महाकुंभ के कामों की हकीकत देखने ग्राउंड पर उतरेंगे योगी:17 दिन में चौथा दौरा, SRN हॉस्पिटल और सुबेदारगंज सेतु का निरीक्षण करेंगे; अफसरों की बुलाई मीटिंग

महाकुंभ के कामों की हकीकत देखने ग्राउंड पर उतरेंगे योगी:17 दिन में चौथा दौरा, SRN हॉस्पिटल और सुबेदारगंज सेतु का निरीक्षण करेंगे; अफसरों की बुलाई मीटिंग

महाकुंभ के कामों की हकीकत देखने के लिए आज CM योगी ग्राउंड पर उतरेंगे। करीब 3 घंटे वह महाकुंभनगर में रहेंगे। सुबेदारगंज सेतु और मंडल के सबसे बड़े SRN हॉस्पिटल का निरीक्ष करेंगे। योगी ने सभी विभागों के अफसरों की मीटिंग भी बुलाई है। महाकुंभ से जुड़ी परियोजनाओं का काम समय पर पूरा हो, इसकी मॉनिटरिंग योगी खुद कर रहे हैं। पिछले 17 दिन में उनका आज चौथा प्रयागराज दौरा है। योगी का आज का पूरा शेड्यूल
दोपहर 1 बजे के बाद योगी प्रयागराज पहुंचेंगे। अरैल के DPS में हेलिकॉप्टर से उतरेंगे। वहां से अरैल मेला क्षेत्र स्थित टेंट सिटी, फिर मेला सर्किट हाउस का निरीक्षण करेंगे। यहां से सीधे दशाश्वमेध घाट पहुंचेंगे। गंगा की पूजा कर स्वच्छता आरती का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद योगी प्रयागराज मेला प्राधिकरण स्थित ICCC सभागार में महाकुंभ-2025 के कामों की समीक्षा बैठक करेंगे। सभी विभागों के अधिकारियों से महाकुंभ की तैयारियों के बारे में जानकारी लेंगे। इसमें पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बैठक के बाद योगी SRN यानी स्वरूपरानी नेहरू हॉस्पिटल पहुंचेंगे। यहां चल रहे कामों और इलाज के बारे में जानकारी लेंगे। फिर योगी रेलवे जंक्शन, सुबेदारगंज सेतु का निरीक्षण करेंगे। शाम 4 बजे के बाद वह प्रयागराज से रवाना हो जाएंगे। दिसंबर में 3 बार आ चुके हैं योगी
पहला दौरा: 7 दिसंबर को BJP नेताओं के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए टारगेट तय किए।
दूसरा दौरा: 12 दिसंबर को उन परियोजनाओं का ग्राउंड पर जाकर हाल देखा, जिनका PM मोदी एक दिन बाद उद्घाटन करने वाले थे। मोदी की जनसभा के पंडाल को देखकर नाराजगी जताई।
तीसरा दौरा: 13 दिसंबर को PM मोदी के साथ कार्यक्रमों में शामिल हुए। मोदी ने 5700 करोड़ की 167 परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया था। महाकुंभ में सुरक्षा-व्यवस्था कैसी होगी, आगे जानिए प्रयागराज महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत 13 जनवरी 2025 से होगी। पूरा मेला 4 हजार हेक्टेयर (15,840 बीघा) में बसेगा। पहली बार 13 किलोमीटर लंबा रिवर फ्रंट बन रहा है। कुंभ के इस मेले में सुरक्षा पर विशेष फोकस किया गया है। पूरे मेले को 25 सेक्टर में बांटा गया है और इसी आधार पर कुल 56 थाने और 144 चौकियां बनाई जाएंगी। इसमें नागरिक पुलिस की संख्या 18479 होगी। 1378 महिला पुलिसकर्मी तैनात रहेंगी। ट्रैफिक पुलिसवालों की संख्या 1405 होगी। सशस्त्र पुलिसकर्मियों की संख्या 1158 होगी। मेले में घुड़सवार पुलिस भी होगी। इनकी संख्या 146 तय की गई है। परिवहन शाखा से जुड़े 230 पुलिसकर्मी होंगे। 340 जल पुलिस संगम व आसपास के घाट पर तैनात रहेंगे। 13,965 होम गार्ड्स की भी तैनाती होगी। मेले में किसी तरह की अराजकता या फिर साजिश को नाकाम करने के लिए एलआईयू के 510 जवानों की तैनाती होगी। 2013 के महाकुंभ में 22,998 पुलिसकर्मियों की तैनाती थी। 2019 के अर्ध कुंभ में 27,550 पुलिसकर्मी तैनात थे। घर से निकलते ही शुरू होगी श्रद्धालुओं की जांच
सुरक्षा का लेयर क्या होगा? श्रद्धालुओं की जांच कहां-कहां होगी? हम यह सब पता करने संगम क्षेत्र में ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के दफ्तर पहुंचे। हमें कुंभ मेला पीआरओ भास्कर मिश्रा मिले। वह बताते हैं कि कुल 7 लेयर की सुरक्षा होगी। पहला चक्र जहां से वह निकलेंगे वहीं, इसे पॉइंट ऑफ ऑरीजन कहा जाता है। दूसरी चेकिंग ट्रेन-बस और निजी वाहनों की होगी। तीसरी चेकिंग यूपी के बॉर्डर पर होगी। चौथी चेकिंग टोल प्लाजा व जोन की सीमाओं पर होगी। पांचवीं चेकिंग प्रयागराज कमिश्नरेट की सीमा में आने पर होगी। छठी चेकिंग मेले के आउटर पर होगी। सातवीं चेकिंग मेले के अंदर, इसे इनर और आइसोलेशन कार्डन पर चेकिंग कहा जाता है। हमने यह पूछा कि जो 56 थाने और चौकियां बन रही हैं इसका इंचार्ज किसे बनाया जाएगा? भास्कर मिश्रा बताते हैं, इन थानों का जो इंचार्ज बनाया जाएगा उनमें कोई भी प्रयागराज कमिश्नरेट का नहीं होगा। जरूरी नहीं कि वह थाना अध्यक्ष ही हो। वह किसी और पद पर हो सकता है, उसे यहां थाने का चार्ज मिल जाए। मेला खत्म होने के बाद उसे उसके मूल पद पर वापस भेज दिया जाएगा। हालांकि इसमें बहुत सारा फैसला हाईकमान लेगा। पानी के अंदर पहली बार ड्रोन से निगरानी
इस महाकुंभ में आसमान से ड्रोन के जरिए तो निगरानी होगी ही, साथ ही पानी के अंदर भी ड्रोन होगा। अंडर वाटर सेफ्टी के लिए पहली बार नदी के अंदर 8 किलोमीटर तक डीप बैरिकेडिंग की जाएगी। संगम एरिया में सुरक्षा व्यवस्था जल पुलिस और पीएसी को सौंपी गई है। पीएसी पानी के अंदर सुरक्षा के लिहाज से कई प्रयोग करेगी। पहली बार पानी के अंदर भी ड्रोन से निगरानी होगी। इसके लिए सोनार रेडियो तरंगों का इस्तेमाल किया जाएगा। जल पुलिस से जुड़े एक अधिकारी बताते हैं, इस बार नदी में 25 वाटर स्कूटर ब्रिगेड तैनात रहेंगे। किसी के भी डूबने पर यह तुरंत उसके पास पहुंचेंगे। संगम और वीआईपी घाट के पास दो फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन बनाया जाएगा। इस स्टेशन पर कुछ और हाईटेक नाव और स्टीमर मौजूद रहेगी। डूबने वाले व्यक्ति का प्राथमिक उपचार भी यहीं किया जाएगा। पूरा मेला क्षेत्र एंटी ड्रोन सिस्टम से लैस होगा
देश विदेश से आने वाले करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सिक्योरिटी प्लान हाई सिक्योरिटी एजेंसियों के मार्फत हाई टेक्नोलॉजी स्तर पर बन रहा है। दुनिया भर में ड्रोन के खतरों को देखते हुए इस बार फोकस ड्रोन अटैक को लेकर भी है। महाकुंभ पर यूं भी आतंकी साए का अलर्ट रहता है। ऐसे में इस बार एंटी ड्रोन सिस्टम को लेकर अभी से तैयारी की जा रही है। लाइट जाने पर भी कुंभ में नहीं होगा अंधेरा
महाकुंभ को भव्य दिखाने में बिजली का रोल महत्वपूर्ण रहने वाला है। इसलिए इस बार बिजली का बजट 391.04 करोड़ रखा गया है। 1532 किलोमीटर लंबी लाइन खींची जाएगी। इसमें 1405 किलोमीटर एलटी और 138 किलोमीटर लंबी एचटी लाइन होगी। पूरे कुंभ में 67 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। प्रमुख जगहों पर हाई मास्ट अलग से लगाया जाएगा। पूरे मेला क्षेत्र में 85 अस्थायी नए बिजली घर बनेंगे। कुल 170 सब-स्टेशन होंगे। 85 डीजी सेट, 15 आरएमयू और 42 नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे। इस वक्त तार खींचने का काम शुरू हो गया है। मेला क्षेत्र में ही बिजली विभाग का पूरा सिस्टम रखा गया है। यहीं सारे अधिकारी बैठते हैं। वहां पहुंचने पर पता चला कि इस बार मेले में कुल 4 लाख 71 हजार लोगों को बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा। इसमें सरकारी दफ्तर और कल्पवास करने वाले शामिल होंगे। अगर मेले में किसी कारणवश बिजली चली जाती है तो अंधेरा नहीं होगा। क्योंकि प्रमुख जगहों पर कुल 2004 हाईब्रिड सोलर लाइट लगाने की तैयारी है। ये दिन में चार्ज होंगी और रात को कुंभ की रौनक बढ़ाएंगी। मेले में बिछड़ने वालों को तुरंत मिलाने की तैयारी
महाकुंभ में आने वालों का सबसे बड़ा डर यह होता है कि कहीं वह बिछड़ तो नहीं जाएंगे। अगर बिछड़ जाएंगे तो कैसे मिलेंगे? इस बार प्रशासन ने लोगों को तुरंत मिलवाने का खाका खींच लिया है। मेले में कुल 10 खोया-पाया केंद्र बनाया जाना है। पहले अनाउंस होता था कि फला व्यक्ति खो गया है, यहां आकर उनके परिवार मिल लें। ये सुविधा अभी भी रहेगी लेकिन अब सिस्टम को ऑनलाइन भी कर दिया गया है। मेला क्षेत्र बहुत बड़ा है, इसलिए इसे ऐसे समझिए। अगर कोई व्यक्ति खोकर 2-3 किलोमीटर दूर चला गया। तब संभव है कि उसके परिजन जिस खोया-पाया केंद्र पर पहुंचे हों वहां से उस तक माइक की आवाज न जाए। वह किसी दूसरे खोया-पाया केंद्र पर पहुंच गया हो। अब अगर खोया हुआ व्यक्ति खोया-पाया केंद्र पर जाता है तो उसकी डिटेल हर केंद्र को भेज दी जाती है। स्क्रीन लगाई जाएगी, जिसमें वह व्यक्ति दिखाई देगा। अगर उसके बाद भी दिक्कत होती है तो सोशल मीडिया के माध्यमों का सहारा लिया जाएगा। महाकुंभ के कामों की हकीकत देखने के लिए आज CM योगी ग्राउंड पर उतरेंगे। करीब 3 घंटे वह महाकुंभनगर में रहेंगे। सुबेदारगंज सेतु और मंडल के सबसे बड़े SRN हॉस्पिटल का निरीक्ष करेंगे। योगी ने सभी विभागों के अफसरों की मीटिंग भी बुलाई है। महाकुंभ से जुड़ी परियोजनाओं का काम समय पर पूरा हो, इसकी मॉनिटरिंग योगी खुद कर रहे हैं। पिछले 17 दिन में उनका आज चौथा प्रयागराज दौरा है। योगी का आज का पूरा शेड्यूल
दोपहर 1 बजे के बाद योगी प्रयागराज पहुंचेंगे। अरैल के DPS में हेलिकॉप्टर से उतरेंगे। वहां से अरैल मेला क्षेत्र स्थित टेंट सिटी, फिर मेला सर्किट हाउस का निरीक्षण करेंगे। यहां से सीधे दशाश्वमेध घाट पहुंचेंगे। गंगा की पूजा कर स्वच्छता आरती का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद योगी प्रयागराज मेला प्राधिकरण स्थित ICCC सभागार में महाकुंभ-2025 के कामों की समीक्षा बैठक करेंगे। सभी विभागों के अधिकारियों से महाकुंभ की तैयारियों के बारे में जानकारी लेंगे। इसमें पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बैठक के बाद योगी SRN यानी स्वरूपरानी नेहरू हॉस्पिटल पहुंचेंगे। यहां चल रहे कामों और इलाज के बारे में जानकारी लेंगे। फिर योगी रेलवे जंक्शन, सुबेदारगंज सेतु का निरीक्षण करेंगे। शाम 4 बजे के बाद वह प्रयागराज से रवाना हो जाएंगे। दिसंबर में 3 बार आ चुके हैं योगी
पहला दौरा: 7 दिसंबर को BJP नेताओं के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए टारगेट तय किए।
