महोबा: तालाब का दूषित पानी पीने से 15 मवेशियों की मौत, कई पड़े बीमार, ग्रामीणों में आक्रोश

महोबा: तालाब का दूषित पानी पीने से 15 मवेशियों की मौत, कई पड़े बीमार, ग्रामीणों में आक्रोश

<p style=”text-align: justify;”><strong>Mahoba News:</strong> महोबा में तालाब का दूषित पानी पीने से 15 मवेशियों की मौत हो गई. जैतपुर विकासखंड के अजनर गांव में स्थित तालाब में मुर्गी फार्म का कचरा बीट डाले जाने से को इस घटना वजह बताई जा रही है. जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. आरोप है कि मुर्गी पालन की बीट डाले जाने से मवेशियों की मौत के साथ-साथ लगभग 35 मवेशी अभी भी बीमार है. एक सप्ताह के अंदर 15 मवेशियों की मौत ग्रामीण पशु पलकों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद के अजनर गांव का है. जहां बने पूरन तालाब को मछली पालन ठेके पर ठेकेदार यूनुस ने लिया है, जिस पर तालाब के पानी को दूषित करने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है. ग्रामीण बताते हैं कि उक्त ठेकेदार द्वारा तालाब में मुर्गी पालन की बीट और कचरा पिकअप वाहनों से बड़ी मात्रा में डाला जा रहा है. जिससे तालाब का पानी दूषित और विषैला हो गया, साथ ही पानी का रंग भी पीला पड़ गया है. इसी पानी को पीने से एक सप्ताह के अंदर 15 मवेशियों के मर जाने की आरोप ग्रामीण पशुपालकों ने लगाए है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तालाब मुर्गी पालन के बीट फेंके जाने पर रोक लगाने की मांग</strong><br />ग्रामीणों का आरोप है कि एक के बाद एक गांव में कई मवेशियों की मौत हो चुकी है जो चिंता का कारण बन चुका है. पशु अस्पताल में मवेशियों के इलाज करने पर भी बीमारी ठीक नहीं हो रही है. आरोप है कि मुर्गी पालन की बीट तालाब में डाले जाने से पानी इस कदर विषैला हो गया है कि मवेशी बच नहीं पा रहे और अभी भी लगभग 35 मवेशी बीमार है. इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने तालाब में फेंकी जा रहे मुर्गी पालन के कचरे और बीट को रोके जाने की मांग की.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>ग्रामीण बताते हैं कि इसी तालाब में पूरे गांव के मवेशी पानी पीने जाते हैं मगर यह पानी अब पीने योग्य नहीं है. ग्रामीणों ने आरोपी ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. साथ ही तालाब की सफाई कराए जाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुर्नवृत्ति ना हो इसके लिए कड़े कदम उठाए जाने की मांग ग्रामीणों ने की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मावेशियों की मौत पर क्या बोलें पशु चिकित्सक</strong><br />इस मामले को लेकर राजकीय पशु चिकित्सालय के डॉक्टर राम सिंह राजपूत बताते हैं कि मौके पर जाकर देखा गया तो तालाब के किनारे बड़ी मात्रा में मुर्गी पालन कचरा पड़ा हुआ है जिसे तालाब में डाला जा रहा है. यह कचरा और मुर्गी पालन की बीट भविष्य में बीमारी फैलाने का कारण बन सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mahakumbh-cm-office-ordered-to-open-closed-pipa-bridge-after-up-police-row-2875891″><strong>महाकुंभ: सीएम कार्यालय ने बंद पड़े पीपा पुल खोलने का आदेश दिया, जमकर हुआ विवाद</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mahoba News:</strong> महोबा में तालाब का दूषित पानी पीने से 15 मवेशियों की मौत हो गई. जैतपुर विकासखंड के अजनर गांव में स्थित तालाब में मुर्गी फार्म का कचरा बीट डाले जाने से को इस घटना वजह बताई जा रही है. जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. आरोप है कि मुर्गी पालन की बीट डाले जाने से मवेशियों की मौत के साथ-साथ लगभग 35 मवेशी अभी भी बीमार है. एक सप्ताह के अंदर 15 मवेशियों की मौत ग्रामीण पशु पलकों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद के अजनर गांव का है. जहां बने पूरन तालाब को मछली पालन ठेके पर ठेकेदार यूनुस ने लिया है, जिस पर तालाब के पानी को दूषित करने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है. ग्रामीण बताते हैं कि उक्त ठेकेदार द्वारा तालाब में मुर्गी पालन की बीट और कचरा पिकअप वाहनों से बड़ी मात्रा में डाला जा रहा है. जिससे तालाब का पानी दूषित और विषैला हो गया, साथ ही पानी का रंग भी पीला पड़ गया है. इसी पानी को पीने से एक सप्ताह के अंदर 15 मवेशियों के मर जाने की आरोप ग्रामीण पशुपालकों ने लगाए है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तालाब मुर्गी पालन के बीट फेंके जाने पर रोक लगाने की मांग</strong><br />ग्रामीणों का आरोप है कि एक के बाद एक गांव में कई मवेशियों की मौत हो चुकी है जो चिंता का कारण बन चुका है. पशु अस्पताल में मवेशियों के इलाज करने पर भी बीमारी ठीक नहीं हो रही है. आरोप है कि मुर्गी पालन की बीट तालाब में डाले जाने से पानी इस कदर विषैला हो गया है कि मवेशी बच नहीं पा रहे और अभी भी लगभग 35 मवेशी बीमार है. इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने तालाब में फेंकी जा रहे मुर्गी पालन के कचरे और बीट को रोके जाने की मांग की.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>ग्रामीण बताते हैं कि इसी तालाब में पूरे गांव के मवेशी पानी पीने जाते हैं मगर यह पानी अब पीने योग्य नहीं है. ग्रामीणों ने आरोपी ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. साथ ही तालाब की सफाई कराए जाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुर्नवृत्ति ना हो इसके लिए कड़े कदम उठाए जाने की मांग ग्रामीणों ने की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मावेशियों की मौत पर क्या बोलें पशु चिकित्सक</strong><br />इस मामले को लेकर राजकीय पशु चिकित्सालय के डॉक्टर राम सिंह राजपूत बताते हैं कि मौके पर जाकर देखा गया तो तालाब के किनारे बड़ी मात्रा में मुर्गी पालन कचरा पड़ा हुआ है जिसे तालाब में डाला जा रहा है. यह कचरा और मुर्गी पालन की बीट भविष्य में बीमारी फैलाने का कारण बन सकता है.</p>
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