महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर विवाद:स्वामी नरेंद्रानंद बोले- मक्का में हिंदू नहीं जा सकते तो कुंभ उनको क्यों आने दें

महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर विवाद:स्वामी नरेंद्रानंद बोले- मक्का में हिंदू नहीं जा सकते तो कुंभ उनको क्यों आने दें

प्रयागराज महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर पाबंदी का मामला गरमा गया है। साधु-संतों, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री और अन्य हिंदू संगठनों ने इस कुंभ मेले में मुस्लिमों की एंट्री पर रोक का समर्थन किया है। रविवार को काशी में संतों की बैठक हुई। इसमें सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा- कुंभ शुद्ध सनातनियों का मेला है। जो सनातन धर्म नहीं मानता, उन लोगों को कुंभ में प्रवेश नहीं देना चाहिए। अगर मक्का और मस्जिदों में हिंदुओं का प्रवेश नहीं है, तो फिर सनातनियों के कुंभ में इन लोगों का प्रवेश नहीं होना चाहिए। इस बीच, मुस्लिम संगठन और नेताओं ने इसका विरोध किया है। एंट्री पर विवाद क्यों छिड़ा: 4 नवंबर को प्रयागराज में भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई। इसमें प्रस्ताव पास हुआ कि महाकुंभ मेले में सिर्फ सनातनियों को ही प्रवेश दिया जाए। कोई भी मुखौटा लगाकर गलत तरीके से कुंभ मेले में प्रवेश कर सनातन संस्कृति और परंपरा को दूषित कर सकता है। इस खतरे से निपटने के लिए समय रहते मेला प्रशासन और सरकार को चौकन्ना रहना होगा। मुस्लिम संगठन ने क्या कहा? पहले पढ़िए- बर्क बोले- सरकार खामोश होकर तमाशा देख रही
संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने 5 नवंबर को कहा- कुंभ में अखाड़ा परिषद की ओर से मुस्लिम दुकानदारों को दुकान लगाने की जगह न देने का ऐलान किया गया है। सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। महाकुंभ में अगर मुस्लिमों को जगह नहीं दी जाती है, तो मुस्लिम जगहों पर मुसलमान भी हिंदुओं को जगह नहीं देंगे। उन्होंने कहा- इस तरह का आदेश देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। अफसोस, भारत के अंदर अभी भी ऐसी मानसिकता वाले लोग हैं। वे संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। सरकार खामोश होकर तमाशा देख रही है। इससे साबित होता है कि सरकार इस तरह की चीजों को बढ़ावा देना चाहती है। मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन बोले- ऐसे फैसले नफरत फैलाते हैं
4 नवंबर को बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भी इस पर बयान दिया। कहा- कुंभ मेला शुरू होने जा रहा है, जो अमन और शांति के साथ संपन्न होना चाहिए। अफसोस की बात यह है कि अखाड़ा परिषद ने ये घोषणा की है कि मेले में किसी भी मुसलमान की दुकान नहीं लगने दी जाएगी। अखाड़ा परिषद का यह फैसला सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला है। ऐसे फैसले समाज में नफरत फैलाते हैं। इस तरह के फैसलों से देश को नुकसान होता है। अब पढ़ते हैं, हिंदू धर्मगुरुओं का क्या कहना है? ‘बहराइच हो या दिल्ली, हिंदुओं की यात्रा पर आक्रमण हुए’
काशी में रविवार को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने संतों के साथ बैठक की। इसमें स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा- पहले भी कई ऐसे वीडियो आए हैं जिनमें विशेष वर्ग के लोग ऐसा करते दिखाई दे रहे हैं जो हमारी सनातन आस्था को ठेस पहुंचाता है। बहराइच की घटना हो या फिर दिल्ली में रामनवमी, सनातन हिंदू की यात्रा पर आक्रमण हुए हैं। ऐसे में कुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा- हिंदू समाज विभाजित और विखंडित ना हो, इसके लिए हम पूरे देश में यात्रा करेंगे। कुंभ हमारी आस्था, शक्ति और भक्ति का केंद्र है। कुंभ में राजश्री और तांसी शक्तियों ने मिलकर समुद्र का मंथन किया। इसका उद्देश्य था, अमृत। सनातनियों की आस्था के केंद्र से सरकारी नियंत्रण हटना चाहिए। सरकार से इस देश के मठ और मंदिर मुक्त हों, सनातनियों के हाथ में उनका नियंत्रण हो। कुंभ में भी इन्हीं बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। रवींद्रपुरी बोले- मुस्लिम संत बनकर घूम रहे 8 नवंबर को प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई। इसमें रवींद्रपुरी महाराज ने कहा- हमने हरिद्वार में देखा है कि वहां कई मुस्लिम भाई संत बनकर घूम रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि जो भी प्रयागराज महाकुंभ में आए, उसकी जांच हो। उसके पास आधार कार्ड हो, ताकि पहचान हो सके। हमारे साधु-संत, श्रद्धालु और शासन-प्रशासन सभी सुरक्षित हो सकें। ये महाकुंभ है, कोई भी उग्रवादी यहां संत बनकर आ सकता है। धीरेंद्र शास्त्री बोले- मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम… छत्तीसगढ़ के कवर्धा में बालाजी हनुमान मंदिर के भूमि पूजन के लिए 3 नवंबर को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहुंचे। उन्होंने कहा- महाकुंभ में गैर सनातनी (जो सनातन परंपरा को नहीं जानते) संतों का क्या सम्मान करेंगे। थूक कांड और पंडालों में आग जैसी प्रायोजित घटनाओं से पता चलता है कि वह एंटी सनातन हैं। उन्हें सनातन से दिक्कत है। जो राम को नहीं मानते, उन्हें राम के काम से क्या काम। मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम…। उन्होंने कहा- गैर हिंदुओं को दुकान न दी जाए। जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में पता हो, पूजा-पाठ और सामग्री की शुद्धता के बारे में पता हो, उन्हें ही यह काम दिया जाना चाहिए। जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में नहीं पता, अगर वे इसके लिए काम करेंगे तो निश्चित ही नाश करेंगे। इसलिए गैर हिंदुओं के लिए महाकुंभ में प्रवेश वर्जित कर देना चाहिए। ——————- महाकुंभ से जुड़ी खबरें और भी हैं… महाकुंभ में पानी के अंदर चलेगा ड्रोन, बिजली गई तो भी नहीं होगा अंधेरा; सुरक्षा में 37 हजार जवान हर समय रहेंगे तैनात महाकुंभ के लिए तंबुओं का शहर बस रहा है। इस महाकुंभ नगरी में सुरक्षा और व्यवस्था हाईटेक होगी। प्रदेश के किसी जिले के मुकाबले सबसे ज्यादा 56 थाने होंगे। 144 पुलिस चौकी होगी। अभी कानपुर में सबसे ज्यादा 52 थाने हैं। महाकुंभ नगरी में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था इतनी दुरुस्त रखने की तैयारी है कि हर विषम परिस्थिति से तुरंत निपटा जा सके। इसके लिए 37 हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती होगी। ढाई महीने बाद शुरू होने वाले इस महाकुंभ के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। कागजों पर खींचा गया व्यवस्थाओं का खाका अब जमीन पर नजर आ रहा है। पढ़ें पूरी खबर… महाकुंभ की तैयारी कहां तक पहुंची: 50 हजार लोग रात-दिन नया शहर बसाने में लगे; पुल नहीं बना तो अस्थायी फोरलेन स्टील ब्रिज बना रहे 13 जनवरी 2025 को दुनिया के सबसे बड़े मेले यानी प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी। 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट है। 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान है। 10 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष आएंगे। देश के राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से लेकर हर मंत्री इस महाकुंभ में शामिल होंगे। 13 अखाड़ों के प्रमुख धर्मगुरु यहां दो महीने तक मौजूद रहेंगे। दुनियाभर की मीडिया की इस पर नजर होगी। महाकुंभ की शुरुआत में अब 75 दिन बाकी हैं। पढ़िए महाकुंभ की तैयारियों पर ग्राउंड रिपोर्ट… प्रयागराज महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर पाबंदी का मामला गरमा गया है। साधु-संतों, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री और अन्य हिंदू संगठनों ने इस कुंभ मेले में मुस्लिमों की एंट्री पर रोक का समर्थन किया है। रविवार को काशी में संतों की बैठक हुई। इसमें सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा- कुंभ शुद्ध सनातनियों का मेला है। जो सनातन धर्म नहीं मानता, उन लोगों को कुंभ में प्रवेश नहीं देना चाहिए। अगर मक्का और मस्जिदों में हिंदुओं का प्रवेश नहीं है, तो फिर सनातनियों के कुंभ में इन लोगों का प्रवेश नहीं होना चाहिए। इस बीच, मुस्लिम संगठन और नेताओं ने इसका विरोध किया है। एंट्री पर विवाद क्यों छिड़ा: 4 नवंबर को प्रयागराज में भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई। इसमें प्रस्ताव पास हुआ कि महाकुंभ मेले में सिर्फ सनातनियों को ही प्रवेश दिया जाए। कोई भी मुखौटा लगाकर गलत तरीके से कुंभ मेले में प्रवेश कर सनातन संस्कृति और परंपरा को दूषित कर सकता है। इस खतरे से निपटने के लिए समय रहते मेला प्रशासन और सरकार को चौकन्ना रहना होगा। मुस्लिम संगठन ने क्या कहा? पहले पढ़िए- बर्क बोले- सरकार खामोश होकर तमाशा देख रही
संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने 5 नवंबर को कहा- कुंभ में अखाड़ा परिषद की ओर से मुस्लिम दुकानदारों को दुकान लगाने की जगह न देने का ऐलान किया गया है। सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। महाकुंभ में अगर मुस्लिमों को जगह नहीं दी जाती है, तो मुस्लिम जगहों पर मुसलमान भी हिंदुओं को जगह नहीं देंगे। उन्होंने कहा- इस तरह का आदेश देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। अफसोस, भारत के अंदर अभी भी ऐसी मानसिकता वाले लोग हैं। वे संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। सरकार खामोश होकर तमाशा देख रही है। इससे साबित होता है कि सरकार इस तरह की चीजों को बढ़ावा देना चाहती है। मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन बोले- ऐसे फैसले नफरत फैलाते हैं
4 नवंबर को बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भी इस पर बयान दिया। कहा- कुंभ मेला शुरू होने जा रहा है, जो अमन और शांति के साथ संपन्न होना चाहिए। अफसोस की बात यह है कि अखाड़ा परिषद ने ये घोषणा की है कि मेले में किसी भी मुसलमान की दुकान नहीं लगने दी जाएगी। अखाड़ा परिषद का यह फैसला सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला है। ऐसे फैसले समाज में नफरत फैलाते हैं। इस तरह के फैसलों से देश को नुकसान होता है। अब पढ़ते हैं, हिंदू धर्मगुरुओं का क्या कहना है? ‘बहराइच हो या दिल्ली, हिंदुओं की यात्रा पर आक्रमण हुए’
काशी में रविवार को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने संतों के साथ बैठक की। इसमें स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा- पहले भी कई ऐसे वीडियो आए हैं जिनमें विशेष वर्ग के लोग ऐसा करते दिखाई दे रहे हैं जो हमारी सनातन आस्था को ठेस पहुंचाता है। बहराइच की घटना हो या फिर दिल्ली में रामनवमी, सनातन हिंदू की यात्रा पर आक्रमण हुए हैं। ऐसे में कुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा- हिंदू समाज विभाजित और विखंडित ना हो, इसके लिए हम पूरे देश में यात्रा करेंगे। कुंभ हमारी आस्था, शक्ति और भक्ति का केंद्र है। कुंभ में राजश्री और तांसी शक्तियों ने मिलकर समुद्र का मंथन किया। इसका उद्देश्य था, अमृत। सनातनियों की आस्था के केंद्र से सरकारी नियंत्रण हटना चाहिए। सरकार से इस देश के मठ और मंदिर मुक्त हों, सनातनियों के हाथ में उनका नियंत्रण हो। कुंभ में भी इन्हीं बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। रवींद्रपुरी बोले- मुस्लिम संत बनकर घूम रहे 8 नवंबर को प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई। इसमें रवींद्रपुरी महाराज ने कहा- हमने हरिद्वार में देखा है कि वहां कई मुस्लिम भाई संत बनकर घूम रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि जो भी प्रयागराज महाकुंभ में आए, उसकी जांच हो। उसके पास आधार कार्ड हो, ताकि पहचान हो सके। हमारे साधु-संत, श्रद्धालु और शासन-प्रशासन सभी सुरक्षित हो सकें। ये महाकुंभ है, कोई भी उग्रवादी यहां संत बनकर आ सकता है। धीरेंद्र शास्त्री बोले- मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम… छत्तीसगढ़ के कवर्धा में बालाजी हनुमान मंदिर के भूमि पूजन के लिए 3 नवंबर को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहुंचे। उन्होंने कहा- महाकुंभ में गैर सनातनी (जो सनातन परंपरा को नहीं जानते) संतों का क्या सम्मान करेंगे। थूक कांड और पंडालों में आग जैसी प्रायोजित घटनाओं से पता चलता है कि वह एंटी सनातन हैं। उन्हें सनातन से दिक्कत है। जो राम को नहीं मानते, उन्हें राम के काम से क्या काम। मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम…। उन्होंने कहा- गैर हिंदुओं को दुकान न दी जाए। जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में पता हो, पूजा-पाठ और सामग्री की शुद्धता के बारे में पता हो, उन्हें ही यह काम दिया जाना चाहिए। जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में नहीं पता, अगर वे इसके लिए काम करेंगे तो निश्चित ही नाश करेंगे। इसलिए गैर हिंदुओं के लिए महाकुंभ में प्रवेश वर्जित कर देना चाहिए। ——————- महाकुंभ से जुड़ी खबरें और भी हैं… महाकुंभ में पानी के अंदर चलेगा ड्रोन, बिजली गई तो भी नहीं होगा अंधेरा; सुरक्षा में 37 हजार जवान हर समय रहेंगे तैनात महाकुंभ के लिए तंबुओं का शहर बस रहा है। इस महाकुंभ नगरी में सुरक्षा और व्यवस्था हाईटेक होगी। प्रदेश के किसी जिले के मुकाबले सबसे ज्यादा 56 थाने होंगे। 144 पुलिस चौकी होगी। अभी कानपुर में सबसे ज्यादा 52 थाने हैं। महाकुंभ नगरी में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था इतनी दुरुस्त रखने की तैयारी है कि हर विषम परिस्थिति से तुरंत निपटा जा सके। इसके लिए 37 हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती होगी। ढाई महीने बाद शुरू होने वाले इस महाकुंभ के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। कागजों पर खींचा गया व्यवस्थाओं का खाका अब जमीन पर नजर आ रहा है। पढ़ें पूरी खबर… महाकुंभ की तैयारी कहां तक पहुंची: 50 हजार लोग रात-दिन नया शहर बसाने में लगे; पुल नहीं बना तो अस्थायी फोरलेन स्टील ब्रिज बना रहे 13 जनवरी 2025 को दुनिया के सबसे बड़े मेले यानी प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी। 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट है। 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान है। 10 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष आएंगे। देश के राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से लेकर हर मंत्री इस महाकुंभ में शामिल होंगे। 13 अखाड़ों के प्रमुख धर्मगुरु यहां दो महीने तक मौजूद रहेंगे। दुनियाभर की मीडिया की इस पर नजर होगी। महाकुंभ की शुरुआत में अब 75 दिन बाकी हैं। पढ़िए महाकुंभ की तैयारियों पर ग्राउंड रिपोर्ट…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर