साख का सवाल बना मिल्कीपुर उपचुनाव:भाजपा-सपा के बीच सीधी टक्कर, रामनगरी से संदेश बदलने और बरकरार रखने की जंग

साख का सवाल बना मिल्कीपुर उपचुनाव:भाजपा-सपा के बीच सीधी टक्कर, रामनगरी से संदेश बदलने और बरकरार रखने की जंग

अयोध्या की मिल्कीपुर सीट का उपचुनाव भाजपा और सपा की साख का सवाल है। यूं तो चुनावी तैयारी और सियासी ताकत में भाजपा ने सपा पर बढ़त बनाई है। लेकिन सीट के जातीय समीकरण और चुनावी इतिहास देखें तो उपचुनाव में मुकाबला रोचक और कांटे का है। रामनगरी की इस सीट पर भाजपा ने जहां संदेश बदलने के लिए ताकत झोंकी है, वहीं सपा ने संदेश बरकरार रखने के लिए मशक्कत की है। विस्तार से पढ़िए दोनों पार्टियों ने क्या रणनीति अपनाई… भाजपा ने मिल्कीपुर में उपचुनाव की तैयारी करीब 5 महीने पहले जुलाई 2024 में ही शुरू कर दी थी। सीएम योगी ने 10 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने के मद्देनजर मिल्कीपुर और कटेहरी सीट की कमान खुद अपने हाथ में रखी। एक याचिका दायर होने के कारण मिल्कीपुर उपचुनाव कुछ दिनों के लिए टल गया। लेकिन भाजपा ने अपनी तैयारी जारी रखी। नवंबर 2024 में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में कटेहरी सहित 7 सीटें भाजपा ने जीती थीं। विवाद टालने के लिए प्रत्याशी बदला
मिल्कीपुर उपचुनाव में प्रत्याशी चयन बड़ी मशक्कत के बाद हुआ। पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा प्रबल दावेदार थे। पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, पार्टी के महामंत्री राधेश्याम त्यागी सहित अन्य मजबूत दावेदार थे। लेकिन पार्टी ने विवाद से बचने के लिए नए चेहरे एडवोकेट चंद्रभानु पासवान को मौका दिया। प्रत्याशी चयन के बाद जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सभी दावेदारों की नाराजगी भी दूर की। भाजपा का माइक्रो प्लान
मिल्कीपुर उपचुनाव जीतने के लिए भाजपा ने माइक्रो प्लान तैयार किया। विधानसभा क्षेत्र के एक-एक परिवार की विचारधारा का डाटा तैयार किया। सबसे पहले भाजपा ने विचारधारा से जुड़े मतदाताओं से संपर्क का प्लान बनाया। उसके बाद न्यूट्रल रहने वाले या हवा का रुख देखकर निर्णय लेने वाले मतदाताओं की सूची तैयार कर उनसे संपर्क साधा। तीसरी सूची में वह मतदाता थे, जो भाजपा विरोधी हैं, किसी भी स्थिति में भाजपा को वोट नहीं देते हैं। ऐसे मतदाताओं का प्रभाव कम करने के लिए कुंदरकी मॉडल पर काम किया। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह बताते हैं कि उपचुनाव में भाजपा ने मिल्कीपुर के एक-एक परिवार से संपर्क किया है। सरकार और संगठन ने समन्वय के साथ चुनाव में प्रचार किया। उनका दावा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा मिल्कीपुर उपचुनाव भारी मतों से जीतेगी। भाजपा-सपा करेंगी संदेश देने की राजनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट से यूपी ही नहीं देश में संदेश जाएगा। मिल्कीपुर जीतकर भाजपा संदेश देना चाहती है कि संविधान बदलने और दलित आरक्षण समाप्त करने का विपक्ष का भ्रामक प्रचार अब बेअसर हो गया है। सपा से ये सीट छीनकर यह भी संदेश देने की कोशिश है कि अयोध्या में राम लहर और राष्ट्रवाद बरकरार है। वहीं, सपा मिल्कीपुर सीट जीतकर संदेश देना चाहेगी कि दलित और पिछड़े वोट बैंक में उसकी पकड़ बरकरार है। सपा का पीडीए फॉर्मूला अभी भी कारगर है। सीएम योगी ने 6 बार दौरा किया
सीएम योगी ने जुलाई से लेकर 2 फरवरी तक मिल्कीपुर का 6 बार दौरा किया। योगी ने वहां भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक के साथ प्रशासनिक बैठकें भी कीं। सीएम की पहल पर ब्राह्मण वोट साधने के लिए पूर्व विधायक इंद्रप्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने मोर्चा संभाला। सितंबर 2024 में सीएम योगी ने वहां एक हजार करोड़ रुपए की 83 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। 15 दिसंबर को आयोजित रोजगार मेले में एक हजार से अधिक युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार के नियुक्ति पत्र भी दिए गए हैं। सरकार और संगठन ने झोंकी ताकत
भाजपा ने 20 जुलाई से ही मिल्कीपुर उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी। सीएम योगी ने मिल्कीपुर सीट की कमान खुद अपने हाथ रखी। सीएम ने मिल्कीपुर सीट के लिए छह मंत्रियों की टीम तैनात की। इनमें दो भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल हैं। कृषि मंत्री एवं पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, सहकारिता मंत्री और चुनाव प्रबंधन के अनुभवी जेपीएस राठौर, खेलकूद राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश यादव, राज्यमंत्री सुनील शर्मा और मयंकेश्वर शरण सिंह को वहां तैनात किया। उधर, संगठन के मोर्चे पर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह डटे रहे। चौधरी और धर्मपाल ने भी 5-5 बार मिल्कीपुर का दौरा किया। नामांकन सभा में भी चौधरी मौजूद रहे। भाजपा ने प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सेंथवार, एमएलसी अवनीश पटेल और अयोध्या के प्रभारी अंबेडकर नगर के पूर्व जिलाध्यक्ष मिथलेश त्रिपाठी को कमान सौंपी। एक हजार से अधिक बैठकें और चौपाल लगाई
अयोध्या में भाजपा के जिला प्रभारी मिथिलेश त्रिपाठी ने बताया कि उपचुनाव की घोषणा के बाद भाजपा ने मिल्कीपुर में करीब एक हजार चौपाल और छोटी-बड़ी बैठकें और चुनावी रैली की हैं। पार्टी के चिकित्सा, व्यापारी, सहकारी, अधिवक्ता प्रकोष्ठ के बैनर तले इन वर्गों के लोगों के सम्मेलन आयोजित किए गए। ग्राम पंचायत प्रधान और बीडीसी सदस्यों के सम्मेलन के साथ प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन भी आयोजित किए गए। एससी वर्ग और ओबीसी वर्ग की प्रत्येक जाति के नेताओं के साथ बैठकें की गईं। पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान चुनाव हारे हुए लोगों से भी संपर्क साधा। 415 बूथ कमेटियों की तीन-तीन बार बैठक कर बूथ प्रबंधन किया गया है। सरकार के मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों और पार्टी के पदाधिकारियों ने 200 से अधिक चौपालें लगाई हैं। 40 विधायकों ने घर-घर दस्तक दी
भाजपा ने मिल्कीपुर उपचुनाव में करीब 40 से अधिक विधायकों की भी ड्यूटी लगाई। विधायकों ने सजातीय लोगों के साथ बैठक कर भाजपा के लिए वोट मांगे। वहीं घर-घर दस्तक देकर जनसंपर्क भी किया। रेप की दो घटनाएं बनीं मुद्दा
मिल्कीपुर उपचुनाव में रेप की दो घटनाओं को पक्ष व विपक्ष ने मुद्दा बनाया। पहला मामला अगस्त का है जब एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने तूल पकड़ा। इस मामले में सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान का नाम आया। मोइद खां का नाम लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूरी भाजपा ने सपा को जमकर घेरा। वहीं, उपचुनाव से ठीक पहले एक अन्य दलित लड़की की जघन्य हत्या की घटना ने विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका दे दिया। सपा की क्या तैयारी रही
मिल्कीपुर का चुनाव सपा ने पूरी तरह से पीडीए के नाम पर लड़ा है। सपा ने आखिरी समय में यहां अपनी ताकत झोंकी। अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद ने हाल ही में एक दलित युवती के साथ हुई बर्बरता काे मुद्दा बनाया। इस मुद्दे पर उनके दो बार आंसू छलके। इन आंसुओं का कितना असर होगा, यह तो नतीजे बताएंगे, लेकिन जानकारों का कहना है कि इसका लाभ सपा को हो सकता है। अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर में आखिरी दिन जनसभा की। उन्होंने पीडीए और संविधान के मुद्दे पर लोगों से वोट मांगा। उन्होंने सीधा हमला योगी आदित्यनाथ पर किया। सपा ने यहां से अवधेश के बेटे अजीत को प्रत्याशी बनाया है। क्या बाजी पलटने में कामयाब रहेंगे अवधेश के आंसू?
अयोध्या चुनाव से 3 दिन पहले दलित युवती की निर्वस्त्र लाश मिली और उसके साथ हुई हैवानियत को सपा ने मुद्दा बनाया। सपा सांसद ने इस पर दो दिन में दो बार आंसू बहाए। इन आंसुओं को सूबे के मुखिया ने नौटंकी करार दिया। ऐसे में सीधा सवाल उठता है कि इन आंसुओं का फायदा सपा को होगा या नहीं? राजनैतिक विश्लेषक राजेंद्र कुमार कहते हैं कि दलित युवती की निर्मम हत्या के मुद्दे को उठाकर सपा ने अपने तेवर दिखाए। महाकुंभ भगदड़ कांड पर सरकार के मौत के आकड़ों को झूठ बताकर भी सपा उपचुनाव में काफी हद तक भाजपा को घेरने में काफी कामयाब रही है। डिंपल की सभा हिट रही
मैनपुरी सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने चुनाव से ठीक पहले मिल्कीपुर में रोड शो करके सपा के पक्ष में माहौल बना दिया। डिंपल के रोड शो में लोगों का जबरदस्त उत्साह दिखा। विपक्ष में होने के बाद भी डिंपल का रोड शो काफी सफल बताया गया। ‘निष्पक्ष चुनाव हुआ तो कम से कम 50 हजार वोटों से जीतेगी सपा’
सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने जीत का दावा किया। उनका कहना है कि पार्टी 50 हजार वोटों से जीतेगी। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मिल्कीपुर में पुलिस और प्रशासन मिलकर सरकार के इशारे पर सपा समर्थकों का जमकर उत्पीड़न कर रहे हैं। लोगों को वोट देने के लिए न निकलने की धमकी दी जा रही है। मायावती का चुनाव से किनारा, इसका किसे लाभ
मायावती ने मिल्कीपुर उपचुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। इससे पहले मायावती ने नवंबर में प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनकी बुरी हार हुई थी। प्रदेश में सीधा मुकाबला सत्तारुढ़ दल भाजपा और सपा के बीच था। राजनीति जानकार कहते हैं कि इसका लाभ सपा को मिल सकता है। क्योंकि अवधेश प्रसाद लंबे समय से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। अगर बसपा यहां अपने प्रत्याशी उतारती तो सत्ता विरोधी मतों का विभाजन होता। वहीं, असपा ने सपा की चिंताएं जरूर बढ़ा दी है। हालांकि असपा यानी आजाद समाज पार्टी कांशीराम के मुखिया चंद्रशेखर एक बार भी यहां जनसभा करने नहीं आए। ऐसे में उनका प्रत्याशी कितना वोट हासिल करने में कामयाब रहेगा यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा। ————— ये खबर भी पढ़ें… सांसद डिंपल यादव का मिल्कीपुर में रोड शो:सपा कार्यकर्ताओं में दिखा जबरदस्त उत्साह मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में रोड शो करने पहुंची सपा सांसद डिंपल यादव को अपने बीच पाकर कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने में मिला। रोड शो के पहले गुरुवार की दोपहर 1:50 बजे सपा सांसद डिंपल यादव मिल्कीपुर पहुंची। यहां कुमारगंज क्षेत्र अंतर्गत पौराणिक स्थल महर्षि बामदेव मंदिर पहुंची थी, जहां करीब 10 मिनट तक शिव मंदिर में अभिषेक और पूजन किया। भगवान शिव शंकर व पार्वती का आशीर्वाद लिया। पढ़ें पूरी खबर अयोध्या की मिल्कीपुर सीट का उपचुनाव भाजपा और सपा की साख का सवाल है। यूं तो चुनावी तैयारी और सियासी ताकत में भाजपा ने सपा पर बढ़त बनाई है। लेकिन सीट के जातीय समीकरण और चुनावी इतिहास देखें तो उपचुनाव में मुकाबला रोचक और कांटे का है। रामनगरी की इस सीट पर भाजपा ने जहां संदेश बदलने के लिए ताकत झोंकी है, वहीं सपा ने संदेश बरकरार रखने के लिए मशक्कत की है। विस्तार से पढ़िए दोनों पार्टियों ने क्या रणनीति अपनाई… भाजपा ने मिल्कीपुर में उपचुनाव की तैयारी करीब 5 महीने पहले जुलाई 2024 में ही शुरू कर दी थी। सीएम योगी ने 10 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने के मद्देनजर मिल्कीपुर और कटेहरी सीट की कमान खुद अपने हाथ में रखी। एक याचिका दायर होने के कारण मिल्कीपुर उपचुनाव कुछ दिनों के लिए टल गया। लेकिन भाजपा ने अपनी तैयारी जारी रखी। नवंबर 2024 में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में कटेहरी सहित 7 सीटें भाजपा ने जीती थीं। विवाद टालने के लिए प्रत्याशी बदला
मिल्कीपुर उपचुनाव में प्रत्याशी चयन बड़ी मशक्कत के बाद हुआ। पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा प्रबल दावेदार थे। पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, पार्टी के महामंत्री राधेश्याम त्यागी सहित अन्य मजबूत दावेदार थे। लेकिन पार्टी ने विवाद से बचने के लिए नए चेहरे एडवोकेट चंद्रभानु पासवान को मौका दिया। प्रत्याशी चयन के बाद जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सभी दावेदारों की नाराजगी भी दूर की। भाजपा का माइक्रो प्लान
मिल्कीपुर उपचुनाव जीतने के लिए भाजपा ने माइक्रो प्लान तैयार किया। विधानसभा क्षेत्र के एक-एक परिवार की विचारधारा का डाटा तैयार किया। सबसे पहले भाजपा ने विचारधारा से जुड़े मतदाताओं से संपर्क का प्लान बनाया। उसके बाद न्यूट्रल रहने वाले या हवा का रुख देखकर निर्णय लेने वाले मतदाताओं की सूची तैयार कर उनसे संपर्क साधा। तीसरी सूची में वह मतदाता थे, जो भाजपा विरोधी हैं, किसी भी स्थिति में भाजपा को वोट नहीं देते हैं। ऐसे मतदाताओं का प्रभाव कम करने के लिए कुंदरकी मॉडल पर काम किया। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह बताते हैं कि उपचुनाव में भाजपा ने मिल्कीपुर के एक-एक परिवार से संपर्क किया है। सरकार और संगठन ने समन्वय के साथ चुनाव में प्रचार किया। उनका दावा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा मिल्कीपुर उपचुनाव भारी मतों से जीतेगी। भाजपा-सपा करेंगी संदेश देने की राजनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट से यूपी ही नहीं देश में संदेश जाएगा। मिल्कीपुर जीतकर भाजपा संदेश देना चाहती है कि संविधान बदलने और दलित आरक्षण समाप्त करने का विपक्ष का भ्रामक प्रचार अब बेअसर हो गया है। सपा से ये सीट छीनकर यह भी संदेश देने की कोशिश है कि अयोध्या में राम लहर और राष्ट्रवाद बरकरार है। वहीं, सपा मिल्कीपुर सीट जीतकर संदेश देना चाहेगी कि दलित और पिछड़े वोट बैंक में उसकी पकड़ बरकरार है। सपा का पीडीए फॉर्मूला अभी भी कारगर है। सीएम योगी ने 6 बार दौरा किया
सीएम योगी ने जुलाई से लेकर 2 फरवरी तक मिल्कीपुर का 6 बार दौरा किया। योगी ने वहां भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक के साथ प्रशासनिक बैठकें भी कीं। सीएम की पहल पर ब्राह्मण वोट साधने के लिए पूर्व विधायक इंद्रप्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने मोर्चा संभाला। सितंबर 2024 में सीएम योगी ने वहां एक हजार करोड़ रुपए की 83 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। 15 दिसंबर को आयोजित रोजगार मेले में एक हजार से अधिक युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार के नियुक्ति पत्र भी दिए गए हैं। सरकार और संगठन ने झोंकी ताकत
भाजपा ने 20 जुलाई से ही मिल्कीपुर उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी। सीएम योगी ने मिल्कीपुर सीट की कमान खुद अपने हाथ रखी। सीएम ने मिल्कीपुर सीट के लिए छह मंत्रियों की टीम तैनात की। इनमें दो भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल हैं। कृषि मंत्री एवं पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, सहकारिता मंत्री और चुनाव प्रबंधन के अनुभवी जेपीएस राठौर, खेलकूद राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश यादव, राज्यमंत्री सुनील शर्मा और मयंकेश्वर शरण सिंह को वहां तैनात किया। उधर, संगठन के मोर्चे पर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह डटे रहे। चौधरी और धर्मपाल ने भी 5-5 बार मिल्कीपुर का दौरा किया। नामांकन सभा में भी चौधरी मौजूद रहे। भाजपा ने प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सेंथवार, एमएलसी अवनीश पटेल और अयोध्या के प्रभारी अंबेडकर नगर के पूर्व जिलाध्यक्ष मिथलेश त्रिपाठी को कमान सौंपी। एक हजार से अधिक बैठकें और चौपाल लगाई
अयोध्या में भाजपा के जिला प्रभारी मिथिलेश त्रिपाठी ने बताया कि उपचुनाव की घोषणा के बाद भाजपा ने मिल्कीपुर में करीब एक हजार चौपाल और छोटी-बड़ी बैठकें और चुनावी रैली की हैं। पार्टी के चिकित्सा, व्यापारी, सहकारी, अधिवक्ता प्रकोष्ठ के बैनर तले इन वर्गों के लोगों के सम्मेलन आयोजित किए गए। ग्राम पंचायत प्रधान और बीडीसी सदस्यों के सम्मेलन के साथ प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन भी आयोजित किए गए। एससी वर्ग और ओबीसी वर्ग की प्रत्येक जाति के नेताओं के साथ बैठकें की गईं। पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान चुनाव हारे हुए लोगों से भी संपर्क साधा। 415 बूथ कमेटियों की तीन-तीन बार बैठक कर बूथ प्रबंधन किया गया है। सरकार के मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों और पार्टी के पदाधिकारियों ने 200 से अधिक चौपालें लगाई हैं। 40 विधायकों ने घर-घर दस्तक दी
भाजपा ने मिल्कीपुर उपचुनाव में करीब 40 से अधिक विधायकों की भी ड्यूटी लगाई। विधायकों ने सजातीय लोगों के साथ बैठक कर भाजपा के लिए वोट मांगे। वहीं घर-घर दस्तक देकर जनसंपर्क भी किया। रेप की दो घटनाएं बनीं मुद्दा
मिल्कीपुर उपचुनाव में रेप की दो घटनाओं को पक्ष व विपक्ष ने मुद्दा बनाया। पहला मामला अगस्त का है जब एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने तूल पकड़ा। इस मामले में सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान का नाम आया। मोइद खां का नाम लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूरी भाजपा ने सपा को जमकर घेरा। वहीं, उपचुनाव से ठीक पहले एक अन्य दलित लड़की की जघन्य हत्या की घटना ने विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका दे दिया। सपा की क्या तैयारी रही
मिल्कीपुर का चुनाव सपा ने पूरी तरह से पीडीए के नाम पर लड़ा है। सपा ने आखिरी समय में यहां अपनी ताकत झोंकी। अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद ने हाल ही में एक दलित युवती के साथ हुई बर्बरता काे मुद्दा बनाया। इस मुद्दे पर उनके दो बार आंसू छलके। इन आंसुओं का कितना असर होगा, यह तो नतीजे बताएंगे, लेकिन जानकारों का कहना है कि इसका लाभ सपा को हो सकता है। अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर में आखिरी दिन जनसभा की। उन्होंने पीडीए और संविधान के मुद्दे पर लोगों से वोट मांगा। उन्होंने सीधा हमला योगी आदित्यनाथ पर किया। सपा ने यहां से अवधेश के बेटे अजीत को प्रत्याशी बनाया है। क्या बाजी पलटने में कामयाब रहेंगे अवधेश के आंसू?
अयोध्या चुनाव से 3 दिन पहले दलित युवती की निर्वस्त्र लाश मिली और उसके साथ हुई हैवानियत को सपा ने मुद्दा बनाया। सपा सांसद ने इस पर दो दिन में दो बार आंसू बहाए। इन आंसुओं को सूबे के मुखिया ने नौटंकी करार दिया। ऐसे में सीधा सवाल उठता है कि इन आंसुओं का फायदा सपा को होगा या नहीं? राजनैतिक विश्लेषक राजेंद्र कुमार कहते हैं कि दलित युवती की निर्मम हत्या के मुद्दे को उठाकर सपा ने अपने तेवर दिखाए। महाकुंभ भगदड़ कांड पर सरकार के मौत के आकड़ों को झूठ बताकर भी सपा उपचुनाव में काफी हद तक भाजपा को घेरने में काफी कामयाब रही है। डिंपल की सभा हिट रही
मैनपुरी सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने चुनाव से ठीक पहले मिल्कीपुर में रोड शो करके सपा के पक्ष में माहौल बना दिया। डिंपल के रोड शो में लोगों का जबरदस्त उत्साह दिखा। विपक्ष में होने के बाद भी डिंपल का रोड शो काफी सफल बताया गया। ‘निष्पक्ष चुनाव हुआ तो कम से कम 50 हजार वोटों से जीतेगी सपा’
सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने जीत का दावा किया। उनका कहना है कि पार्टी 50 हजार वोटों से जीतेगी। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मिल्कीपुर में पुलिस और प्रशासन मिलकर सरकार के इशारे पर सपा समर्थकों का जमकर उत्पीड़न कर रहे हैं। लोगों को वोट देने के लिए न निकलने की धमकी दी जा रही है। मायावती का चुनाव से किनारा, इसका किसे लाभ
मायावती ने मिल्कीपुर उपचुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। इससे पहले मायावती ने नवंबर में प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनकी बुरी हार हुई थी। प्रदेश में सीधा मुकाबला सत्तारुढ़ दल भाजपा और सपा के बीच था। राजनीति जानकार कहते हैं कि इसका लाभ सपा को मिल सकता है। क्योंकि अवधेश प्रसाद लंबे समय से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। अगर बसपा यहां अपने प्रत्याशी उतारती तो सत्ता विरोधी मतों का विभाजन होता। वहीं, असपा ने सपा की चिंताएं जरूर बढ़ा दी है। हालांकि असपा यानी आजाद समाज पार्टी कांशीराम के मुखिया चंद्रशेखर एक बार भी यहां जनसभा करने नहीं आए। ऐसे में उनका प्रत्याशी कितना वोट हासिल करने में कामयाब रहेगा यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा। ————— ये खबर भी पढ़ें… सांसद डिंपल यादव का मिल्कीपुर में रोड शो:सपा कार्यकर्ताओं में दिखा जबरदस्त उत्साह मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में रोड शो करने पहुंची सपा सांसद डिंपल यादव को अपने बीच पाकर कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने में मिला। रोड शो के पहले गुरुवार की दोपहर 1:50 बजे सपा सांसद डिंपल यादव मिल्कीपुर पहुंची। यहां कुमारगंज क्षेत्र अंतर्गत पौराणिक स्थल महर्षि बामदेव मंदिर पहुंची थी, जहां करीब 10 मिनट तक शिव मंदिर में अभिषेक और पूजन किया। भगवान शिव शंकर व पार्वती का आशीर्वाद लिया। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर