महाकुंभ: अब तक 50 लाख नेपालवासियों ने किया स्नान, बड़े हनुमान जी के लिए लाए विशेष उपहार

महाकुंभ: अब तक 50 लाख नेपालवासियों ने किया स्नान, बड़े हनुमान जी के लिए लाए विशेष उपहार

<p style=”text-align: justify;”><strong>Maha Kumbh News:</strong> महाकुंभ 2025 का आकर्षण नेपाल तक पहुंच चुका है. भगवान श्रीराम के ससुराल जनकपुर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज आकर संगम में स्नान कर रहे हैं. अब तक 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु नेपाल से आ चुके हैं. इन श्रद्धालुओं ने गंगा-जमुना की पवित्र धारा में आस्था की डुबकी लगाई और बड़े हनुमान जी के दर्शन किए. नेपाल से आए लोग यहां से संगम की रेत और गंगा जल अपने साथ ले जा रहे हैं, जिसे वे अपने धार्मिक अनुष्ठानों में इस्तेमाल करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नेपालवासियों की इस यात्रा को और खास बनाने के लिए वे अपने साथ विशेष उपहार भी लेकर आए हैं. बड़े हनुमान जी के लिए जनकपुर से पवित्र अक्षत, नए वस्त्र, आभूषण, फल, मेवा, पकवान, धोती-कुर्ता और गमछे भी लाए गए हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि महाकुंभ में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य की बात है और वे इस आयोजन को लेकर बहुत उत्साहित हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नेपाल में भी बढ़ रहा काशी-अयोध्या का क्रेज</strong><br />नेपाल एसोसिएशन ऑफ टूर एंड ट्रैवल्स एजेंट्स, बांके चैप्टर के अध्यक्ष श्री राम सिग्देल ने बताया कि प्रयागराज के साथ-साथ अब नेपाल के श्रद्धालुओं में अयोध्या और काशी के लिए भी भारी उत्साह है. अयोध्या में रामलला के दर्शन और काशी विश्वनाथ धाम की भव्यता को देखने के लिए नेपाल के लोग बड़ी संख्या में भारत आ रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नेपालवासियों की प्रयागराज के बड़े हनुमान मंदिर और अक्षयवट के प्रति भी विशेष आस्था है. श्रद्धालु मानते हैं कि यहां आकर भगवान हनुमान जी का दर्शन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इसी श्रद्धा के साथ वे अपने आराध्य के लिए खास उपहार भी लेकर आए हैं.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/gTsjJFcsYtM?si=D8AEuYZugkB4fTVA” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संगम की रेत और गंगा जल को बताया अनमोल धरोहर</strong><br />नेपाल से आए श्रद्धालु संगम तट की रेत और गंगा जल को अपने माथे पर लगाकर इसे अपने घर भी ले जा रहे हैं. उनका मानना है कि ये उनकी संस्कृति और परंपराओं के लिए अनमोल धरोहर है. नेपाल के धार्मिक आयोजनों में भी संगम की मिट्टी और गंगाजल का खास महत्व है, इसलिए वे इसे अपने साथ ले जाकर वहां के अनुष्ठानों में उपयोग करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नेपाल से आए श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> के नेतृत्व में हो रही व्यवस्थाओं की जमकर सराहना कर रहे हैं. नेपाल एसोसिएशन ऑफ टूर एंड ट्रैवल्स एजेंट्स ने कहा कि इस बार का महाकुंभ ऐतिहासिक बन चुका है. योगी सरकार ने नेपाल से आए लोगों के लिए विशेष सुविधाएं दी हैं, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नेपाल से भारत का रिश्ता और मजबूत</strong><br />नेपाल और भारत का रिश्ता सदियों पुराना है. भगवान श्रीराम और माता जानकी का विवाह इस रिश्ते को और खास बनाता है. महाकुंभ में नेपालवासियों की इतनी बड़ी भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि दोनों देशों की संस्कृति और आस्था एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई हैं. महाकुंभ 2025 सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि नेपाल के लिए भी एक ऐतिहासिक और भव्य आयोजन बन चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/jaunpur-double-decker-bus-going-to-kumbh-collided-with-truck-6-killed-40-injured-2888180″>जौनपुर: महाकुंभ जा रही डबल डेकर बस हादसे का शिकार, ट्रक से भीषण टक्कर, 6 की मौत, 40 घायल</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maha Kumbh News:</strong> महाकुंभ 2025 का आकर्षण नेपाल तक पहुंच चुका है. भगवान श्रीराम के ससुराल जनकपुर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज आकर संगम में स्नान कर रहे हैं. अब तक 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु नेपाल से आ चुके हैं. इन श्रद्धालुओं ने गंगा-जमुना की पवित्र धारा में आस्था की डुबकी लगाई और बड़े हनुमान जी के दर्शन किए. नेपाल से आए लोग यहां से संगम की रेत और गंगा जल अपने साथ ले जा रहे हैं, जिसे वे अपने धार्मिक अनुष्ठानों में इस्तेमाल करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नेपालवासियों की इस यात्रा को और खास बनाने के लिए वे अपने साथ विशेष उपहार भी लेकर आए हैं. बड़े हनुमान जी के लिए जनकपुर से पवित्र अक्षत, नए वस्त्र, आभूषण, फल, मेवा, पकवान, धोती-कुर्ता और गमछे भी लाए गए हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि महाकुंभ में शामिल होना उनके लिए सौभाग्य की बात है और वे इस आयोजन को लेकर बहुत उत्साहित हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नेपाल में भी बढ़ रहा काशी-अयोध्या का क्रेज</strong><br />नेपाल एसोसिएशन ऑफ टूर एंड ट्रैवल्स एजेंट्स, बांके चैप्टर के अध्यक्ष श्री राम सिग्देल ने बताया कि प्रयागराज के साथ-साथ अब नेपाल के श्रद्धालुओं में अयोध्या और काशी के लिए भी भारी उत्साह है. अयोध्या में रामलला के दर्शन और काशी विश्वनाथ धाम की भव्यता को देखने के लिए नेपाल के लोग बड़ी संख्या में भारत आ रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नेपालवासियों की प्रयागराज के बड़े हनुमान मंदिर और अक्षयवट के प्रति भी विशेष आस्था है. श्रद्धालु मानते हैं कि यहां आकर भगवान हनुमान जी का दर्शन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इसी श्रद्धा के साथ वे अपने आराध्य के लिए खास उपहार भी लेकर आए हैं.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/gTsjJFcsYtM?si=D8AEuYZugkB4fTVA” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संगम की रेत और गंगा जल को बताया अनमोल धरोहर</strong><br />नेपाल से आए श्रद्धालु संगम तट की रेत और गंगा जल को अपने माथे पर लगाकर इसे अपने घर भी ले जा रहे हैं. उनका मानना है कि ये उनकी संस्कृति और परंपराओं के लिए अनमोल धरोहर है. नेपाल के धार्मिक आयोजनों में भी संगम की मिट्टी और गंगाजल का खास महत्व है, इसलिए वे इसे अपने साथ ले जाकर वहां के अनुष्ठानों में उपयोग करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नेपाल से आए श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> के नेतृत्व में हो रही व्यवस्थाओं की जमकर सराहना कर रहे हैं. नेपाल एसोसिएशन ऑफ टूर एंड ट्रैवल्स एजेंट्स ने कहा कि इस बार का महाकुंभ ऐतिहासिक बन चुका है. योगी सरकार ने नेपाल से आए लोगों के लिए विशेष सुविधाएं दी हैं, जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नेपाल से भारत का रिश्ता और मजबूत</strong><br />नेपाल और भारत का रिश्ता सदियों पुराना है. भगवान श्रीराम और माता जानकी का विवाह इस रिश्ते को और खास बनाता है. महाकुंभ में नेपालवासियों की इतनी बड़ी भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि दोनों देशों की संस्कृति और आस्था एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई हैं. महाकुंभ 2025 सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि नेपाल के लिए भी एक ऐतिहासिक और भव्य आयोजन बन चुका है.</p>
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