हरियाणा के महेंद्रगढ़ क्षेत्र के एक गांव से एक लड़की संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई। वह घर से अपने पिता के साथ पेपर देने के लिए महेंद्रगढ़ के एक निजी कॉलेज में आई थी। पिता कॉलेज के बाहर इंतजार करता रहा। पुलिस ने लड़की के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। महेंद्रगढ़ शहर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस में दी शिकायत में बताया कि 28 मई को उसकी लड़की का पेपर महेंद्रगढ़ के एक निजी कॉलेज में था। वह उसे लगभग 1:30 बजे कॉलेज के गेट के पास छोड़कर आया था। पेपर का समय पूरा होने के बाद जब वह शाम 5 बजे कॉलेज के गेट के पास लेने पहुंचा तो उसकी लड़की उसे वहां नहीं मिली। पेपर में रही गैर हाजिर उसने बताया कि कुछ समय इंतजार करने के बाद जब वह कॉलेज के अंदर जाकर अपनी बेटी के बारे में पता किया। उसे बताया गया कि लड़की पेपर में अनुपस्थित थी। उसके बाद हमने अपनी सभी रिश्तेदारियों में पता किया, लेकिन उसका कहीं भी सुराग नहीं लगा। फिर हमें रमन नाम के लड़के पर शक हुआ। वह लड़की के संपर्क में था। लड़का भी घर से मिला लापता उसने बताया कि इसके बाद वे लड़के के घर पहुंचे। उनको पता चला कि लड़का भी घर पर नहीं था। उसके घर वालों ने बताया कि लड़का लगभग 1:30 बजे से घर से बाहर है। लड़का व लड़की दोनों का मोबाइल फोन बंद आ रहे हैं। लड़की के पिता ने शहर थाना पुलिस में लड़की के गुम होने की शिकायत दर्ज कराई। हरियाणा के महेंद्रगढ़ क्षेत्र के एक गांव से एक लड़की संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई। वह घर से अपने पिता के साथ पेपर देने के लिए महेंद्रगढ़ के एक निजी कॉलेज में आई थी। पिता कॉलेज के बाहर इंतजार करता रहा। पुलिस ने लड़की के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। महेंद्रगढ़ शहर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस में दी शिकायत में बताया कि 28 मई को उसकी लड़की का पेपर महेंद्रगढ़ के एक निजी कॉलेज में था। वह उसे लगभग 1:30 बजे कॉलेज के गेट के पास छोड़कर आया था। पेपर का समय पूरा होने के बाद जब वह शाम 5 बजे कॉलेज के गेट के पास लेने पहुंचा तो उसकी लड़की उसे वहां नहीं मिली। पेपर में रही गैर हाजिर उसने बताया कि कुछ समय इंतजार करने के बाद जब वह कॉलेज के अंदर जाकर अपनी बेटी के बारे में पता किया। उसे बताया गया कि लड़की पेपर में अनुपस्थित थी। उसके बाद हमने अपनी सभी रिश्तेदारियों में पता किया, लेकिन उसका कहीं भी सुराग नहीं लगा। फिर हमें रमन नाम के लड़के पर शक हुआ। वह लड़की के संपर्क में था। लड़का भी घर से मिला लापता उसने बताया कि इसके बाद वे लड़के के घर पहुंचे। उनको पता चला कि लड़का भी घर पर नहीं था। उसके घर वालों ने बताया कि लड़का लगभग 1:30 बजे से घर से बाहर है। लड़का व लड़की दोनों का मोबाइल फोन बंद आ रहे हैं। लड़की के पिता ने शहर थाना पुलिस में लड़की के गुम होने की शिकायत दर्ज कराई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस ने 12 दिन में सैलजा को कैसे मनाया:राहुल गांधी का मैसेज, खड़गे से मिलने गईं; रैली-CM फेस समेत 2 वजहें
कांग्रेस ने 12 दिन में सैलजा को कैसे मनाया:राहुल गांधी का मैसेज, खड़गे से मिलने गईं; रैली-CM फेस समेत 2 वजहें हरियाणा कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा सिरसा सांसद कुमारी सैलजा चुनाव प्रचार के लिए मान गई हैं। इसका खुलासा खुद उन्होंने एक इंटरव्यू में किया। सैलजा टिकट बंटवारे में अनदेखी, विधानसभा चुनाव लड़ने की इजाजत न देने और आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर नाराज हो गई थी। सैलजा चुनाव प्रचार छोड़ घर बैठ गईं थी। यहां तक कि दिल्ली में मेनिफेस्टो रिलीज में भी हिस्सा नहीं लिया था। हालांकि सैलजा कैसे प्रचार के लिए राजी हुईं, इसको लेकर पूरी कहानी सामने नहीं आई। हालांकि दैनिक भास्कर को सूत्रों से इसकी पूरी जानकारी मिली है। जिसमें पता चला कि सैलजा को राहुल गांधी ने मैसेज भेजा। राहुल ने सैलजा को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने को कहा। जहां खड़गे ने सैलजा को CM चेहरे और राहुल गांधी की रैली को लेकर भरोसा दिया। जिसके बाद वह मीडिया के सामने आईं। हालांकि उन्होंने खुद बातचीत को लेकर कोई ब्यौरा नहीं दिया। सैलजा प्रचार में हिस्सा ले रही हैं, इसकी पुष्टि कांग्रेस में उनके साथ जुड़े सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी की। उन्होंने कहा कि 26 सितंबर से सैलजा प्रचार शुरू कर देंगी। इन 2 शर्तों से दूर हुई सैलजा की नाराजगी
पहली: हरियाणा कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी-प्रियंका गांधी के कांग्रेस उम्मीदवारों का जो शेड्यूल तैयार किया गया था, उसमें सैलजा-सुरजेवाला समर्थकों के नाम नहीं थे। इस पर सैलजा ने आपत्ति जताई, जिसके बाद प्रचार के लिए रि-शेड्यूल बनाया गया। जिसमें सबसे पहले 26 सितंबर को सैलजा समर्थक असंध से विधायक रह चुके शमशेर गोगी के यहां राहुल गांधी वोट मांगने के लिए जाएंगे। ऐसा माना जा रहा है कि राहुल गांधी कुमारी सैलजा का मान रखने के लिए उनके करीबी कैंडिडेट से अपने अभियान की शुरुआत कर रहे हैं. ताकि उनकी नाराजगी कुछ कम हो सके। दूसरा: हरियाणा कांग्रेस में CM फेस को लेकर जबरदस्त कॉन्ट्रोवर्सी चल रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा हैं। ये दोनों पार्टी के बड़े नेता अपने आप को सीएम फेस का दावेदार मान रहे हैं। सैलजा के सीएम फेस में सबसे बड़ा रोड़ा यह है कि इस बार के टिकट वितरण में पूर्व सीएम बाजी मार ले गए हैं। इनमें 72 के करीब उम्मीदवार हुड्डा समर्थक हैं, ऐसे में सैलजा के लिए मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। ऐसे में अपना दावा और मजबूत करने के लिए सैलजा लगातार केंद्रीय नेतृत्व के यहां सीएम फेस को लेकर अपना दावा ठोंक रही हैं। इसके बाद पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्होंने आश्वासन दिया गया है कि सीएम फेस को लेकर जो भी फैसला होगा, वह संसदीय बोर्ड ही करेगा। सैलजा के नाराज होने की ये रहीं 3 वजहें… 1. टिकट वितरण में अनदेखी: कुमारी सैलजा के नाराज होने की वजह टिकट वितरण को माना जा रहा है। सैलजा ने हरियाणा में 30 से 35 सीटें अपने समर्थकों के लिए मांगी थीं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा समर्थकों को तवज्जो देते हुए 90 में से 72 सीटों पर उनके समर्थकों को टिकट दी। वहीं, सैलजा खेमे के हाथ केवल 5 सीटें लगीं। कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी सैलजा अपने बेहद करीबी डॉ. अजय चौधरी को नारनौंद विधानसभा सीट से टिकट दिलाने में भी कामयाब नहीं हो पाईं। 2. जातिगत टिप्पणी: टिकट वितरण के अंतिम दिन नारनौंद में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के नामांकन कार्यक्रम में एक समर्थक ने कुमारी सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की थी। इस मामले ने तूल पकड़ा और जगह-जगह विरोध भी हुआ। दलित समाज सैलजा पर की गई टिप्पणी से आहत है। नारनौंद थाने में जस्सी पेटवाड़ समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ता पर केस भी दर्ज हुआ है। 3. हुड्डा खेमे से तनातनी: हरियाणा कांग्रेस में दो गुट बने हुए हैं। एक गुट भूपेंद्र हुड्डा का है, तो दूसरा गुट सैलजा-सुरजेवाला और बीरेंद्र सिंह (SRB) हो गया है। किरण चौधरी भी हुड्डा से नाराजगी बता भाजपा में चली गई हैं। इसके बाद बीरेंद्र सिंह सैलजा गुट के साथ नजर आने लगे हैं। चुनाव कैंपेन में पोस्टर से लेकर बयानबाजी तक में दोनों खेमे में साफ तौर पर तनातनी देखने मिली है। BJP चुनाव में सैलजा को मुद्दा बना रही
