महाकुंभ में वैष्णव संतों की अग्नि स्नान साधना, VIDEO:लगातार 18 साल करेंगे तप; शरीर तक झुलस जाता है, तब मिलेगी वैरागी उपाधि

महाकुंभ में वैष्णव संतों की अग्नि स्नान साधना, VIDEO:लगातार 18 साल करेंगे तप; शरीर तक झुलस जाता है, तब मिलेगी वैरागी उपाधि

महाकुंभ में वैष्णव संतों ने वसंत पंचमी पर अमृत स्नान करने के बाद अपनी विशेष साधना पंच धूनी तपस्या शुरू की है। इसे अग्नि स्नान साधना भी कहते हैं। संत अपने चारों ओर जलती आग के घेरे बनाकर उसके बीच में बैठकर साधना कर रहे हैं। जिस आग की हल्की से आंच के सम्पर्क में आने से इंसान की त्वचा झुलस जाती है, उससे कई गुना अधिक आंच के घेरे में बैठकर ये वैष्णव संत अपनी साधना करते हैं। श्री दिगंबर अनी अखाड़े के महंत राघव दास ने बताया- यह साधना 18 वर्षों की होती है। इस अनुष्ठान को पूरा करने के पीछे न सिर्फ साधना के उद्देश्य की पूर्ति करनी होती है, बल्कि साधु की क्षमता और सहनशीलता का परीक्षण भी होता है। इस कठोर तप से गुजरने के बाद उस साधु को वैरागी की उपाधि मिलती है। देखें वीडियो स्टोरी… महाकुंभ में वैष्णव संतों ने वसंत पंचमी पर अमृत स्नान करने के बाद अपनी विशेष साधना पंच धूनी तपस्या शुरू की है। इसे अग्नि स्नान साधना भी कहते हैं। संत अपने चारों ओर जलती आग के घेरे बनाकर उसके बीच में बैठकर साधना कर रहे हैं। जिस आग की हल्की से आंच के सम्पर्क में आने से इंसान की त्वचा झुलस जाती है, उससे कई गुना अधिक आंच के घेरे में बैठकर ये वैष्णव संत अपनी साधना करते हैं। श्री दिगंबर अनी अखाड़े के महंत राघव दास ने बताया- यह साधना 18 वर्षों की होती है। इस अनुष्ठान को पूरा करने के पीछे न सिर्फ साधना के उद्देश्य की पूर्ति करनी होती है, बल्कि साधु की क्षमता और सहनशीलता का परीक्षण भी होता है। इस कठोर तप से गुजरने के बाद उस साधु को वैरागी की उपाधि मिलती है। देखें वीडियो स्टोरी…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर