महेंद्रगढ़ में आज महामूर्ख सम्मेलन होगा, जिसमें में भारत के सुप्रसिद्ध कवि पहुंचेंगे और अपनी रचनाओं के द्वारा लोगों का मनोरंजन करेंगे। यह प्रोग्राम देर शाम तक चलेगा। महेंद्रगढ़ में मास्टर जयनारायण सांस्कृतिक मंच के द्वारा धुलेंडी वाले दिन 14 मार्च शुक्रवार को दोपहर दो बजे के बाद श्री रामलीला परिषद पुरानी रामलीला के प्रांगण में महामूर्ख सम्मेलन के तत्वाधान में एक विशाल हास्य कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। मंच के प्रधान नरेश जोशी ने बताया कि इस कार्यक्रम में सुधीर दीवान महामूर्खाधीश के पद पर सुशोभित होंगे। वहीं मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा होंगे, जबकि अध्यक्षता कुलदीप यादव वरिष्ठ भाजपा नेता करेंगे। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय कवि सुरेश मक्कड़ साहिल द्वारा लिखित हरियाणवी काव्य संग्रह गजब करे सै किताब का लोकार्पण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह महामूर्ख सम्मेलन का कार्यक्रम अब भी देश के दो-तीन जगह ही आयोजित होता है। जयपुर, दिल्ली और महेंद्रगढ़ में। महामूर्ख सम्मेलन में ये कवि पहुंचेंगे मंच के प्रधान नरेश जोशी ने बताया कि यह सम्मेलन 1970 से शुरू हुआ था, जो अब 56 वां महामूर्ख सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें कवि अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों का मनोरंजन करेंगे। इस हास्य कवि सम्मेलन में भारत के सुप्रसिद्ध कवियों में ग्वालियर से तेज नारायण शर्मा, जबलपुर से मणिका दुबे, मध्यप्रदेश से दिनेश देशी घी, उतर प्रदेश बहराइच से शरफ नानपारवी, ब्यावरा एमपी से मनीष गोस्वामी और हरियाणवी भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार सत्यवीर नाहड़िया रेवाड़ी अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं का मनोरंजन करेंगे। महामूर्ख को घोड़े पर बिठाकर लाया जाता है प्रधान ने बताया कि महामूर्खाधीश को शहर के आजाद चौक से घोड़े पर बिठाकर डीजे के साथ लोगों के द्वारा डांस करते हुए प्रोग्राम स्थल तक लाया जाता है। उसके गले में विभिन्न प्रकार की सब्जियों की माला पहनाई जाती है। महामूर्ख मंच पर बैठा हुआ अलग ही दिखाई देता है। वह बीच में कभी-कभी अलग तरह की बात भी करता है लोगों के मनोरंजन के लिए। महामूर्ख सम्मेलन 1970 से शुरू हुआ था
प्रधान ने बताया कि महामूर्ख सम्मेलन 1970 में प्रोफेसर शिवराम शर्मा ने इस की शुरुआत की थी। उस समय यह आयोजन पूरे भारत देश में दो स्थानों पर दिल्ली और महेंद्रगढ़ में आयोजित किया जाता था। पहले यह कार्यक्रम निरंतर मुसद्दी लाल की धर्मशाला से शुरुआत होकर कभी लाल बंशीधर की धर्मशाला व कभी कमला भवन धर्मशाला में होते रहे। आज यह महामूर्ख सम्मेलन विशाल रूप में पिछले कई वर्षों से श्री रामलीला परिषद के प्रांगण में आयोजित हो रहा है। इसमें घीसाराम गौड महामूर्ख बने तो कभी रामजीलाल महाशय तो कभी ओम प्रकाश यादव एडवोकेट बने, फिर काफी लंबे अरसे तक मास्टर जय नारायण इस महामूर्ख के पद को सुशोभित करते रहे। मास्टर जयनारायण के परलोक गमन के बाद, राव कुलबीर बोहरा उसके बाद सुधीर दीवान महामूर्ख का पद सुशोभित करते आ रहे हैं। मास्टर जय नारायण सांस्कृतिक मंच गठन होने के बाद मुकेश लवानिया पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी भी इस पद को सुशोभित कर चुके