वाराणसी में मंगलवार की रात ATS ने नकली नोटों की तस्करी करने वाले गिरोह के 2 सदस्यों को सारनाथ में गिरफ्तार कर किया, इन दोनों के कब्जे से 1. 97 लाख रुपए के नकली भारतीय नोट बरामद हुए हैं। बिहार के मूल निवासी तस्करों के बांग्लादेशी कनेक्शन मिलने के बाद ATS और प्रशासन हरकत में आ गया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह बांग्लादेश से तस्करी कर लाई गई नकली नोटों को यूपी के जिलों में सप्लाई करते थे। पिछले 8 साल में यूपी भर के 22 जिलों तक खेप पहुंचाई है। अब इस गिरोह का लक्ष्य आगामी महाकुंभ प्रयागराज था, जहां बड़ी संख्या में नकली नोटों को खपाना था। तस्करों ने इससे पहले भी प्रयागराज तक नकली नोट पहुंचाए हैं, इस बार भी लक्ष्य प्रयागराज था। कोलकाता से वह पीडीडीयू नगर जंक्शन आए तो सोचा आज रात बनारस घूम लें और सुबह प्रयागराज पहुंच जाएंगे। दोनों बनारस घूमने निकले लेकिन पुलिस ने दबोच लिया। उन्होंने बाजार में एक नकली नोट चलाया जो तुरंत पकड़ा तो नहीं गया। गिरफ्तार तस्करों और उनके गिरोह ने अब तक यूपी में 10 करोड़ की नकली करेंसी पहुंचाई है, यह कोई व्यक्ति नहीं एक सिस्टम चैनल काम करता है। केंद्रीय एजेंसियों को तस्करों की रिपोर्ट देने की तैयारी वाराणसी में लगातार कई तस्करी के मामले सामने आने के बाद पुलिस जेल भेजे गए जाली नोटों के अंतरराष्ट्रीय तस्करों की जानकारी एनआइए की टीम को देगी। इसके अलावा इंटेलीजेंस (स्पेशल विंग) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) व भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रा) समेत कई एजेंसियों को भी इसके बारे में रिपोर्ट देगी। पूछताछ में जाली नोटों के नेटवर्क से जुड़े कई तस्करों के नाम व ठिकाने का पता चला है, हालांकि इनका पूरा सिस्टम बांग्लादेश और मालदा टाउन से जुड़ा है जो पश्चिम बंगाल और बिहार के जरिए यूपी में दखल देता है, अब इस बार इसकी रिपोर्ट केंद्रीय जांच एजेंसियों को दी जाएगी। इस नेटवर्क को ध्वस्त करने की कवायद तेज कर दी गई है। सबसे पहले आपको बताते हैं ATS की कार्रवाई यूपी एटीएस की वाराणसी टीम ने मंगलवार की रात नकली नोटों की तस्करी करने वाले गिरोह के 2 सदस्यों को सारनाथ में गिरफ्तार कर किया था, इनके पास 1. 97 लाख रुपए के नकली भारतीय नोट बरामद हुए हैं। जो सभी 500-500 के नोटों में थे। ATS की वाराणसी इकाई की ओर से केस दर्ज कर दोनों को कल कोर्ट में पेश किया जाएगा। गिरफ्तार आरोपी बिहार के मूल निवासी हैं, मोहम्मद सुलेमान अंसारी और इदरीश इस समय जाकिर के गैंग में काम करते हैं। जाकिर अपना गिरोह पश्चिम बंगाल में रहकर संचालित करता है और बांग्लादेश समेत आसपास देशों में फरार रहता है। बिहार के वैशाली इसीयूटा थाने के नारीकला के मोहम्मद सुलेमान अंसारी और सदर थाने के फतेहाबाद के इदरीश की गिरफ्तारी में जुटी पुलिस की टीम मालदा टाउन से उसी ट्रेन में सफर कर रही थी, जिसमें तस्कर नकली नोटों के साथ थे। वाराणसी में इन सभी को नोटों की सप्लाई देनी थी, जहां से पूर्वांचल के सभी छोटे बाजारों तक नकली करेंसी पहुंचाई जाती। आज इनका लक्ष्य प्रयागराज था, जहां पहले भी ट्रायल कर चुके हैं और आज दो लाख रुपये की नकली करेंसी पहुंचानी थी। ट्रायल के लिए बनारस के बाजार में तीन हजार खर्च कर दिए। इससे पहले ही मोहम्मद सुलेमान अंसारी और इदरीश को एटीएस ने सारनाथ क्षेत्र में रिंगरोड़ के पास दबोच लिया। एटीएस की पूछताछ में उगले नकली नोट करेंसी का राज बांग्लादेशी कनेक्शन मिलने के बाद ATS ने दोनों से ताबड़तोड़ सवाल पूछे और उनके मोबाइल समेत पूरी हिस्ट्री निकाली। वाराणसी में एक बड़ी खेप की सप्लाई देने कल मालदा से निकले थे, जाली भारतीय मुद्रा लेकर वाराणसी सप्लाई करने आए थे। प्राथमिक जानकारी में इनका नेटवर्क पाकिस्तान, बांग्लादेश व चीन के जाली नोटों के तस्करों से जुड़ा है। अब उसके नेटवर्क से जुड़े अंतरराष्ट्रीय तस्करों पर ध्वस्त करने के लिए एनआइए समेत अन्य एजेंसी को अवगत कराया जाएगा। विशेषज्ञों की माने तो इन तस्करों ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करना चाह रहे थे, एटीएस को उनके मंसूबों को नाकाम करने की कोशिश करनी चाहिए। पंचर जुड़ाने आया जाकिर और थमा गया नकली करेंसी पुलिसिया पूछताछ में दोनों ने बताया कि हम लोग पश्चिम बंगाल के मालदा जनपद में रहकर टायर पंचर बनाने का कार्य करते थे। इनकी दुकान पर एक कारोबारी पंचर बनवाने आया और नकली करेंसी दे गया। बाजार में उसने अपना नाम मालदा निवासी जाकिर बताया था। अगले दिन बाद उन्हें नकली नोट का पता चला तो जाकिर ने बताया कि जाली भारतीय मुद्रा की सप्लाई का काम करता है और उसे लोग चाहिए । इसके बाद दोनों जाकिर से मिल गए और काम का आगाज भी कर दिया। सुलेमान अंसारी छह महीने से बंद था पूछताछ में मोहम्मद सुलेमान अंसारी को पिछले साल भी जाली भारतीय मुद्रा के साथ बिहार पुलिस ने पकड़ा था, जिसमें वह छः माह हाजीपुर जेल में बंद रहा था। गिरफ्तार आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद सारनाथ थाने की हवालात में दाखिल कर मुकदमा दर्ज किया गया। अब इसके नेटवर्क को खंगालने में पुलिस जुटी है। एक लाख के नकली नोट खपाने पर 25,000 रुपये मिलते हैं। डीआइजी डा. ओपी सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पड़ोसी देश में छपती है करेंसी, जुड़े हैं तार पाकिस्तान के अलावा बंग्लादेश के भी कई इलाकों में भारतीय मुद्रा समेत कई देशों की करेंसी की छपाई होती है। इन जगहों पर भारतीय करेंसी देने पर तीन गुना ज्यादा नोट मिलते हैं, जिन्हें लाने वाले तस्कर पूर्वांचल के बाजार में आधी कीमत पर बेच देते हैं। फिर उनके एजेंट बाजार में नोट को चलन में लाकर पूरी कीमत वसूलते हैं। एडीसीपी सरवणन टी ने बताया कि इन नकली नोट तस्करों का नेटवर्क खंगालेगी और जिलों में मिली सूचनाओं के आधार पर छापेमारी करेगी। अभी कोई बड़ी कार्रवाई के पहले पूरे नेटवर्क को खंगाला जाएगा। चार गुना नकली नोट मिलते हैं जाकिर और इदरीश यानि दोनों को बताया कि जाली भारतीय मुद्रा की सप्लाई में तीन से चार गुना से अधिक का मुनाफा है और मेरे जाली भारतीय नोट आसानी से मार्केट में चलाए जा सकते हैं। जाली भारतीय मुद्रा प्राप्त कर सप्लाई करना शुरू कर दिया, जिससे हमें काफी मुनाफा होने लगा। तीन से चार गुना तक लाभ पर कमीशन देकर नकली नोटों की खेप छोटे मेला, कस्बाई बाजार समेत दी जाती है। इन नोटों को छोटे बाजारों के एजेंट को आधी कीमत में देकर खपा दिया जाता है। वाराणसी के अलावा गाजीपुर, सोनभद्र, बलिया, मऊ, आजमगढ़ में सर्वाधिक नोट खपाने पर फोकस रहता है। इस बार महाकुंभ पर नकली करेंसी की बड़ी खपत भेजने की तैयारी है। अब तक नकली करेंसी के खिलाफ कार्रवाई 20 जनवरी 2014 : रोडवेज बस स्टैंड के पास से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से एक लाख 95 हजार रुपये नकली नोटों की गड्डियां बरामद हुई थीं। 01 सितंबर 2018 : 86 हजार रुपये नकली नोटों की गड्डियां पकड़ी गई थीं। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों छित्तनपुरा के एकता नगर कॉलोनी अब्दुल कादिर, गोलघर कचहरी निवासी आकिब कुरैशी व गड़ही कोयला बाजार निवासी नियाज अहमद को गिरफ्तार किया था। अक्टूबर 2018 : 12 लाख 90 हजार की खेप पकड़ी गई। तस्करों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि नकली नोट आधी कीमत में बिहार से लेकर आए थे। 01 जनवरी 2019 : आठ लाख रुपये की नकली नोटों की गड्डियां पकड़ी गईं। बिहार के नवीन कुमार को गिरफ्तार किया गया। 01 नवबंर 2021 : मंडुवाडीह के लहरतारा बौलिया निवासी माइकल सिंह यादव उर्फ मोंटी को गिरफ्तार किया गया था। मोंटी नकली नोटों का व्यापार करने वाले गिरोह का सदस्य था। 22 दिसम्बर 2022 मथुरा जीआरपी ने नोटों की खेप पकड़ी थी, आरोपियों ने वाराणसी में नोटों के छपाई की जानकारी दी, जिसके बाद छपाई के कारखाने का पुलिस ने खुलासा किया था। 25 जनवरी 2023 : नकली नोटों के तस्कर बबलू बिन्द उर्फ बाबिल को दबोचा, उस पर 50 हजार रुपये का ईनाम था। 09 सितंबर 2023 : चांदमारी क्षेत्र में रिंगरोड किनारे एक रेस्टोरेंट के पास से 5400 रुपये फेक करेंसी के साथ आदर्श उर्फ आशु को गिरफ्तार किया गया था। 27 जनवरी 2024 प्रतापगढ़ निवासी दीपक कुमार को 95 हजार 500 रुपये के नकली नोट के साथ पकड़ा था। नकली नोटों की तस्करी को आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा गया था। 6 फरवरी 2024 एटीएस ने अंबेडकर के टांडा चिंतौरा निवासी अंकुर मौर्य और विपिन गुप्ता उर्फ अवनीश को 45 हजार रुपये के नकली (500 रुपए) नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। ये सभी नोट बांग्लादेश से लाए गए थे वाराणसी में मंगलवार की रात ATS ने नकली नोटों की तस्करी करने वाले गिरोह के 2 सदस्यों को सारनाथ में गिरफ्तार कर किया, इन दोनों के कब्जे से 1. 97 लाख रुपए के नकली भारतीय नोट बरामद हुए हैं। बिहार के मूल निवासी तस्करों के बांग्लादेशी कनेक्शन मिलने के बाद ATS और प्रशासन हरकत में आ गया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह बांग्लादेश से तस्करी कर लाई गई नकली नोटों को यूपी के जिलों में सप्लाई करते थे। पिछले 8 साल में यूपी भर के 22 जिलों तक खेप पहुंचाई है। अब इस गिरोह का लक्ष्य आगामी महाकुंभ प्रयागराज था, जहां बड़ी संख्या में नकली नोटों को खपाना था। तस्करों ने इससे पहले भी प्रयागराज तक नकली नोट पहुंचाए हैं, इस बार भी लक्ष्य प्रयागराज था। कोलकाता से वह पीडीडीयू नगर जंक्शन आए तो सोचा आज रात बनारस घूम लें और सुबह प्रयागराज पहुंच जाएंगे। दोनों बनारस घूमने निकले लेकिन पुलिस ने दबोच लिया। उन्होंने बाजार में एक नकली नोट चलाया जो तुरंत पकड़ा तो नहीं गया। गिरफ्तार तस्करों और उनके गिरोह ने अब तक यूपी में 10 करोड़ की नकली करेंसी पहुंचाई है, यह कोई व्यक्ति नहीं एक सिस्टम चैनल काम करता है। केंद्रीय एजेंसियों को तस्करों की रिपोर्ट देने की तैयारी वाराणसी में लगातार कई तस्करी के मामले सामने आने के बाद पुलिस जेल भेजे गए जाली नोटों के अंतरराष्ट्रीय तस्करों की जानकारी एनआइए की टीम को देगी। इसके अलावा इंटेलीजेंस (स्पेशल विंग) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ) व भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रा) समेत कई एजेंसियों को भी इसके बारे में रिपोर्ट देगी। पूछताछ में जाली नोटों के नेटवर्क से जुड़े कई तस्करों के नाम व ठिकाने का पता चला है, हालांकि इनका पूरा सिस्टम बांग्लादेश और मालदा टाउन से जुड़ा है जो पश्चिम बंगाल और बिहार के जरिए यूपी में दखल देता है, अब इस बार इसकी रिपोर्ट केंद्रीय जांच एजेंसियों को दी जाएगी। इस नेटवर्क को ध्वस्त करने की कवायद तेज कर दी गई है। सबसे पहले आपको बताते हैं ATS की कार्रवाई यूपी एटीएस की वाराणसी टीम ने मंगलवार की रात नकली नोटों की तस्करी करने वाले गिरोह के 2 सदस्यों को सारनाथ में गिरफ्तार कर किया था, इनके पास 1. 97 लाख रुपए के नकली भारतीय नोट बरामद हुए हैं। जो सभी 500-500 के नोटों में थे। ATS की वाराणसी इकाई की ओर से केस दर्ज कर दोनों को कल कोर्ट में पेश किया जाएगा। गिरफ्तार आरोपी बिहार के मूल निवासी हैं, मोहम्मद सुलेमान अंसारी और इदरीश इस समय जाकिर के गैंग में काम करते हैं। जाकिर अपना गिरोह पश्चिम बंगाल में रहकर संचालित करता है और बांग्लादेश समेत आसपास देशों में फरार रहता है। बिहार के वैशाली इसीयूटा थाने के नारीकला के मोहम्मद सुलेमान अंसारी और सदर थाने के फतेहाबाद के इदरीश की गिरफ्तारी में जुटी पुलिस की टीम मालदा टाउन से उसी ट्रेन में सफर कर रही थी, जिसमें तस्कर नकली नोटों के साथ थे। वाराणसी में इन सभी को नोटों की सप्लाई देनी थी, जहां से पूर्वांचल के सभी छोटे बाजारों तक नकली करेंसी पहुंचाई जाती। आज इनका लक्ष्य प्रयागराज था, जहां पहले भी ट्रायल कर चुके हैं और आज दो लाख रुपये की नकली करेंसी पहुंचानी थी। ट्रायल के लिए बनारस के बाजार में तीन हजार खर्च कर दिए। इससे पहले ही मोहम्मद सुलेमान अंसारी और इदरीश को एटीएस ने सारनाथ क्षेत्र में रिंगरोड़ के पास दबोच लिया। एटीएस की पूछताछ में उगले नकली नोट करेंसी का राज बांग्लादेशी कनेक्शन मिलने के बाद ATS ने दोनों से ताबड़तोड़ सवाल पूछे और उनके मोबाइल समेत पूरी हिस्ट्री निकाली। वाराणसी में एक बड़ी खेप की सप्लाई देने कल मालदा से निकले थे, जाली भारतीय मुद्रा लेकर वाराणसी सप्लाई करने आए थे। प्राथमिक जानकारी में इनका नेटवर्क पाकिस्तान, बांग्लादेश व चीन के जाली नोटों के तस्करों से जुड़ा है। अब उसके नेटवर्क से जुड़े अंतरराष्ट्रीय तस्करों पर ध्वस्त करने के लिए एनआइए समेत अन्य एजेंसी को अवगत कराया जाएगा। विशेषज्ञों की माने तो इन तस्करों ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह करना चाह रहे थे, एटीएस को उनके मंसूबों को नाकाम करने की कोशिश करनी चाहिए। पंचर जुड़ाने आया जाकिर और थमा गया नकली करेंसी पुलिसिया पूछताछ में दोनों ने बताया कि हम लोग पश्चिम बंगाल के मालदा जनपद में रहकर टायर पंचर बनाने का कार्य करते थे। इनकी दुकान पर एक कारोबारी पंचर बनवाने आया और नकली करेंसी दे गया। बाजार में उसने अपना नाम मालदा निवासी जाकिर बताया था। अगले दिन बाद उन्हें नकली नोट का पता चला तो जाकिर ने बताया कि जाली भारतीय मुद्रा की सप्लाई का काम करता है और उसे लोग चाहिए । इसके बाद दोनों जाकिर से मिल गए और काम का आगाज भी कर दिया। सुलेमान अंसारी छह महीने से बंद था पूछताछ में मोहम्मद सुलेमान अंसारी को पिछले साल भी जाली भारतीय मुद्रा के साथ बिहार पुलिस ने पकड़ा था, जिसमें वह छः माह हाजीपुर जेल में बंद रहा था। गिरफ्तार आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद सारनाथ थाने की हवालात में दाखिल कर मुकदमा दर्ज किया गया। अब इसके नेटवर्क को खंगालने में पुलिस जुटी है। एक लाख के नकली नोट खपाने पर 25,000 रुपये मिलते हैं। डीआइजी डा. ओपी सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पड़ोसी देश में छपती