हरियाणा के करनाल के नगला मेघा गांव में एक व्यक्ति ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक के साले की एक माह पहले ही मौत हो गई थी। उसकी मौत के बाद से वह मानसिक रूप से परेशान था। जहरीला पदार्थ खाने के बाद परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। जहां देर रात उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आज शव का पोस्टमॉर्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक के साले जसमेर ने बताया कि उसका साला महावीर दिहाड़ी मजदूरी करता था। कल 23 जून को महावीर (38) ने घर पर ही जहरीला पदार्थ निगल लिया। उसकी हालत बिगड़ने लगी तो उसे अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने उसका उपचार किया, लेकिन शाम को उसकी हालत और बिगड़ गई और देर रात उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। अपने साले की मौत से परेशान था महावीर मृतक के साले जसमेर ने बताया कि मैं झिझंडी गांव का रहने वाला हूं और मेरा भाई कृष्ण कुमार कर्ण मिल्क फूड कंपनी में काम करता था। महावीर की बहन की शादी उसके बड़े भाई कृष्ण कुमार से हुई थी। एक महीने पहले फूड कंपनी में हादसा हुआ था, जिसमें कृष्ण जल गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। कृष्ण की मौत से महावीर को गहरा सदमा लगा और वह मानसिक रूप से परेशान हो गया। कंपनी वालों ने आश्वासन दिया था कि वह मुआवजा देंगे, लेकिन बाद में कंपनी ने मुआवजा देने से साफ इनकार कर दिया। जिससे महावीर और भी ज्यादा डिप्रेशन में चला गया। महावीर किसी से बात भी नहीं करता था, किसी को नहीं पता कि महावीर के दिमाग में क्या आया और उसने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। कंपनी केस बंद करना चाहती थी जसमेर का आरोप है कि कृष्ण की मौत के बाद परिवार कंपनी वालों से मिला, लेकिन उन्होंने कहा कि पहले केस पूरी तरह से बंद करवाओ, उसके बाद ही कुछ मुआवजा दिया जा सकता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब कंपनी वालों ने केस के दौरान ही कोई मुआवजा नहीं दिया तो केस खत्म होने के बाद मुआवजा कहां से देंगे। मृतक के 3 बच्चे, पूरा परिवार गमगीन महावीर के परिवार में तीन बेटे हैं। महावीर की मौत से पूरा परिवार गमगीन है। उसकी पत्नी और बच्चे रो-रोकर बेहाल हैं। महावीर परिवार का इकलौता कमाने वाला था। उसकी मौत के बाद परिवार गमगीन है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। सदर थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा के करनाल के नगला मेघा गांव में एक व्यक्ति ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक के साले की एक माह पहले ही मौत हो गई थी। उसकी मौत के बाद से वह मानसिक रूप से परेशान था। जहरीला पदार्थ खाने के बाद परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। जहां देर रात उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने आज शव का पोस्टमॉर्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक के साले जसमेर ने बताया कि उसका साला महावीर दिहाड़ी मजदूरी करता था। कल 23 जून को महावीर (38) ने घर पर ही जहरीला पदार्थ निगल लिया। उसकी हालत बिगड़ने लगी तो उसे अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने उसका उपचार किया, लेकिन शाम को उसकी हालत और बिगड़ गई और देर रात उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। अपने साले की मौत से परेशान था महावीर मृतक के साले जसमेर ने बताया कि मैं झिझंडी गांव का रहने वाला हूं और मेरा भाई कृष्ण कुमार कर्ण मिल्क फूड कंपनी में काम करता था। महावीर की बहन की शादी उसके बड़े भाई कृष्ण कुमार से हुई थी। एक महीने पहले फूड कंपनी में हादसा हुआ था, जिसमें कृष्ण जल गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। कृष्ण की मौत से महावीर को गहरा सदमा लगा और वह मानसिक रूप से परेशान हो गया। कंपनी वालों ने आश्वासन दिया था कि वह मुआवजा देंगे, लेकिन बाद में कंपनी ने मुआवजा देने से साफ इनकार कर दिया। जिससे महावीर और भी ज्यादा डिप्रेशन में चला गया। महावीर किसी से बात भी नहीं करता था, किसी को नहीं पता कि महावीर के दिमाग में क्या आया और उसने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। कंपनी केस बंद करना चाहती थी जसमेर का आरोप है कि कृष्ण की मौत के बाद परिवार कंपनी वालों से मिला, लेकिन उन्होंने कहा कि पहले केस पूरी तरह से बंद करवाओ, उसके बाद ही कुछ मुआवजा दिया जा सकता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब कंपनी वालों ने केस के दौरान ही कोई मुआवजा नहीं दिया तो केस खत्म होने के बाद मुआवजा कहां से देंगे। मृतक के 3 बच्चे, पूरा परिवार गमगीन महावीर के परिवार में तीन बेटे हैं। महावीर की मौत से पूरा परिवार गमगीन है। उसकी पत्नी और बच्चे रो-रोकर बेहाल हैं। महावीर परिवार का इकलौता कमाने वाला था। उसकी मौत के बाद परिवार गमगीन है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। सदर थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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