हैं। महेंद्रगढ़ में आज महामूर्ख सम्मेलन होगा, जिसमें में भारत के सुप्रसिद्ध कवि पहुंचेंगे और अपनी रचनाओं के द्वारा लोगों का मनोरंजन करेंगे। यह प्रोग्राम देर शाम तक चलेगा। महेंद्रगढ़ में मास्टर जयनारायण सांस्कृतिक मंच के द्वारा धुलेंडी वाले दिन 14 मार्च शुक्रवार को दोपहर दो बजे के बाद श्री रामलीला परिषद पुरानी रामलीला के प्रांगण में महामूर्ख सम्मेलन के तत्वाधान में एक विशाल हास्य कवि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। मंच के प्रधान नरेश जोशी ने बताया कि इस कार्यक्रम में सुधीर दीवान महामूर्खाधीश के पद पर सुशोभित होंगे। वहीं मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा होंगे, जबकि अध्यक्षता कुलदीप यादव वरिष्ठ भाजपा नेता करेंगे। इस सम्मेलन में राष्ट्रीय कवि सुरेश मक्कड़ साहिल द्वारा लिखित हरियाणवी काव्य संग्रह गजब करे सै किताब का लोकार्पण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह महामूर्ख सम्मेलन का कार्यक्रम अब भी देश के दो-तीन जगह ही आयोजित होता है। जयपुर, दिल्ली और महेंद्रगढ़ में। महामूर्ख सम्मेलन में ये कवि पहुंचेंगे मंच के प्रधान नरेश जोशी ने बताया कि यह सम्मेलन 1970 से शुरू हुआ था, जो अब 56 वां महामूर्ख सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें कवि अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों का मनोरंजन करेंगे। इस हास्य कवि सम्मेलन में भारत के सुप्रसिद्ध कवियों में ग्वालियर से तेज नारायण शर्मा, जबलपुर से मणिका दुबे, मध्यप्रदेश से दिनेश देशी घी, उतर प्रदेश बहराइच से शरफ नानपारवी, ब्यावरा एमपी से मनीष गोस्वामी और हरियाणवी भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार सत्यवीर नाहड़िया रेवाड़ी अपनी कविताओं के माध्यम से श्रोताओं का मनोरंजन करेंगे। महामूर्ख को घोड़े पर बिठाकर लाया जाता है प्रधान ने बताया कि महामूर्खाधीश को शहर के आजाद चौक से घोड़े पर बिठाकर डीजे के साथ लोगों के द्वारा डांस करते हुए प्रोग्राम स्थल तक लाया जाता है। उसके गले में विभिन्न प्रकार की सब्जियों की माला पहनाई जाती है। महामूर्ख मंच पर बैठा हुआ अलग ही दिखाई देता है। वह बीच में कभी-कभी अलग तरह की बात भी करता है लोगों के मनोरंजन के लिए। महामूर्ख सम्मेलन 1970 से शुरू हुआ था
प्रधान ने बताया कि महामूर्ख सम्मेलन 1970 में प्रोफेसर शिवराम शर्मा ने इस की शुरुआत की थी। उस समय यह आयोजन पूरे भारत देश में दो स्थानों पर दिल्ली और महेंद्रगढ़ में आयोजित किया जाता था। पहले यह कार्यक्रम निरंतर मुसद्दी लाल की धर्मशाला से शुरुआत होकर कभी लाल बंशीधर की धर्मशाला व कभी कमला भवन धर्मशाला में होते रहे। आज यह महामूर्ख सम्मेलन विशाल रूप में पिछले कई वर्षों से श्री रामलीला परिषद के प्रांगण में आयोजित हो रहा है। इसमें घीसाराम गौड महामूर्ख बने तो कभी रामजीलाल महाशय तो कभी ओम प्रकाश यादव एडवोकेट बने, फिर काफी लंबे अरसे तक मास्टर जय नारायण इस महामूर्ख के पद को सुशोभित करते रहे। मास्टर जयनारायण के परलोक गमन के बाद, राव कुलबीर बोहरा उसके बाद सुधीर दीवान महामूर्ख का पद सुशोभित करते आ रहे हैं। मास्टर जय नारायण सांस्कृतिक मंच गठन होने के बाद मुकेश लवानिया पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी भी इस पद को सुशोभित कर चुके हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
