महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की चुनावी हार का कौन है असल कसूरवार? एक्सपर्ट ने दिया बड़ा जवाब

महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की चुनावी हार का कौन है असल कसूरवार? एक्सपर्ट ने दिया बड़ा जवाब

<p style=”text-align: justify;”><a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> 2024 के अप्रत्याशित नतीजों ने राजनीतिक पंडितों को भी हैरान करके रख दिया है. महाविकास अघाडी गठबंधन को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर महाविकास अघाड़ी इस हार का आखिर असल कसूरवार कौन है? महाराष्ट्र की राजनीति को काफी करीब से समझने वाले प्रफुल्ल सारडा का कहना है कि यहां के चुनाव में एक तरफ महायुति गठबंधन तो दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी चुनाव लड़ रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में जिस तरह से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर महाराष्ट्र में उभरी है और लोकसभा से उन्होंने काफी कुछ सीखा भी है. शिंदे की असली शिवसेना की भी 50 से ज्यादा सीटों पर जीत निश्चित मानी जा रही है. जबकि, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को भी करीब 30 से ज्यादा सीटें मिल रही है, ऐसे में कहीं न कहीं महायुति की जो स्ट्रेटजी थी, ग्राउंड पर उतरकर लोगों के बीच पहुंचने की, उसमें महाराष्ट्र में मतदान का ग्राफ तो बढ़ा ही है, &nbsp;लेकिन इसमें ओबीसी, मराठा और दलित वोटर को रिझाने में बीजेपी या कहेंगे कि महायुति सफल रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रफुल्ल सारडा का कहना है कि महाविकास अघाड़ी जिसे इस चुनाव में बड़े दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था, कहीं न कहीं उनमें आखिरी समय तक एक कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई थी. दूसरा फैक्टर ये है कि कांग्रेस को सबसे ज्यादा बैकफुट पर लेकर जाने वाली घटना ये थी कि उनके अंदर बहुत सारे बागी उम्मीदवार थे, जो कांग्रेस पार्टी के गढ़ में ही उनके उतारे उम्मीदवार के खिलाफ खड़े हो गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी की परिणाम रहा कि पूरे महाराष्ट्र में ऐसा देखने को मिला है, जहां पर कांग्रेस उम्मीदवार को शिकस्त खानी पड़ी है. जिस तरह से महाविकास अघाड़ी की हार अब इस चुनाव में हो रही है, उससे ऐसा लगता है कि महायुति की रणनीति और उसको धरातल पर लागू करना सफल रहा. लोगों तक पहुंचने में सक्षम रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जबकि महाविकास अघाड़ी आरोप-प्रत्यारोप के दौर में ही लगे रहे. इस चुनाव की अगर बात करें तो शुरुआत में निचले स्तर की टिप्पणियां भी काफी दिखी. उद्धव ठाकरे गुट के अरविंद शिंद ने साइना एन के बारे में बहुत ही अभद्र टिप्पणी की थी. और भी ऐसी कई घटिया टिप्पणियां की गई. महाराष्ट्र ने हमेशा महिलाओं को सम्मान दिया है. इसका भी निश्चित तौर पर महाविकास अघाड़ी को नुकसान उठाना पड़ा है.<br />&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> 2024 के अप्रत्याशित नतीजों ने राजनीतिक पंडितों को भी हैरान करके रख दिया है. महाविकास अघाडी गठबंधन को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर महाविकास अघाड़ी इस हार का आखिर असल कसूरवार कौन है? महाराष्ट्र की राजनीति को काफी करीब से समझने वाले प्रफुल्ल सारडा का कहना है कि यहां के चुनाव में एक तरफ महायुति गठबंधन तो दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी चुनाव लड़ रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में जिस तरह से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर महाराष्ट्र में उभरी है और लोकसभा से उन्होंने काफी कुछ सीखा भी है. शिंदे की असली शिवसेना की भी 50 से ज्यादा सीटों पर जीत निश्चित मानी जा रही है. जबकि, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को भी करीब 30 से ज्यादा सीटें मिल रही है, ऐसे में कहीं न कहीं महायुति की जो स्ट्रेटजी थी, ग्राउंड पर उतरकर लोगों के बीच पहुंचने की, उसमें महाराष्ट्र में मतदान का ग्राफ तो बढ़ा ही है, &nbsp;लेकिन इसमें ओबीसी, मराठा और दलित वोटर को रिझाने में बीजेपी या कहेंगे कि महायुति सफल रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रफुल्ल सारडा का कहना है कि महाविकास अघाड़ी जिसे इस चुनाव में बड़े दावेदार के तौर पर देखा जा रहा था, कहीं न कहीं उनमें आखिरी समय तक एक कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई थी. दूसरा फैक्टर ये है कि कांग्रेस को सबसे ज्यादा बैकफुट पर लेकर जाने वाली घटना ये थी कि उनके अंदर बहुत सारे बागी उम्मीदवार थे, जो कांग्रेस पार्टी के गढ़ में ही उनके उतारे उम्मीदवार के खिलाफ खड़े हो गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसी की परिणाम रहा कि पूरे महाराष्ट्र में ऐसा देखने को मिला है, जहां पर कांग्रेस उम्मीदवार को शिकस्त खानी पड़ी है. जिस तरह से महाविकास अघाड़ी की हार अब इस चुनाव में हो रही है, उससे ऐसा लगता है कि महायुति की रणनीति और उसको धरातल पर लागू करना सफल रहा. लोगों तक पहुंचने में सक्षम रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जबकि महाविकास अघाड़ी आरोप-प्रत्यारोप के दौर में ही लगे रहे. इस चुनाव की अगर बात करें तो शुरुआत में निचले स्तर की टिप्पणियां भी काफी दिखी. उद्धव ठाकरे गुट के अरविंद शिंद ने साइना एन के बारे में बहुत ही अभद्र टिप्पणी की थी. और भी ऐसी कई घटिया टिप्पणियां की गई. महाराष्ट्र ने हमेशा महिलाओं को सम्मान दिया है. इसका भी निश्चित तौर पर महाविकास अघाड़ी को नुकसान उठाना पड़ा है.<br />&nbsp;</p>  इंडिया ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में कुछ तो गड़बड़ है’, संजय राउत का बड़ा आरोप