हरियाणा में कांग्रेस का सैलजा बड़ा दलित चेहरा हैं। सूबे में चूंकि 21% दलित वोट बैंक में सैलजा का अच्छा प्रभाव है। सैलजा की नाराजगी से पार्टी को इस वोट बैंक की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। इसलिए बीजेपी भी कुमारी सैलजा की नाराजगी को चुनाव में खूब भुनाने में लगी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मनोहर लाल खट्टर के अलावा सूबे के कार्यकारी मुख्यमंत्री नायब सैनी भी सैलजा की नाराजगी को लेकर लगातार सार्वजनिक मंच पर बोलकर इसे चुनावी मुद्दा बनाने में लगे हुए हैं। बीजेपी के नेता जानते हैं कि हरियाणा में 17 रिजर्व सीटें हैं। इसके अलावा सिरसा और फतेहाबाद की विधानसभा सीटों पर भी सैलजा का प्रभाव है। ऐसे में करीब 21 विधानसभा सीटें हैं, जहां कुमारी सैलजा प्रभाव रखती हैं। हरियाणा में 12 सितंबर को नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस ने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की थी। तब से ही कुमारी सैलजा चुप थीं। CM फेस और टिकट वितरण पर सैलजा-हुड्डा ने क्या कहा CM चेहरे पर: मेरे पास सीएम फेस बनने का मौका अभी है। सीएम बनना कोई बीता वक्त नहीं है, जो लौटकर नहीं आएगा। कांग्रेस पार्टी में ऐसा वक्त कभी नहीं आएगा। मैं ये बात बिल्कुल क्लियर कहती हूं, कि सीएम फेस का फैसला हमेशा कांग्रेस में हाईकमान ही करता है। टिकट बंटवारे पर: इसमें हिस्सेदारी भी क्यों करें, अंत में सभी पर कांग्रेस पार्टी का ही ठप्पा होता है। ठीक है, ये कहिए अपनी-अपनी सिफारिश हम दे सकते हैं। अंत में फैसला किस्मत का ही है, किसकी खुलती है, किसकी बंद होती है। CM चेहरे पर: कांग्रेस में मुख्यमंत्री चुने जाने की अपनी प्रक्रिया है। हम भी उसी के हिसाब से चलते हैं। पहले तो विधायक बनते हैं, बहुमत देखा जाता है। इसके बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक विधायकों की राय को जानते हैं। इसके बाद पर्यवेक्षक केंद्रीय नेतृत्व को इसकी जानकारी देता है, फिर जो भी फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेता है उसे पार्टी के नेता स्वीकार करते हैं। इस चुनाव में भी यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो सीएम फेस को लेकर जो भी फैसला होगा वह मुझे मंजूर होगा। टिकट बंटवारे पर: हरियाणा में मैंने टिकट नहीं बांटे हैं, पार्टी ने दिए हैं। पार्टी नेतृत्व ने ही उन्हें ही टिकट दिया है, जो टिकाऊ और जिताऊ उम्मीदवार हैं। टिकट बांटने से पहले स्क्रीनिंग कमेटी, सेंट्रल इलेक्शन कमेटी और सब कमेटी के मंथन के बाद टिकटों का वितरण किया गया है। ये खबर भी पढ़ें… सैलजा बोलीं- डिप्टी CM नहीं बनूंगी, कांग्रेस नहीं छोड़ूंगी हरियाणा चुनाव के बीच एक बार फिर सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कांग्रेस सरकार बनने पर CM कुर्सी पर दावा ठोका है। उन्होंने कहा कि यह कोई बीता हुआ कल नहीं, जो लौटकर नहीं आएगा। सैलजा ने डिप्टी सीएम बनने से साफ इनकार कर दिया। सैलजा ने कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने की बात को भी सिरे से खारिज कर दिया। सैलजा ने कहा कि मेरे खून में कांग्रेस है। भाजपा इसको लेकर भ्रम फैला रही है (पूरी खबर पढ़ें)
अब हुड्डा गुट भी ढूंढेगा हार के कारण:कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने बनाई 8 मेंबरी कमेटी; हुड्डा के समधी चेयरमैन, सैलजा कैंप को जगह नहीं
अब हुड्डा गुट भी ढूंढेगा हार के कारण:कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने बनाई 8 मेंबरी कमेटी; हुड्डा के समधी चेयरमैन, सैलजा कैंप को जगह नहीं हरियाणा में कांग्रेस हार के कारण तलाश रही है, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी उसे कारण नहीं मिल पाए हैं। हाईकमान के बाद अब प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान भी कारण जानने में जुट गए हैं। इसके लिए उन्होंने 8 सदस्यों की कमेटी बनाई है। यह कमेटी हार के कारणों की रिपोर्ट एक सप्ताह में बनाएगी। पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण सिंह दलाल को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। कांग्रेस लीगल सेल के अध्यक्ष केसी भाटिया, आफताब अहमद, वीरेंद्र राठौड़, विजय प्रताप सिंह, वीरेंद्र बुल्ले शाह, मनीषा सांगवान और जयवीर वाल्मीकि इस कमेटी में शामिल हैं। खास बात यह है कि हरियाणा कांग्रेस की बनाई इस कमेटी में भी गुटबाजी देखने को मिली। कुमारी सैलजा के मौजूदा संसदीय क्षेत्र और पुराने क्षेत्र से किसी को भी कमेटी में जगह नहीं दी गई है। सिरसा और अंबाला से कमेटी में कोई सदस्य शामिल नहीं किया गया है। इस कमेटी में हुड्डा गुट के सदस्यों को ही जगह दी है। कांग्रेस हाईकमान ने बनाई थी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी
हरियाणा विधानसभा चुनाव में अच्छे माहौल के बावजूद कांग्रेस की हार हुई है। इसकी जांच के लिए हाईकमान ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई थी, जिसने हरियाणा के सभी नेताओं से वन टू वन बात की थी। इस कमेटी में छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी शामिल थे। कमेटी ने हरियाणा में चुनाव हारे 53 नेताओं से बातचीत की थी। हर नेता से 4 तरह के सवाल पूछे थे, जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की। उसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई थी। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को हिसार के 3 उम्मीदवारों ने क्या कहा… 1. रामनिवास घोड़ेला- भीतरघात से चुनाव हारे
बरवाला से कांग्रेस उम्मीदवार रहे रामनिवास घोड़ेला ने कहा कि गुटबाजी के कारण कांग्रेस चुनाव हार गई। मेरी विधानसभा में राहुल गांधी का दौरा रहा, मगर कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ने रैली के तुरंत बाद बयान दिया कि होर्डिंग्स पर मेरी फोटो नहीं लगाई, जनता इसका बदला लेगी। उस बयान का भी असर रहा। कांग्रेस नेताओं ने खुलकर बगावत की। इनेलो नेता संजना सातरोड़ को वोट डलवाए। कार्यकर्ताओं को फोन कर कहा गया कि रामनिवास को वोट नहीं देना। भीतरघात के कारण चुनाव हारे। 2. रामनिवास राड़ा- कांग्रेस ने ही कांग्रेस को हराया
हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने ही कांग्रेस को हराने का काम किया। हिसार के 7-8 नेताओं ने भीतरघात किया। यह नेता हरियाणा के एक गुट से जुड़े नेता हैं। मेरी मदद सिर्फ कुमारी सैलजा ने की। मैं उन नेताओं के घर 2 से 3 बार मदद मांगने गया, मगर मेरा टाइम खराब किया। 3, 4 और 5 अक्टूबर को कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खूब टेलिफोन घुमाए। उनका एक ही इशारा था कि रामनिवास राड़ा को हराओ, सावित्री जिंदल को जिताओ। मैंने प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत के दौरे के लिए अप्लाई किया था, मगर यहां के सीनियर नेताओं ने किसी स्टार प्रचारक का दौरा नहीं होने दिया। 6 EVM ऐसी मिलीं जिनकी बैटरी 99% चार्ज थी। 3. अनिल मान : भीतरघात से चुनाव हारे