दूसरा दौरा: 12 दिसंबर को उन परियोजनाओं का ग्राउंड पर जाकर हाल देखा, जिनका PM मोदी एक दिन बाद उद्घाटन करने वाले थे। मोदी की जनसभा के पंडाल को देखकर नाराजगी जताई।
तीसरा दौरा: 13 दिसंबर को PM मोदी के साथ कार्यक्रमों में शामिल हुए। मोदी ने 5700 करोड़ की 167 परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया था। महाकुंभ में सुरक्षा-व्यवस्था कैसी होगी, आगे जानिए प्रयागराज महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत 13 जनवरी 2025 से होगी। पूरा मेला 4 हजार हेक्टेयर (15,840 बीघा) में बसेगा। पहली बार 13 किलोमीटर लंबा रिवर फ्रंट बन रहा है। कुंभ के इस मेले में सुरक्षा पर विशेष फोकस किया गया है। पूरे मेले को 25 सेक्टर में बांटा गया है और इसी आधार पर कुल 56 थाने और 144 चौकियां बनाई जाएंगी। इसमें नागरिक पुलिस की संख्या 18479 होगी। 1378 महिला पुलिसकर्मी तैनात रहेंगी। ट्रैफिक पुलिसवालों की संख्या 1405 होगी। सशस्त्र पुलिसकर्मियों की संख्या 1158 होगी। मेले में घुड़सवार पुलिस भी होगी। इनकी संख्या 146 तय की गई है। परिवहन शाखा से जुड़े 230 पुलिसकर्मी होंगे। 340 जल पुलिस संगम व आसपास के घाट पर तैनात रहेंगे। 13,965 होम गार्ड्स की भी तैनाती होगी। मेले में किसी तरह की अराजकता या फिर साजिश को नाकाम करने के लिए एलआईयू के 510 जवानों की तैनाती होगी। 2013 के महाकुंभ में 22,998 पुलिसकर्मियों की तैनाती थी। 2019 के अर्ध कुंभ में 27,550 पुलिसकर्मी तैनात थे। घर से निकलते ही शुरू होगी श्रद्धालुओं की जांच
सुरक्षा का लेयर क्या होगा? श्रद्धालुओं की जांच कहां-कहां होगी? हम यह सब पता करने संगम क्षेत्र में ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के दफ्तर पहुंचे। हमें कुंभ मेला पीआरओ भास्कर मिश्रा मिले। वह बताते हैं कि कुल 7 लेयर की सुरक्षा होगी। पहला चक्र जहां से वह निकलेंगे वहीं, इसे पॉइंट ऑफ ऑरीजन कहा जाता है। दूसरी चेकिंग ट्रेन-बस और निजी वाहनों की होगी। तीसरी चेकिंग यूपी के बॉर्डर पर होगी। चौथी चेकिंग टोल प्लाजा व जोन की सीमाओं पर होगी। पांचवीं चेकिंग प्रयागराज कमिश्नरेट की सीमा में आने पर होगी। छठी चेकिंग मेले के आउटर पर होगी। सातवीं चेकिंग मेले के अंदर, इसे इनर और आइसोलेशन कार्डन पर चेकिंग कहा जाता है। हमने यह पूछा कि जो 56 थाने और चौकियां बन रही हैं इसका इंचार्ज किसे बनाया जाएगा? भास्कर मिश्रा बताते हैं, इन थानों का जो इंचार्ज बनाया जाएगा उनमें कोई भी प्रयागराज कमिश्नरेट का नहीं होगा। जरूरी नहीं कि वह थाना अध्यक्ष ही हो। वह किसी और पद पर हो सकता है, उसे यहां थाने का चार्ज मिल जाए। मेला खत्म होने के बाद उसे उसके मूल पद पर वापस भेज दिया जाएगा। हालांकि इसमें बहुत सारा फैसला हाईकमान लेगा। पानी के अंदर पहली बार ड्रोन से निगरानी
