नी के प्रेमी ने तोड़ दी शख्स की टांग, कलेक्ट्री गेट पर पति ने अर्ध नग्न होकर लगाई न्याय की गुहार