नलवा विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार अनिल मान ने बताया कि भीतरघात के कारण चुनाव हारे। संपत सिंह जैसे सीनियर नेताओं ने टिकट न मिलने के कारण भीतरघात किया। संपत सिंह ने भाजपा उम्मीदवार रणधीर पनिहार को वोट डलवाए। EVM का भी बड़ा रोल रहा। कई EVM ऐसी थीं, जिनकी बैटरी 99 प्रतिशत चार्ज थी। अगर यह सब चीजें न रही होतीं तो चुनाव जीत सकते थे। जाट विरोधी वोटों का ध्रुवीकरण हुआ
एक उम्मीदवार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हरियाणा चुनाव में जाटों के विरोध में वोटों का ध्रुवीकरण हुआ है। भाजपा ने जाटों को लेकर ऐसा माहौल बना दिया, जो दूसरी जगहों पर मुसलमानों के खिलाफ होता है। दूसरी जातियों को कहा गया कि अगर कांग्रेस जीती तो सब कुछ जाटों के हाथ में चला जाएगा। मैं इससे प्रभावित हुआ। ज्यादा नुकसान तब और हुआ, जब राहुल गांधी के मंच पर रहते हुए भी भूपेंद्र हुड्डा ने मेरे लिए वोट नहीं मांगे। इससे जाटों में यह मैसेज गया कि हुड्डा मेरे समर्थन में नहीं हैं। उन्होंने मुझे वोट नहीं दिए। दूसरे समुदाय ने ध्रुवीकरण की वजह से मुझे वोट नहीं दिए और मैं हार गया। बड़े नेताओं के दौरे का पता नहीं होता था
एक उम्मीदवार ने कमेटी को बताया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दौरे के बारे में हमें पता ही नहीं होता था। हम समय पर उनके दौरे के बारे में लोगों तक बात ही नहीं पहुंचा पाते थे। इस वजह से कांग्रेस के हक में जो माहौल बनना चाहिए था, वह नहीं बन पाता था। इस बारे में लालू प्रसाद यादव के समधी पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव भी कह चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेता संपर्क से बाहर थे
एक उम्मीदवार ने बताया कि चुनाव के बीच हरियाणा की प्रदेश कांग्रेस कमेटी से संपर्क ही नहीं हो पा रहा था। वह न तो आम वर्करों के लिए पहुंच में थे और न ही उनसे फोन पर बात हो पा रही थी। उम्मीदवार ने प्रदेश कांग्रेस को हार का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनकी तुलना में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं से बात करना आसान था। राहुल गांधी ने कहा था- नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी से ऊपर हो गए
हरियाणा चुनाव में हुई हार के बाद कांग्रेस ने दिल्ली में समीक्षा मीटिंग बुलाई थी। मल्लिकार्जुन खड़गे के घर हुई इस मीटिंग में राहुल गांधी भी मौजूद थे। यहां राहुल गांधी ने कहा था कि चुनाव हारने की वजह यह है कि हरियाणा के नेताओं के इंटरेस्ट (हित) पार्टी इंटरेस्ट से ऊपर हो गए थे। इसके बाद वह मीटिंग से चले गए। हुड्डा-उदयभान ने EVM को जिम्मेदार ठहराया
चुनाव में हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष उदयभान और पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि EVM की वजह से कांग्रेस की हार हुई। 99% चार्ज EVM में भाजपा जीत रही थी। इसके उलट जो कम चार्ज EVM थीं, उनमें कांग्रेस को बढ़त मिली। ऐसी 26 सीटों की शिकायत उन्होंने चुनाव आयोग को दी थी। हार के बाद बाबरिया ने इस्तीफे की पेशकश की
हरियाणा में हार के बावजूद अभी तक किसी कांग्रेस नेता ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। होडल विधानसभा से चुनाव हारने वाले उदयभान भी प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। हालांकि, प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने राहुल गांधी को फोन कर इस्तीफे की पेशकश की है। मगर, इसके पीछे उन्होंने खराब सेहत का हवाला दिया है। नेता विपक्ष पद के लिए दावेदारी चल रही
कांग्रेस 37 सीटें जीतकर प्रमुख विपक्षी दल बन चुकी है। ऐसे में अब नेता विपक्ष के पद के लिए दावेदारी चल रही है। हुड्डा गुट इस पर भूपेंद्र हुड्डा को ही चाहता है। उन्हें न बनाने पर झज्जर से विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा को दावेदार बनाया जा रहा है। उधर, सिरसा सांसद कुमारी सैलजा के गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया गया है। 18 अक्टूबर को इसे लेकर चंडीगढ़ में मीटिंग हुई, जिसमें सारे अधिकार हाईकमान को दिए गए। इसके बाद 4 ऑब्जर्वरों ने विधायकों से वन टू वन मीटिंग की और वापस रवाना हो गए।
हिसार में मिट्टी के नीचे दबने से युवक की मौत:परिजनों ने शव का नहीं कराया पोस्टमॉर्टम, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग
हिसार में मिट्टी के नीचे दबने से युवक की मौत:परिजनों ने शव का नहीं कराया पोस्टमॉर्टम, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग हरियाणा के हिसार के सेक्टर-14 पार्ट 2 में मिट्टी के नीचे दबने से एक युवक की मौत हो गई। सोमवार शाम को सीवरेज की खुदाई के दौरान मिट्टी गिरने से शिव कॉलोनी निवासी मजदूर दीपक उसके नीचे दब गया। इस दौरान उसकी मौत हो गई थी, इस मामले में मंगलवार को परिवार वालों ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाने से मना कर दिया है। वहीं दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाते हुए एक सदस्य को कौशल रोजगार के तहत नौकरी और 25 लाख रुपए आर्थिक सहायता की मांग की है। समाज के लोगों ने की मीटिंग
मृतक दीपक के परिवार वालों ने सुबह अपने घर पर समाज के लोगों की मीटिंग की। उसके बाद परिजन हिसार के नागरिक अस्पताल में पहुंचे और वहां पर दोबारा मीटिंग की।मीटिंग कर परिवार वालों ने शाम के समय पुलिस के सामने अपनी मांगे रखी। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने परिवार वालों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल नागरिक अस्पताल में तैनात रही। मजदूरी करके घर चलाता था युवक
दीपक शादीशुदा था और उसका करीब 2 साल का लड़का है। वह परिवार के साथ हिसार में सूर्य नगर की शिव कॉलोनी में रहता था। वह मजदूरी का काम करके परिवार का पालन पोषण कर रहा था। उसके दो भाई हैं। हिसार में 12 क्वार्टर निवासी मजदूर अजीत ने बताया था कि सोमवार को सेक्टर 14 पार्ट 2 में HSVP विभाग द्वारा सीवरेज का काम किया जा रहा था। ठेकेदार प्रदीप मजदूरों से सीवरेज का कार्य करवा रहा था। सुबह करीब 9:00 बजे कार्य शुरू हुआ था। शाम तक 7 फुट मिट्टी की खुदाई की गई थी। पुरानी लाइन बंद होने के चलते सीवरेज पाइप को नई लाइन में जोड़ रहे थे। आधा घंटा के बाद मजदूर को निकाला गया बाहर
सीवर लाइन जोड़ने के बाद कार्य पूरा करने के बाद शाम करीब 4.30 बजे सीवरेज के खड्डे में अजीत और दीपक बाहर आने लगे। दीपक मिट्टी में दब गया था। इस दौरान मौके पर मौजूद मजदूर अजय, रवि, विक्रम अजीत व साहिल उसे बाहर निकलने का प्रयास किये। दीपक को बाहर निकलने में 30 मिनट से ज्यादा का समय लग गया था। बाहर निकालने के बाद उसे नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। मजदूर के मिट्टी के नीचे दबने की सूचना के बाद डीएसपी तनुज कुमार शर्मा, सिटी SHO अमित बेनीवाल, नई अनाज मंडी चौकी इंचार्ज विनोद कुमार मौके पर पहुंचे थे। दिवाली के पर्व पर हुई युवक की मौत से परिवार सदमे में है।