इस महाकुंभ में आसमान से ड्रोन के जरिए तो निगरानी होगी ही, साथ ही पानी के अंदर भी ड्रोन होगा। अंडर वाटर सेफ्टी के लिए पहली बार नदी के अंदर 8 किलोमीटर तक डीप बैरिकेडिंग की जाएगी। संगम एरिया में सुरक्षा व्यवस्था जल पुलिस और पीएसी को सौंपी गई है। पीएसी पानी के अंदर सुरक्षा के लिहाज से कई प्रयोग करेगी। पहली बार पानी के अंदर भी ड्रोन से निगरानी होगी। इसके लिए सोनार रेडियो तरंगों का इस्तेमाल किया जाएगा। जल पुलिस से जुड़े एक अधिकारी बताते हैं, इस बार नदी में 25 वाटर स्कूटर ब्रिगेड तैनात रहेंगे। किसी के भी डूबने पर यह तुरंत उसके पास पहुंचेंगे। संगम और वीआईपी घाट के पास दो फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन बनाया जाएगा। इस स्टेशन पर कुछ और हाईटेक नाव और स्टीमर मौजूद रहेगी। डूबने वाले व्यक्ति का प्राथमिक उपचार भी यहीं किया जाएगा। पूरा मेला क्षेत्र एंटी ड्रोन सिस्टम से लैस होगा
देश विदेश से आने वाले करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सिक्योरिटी प्लान हाई सिक्योरिटी एजेंसियों के मार्फत हाई टेक्नोलॉजी स्तर पर बन रहा है। दुनिया भर में ड्रोन के खतरों को देखते हुए इस बार फोकस ड्रोन अटैक को लेकर भी है। महाकुंभ पर यूं भी आतंकी साए का अलर्ट रहता है। ऐसे में इस बार एंटी ड्रोन सिस्टम को लेकर अभी से तैयारी की जा रही है। लाइट जाने पर भी कुंभ में नहीं होगा अंधेरा
महाकुंभ को भव्य दिखाने में बिजली का रोल महत्वपूर्ण रहने वाला है। इसलिए इस बार बिजली का बजट 391.04 करोड़ रखा गया है। 1532 किलोमीटर लंबी लाइन खींची जाएगी। इसमें 1405 किलोमीटर एलटी और 138 किलोमीटर लंबी एचटी लाइन होगी। पूरे कुंभ में 67 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। प्रमुख जगहों पर हाई मास्ट अलग से लगाया जाएगा। पूरे मेला क्षेत्र में 85 अस्थायी नए बिजली घर बनेंगे। कुल 170 सब-स्टेशन होंगे। 85 डीजी सेट, 15 आरएमयू और 42 नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे। इस वक्त तार खींचने का काम शुरू हो गया है। मेला क्षेत्र में ही बिजली विभाग का पूरा सिस्टम रखा गया है। यहीं सारे अधिकारी बैठते हैं। वहां पहुंचने पर पता चला कि इस बार मेले में कुल 4 लाख 71 हजार लोगों को बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा। इसमें सरकारी दफ्तर और कल्पवास करने वाले शामिल होंगे। अगर मेले में किसी कारणवश बिजली चली जाती है तो अंधेरा नहीं होगा। क्योंकि प्रमुख जगहों पर कुल 2004 हाईब्रिड सोलर लाइट लगाने की तैयारी है। ये दिन में चार्ज होंगी और रात को कुंभ की रौनक बढ़ाएंगी। मेले में बिछड़ने वालों को तुरंत मिलाने की तैयारी
महाकुंभ में आने वालों का सबसे बड़ा डर यह होता है कि कहीं वह बिछड़ तो नहीं जाएंगे। अगर बिछड़ जाएंगे तो कैसे मिलेंगे? इस बार प्रशासन ने लोगों को तुरंत मिलवाने का खाका खींच लिया है। मेले में कुल 10 खोया-पाया केंद्र बनाया जाना है। पहले अनाउंस होता था कि फला व्यक्ति खो गया है, यहां आकर उनके परिवार मिल लें। ये सुविधा अभी भी रहेगी लेकिन अब सिस्टम को ऑनलाइन भी कर दिया गया है। मेला क्षेत्र बहुत बड़ा है, इसलिए इसे ऐसे समझिए। अगर कोई व्यक्ति खोकर 2-3 किलोमीटर दूर चला गया। तब संभव है कि उसके परिजन जिस खोया-पाया केंद्र पर पहुंचे हों वहां से उस तक माइक की आवाज न जाए। वह किसी दूसरे खोया-पाया केंद्र पर पहुंच गया हो। अब अगर खोया हुआ व्यक्ति खोया-पाया केंद्र पर जाता है तो उसकी डिटेल हर केंद्र को भेज दी जाती है। स्क्रीन लगाई जाएगी, जिसमें वह व्यक्ति दिखाई देगा। अगर उसके बाद भी दिक्कत होती है तो सोशल मीडिया के माध्यमों का सहारा लिया जाएगा।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर