‘हम बहुत परेशान हैं। मेरा पैर टूटा हुआ है। खेत में धान लगाया है। रात भर जागना पड़ता है, ताकि खेत में सांड या नील गाय न घुस जाए। अभी की सरकार छुट्टा पशुओं से मुक्ति नहीं दिला पा रही। इसलिए हम, हमारी बात करने वालों के साथ हैं।’ ऐसा कहने वाले रामनिधि अकेले किसान नहीं हैं। वह फूलपुर के दयालपुर गांव में रहते हैं। हालांकि, रामनिधि की बात काटते हुए लक्ष्मीकांत कहते हैं- यहां विकास हो रहा है, यही बड़ा मुद्दा है। कानून व्यवस्था अच्छी है। अब माफियागिरी कम हुई है। यूपी में 20 नवंबर को उपचुनाव हैं। फूलपुर में सपा ने मुस्तफा सिद्दीकी को फिर से मौका दिया है। उनके सामने भाजपा ने पूर्व सांसद केशरी देवी पटेल के बेटे दीपक पटेल को उतारा है। बसपा ने जीतेंद्र कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया है। हर दिन यहां चुनावी सीन बदल रहा है। 12 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मेन फाइट भाजपा और सपा में है। रविवार को सीएम योगी की रैली के बाद यहां माहौल बदला है। भाजपा कुछ मजबूत हुई है। भाजपा PDA फॉर्मूले को क्रैक करने में लगी है। 4 दिन बाद अखिलेश यादव की जनसभा होनी है, सियासी समीकरण बदल भी सकते हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरू की सीट रही फूलपुर में वोटर्स का क्या रुख है? लोकल मुद्दे क्या हैं? ये मुद्दे उपचुनाव पर कितने हावी होंगे? जानने के लिए दैनिक भास्कर फूलपुर पहुंचा.. सबसे पहले फूलपुर का सियासी समीकरण
भाजपा फूलपुर सीट पर लगातार 2 बार चुनाव जीत चुकी है। दोनों चुनाव प्रवीण पटेल ने जीते। वह लोकसभा चुनाव में फूलपुर से जीते। प्रवीण पटेल के सांसद बनने के बाद फूलपुर विधानसभा सीट खाली हो गई। इसलिए यहां उपचुनाव होने जा रहा। पिछले 3 विधानसभा चुनाव में भाजपा-सपा के बीच टक्कर रही। जीत-हार के मार्जिन में एक बड़ा फर्क देखा गया। मोदी मैजिक के चलते 2017 में जीत का मार्जिन बढ़ा। भाजपा 26,213 वोटों से जीती। लेकिन, 2022 में यह अंतर सिर्फ 2,732 वोटों का रहा। 2012 चुनाव की बात करें, तब सपा ने भाजपा को 7,900 वोटों से हराया। प्रवीण पटेल लोकसभा चुनाव में जीते, लेकिन अपनी ही विधानसभा में उन्हें सपा से 17,860 वोट कम मिले। यही आंकड़ा भाजपा के लिए मुसीबत बना है। अब बात वोटर्स की…
हम प्रयागराज मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर फूलपुर विधानसभा सीट के अलग-अलग 20 गांवों और मार्केट में गए। सबसे पहले फाफामऊ होते सिकंदरा के आगे सिलोखरा तिराहे पर पहुंचे। यहां राजाराम की चाय की दुकान पर चुनावी चर्चा चल रही थी। हमारी मुलाकात लाल बहादुर सिंह से हुई। वह जनरल कम्युनिटी से आते हैं। तिराहे के पास ही रहते हैं। लाल बहादुर ने कहा- यहां विकास हो रहा है। सरकार अच्छा काम कर रही है। उनका जवाब सुनते ही बगल में बैठे किसान रामनिधि बोले- ये कैसा विकास है। हम किसान हैं। रात-रात भर जागकर खेतों की रखवाली करते हैं। सांड और नील गाय हमारी फसलें बर्बाद कर दे रही हैं। रामनिधि की बात का समर्थन दयालपुर के पूर्व प्रधान रामकृष्ण पासी ने किया। रामकृष्ण ने कहा- फूलपुर का किसान परेशान और लाचार है। यूरिया डीएपी का वजन घटता जा रहा और कीमत बढ़ती जा रही है। आलू की बुआई आ गई, किसान को डीएपी नहीं मिल रही। उनके साथ बैठे उमेश चंद्र जायसवाल ने कहा- सच में किसान परेशान है और परिवर्तन चाहता है। रेलवे क्रासिंग की समस्या बना मुद्दा
फूलपुर रेलवे क्रासिंग के पास हम मुस्लिम बहुल इलाकों में पहुंचे। यहां फर्नीचर का काम करने वाले सैय्यद सुहैल अहमद उर्फ गुड्डू प्लाई से मुलाकात हुई। उन्होंने कहा- इस बार लोकल बनाम प्रवासी का मामला है। भाजपा प्रत्याशी दीपक पटेल हमारे विधानसभा क्षेत्र के नहीं हैं। इनकी मां केसरी देवी पटेल यहां की सांसद रहीं, लेकिन उनके काम अच्छे नहीं थे। तभी तो भाजपा ने उनका टिकट काटा था। सपा प्रत्याशी मुज्तबा सिद्दीकी यहीं के हैं। मिलनसार हैं, इसलिए लोग उनके साथ हैं। दुकानदार मो. रहीम और शहनवाज हुसैन ने कहा- विकास के नाम पर फूलपुर में कुछ नहीं हुआ। रेलवे क्रासिंग बंद कर दी गई। हम लोगों का धंधा बंद हो गया। यहां भाजपा के विधायक और सांसद रहे। लेकिन, इस पर ध्यान नहीं दिया गया। हार्डवेयर की दुकान चलाने वाले शकील अहमद ने कहा- हम लोग विकास के मुद्दे पर वोट करने जा रहे हैं, न कि जाति और धर्म के नाम पर। इस सरकार में विकास हुआ है। पूरे देश में सड़कों का जाल बिछा दिया गया है। अब बात एक्सपर्ट्स की… फूलपुर में होगा कांटे का मुकाबला
फूलपुर की राजनीति को करीब से जानने वाले सीनियर जर्नलिस्ट पवन द्विवेदी मानते हैं कि उपचुनाव में भाजपा को सपा से कड़ी चुनौती मिलने वाली है। मेन फाइट भी इन्हीं दोनों पार्टियों के बीच है। मुकाबला कांटे का होगा। सपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है, क्योंकि कुछ महीने पहले लोकसभा चुनाव में उसे यहां से रिकॉर्ड वोट मिले। वह कहते हैं- लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के बाद भाजपा को यहां दोगुनी मेहनत करनी पड़ेगी। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ-साथ 12 से ज्यादा मंत्री यहां आ चुके हैं। भाजपा की पूरी फौज प्रचार में जुटी है। वहीं, सपा भी अपने PDA का नारा देकर पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों को साधने में जुटी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी जनसभा के लिए फूलपुर आ रहे हैं। इसके बाद समीकरण और बदलेंगे। एक नजर फूलपुर के जातीय समीकरण पर फूलपुर सीट पर पटेल और यादवों की संख्या ज्यादा है। मुस्लिमों की संख्या भी ठीक है। यादव और मुस्लिम पूरी तरह से सपा के वोट बैंक के रूप में हैं, जबकि पटेल बिरादरी का वोट बैंक भाजपा के पाले में जाते दिख रहा है। क्योंकि भाजपा प्रत्याशी दीपक पटेल हैं। भाजपा अगर सवर्ण वोटर को पूरी तरह अपने पक्ष में करने में कामयाब रहती है, तब उसे अच्छी बढ़त मिलेगी। लंबे समय से भाजपा ने सवर्ण कैंडिडेट नहीं उतारा है। इससे उनमें नाराजगी है। लोकसभा चुनाव में सवर्ण वोटर में बिखराव हुआ था। अब बात पॉलिटिकल पार्टियों की… केशरी देवी पटेल ने कहा- बेटे को जनता जिताएगी
बेटे दीपक पटेल के लिए प्रचार कर रहीं पूर्व सांसद केशरी देवी पटेल से हमने बात की। उन्होंने कहा- मैं जानती हूं कि बेटे को जनता जिताएगी। मैं अपने क्षेत्र की जनता को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने मुझे सांसद बनाया था। अब बेटे को अपना आशीर्वाद देगी। यहां लगातार विकास कार्य हो रहे हैं। फूलपुर के विकास के लिए हमारी सरकार एडवांस में पैसा भेजती है। महाकुंभ को लेकर यहां अलग से काम हो रहा है। विकास हो रहा है। आने वाली 23 नवंबर को नतीजे सभी के सामने होंगे। सपा के लिए इंद्रजीत सरोज कर रहे कैंपेनिंग
सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज फुलपुर उपचुनाव में प्रभारी हैं। हमने उनसे चुनाव प्रचार के दौरान बात की। इंद्रजीत सरोज ने कहा- अखिलेश यादव जी के निर्देश पर सभी लोग प्रचार में जुटे हैं। हमारे सभी कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभा रहे हैं। मुस्तफा सिद्दीकी को जनता जानती है। वह ईमानदार नेता हैं। जनता पीडीए के साथ है। फूलपुर में जनता मवेशियों से परेशान है। हम यह चुनाव जीत रहे हैं। अब जानते हैं पिछले तीन चुनाव का रिजल्ट ————————— यह खबर भी पढ़ें कटेहरी में मुश्किल में सपा, पत्नी को उतार घिरे सांसद: जिता दीजिए या चिता पर लिटा दीजिए…तक पहुंच गया चुनाव अम्बेडकरनगर की कटेहरी में उपचुनाव होना है। पूरा चुनावी माहौल समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम कटेहरी पहुंची। यहां क्या राजनीतिक समीकरण बन रहे? क्या बड़ा उलटफेर होगा? अभी हवा का रुख क्या है? इन सवालों के साथ हमने लोगों और पॉलिटिकल एक्सपर्ट से बात की। पढ़ें पूरी ग्राउंड रिपोर्ट… ‘हम बहुत परेशान हैं। मेरा पैर टूटा हुआ है। खेत में धान लगाया है। रात भर जागना पड़ता है, ताकि खेत में सांड या नील गाय न घुस जाए। अभी की सरकार छुट्टा पशुओं से मुक्ति नहीं दिला पा रही। इसलिए हम, हमारी बात करने वालों के साथ हैं।’ ऐसा कहने वाले रामनिधि अकेले किसान नहीं हैं। वह फूलपुर के दयालपुर गांव में रहते हैं। हालांकि, रामनिधि की बात काटते हुए लक्ष्मीकांत कहते हैं- यहां विकास हो रहा है, यही बड़ा मुद्दा है। कानून व्यवस्था अच्छी है। अब माफियागिरी कम हुई है। यूपी में 20 नवंबर को उपचुनाव हैं। फूलपुर में सपा ने मुस्तफा सिद्दीकी को फिर से मौका दिया है। उनके सामने भाजपा ने पूर्व सांसद केशरी देवी पटेल के बेटे दीपक पटेल को उतारा है। बसपा ने जीतेंद्र कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया है। हर दिन यहां चुनावी सीन बदल रहा है। 12 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मेन फाइट भाजपा और सपा में है। रविवार को सीएम योगी की रैली के बाद यहां माहौल बदला है। भाजपा कुछ मजबूत हुई है। भाजपा PDA फॉर्मूले को क्रैक करने में लगी है। 4 दिन बाद अखिलेश यादव की जनसभा होनी है, सियासी समीकरण बदल भी सकते हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरू की सीट रही फूलपुर में वोटर्स का क्या रुख है? लोकल मुद्दे क्या हैं? ये मुद्दे उपचुनाव पर कितने हावी होंगे? जानने के लिए दैनिक भास्कर फूलपुर पहुंचा.. सबसे पहले फूलपुर का सियासी समीकरण
भाजपा फूलपुर सीट पर लगातार 2 बार चुनाव जीत चुकी है। दोनों चुनाव प्रवीण पटेल ने जीते। वह लोकसभा चुनाव में फूलपुर से जीते। प्रवीण पटेल के सांसद बनने के बाद फूलपुर विधानसभा सीट खाली हो गई। इसलिए यहां उपचुनाव होने जा रहा। पिछले 3 विधानसभा चुनाव में भाजपा-सपा के बीच टक्कर रही। जीत-हार के मार्जिन में एक बड़ा फर्क देखा गया। मोदी मैजिक के चलते 2017 में जीत का मार्जिन बढ़ा। भाजपा 26,213 वोटों से जीती। लेकिन, 2022 में यह अंतर सिर्फ 2,732 वोटों का रहा। 2012 चुनाव की बात करें, तब सपा ने भाजपा को 7,900 वोटों से हराया। प्रवीण पटेल लोकसभा चुनाव में जीते, लेकिन अपनी ही विधानसभा में उन्हें सपा से 17,860 वोट कम मिले। यही आंकड़ा भाजपा के लिए मुसीबत बना है। अब बात वोटर्स की…
हम प्रयागराज मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर फूलपुर विधानसभा सीट के अलग-अलग 20 गांवों और मार्केट में गए। सबसे पहले फाफामऊ होते सिकंदरा के आगे सिलोखरा तिराहे पर पहुंचे। यहां राजाराम की चाय की दुकान पर चुनावी चर्चा चल रही थी। हमारी मुलाकात लाल बहादुर सिंह से हुई। वह जनरल कम्युनिटी से आते हैं। तिराहे के पास ही रहते हैं। लाल बहादुर ने कहा- यहां विकास हो रहा है। सरकार अच्छा काम कर रही है। उनका जवाब सुनते ही बगल में बैठे किसान रामनिधि बोले- ये कैसा विकास है। हम किसान हैं। रात-रात भर जागकर खेतों की रखवाली करते हैं। सांड और नील गाय हमारी फसलें बर्बाद कर दे रही हैं। रामनिधि की बात का समर्थन दयालपुर के पूर्व प्रधान रामकृष्ण पासी ने किया। रामकृष्ण ने कहा- फूलपुर का किसान परेशान और लाचार है। यूरिया डीएपी का वजन घटता जा रहा और कीमत बढ़ती जा रही है। आलू की बुआई आ गई, किसान को डीएपी नहीं मिल रही। उनके साथ बैठे उमेश चंद्र जायसवाल ने कहा- सच में किसान परेशान है और परिवर्तन चाहता है। रेलवे क्रासिंग की समस्या बना मुद्दा
फूलपुर रेलवे क्रासिंग के पास हम मुस्लिम बहुल इलाकों में पहुंचे। यहां फर्नीचर का काम करने वाले सैय्यद सुहैल अहमद उर्फ गुड्डू प्लाई से मुलाकात हुई। उन्होंने कहा- इस बार लोकल बनाम प्रवासी का मामला है। भाजपा प्रत्याशी दीपक पटेल हमारे विधानसभा क्षेत्र के नहीं हैं। इनकी मां केसरी देवी पटेल यहां की सांसद रहीं, लेकिन उनके काम अच्छे नहीं थे। तभी तो भाजपा ने उनका टिकट काटा था। सपा प्रत्याशी मुज्तबा सिद्दीकी यहीं के हैं। मिलनसार हैं, इसलिए लोग उनके साथ हैं। दुकानदार मो. रहीम और शहनवाज हुसैन ने कहा- विकास के नाम पर फूलपुर में कुछ नहीं हुआ। रेलवे क्रासिंग बंद कर दी गई। हम लोगों का धंधा बंद हो गया। यहां भाजपा के विधायक और सांसद रहे। लेकिन, इस पर ध्यान नहीं दिया गया। हार्डवेयर की दुकान चलाने वाले शकील अहमद ने कहा- हम लोग विकास के मुद्दे पर वोट करने जा रहे हैं, न कि जाति और धर्म के नाम पर। इस सरकार में विकास हुआ है। पूरे देश में सड़कों का जाल बिछा दिया गया है। अब बात एक्सपर्ट्स की… फूलपुर में होगा कांटे का मुकाबला
फूलपुर की राजनीति को करीब से जानने वाले सीनियर जर्नलिस्ट पवन द्विवेदी मानते हैं कि उपचुनाव में भाजपा को सपा से कड़ी चुनौती मिलने वाली है। मेन फाइट भी इन्हीं दोनों पार्टियों के बीच है। मुकाबला कांटे का होगा। सपा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है, क्योंकि कुछ महीने पहले लोकसभा चुनाव में उसे यहां से रिकॉर्ड वोट मिले। वह कहते हैं- लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के बाद भाजपा को यहां दोगुनी मेहनत करनी पड़ेगी। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ-साथ 12 से ज्यादा मंत्री यहां आ चुके हैं। भाजपा की पूरी फौज प्रचार में जुटी है। वहीं, सपा भी अपने PDA का नारा देकर पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों को साधने में जुटी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी जनसभा के लिए फूलपुर आ रहे हैं। इसके बाद समीकरण और बदलेंगे। एक नजर फूलपुर के जातीय समीकरण पर फूलपुर सीट पर पटेल और यादवों की संख्या ज्यादा है। मुस्लिमों की संख्या भी ठीक है। यादव और मुस्लिम पूरी तरह से सपा के वोट बैंक के रूप में हैं, जबकि पटेल बिरादरी का वोट बैंक भाजपा के पाले में जाते दिख रहा है। क्योंकि भाजपा प्रत्याशी दीपक पटेल हैं। भाजपा अगर सवर्ण वोटर को पूरी तरह अपने पक्ष में करने में कामयाब रहती है, तब उसे अच्छी बढ़त मिलेगी। लंबे समय से भाजपा ने सवर्ण कैंडिडेट नहीं उतारा है। इससे उनमें नाराजगी है। लोकसभा चुनाव में सवर्ण वोटर में बिखराव हुआ था। अब बात पॉलिटिकल पार्टियों की… केशरी देवी पटेल ने कहा- बेटे को जनता जिताएगी
बेटे दीपक पटेल के लिए प्रचार कर रहीं पूर्व सांसद केशरी देवी पटेल से हमने बात की। उन्होंने कहा- मैं जानती हूं कि बेटे को जनता जिताएगी। मैं अपने क्षेत्र की जनता को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने मुझे सांसद बनाया था। अब बेटे को अपना आशीर्वाद देगी। यहां लगातार विकास कार्य हो रहे हैं। फूलपुर के विकास के लिए हमारी सरकार एडवांस में पैसा भेजती है। महाकुंभ को लेकर यहां अलग से काम हो रहा है। विकास हो रहा है। आने वाली 23 नवंबर को नतीजे सभी के सामने होंगे। सपा के लिए इंद्रजीत सरोज कर रहे कैंपेनिंग
सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज फुलपुर उपचुनाव में प्रभारी हैं। हमने उनसे चुनाव प्रचार के दौरान बात की। इंद्रजीत सरोज ने कहा- अखिलेश यादव जी के निर्देश पर सभी लोग प्रचार में जुटे हैं। हमारे सभी कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभा रहे हैं। मुस्तफा सिद्दीकी को जनता जानती है। वह ईमानदार नेता हैं। जनता पीडीए के साथ है। फूलपुर में जनता मवेशियों से परेशान है। हम यह चुनाव जीत रहे हैं। अब जानते हैं पिछले तीन चुनाव का रिजल्ट ————————— यह खबर भी पढ़ें कटेहरी में मुश्किल में सपा, पत्नी को उतार घिरे सांसद: जिता दीजिए या चिता पर लिटा दीजिए…तक पहुंच गया चुनाव अम्बेडकरनगर की कटेहरी में उपचुनाव होना है। पूरा चुनावी माहौल समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम कटेहरी पहुंची। यहां क्या राजनीतिक समीकरण बन रहे? क्या बड़ा उलटफेर होगा? अभी हवा का रुख क्या है? इन सवालों के साथ हमने लोगों और पॉलिटिकल एक्सपर्ट से बात की। पढ़ें पूरी ग्राउंड रिपोर्ट… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर