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राजस्थान में 172 टोल प्लाजा पर शुरू हुई फास्टैग की सुविधा, वाहन चालकों को होंगे ये फायदे
राजस्थान में 172 टोल प्लाजा पर शुरू हुई फास्टैग की सुविधा, वाहन चालकों को होंगे ये फायदे <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan News:</strong> राजस्थान में वाहन चालकों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आयी है. 172 टोल प्लाजा पर फास्टैग सुविधा की शुरुआत हो गयी है. आगामी एक सप्ताह में 8 और टोल प्लाजा पर फास्टैग की सुविधा को एक्टिव कर देगी. प्रमुख शासन सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग, प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मंत्री दीया कुमारी के नेतृत्व में टोल बूथों पर फास्टैग इंस्टालेशन का काम पूरा कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि एक वर्ष से भी कम समय में प्रदेश के 131 टोल बूथों पर फास्टैग इंस्टालेशन का कार्य पूरा कर लिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुविधा के शुरू होने से वाहन चालकों का समय बचेगा और यातायात का संचालन भी सुगम होगा. फास्टैग सुविधा की उपलब्धता से वाहन चालकों को निर्धारित टोल दरों का ही भुगतान करना होगा. अवैध टोल वसूली पर रोक लगेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी. टोल बूथ से वाहनों का गुजर तेज हो जायेगा. ईंधन की बचत होगी और प्रदूषण में भी कमी आएगी. नई सुविधा से राज्य की सड़कों पर टोल वसूली का सिस्टम पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी हो जाएगा.</p>
<h3>फास्टैग के जरिए अवैध टोल वसूली पर लगेगी लगाम</h3>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि राजस्थान में एनएचएआई के अलावा 186 अन्य टोल प्लाजा संचालित हैं. इनमें से आरएसआरडीसी द्वारा संचालित 39 सड़कों पर 107 टोल प्लाजा हैं. जिनमें से 103 टोल प्लाजा पर फास्टैग की सुविधा शुरू की जा चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बाकी 4 पर आगामी एक सप्ताह में फास्टैग सुविधा शुरू करवा दी जाएगी. वहीं, राजस्थान राज्य सड़क प्राधिकरण द्वारा संचालित 22 सड़कों पर 40 टोल प्लाजा हैं, जिनमें से 36 टोल प्लाजा पर सुविधा उपलब्ध है और शेष 4 पर आगामी एक सप्ताह में फास्टैग सुविधा शुरू करवा दी जाएगी. वहीं, सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा संचालित स्टेट बीओटी के तहत 2 टोल पर फास्टैग की सुविधा शुरू की जा चुकी है. इसके अलावा रिडकोर द्वारा संचालित 13 सड़कों पर 31 टोल प्लाजा हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”जालौर में युवक के साथ शादी के नाम पर धोखाधड़ी, CM हेल्पलाइन पर ‘लुटेरी दुल्हन’ ने की शिकायत” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/man-got-cheated-in-marriage-bride-escaped-with-help-of-cm-helpline-in-jalore-district-ann-2830851″ target=”_self”>जालौर में युवक के साथ शादी के नाम पर धोखाधड़ी, CM हेल्पलाइन पर ‘लुटेरी दुल्हन’ ने की शिकायत</a></strong></p>
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मीरापुर उपचुनाव: दिलचस्प सियासी जंग, 2009 का इतिहास दोहराएगी RLD या राणा परिवार करेगा वापसी?
मीरापुर उपचुनाव: दिलचस्प सियासी जंग, 2009 का इतिहास दोहराएगी RLD या राणा परिवार करेगा वापसी? <p style=”text-align: justify;”><strong>Meerapur Bypoll Election 2024:</strong> उत्तर प्रदेश के 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अब महज कुछ दिन और बाकी रह गए हैं, उससे पहले प्रदेश में सियासी तपिश बढ़ गई है. इस बार सबकी नजर मीरापुर विधानसभा सीट पर टिकी हुई हैं. मीरापुर उपचुनाव 15 साल पुरानी कहानी को दोहराता हुआ नजर आ रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मीरापुर सीट पर सभी दलों के जरिये प्रत्याशित घोषित करते हुए यहां के पुराने सियासी समीकरणों पर किस्सों पर पन्ने पलटे जाने लगे. यहां के चुनाव में इस बार कुछ किरदार नए हैं तो कुछ पुराने हैं, लेकिन मीरापुर का एक सियासी घराना इस समय केंद्र बिंदु में है. इसी की वजह से यहां मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राणा परिवार के सामने कड़ी चुनौती</strong><br />सियासत के इतिहास के पुराने पन्नों पर नजर डालें, तो 15 साल यहां दिलचस्प चुनावी किस्सा नजरों के सामने घूमने लगता है. मीरापुर सीट साल 2009 में मोरना विधानसभा के नाम से जानी जाती थी. साल 2007 के विधानसभा चुनाव में कादिर राणा मोरना से विधायक चुने गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि साल 2009 के चुनाव में बीएसपा ने कादिर राणा को मुजफ्फरनगर लोकसभा से प्रत्याशी बना दिया और वो सांसद निर्वाचित हुए. यह सीट खाली हुई तो कादिर राणा ने अपने भाई नूर सलीम राणा को मोराना से चुनावी रण में उतार दिया, जहां उनका मुकाबला रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल से हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उपचुनाव में मिथलेश पाल ने नूर सलीम राणा को करारी शिकस्त दी. इस बार फिर मिथलेश पाल रालोद से मैदान में हैं, तो इस बार कादिर राणा की पुत्रवधु सुम्बुल राणा उनके सामने चुनावी मैदान में हैं. मीरापुर सीट पर एक बार फिर मिथलेश पाल का मुकाबला राणा खानदान से होने जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रालोद ने मिथलेश पाल पर लगाया दांव</strong><br />जयंत चौधरी ने सुनियोजित रणनीति के तहत मिथलेश पाल को मैदान में उतारा है. 2009 में रालोद से मिथलेश पाल विधायक रह चुकी हैं. समाजवादी पार्टी ने जैसे ही पूर्व सांसद और कद्दावर नेता कादिर राणा की पुत्रवधु सुम्बुल राणा को प्रत्याशी घोषित किया वैसे ही रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने भी अपने पत्ते खोल दिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जयंत चौधरी की इस रणनीति के बाद दो महिलाएं मीरापुर के मैदान में आमने सामने होने से सियासी लड़ाई बेहद दिलचस्प हो चुकी है. सपा अपने पीडीए के फॉर्मूले से पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को साधकर जीत के सपना बुन रही है, जबकि रालोद अपने और बीजेपी के मजबूत वोट बैंक के सहारे मीरापुर सीट हथियाने के फिराक में है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सांसद चंदन चौहान ने दोहराया इतिहास</strong><br />राजनीति में इतिहास अपने पुराने दौर को भी दोहराता है. साल 1996 में संजय चौहान ने समाजवादी पार्टी से मोरना विधानसभा चुनाव का जीता और वह विधायक बने. इसके बाद 2009 में बीजेपी रालोद गठबंधन से संजय चौहान बिजनौर के सांसद निर्वाचित हुए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सियासत की ये पुरानी कहानी 2022 में फिर दोहराई गई. जिस मोरना सीट से पिता विधायक निर्वाचित हुए थे, उस सीट पर यानी मीरापुर के नाम से जानी जाने वाली सीट से चंदन चौहान विधायक चुने गए. 2024 में चंदन चौहान रालोद बीजेपी गठबंधन के तहत बिजनौर लोकसभा से सांसद निर्वाचित हुए और अब मीरापुर सीट खाली है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मीरापुर में हर प्रत्याशी का मजबूत दांव</strong><br />मीरापुर में सपा की सुम्बुल राणा की जीत का दावा काफी हद तक मजबूत भी है. रालोद बीजेपी प्रत्याशी मिथलेश पाल भी खुद की जीत का दावा कर रहीं है. दूसरी तरफ बीएसपी प्रत्याशी शाह नजर और आजाद समाज पार्टी प्रत्याशी जाहिद हसन भी यहां से ताल ठोंक रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>एआईएमआईएम ने मीरापुर सीट से अरशद राणा को अपना प्रत्याशी बनाया है. ये सभी प्रत्याशी जीत का दावा करते हुए विजय पताका फहराने को लेकर आश्वस्त हैं. हालांकि जीत का सेहरा किसी एक के सिर बंधेगा और वह खुशकिस्मत कौन होगा ये मीरापुर की जनता तय करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”UP By Election: ‘BJP अधिकारियों को आगे कर लड़ रही चुनाव’, अखिलेश यादव का बड़ा आरोप” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-by-election-2024-sp-chief-akhilesh-yadav-allegation-on-cm-yogi-adityanath-slogan-bjp-pda-ann-2814010″ target=”_blank” rel=”noopener”>UP By Election: ‘BJP अधिकारियों को आगे कर लड़ रही चुनाव’, अखिलेश यादव का बड़ा आरोप</a></strong></p>
Haryana: विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद दुष्यंत चौटाला की पार्टी को तीन झटका! तीन विधायकों ने छोड़ा साथ
Haryana: विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद दुष्यंत चौटाला की पार्टी को तीन झटका! तीन विधायकों ने छोड़ा साथ <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana News:</strong> हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) की जन नायक जनता पार्टी (JJP) को बड़ा झटका लगा है. शाहबाद से विधायक रामकरण काला (Ramkaran Kala) और दोहोना से विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने जेजेपी से इस्तीफा दे दिया है. बीते 24घंटे के अंदर यह तीसरा इस्तीफा है. इसके पहले शुक्रवार को उकलाना के विधायक अनूप धनक ने इस्तीफा दे दिया था. अभी यह जानकारी सामने नहीं आई है कि इन दोनों का अगला कदम क्या होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि 2023 में रामकरण काला उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने हरियाणा सुगरफेड के चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया था. सूरजमुखी के बीजों पर एमएसपी की मांग कर रहे किसानों ने हाईवे को जाम कर दिया था. जिनके खिलाफ पुलिस ने एक्शन लिया था. इसी बात से नाराज होकर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मई में की थी हुड्डा से मुलाकात</strong><br />इससे पहले भी रामकरण के जेजेपी छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं. अप्रैल में इस तरह की अफवाहें थीं कि वह जेजेपी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर लेंगे. मई में काला ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की थी. उनके बेटे पहले से ही कांग्रेस में चले गए थे. तो माना जा रहा था वह जेजेपी छोड़ देंगे. लेकिन हुड्डा से मुलाकात के बाद उन्होंने साफ कर दिया था कि दुष्यंत ही उनके नेता हैं. लेकिन इस घटना के तीन महीने बाद उन्होंने जेजेपी छोड़ दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चुनाव की घोषणा के बाद यह बोले थे चौटाला</strong><br />हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा शुक्रवार को कर दी गई. विधानसभा चुनाव 1 अक्टूबर को कराया जाएगा और मतगणना 4 अक्टूबर को होगी. चुनाव की घोषणा होने के बाद सभी पार्टियों ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि वह चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. दुष्यंत चौटाला ने कहा, ”जिस का हम सभी इंतजार कर रहे थे वो समय आखिरकार आ गया है! चुनावों की घोषणा हमारे प्रदेश के भविष्य को नया रूप देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है.”<strong>(सचिन की रिपोर्ट)</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढे़ं- <a title=”रेस्लर विनेश फोगाट को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे दीपेंद्र सिंह हुड्डा, कहा- ‘जीवन का हर दंगल…'” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/congress-mp-deepender-singh-hooda-reached-delhi-airport-to-recieve-restle-vinesh-phogat-2763038″ target=”_self”>रेस्लर विनेश फोगाट को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे दीपेंद्र सिंह हुड्डा, कहा- ‘जीवन का हर दंगल…'</a></strong></p>