है करेंसी, जुड़े हैं तार पाकिस्तान के अलावा बंग्लादेश के भी कई इलाकों में भारतीय मुद्रा समेत कई देशों की करेंसी की छपाई होती है। इन जगहों पर भारतीय करेंसी देने पर तीन गुना ज्यादा नोट मिलते हैं, जिन्हें लाने वाले तस्कर पूर्वांचल के बाजार में आधी कीमत पर बेच देते हैं। फिर उनके एजेंट बाजार में नोट को चलन में लाकर पूरी कीमत वसूलते हैं। एडीसीपी सरवणन टी ने बताया कि इन नकली नोट तस्करों का नेटवर्क खंगालेगी और जिलों में मिली सूचनाओं के आधार पर छापेमारी करेगी। अभी कोई बड़ी कार्रवाई के पहले पूरे नेटवर्क को खंगाला जाएगा। चार गुना नकली नोट मिलते हैं जाकिर और इदरीश यानि दोनों को बताया कि जाली भारतीय मुद्रा की सप्लाई में तीन से चार गुना से अधिक का मुनाफा है और मेरे जाली भारतीय नोट आसानी से मार्केट में चलाए जा सकते हैं। जाली भारतीय मुद्रा प्राप्त कर सप्लाई करना शुरू कर दिया, जिससे हमें काफी मुनाफा होने लगा। तीन से चार गुना तक लाभ पर कमीशन देकर नकली नोटों की खेप छोटे मेला, कस्बाई बाजार समेत दी जाती है। इन नोटों को छोटे बाजारों के एजेंट को आधी कीमत में देकर खपा दिया जाता है। वाराणसी के अलावा गाजीपुर, सोनभद्र, बलिया, मऊ, आजमगढ़ में सर्वाधिक नोट खपाने पर फोकस रहता है। इस बार महाकुंभ पर नकली करेंसी की बड़ी खपत भेजने की तैयारी है। अब तक नकली करेंसी के खिलाफ कार्रवाई 20 जनवरी 2014 : रोडवेज बस स्टैंड के पास से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से एक लाख 95 हजार रुपये नकली नोटों की गड्डियां बरामद हुई थीं। 01 सितंबर 2018 : 86 हजार रुपये नकली नोटों की गड्डियां पकड़ी गई थीं। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों छित्तनपुरा के एकता नगर कॉलोनी अब्दुल कादिर, गोलघर कचहरी निवासी आकिब कुरैशी व गड़ही कोयला बाजार निवासी नियाज अहमद को गिरफ्तार किया था। अक्टूबर 2018 : 12 लाख 90 हजार की खेप पकड़ी गई। तस्करों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि नकली नोट आधी कीमत में बिहार से लेकर आए थे। 01 जनवरी 2019 : आठ लाख रुपये की नकली नोटों की गड्डियां पकड़ी गईं। बिहार के नवीन कुमार को गिरफ्तार किया गया। 01 नवबंर 2021 : मंडुवाडीह के लहरतारा बौलिया निवासी माइकल सिंह यादव उर्फ मोंटी को गिरफ्तार किया गया था। मोंटी नकली नोटों का व्यापार करने वाले गिरोह का सदस्य था। 22 दिसम्बर 2022 मथुरा जीआरपी ने नोटों की खेप पकड़ी थी, आरोपियों ने वाराणसी में नोटों के छपाई की जानकारी दी, जिसके बाद छपाई के कारखाने का पुलिस ने खुलासा किया था। 25 जनवरी 2023 : नकली नोटों के तस्कर बबलू बिन्द उर्फ बाबिल को दबोचा, उस पर 50 हजार रुपये का ईनाम था। 09 सितंबर 2023 : चांदमारी क्षेत्र में रिंगरोड किनारे एक रेस्टोरेंट के पास से 5400 रुपये फेक करेंसी के साथ आदर्श उर्फ आशु को गिरफ्तार किया गया था। 27 जनवरी 2024 प्रतापगढ़ निवासी दीपक कुमार को 95 हजार 500 रुपये के नकली नोट के साथ पकड़ा था। नकली नोटों की तस्करी को आगामी लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा गया था। 6 फरवरी 2024 एटीएस ने अंबेडकर के टांडा चिंतौरा निवासी अंकुर मौर्य और विपिन गुप्ता उर्फ अवनीश को 45 हजार रुपये के नकली (500 रुपए) नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। ये सभी नोट बांग्लादेश से लाए गए थे उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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दिल्ली की वायु गुणवत्ता देश में सबसे खराब, दूसरे नंबर पर बिहार के इस जिले का नाम
दिल्ली की वायु गुणवत्ता देश में सबसे खराब, दूसरे नंबर पर बिहार के इस जिले का नाम <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi AQI Update:</strong> दिल्ली में बुधवार (13 नवंबर) को देश की सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई और यह इस मौसम में पहली बार ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई. राजधानी में एक्यूआई 418 दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, बिहार के हाजीपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 417 दर्ज किया गया और यह देश में दूसरा सबसे प्रूदषित खराब स्थान रहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली के 36 निगरानी स्टेशनों में से 30 में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी रही. राष्ट्रीय राजधानी का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार को 334 रहा था. यह रोज़ाना शाम चार बजे दर्ज किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक्यूआई 0 से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401-450 के बीच ‘गंभीर’ और 450 से अधिक होने पर ‘अति गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>26 जनवरी को एक्यूआई 409 हुआ था रिकॉर्ड </strong><br />सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में तीन दिनों तक शहर का एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा. इस साल 14 जनवरी को एक्यूआई 447 दर्ज किया गया था जबकि 24 और 26 जनवरी को यह 409 रिकॉर्ड हुआ था. सीपीसीबी ने कहा कि एक्यूआई के ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचे से स्वस्थ लोग प्रभावित होते हैं तथा पहले से ही चिकित्सा संबंधी समस्याओं से ग्रस्त लोगों पर इसका गंभीर असर पड़ता है. राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता 30 अक्टूबर को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सबसे ज्यादा इसकै है दिल्ली के प्रदूषण में योगदान</strong><br />वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र के ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के अनुसार, वाहनों से होने वाला उत्सर्जन दिल्ली के प्रदूषण में सबसे ज्यादा योगदान देता है, जिसकी अनुमानित हिस्सेदारी लगभग 13.3 प्रतिशत है. अन्य प्रमुख प्रदूषक पीएम 2.5 और पीएम 10 हैं.नवहीं, चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ‘समीर’ ऐप के अनुसार, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी में बुधवार शाम चार बजे एक्यूआई 372 दर्ज किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के साथ, चंडीगढ़ के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत गठित कार्य बल ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए रात में पानी का छिड़काव या सड़कों की धुलाई, ‘एंटी-स्मॉग गन’ का उपयोग, पत्तियों और कचरे को खुले में जलाने पर रोक लगाने और यातायात की आवाजाही की निगरानी जैसे उपाय किए हैं.</p>
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12 फोटो में देखें अयोध्या का गुरुपूर्णिमा महोत्सव:शिष्यों ने चरण धोकर आरती की,माला पहनाकर अंगवस्त्र और दक्षिणा दी,मिला कल्याण भव का आशीर्वाद अयोध्या के 10 हजार मंदिरों में गुरुपूर्णिमा महोत्सव देर शाम तक चला।देश के अनेक प्रांतों से आए लाखों शिष्यों ने अपने चरण धोकर आरती की। माला पहनाकर अंग वस्त्र और दक्षिणा दी। इसके बाद गुरुओं ने शिष्यों को कल्याण भव का आशीर्वाद दिया। यह कल्याण संसार में जीतने और भगवान के प्रति अनुराग अर्थात प्रेम बढ़ाने का लिए था। मणिराम दास जी की छावनी में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास का उनके शिष्य महंत कमलनयन दास,पंजाबी बाबा,कथाचाक राधेश्याम शास्त्री आदि हजारों शिष्यों ने पूजन किया। दिल्ली स्थित मानव आश्रम के प्रमुख संजीव शंकर ने अपने सहयोगियों के साथ श्रीरामवल्लभाकुंज में महंत रामशंकर दास का पूजन आश्रम के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास के साथ किया।उन्होंने गुरु की आरती पूजन कर समाज सेवा के प्रकल्प को और मजूबत करने का आशीर्वाद मांगा।संजीव शंकर दिल्ली में भव्य और बेहद आधुनिक कैंसर हास्पिटल का संचालन करते हैं।यह संस्था मरीजों को बेहद न्यूनतम मूल्य पर चिकित्सा के साथ बेहतर भोजन और आवास भी उपलब्ध कराने के क्षेत्र में अग्रणी है। रसिक उपासना की आचार्य पीठ लक्ष्मण किला में महंत मैथिली रमण शरण ने उत्तर भारत में रामकथा के विशिष्ट व्याख्याता रहे महंत सीताराम शरण के चित्रपट और पादुका का पूजन किया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिना गुरू की कृपा के जीवन अंधकर का पुंज हैं।गुरू कृपा से ही जीवन में प्रकाश का संचार होता है।इसके बाद मनुष्य संसार से भगवान की प्राप्ति तक हर क्षेत्र में लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। सिद्ध संत बाबा गोमती दास की तपोस्थली हनुमत निवास के आचार्य डाक्टर मिथिलेश नंदिनी शरण से अयोध्या,मेरठ और लखनऊ सहित देश के अनेक स्थानों ेसे आए शिष्यों से सनातन धर्म की रक्षा के लिए सतर्क रहने का संकल्प दिलाया।उन्होंने कहा कि धर्म ही जीवन का मूल है और गुरु पूर्णिमा भी सनातन धर्म का एक विशिष्ट महापर्व है। धर्मसम्राट महंत ज्ञानदास ने मानवता के लिए समर्पित रहने का संकल्प दिलाया अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे धर्मसम्राट महंत ज्ञानदास का पूजन उनके शिष्य और संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय और हनुमानगढ़ी के वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास ने किया।इस अवसर पर महंत ज्ञानदास ने कहा कि धर्म चाहे जो भी वह गुरू परंपरा से ही समृद्ध हाेता है।हमारा अपने सभी शिष्यों और समर्थकों को संदेश है कि वे सच्ची मानवता के लिए समर्पित रहे।जो जीवन मानवता के काम न आया वह व्यर्थ है। रामानंद संप्रदाय की विंदु भावधारा की आचार्य पीठ दशरथ महल के महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य का उनके शिष्य महंत रामभूषण दास कृपालु ने पूजन कर सनातन धर्म के विकास में विशिष्ट भागीदारी का आशीर्वाद मांगा।इस अवसर पर देश भर के 50 हजार से ज्यादा शिष्यों ने महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य का पूजन किया। जबकि उन्होंने पूजन का आरंभ आश्रम के संस्थापक बाबा रामप्रसादाचार्य की मूर्ति का अभिषेक और पूजन से किया। गोस्वामी तुलसी दास की छावनी के रूप में प्रसिद्ध हनुमत पीठ के महंत महामंडलेश्वर बाबा जनार्दन दास ने अपने गुरू महंत रामबचन दास महाराज और हनुमान जी का पूजन किया।जबकि उनके शिष्यों ने बड़े ही भावपूर्वक उनका पूजन कर हनुमत कृपा का आशीर्वाद मांगा। राजगोपाल मंदिर के महंत सीताराम शरण और अधिकारी सर्वेश्वर दास शरद ने अपने गुरु और हनुमत तत्व के गूढ़ उपासक महंत कौशल किशोर शरण फलाहारी के चित्रपट और चरण पादुकाओं का पूजन किया।इस अवसर पर महंत सीताराम शरण ने आश्रम के शिष्यों को पीठ की परंपरा के विकास में योगदान देने का संकल्प दिलाया।
Road Accident: दिल्ली के रिंग रोड पर बेकाबू हुई DTC बस, पुलिसकर्मी सहित दो को कुचला
Road Accident: दिल्ली के रिंग रोड पर बेकाबू हुई DTC बस, पुलिसकर्मी सहित दो को कुचला <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Road Accident News:</strong> दिल्ली में सड़क हादसों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार देर रात ऐसा ही एक दर्दनाक हादसा सामने आया है. यह घटना दिल्ली के आउटर रिंग रोड स्थित मोनेस्ट्री मार्केट के पास की है. एक अनियंत्रित डीटीसी बस ने एक व्यक्ति और सिविल लाइन्स पुलिस कांस्टेबल को टक्कर मार दी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस हादसे के दौरान बस डिवाइडर से जा टकराई. दर्दनाक हादसे की चपेट में आए दोनों व्यक्ति की मौत हो गई. डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया गया.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>Delhi | An uncontrolled DTC bus hit a person and a police constable of PS Civil Lines and rammed into the divider near Monastery Market, Ring Road. Unfortunately, both the victims have died. Both were declared brought dead. The driver of the DTC bus Vinod Kumar, a resident of…</p>
— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1853530078363410644?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 4, 2024</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली परिवहन निगम का बस चालक विनोद कुमार निवासी गाजीपुर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. बस चालक के मुताबिक बस खराब हालत में थी. बस में डीटीसी के एक डीओ को छोड़कर कोई यात्री नहीं था. पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई में जुटी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने घटनास्थल पर एफएसएल टीम को भी बुला लिया. एफएसएल की टीम ने मौके का मुआयना का कुछ सबूत इकट्ठे किए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अभी तक की जानकारी के मुताबिक यह घटना सोमवार रात करीब 10 बजे डीटीसी बस रिंग रोड पर मॉनेस्ट्री की तरफ से आ रही थी. बस की स्पीड काफी ज्यादा थी. बस मॉनेस्ट्री के पास लोहे के बहुत बड़े पोल को टक्कर मार दी. पोल के पास एक शख्स खड़ा था जो इसकी चपेट में आ गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>डीटीसी के ड्राइवर विनोद ने बस को नहीं रोका बल्कि चलते हुए करीब 100 मीटर आगे तक ले गया और वहां पर बैरिकेड पर तैनात कांस्टेबल विक्टर भी इस बहुत बड़े लोहे के पोल की चपेट में आ गया, जिससे उसकी भी मौके पर मौत हो गई. इस घटना के दौरान बस डिवाइडर के ऊपर चढ़ गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”दिल्ली के जहांगीरपुरी में मंदिर में पथराव, दो गुटों में झड़प का सीसीटीवी आया सामने, पुलिस ने क्या बताया” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/jahangirpuri-temple-stone-pelting-cctv-footage-clash-between-two-groups-in-delhi-police-reaction-2816725″ target=”_blank” rel=”noopener”>दिल्ली के जहांगीरपुरी में मंदिर में पथराव, दो गुटों में झड़प का सीसीटीवी आया सामने, पुलिस ने क्या बताया</a></strong></p>