महापौर का लक्ष्य- लखनऊ बनेगा जीरो गार्बेज सिटी:बोलीं- अटल जी का सपना 70% पूरा; पार्षदों के विवाद पर कहा- माहौल बना रहे थे

महापौर का लक्ष्य- लखनऊ बनेगा जीरो गार्बेज सिटी:बोलीं- अटल जी का सपना 70% पूरा; पार्षदों के विवाद पर कहा- माहौल बना रहे थे

लखनऊ में सफाई के मुद्दे पर भाजपा पार्षद अपनी ही महापौर सुषमा खर्कवाल के फैसले का विरोध कर रहे हैं। इस बीच महापौर सुषमा खर्कवाल ने 21 महीने का कार्यकाल बतौर मेयर पूरा कर लिया है। शहर में स्वक्षता सर्वेक्षण की तैयारियों, पार्षदों के गतिरोध, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, नगर निगम में भ्रष्टाचार गंदगी, गलत ढंग से हुए जीआईएस सर्वे सहित कई अन्य मामलों पर महापौर से दैनिक भास्कर ने बातचीत की है। पढ़ें लखनऊ के लोगों से जुड़े मुद्दे पर क्या बोली मेयर…। सवाल: नगर निगम कई दावे कर रहा, इस बार स्वच्छता रैंकिंग कितनी बेहतर होने की उम्मीद है?
जबाव: स्वच्छता सर्वेक्षण जिन-जिन मानकों पर किया जाएगा। उसमें मुझे उम्मीद है कि हम टॉप फाइव में आएंगे। अभी तक ट्रांसफर स्टेशन नहीं थे। अब 45 ट्रांसफर स्टेशन शहर में बन रहे हैं। आधा काम हो चुका है। कुछ का तो मैं उद्घाटन भी कर चुकी हूं। दयाल में एमआरएफ सेंटर बन रहा है, वह एशिया लेवल का बहुत बड़ा एमआरएफ सेंटर है। शिवरी में चार-पांच दशक से कूड़े का ढेर लगा था। उसे रिसाइकल करने का काम हमने किया। लखनऊ के पूर्व सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई शिवरी गए थे तो उन्होंने कूड़ा हटाने की इच्छा जताई थी। एक दिन मैं वहां गई तो मुझे महसूस हुआ कि अटल जी भी यही चाहते थे। उसी दिन मैंने निर्णय लिया। आज 70% सफल हो गई हूं। सवाल: आपका लक्ष्य जीरो गार्बेज सिटी है, आपके पार्षद आपके खिलाफ हैं, सपना कैसे पूरा करेंगी?
जबाव: नहीं…, कोई पार्षद मेरे विरोध में नहीं है। पार्षद समझना चाहते हैं कि यह काम कैसे होगा। यह काम कार्यकारिणी में रखा गया था। सदन से पास हुआ है। वित्त में पास होकर नगर निगम में वापस आया है। मेरे हिसाब से अगर ऊपर ये पास हो गया है तो नीचे इफ बट नहीं होना चाहिए। सवाल: पार्षद कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं। रोड लेंथ के सर्वे की प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं?
जबाव: नियम का कोई उलझन नहीं किया गया है। नियम बिल्कुल सही है। जो 3500 किलोमीटर हमने दिया है। वह 4 लेन और 6 लेन कर दिया है। पूरे लखनऊ सिटी का नहीं दिया है। जो कंफ्यूजन है दूर कर दिया जाएगा। इसमें कोई समस्या नहीं। जितनी जल्दी होगा हम लोग इसमें आगे बढ़ेंगे। सवाल: एक हल पर क्यों नहीं पहुंचते हैं? स्वक्षता रैंकिंग पिछली बार बेहद खराब?
जबाव: जो कभी नहीं हुआ वह इस बार के कार्यकाल में हुआ है। एमआरएफ सेंटर यहां नहीं था। वह बन रहे हैं। ट्रांसफर स्टेशन नहीं थे। अब बन रहे हैं। हम मानकों पर काम कर रहे। दो या तीन महीने में सब काम कम्प्लीट हो जाएगा। सड़क पर कहीं भी कूड़ा नहीं मिलेगा। सवाल: कई इलाकों में सड़क किनारे कूड़ा डंप है, वार्डों में पड़ाव घर तक नहीं?
जबाव: बहुत कम जगह है जहां पर सड़क किनारे कूड़ा डंप होता है। हमने कंट्रोल कर लिया है। इसके लिए दो महीने का समय दीजिए। 2 महीने बाद पूरा शहर साफ दिखेगा। सवाल: सफाई के मुद्दे को लेकर पार्षद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पास जाने की तैयारी में हैं? आप भी दिल्ली गई थीं?
जबाव: यह अफवाह है। सब बनाया गया माहौल है। वो यहां के सांसद हैं। हमारे अभिभावक हैं। हम जब चाहते हैं, तब मिलते हैं। लखनऊ में क्या काम करना है? मुझे कैसे शहर के मुद्दों को आगे बढ़ाना है? सफाई व्यवस्था, पीने के पानी की समस्या का समाधान कैसे करना है? ये सब बात हम उनसे करते हैं। वह लखनऊ को हमेशा तोहफा देते हैं। लखनऊ उनको अपना सांसद ही नहीं अपना अभिभावक समझता है। वह हमारे मुखिया हैं। सवाल: समाधान दिवस पर लोग जोनल ऑफिसों के चक्कर काट रहे? इसमें कैसे सुधार होगा?
जबाव: सर्वे की समस्या जब आई तो नगर आयुक्त से कहकर समाधान दिवस लगवाया गया। यह हर महीने चार दिन लगता था लेकिन धीरे-धीरे समस्याएं आनी कम हो गई है। अब महीने में एक दिन कैंप लगता है। इसमें पूरे लखनऊ की जो भी समस्या है उसका तेजी से काम किया जा रहा है। सवाल: विस्तारित क्षेत्र में 2024 से टैक्स की वसूली होने की बात लोग कह रहे? कई जगहों पर 2020 से हो गई?
जबाव: अभी तक ऐसी शिकायत आई नहीं है। अगर मेरे पास ऐसी शिकायत आती है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई करूंगी। जो भी सरकारी आदेश पहले हुआ है उसी को माना जाएगा। सवाल: नगर निगम में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे, कहा जा रहा बनी हुई सड़कें दोबारा बनाई जा रही?
जबाव: भ्रष्टाचार पर जनता जब तक स्वयं से संज्ञान नहीं लेगी तब तक अंकुश नहीं लग सकता। सबके सहयोग से शहर स्वच्छ बनेगा और भ्रष्टाचार मुक्त होगा। कार्यालय के पास सड़क का निरीक्षण किया गया। अभी तक यह नहीं पता चल पाया कि यह सड़क कौन बना रहा था? सवाल: 21 महीने का कार्यकाल पूरा हो गया है, शहर के लिए कौन सी बड़ी उपलब्धि रही?
जबाव: हमने शिवरी में बड़ा प्लांट लगाया। पूरे प्रदेश का यह पहला प्लांट है। सबसे बड़ा एमआरएफ केंद्र बनया। अभी तक हम लोग किराए के बिल्डिंग में रहते थे जो 150 साल पुरानी है। मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास गई। उन्होंने तुरंत हमको आशीर्वाद दिया। 156 करोड़ रुपए बिल्डिंग के लिए मिल चुका है। अप्रैल में भूमि पूजन हो चुका है। डेढ़ साल के अंदर बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाएगी। हमारा मुख्यालय स्मार्ट जो जाएगा। सवाल: महापौर का कार्यकाल तीन साल से अधिक बचा है? कौन से काम हैं जिन्हें आगे करना चाहेंगी?
जबाव: सबसे पहले तो मेरा लक्ष्य है कि कूड़े की 100 फीसदी प्रोसेसिंग। कहीं पर भी कूड़ा न हो। हम सफाई में नंबर एक शहर हों। पानी की पूरी व्यवस्था हो। घर घर पानी। सीवर भी पूरी तरह से सही हो। पिछले साल 3700 किलोमीटर सड़क बनी। अबकी बार और अच्छी बनी। ट्रैफिक को सुचारु रूप से सही करने का सपना है। सवाल: कुछ दिन पहले आपके कर्मचारियों से कूड़ा कलेक्शन के दौरान मारपीट हुई? बांग्लादेशी होने का आरोप लगा? कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हुई?
जबाव: बांग्लादेशियों ने महिला अधिकारियों को मारा। हमने तुरंत कार्रवाई की। सबको निकाल बाहर दिया। मेरा प्रयास रहेगा कि लखनऊ नगर निगम क्षेत्र में जो लोग अनाधिकृत तरीके से रह रहे हैं। उन्हें बाहर किया जाए।
मैं नगर निगम की मुखिया हूं। मेरे कर्मचारी अधिकारी पर अगर कोई हाथ उठाएगा तो मेरी जो जिम्मेदारी बनती है वो मै तुरंत करूंगी। लखनऊ में सफाई के मुद्दे पर भाजपा पार्षद अपनी ही महापौर सुषमा खर्कवाल के फैसले का विरोध कर रहे हैं। इस बीच महापौर सुषमा खर्कवाल ने 21 महीने का कार्यकाल बतौर मेयर पूरा कर लिया है। शहर में स्वक्षता सर्वेक्षण की तैयारियों, पार्षदों के गतिरोध, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, नगर निगम में भ्रष्टाचार गंदगी, गलत ढंग से हुए जीआईएस सर्वे सहित कई अन्य मामलों पर महापौर से दैनिक भास्कर ने बातचीत की है। पढ़ें लखनऊ के लोगों से जुड़े मुद्दे पर क्या बोली मेयर…। सवाल: नगर निगम कई दावे कर रहा, इस बार स्वच्छता रैंकिंग कितनी बेहतर होने की उम्मीद है?
जबाव: स्वच्छता सर्वेक्षण जिन-जिन मानकों पर किया जाएगा। उसमें मुझे उम्मीद है कि हम टॉप फाइव में आएंगे। अभी तक ट्रांसफर स्टेशन नहीं थे। अब 45 ट्रांसफर स्टेशन शहर में बन रहे हैं। आधा काम हो चुका है। कुछ का तो मैं उद्घाटन भी कर चुकी हूं। दयाल में एमआरएफ सेंटर बन रहा है, वह एशिया लेवल का बहुत बड़ा एमआरएफ सेंटर है। शिवरी में चार-पांच दशक से कूड़े का ढेर लगा था। उसे रिसाइकल करने का काम हमने किया। लखनऊ के पूर्व सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई शिवरी गए थे तो उन्होंने कूड़ा हटाने की इच्छा जताई थी। एक दिन मैं वहां गई तो मुझे महसूस हुआ कि अटल जी भी यही चाहते थे। उसी दिन मैंने निर्णय लिया। आज 70% सफल हो गई हूं। सवाल: आपका लक्ष्य जीरो गार्बेज सिटी है, आपके पार्षद आपके खिलाफ हैं, सपना कैसे पूरा करेंगी?
जबाव: नहीं…, कोई पार्षद मेरे विरोध में नहीं है। पार्षद समझना चाहते हैं कि यह काम कैसे होगा। यह काम कार्यकारिणी में रखा गया था। सदन से पास हुआ है। वित्त में पास होकर नगर निगम में वापस आया है। मेरे हिसाब से अगर ऊपर ये पास हो गया है तो नीचे इफ बट नहीं होना चाहिए। सवाल: पार्षद कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं। रोड लेंथ के सर्वे की प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं?
जबाव: नियम का कोई उलझन नहीं किया गया है। नियम बिल्कुल सही है। जो 3500 किलोमीटर हमने दिया है। वह 4 लेन और 6 लेन कर दिया है। पूरे लखनऊ सिटी का नहीं दिया है। जो कंफ्यूजन है दूर कर दिया जाएगा। इसमें कोई समस्या नहीं। जितनी जल्दी होगा हम लोग इसमें आगे बढ़ेंगे। सवाल: एक हल पर क्यों नहीं पहुंचते हैं? स्वक्षता रैंकिंग पिछली बार बेहद खराब?
जबाव: जो कभी नहीं हुआ वह इस बार के कार्यकाल में हुआ है। एमआरएफ सेंटर यहां नहीं था। वह बन रहे हैं। ट्रांसफर स्टेशन नहीं थे। अब बन रहे हैं। हम मानकों पर काम कर रहे। दो या तीन महीने में सब काम कम्प्लीट हो जाएगा। सड़क पर कहीं भी कूड़ा नहीं मिलेगा। सवाल: कई इलाकों में सड़क किनारे कूड़ा डंप है, वार्डों में पड़ाव घर तक नहीं?
जबाव: बहुत कम जगह है जहां पर सड़क किनारे कूड़ा डंप होता है। हमने कंट्रोल कर लिया है। इसके लिए दो महीने का समय दीजिए। 2 महीने बाद पूरा शहर साफ दिखेगा। सवाल: सफाई के मुद्दे को लेकर पार्षद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पास जाने की तैयारी में हैं? आप भी दिल्ली गई थीं?
जबाव: यह अफवाह है। सब बनाया गया माहौल है। वो यहां के सांसद हैं। हमारे अभिभावक हैं। हम जब चाहते हैं, तब मिलते हैं। लखनऊ में क्या काम करना है? मुझे कैसे शहर के मुद्दों को आगे बढ़ाना है? सफाई व्यवस्था, पीने के पानी की समस्या का समाधान कैसे करना है? ये सब बात हम उनसे करते हैं। वह लखनऊ को हमेशा तोहफा देते हैं। लखनऊ उनको अपना सांसद ही नहीं अपना अभिभावक समझता है। वह हमारे मुखिया हैं। सवाल: समाधान दिवस पर लोग जोनल ऑफिसों के चक्कर काट रहे? इसमें कैसे सुधार होगा?
जबाव: सर्वे की समस्या जब आई तो नगर आयुक्त से कहकर समाधान दिवस लगवाया गया। यह हर महीने चार दिन लगता था लेकिन धीरे-धीरे समस्याएं आनी कम हो गई है। अब महीने में एक दिन कैंप लगता है। इसमें पूरे लखनऊ की जो भी समस्या है उसका तेजी से काम किया जा रहा है। सवाल: विस्तारित क्षेत्र में 2024 से टैक्स की वसूली होने की बात लोग कह रहे? कई जगहों पर 2020 से हो गई?
जबाव: अभी तक ऐसी शिकायत आई नहीं है। अगर मेरे पास ऐसी शिकायत आती है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई करूंगी। जो भी सरकारी आदेश पहले हुआ है उसी को माना जाएगा। सवाल: नगर निगम में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे, कहा जा रहा बनी हुई सड़कें दोबारा बनाई जा रही?
जबाव: भ्रष्टाचार पर जनता जब तक स्वयं से संज्ञान नहीं लेगी तब तक अंकुश नहीं लग सकता। सबके सहयोग से शहर स्वच्छ बनेगा और भ्रष्टाचार मुक्त होगा। कार्यालय के पास सड़क का निरीक्षण किया गया। अभी तक यह नहीं पता चल पाया कि यह सड़क कौन बना रहा था? सवाल: 21 महीने का कार्यकाल पूरा हो गया है, शहर के लिए कौन सी बड़ी उपलब्धि रही?
जबाव: हमने शिवरी में बड़ा प्लांट लगाया। पूरे प्रदेश का यह पहला प्लांट है। सबसे बड़ा एमआरएफ केंद्र बनया। अभी तक हम लोग किराए के बिल्डिंग में रहते थे जो 150 साल पुरानी है। मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास गई। उन्होंने तुरंत हमको आशीर्वाद दिया। 156 करोड़ रुपए बिल्डिंग के लिए मिल चुका है। अप्रैल में भूमि पूजन हो चुका है। डेढ़ साल के अंदर बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाएगी। हमारा मुख्यालय स्मार्ट जो जाएगा। सवाल: महापौर का कार्यकाल तीन साल से अधिक बचा है? कौन से काम हैं जिन्हें आगे करना चाहेंगी?
जबाव: सबसे पहले तो मेरा लक्ष्य है कि कूड़े की 100 फीसदी प्रोसेसिंग। कहीं पर भी कूड़ा न हो। हम सफाई में नंबर एक शहर हों। पानी की पूरी व्यवस्था हो। घर घर पानी। सीवर भी पूरी तरह से सही हो। पिछले साल 3700 किलोमीटर सड़क बनी। अबकी बार और अच्छी बनी। ट्रैफिक को सुचारु रूप से सही करने का सपना है। सवाल: कुछ दिन पहले आपके कर्मचारियों से कूड़ा कलेक्शन के दौरान मारपीट हुई? बांग्लादेशी होने का आरोप लगा? कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हुई?
जबाव: बांग्लादेशियों ने महिला अधिकारियों को मारा। हमने तुरंत कार्रवाई की। सबको निकाल बाहर दिया। मेरा प्रयास रहेगा कि लखनऊ नगर निगम क्षेत्र में जो लोग अनाधिकृत तरीके से रह रहे हैं। उन्हें बाहर किया जाए।
मैं नगर निगम की मुखिया हूं। मेरे कर्मचारी अधिकारी पर अगर कोई हाथ उठाएगा तो मेरी जो जिम्मेदारी बनती है वो मै तुरंत करूंगी।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर